स्पेन। दुनिया भर में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। कोरोना वायरस के कारण स्पेन देश को तबाही की कगार पर पहुंचा दिया है। स्पेन में कोरोना वायरस से अभी तक 6500 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। स्पेन में कोरोना से 24 घंटे में रिकॉर्ड 838 मौतें दर्ज की गई है। स्पेन ने रविवार को गत 24 घंटों में रिकॉर्ड 838 लोगों की कोरोना के संक्रमण से मौत की पुष्टि की। इसके साथ ही देश में इस संक्रमण से मरने वालों की तादाद 6,528 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि स्पेन में अबतक 78,797 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। इस प्रकार देश में 24 घंटे के भीतर संक्रमितों की संख्या में 9.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कोरोना वायरस से इटली के बाद स्पेन दूसरा देश है जहां पर सबसे अधिक मौतें हुई हैं।
सोमवार, 30 मार्च 2020
योगी का अच्छे प्रशासक का उदाहरण
दिल्ली-लखनऊ। बगल में बच्चा… दूसरे छोटे बच्चे का हाथ पकड़े परिवारों का या पिट्ठू लटकाए युवकों के दिल्ली से पैदल ही अपने-अपने घरों के लिए निकल पड़े हजारों हजार लोगों को संभाल पाना आसान काम नहीं है। ऐसे में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संवेदनशील और कुशल प्रशासक के रूप में सामने आए हैं। उन्होंने तमाम विरोधों और आलोचनाओं की परवाह न करते हुए पहले दिन तो आनंद विहार से ही बसों का संचालन किया। उस पर जब दिल्ली और बिहार की सरकारों ने राजनीति शुरू की तो उसमें न पड़ते हुए वे स्वयं ही व्यवस्थाओं के संचालन के लिए मोर्चे पर आ गए। रविवार को वे स्वयं लखनऊ- आगरा एक्सप्रेस वे के मोहान रोड टोल सेंटर पर पहुंच गए। पैदल ही अपने घर जा रहे लोगों को रोका। उनसे एक निश्चित दूरी संवाद किया। इसके बाद जांच के उपरांत ही घरों तक भिजवाने का आश्वासन दिया।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ तौर पर घोषणा की है कि बाहरी राज्यों से उत्तर प्रदेश में जो भी आ गए हैं, उन सभी की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बाहरी राज्यों के कामगारों के लिए सभी तरह की सुविधाएं मुहैया करवाई जाएं, जिससे उन्हें पलायन की जरूरत न पड़े। दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के लिए रविवार को भी बसों का संचालन जारी रहा। अब ये बसें आनंद विहार के बजाय गाजियाबाद के लालकुआं से मिल रही हैं। आनंद विहार से लालकुआं की दूरी 17 किलोमीटर है। लोग इस दूरी को पैदल नापने को मजबूर हैं। यह इसलिए किया गया है कि लोगों को पलायन से हतोत्साहित किया जा सके। मगर परिवार के परिवार और झुंड के झुंड जो घरों के लिए निकल पड़े हैं, वे रुकने को तैयार ही नहीं हैं। बस मिले तो ठीक। नहीं मिले तो ठीक। पैदल ही चलने और घर पहुंचने का संकल्प तो मन में है ही। रास्ते में अनेक स्थानों पर सेवाभावी लोग उनके खाने और पीने के पानी का इंतजाम कर रहे हैं। कहीं खाने के डिब्बे, बांटे जा रहे हैं तो कहीं केले, सेव या बिस्कुट के पैकेट।
14 से आगे नहीं बढ़ेगा 'लाक डाउन'
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रसार को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में 21 दिनों के लॉकडाउन को लागू किया है। हालांकि कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि लॉकडाउन की समयसीमा बढ़ सकती है। जिसपर कैबिनेट सचिव राजीव गौबा का कहना है कि 21 दिनों की लॉकडाउन अवधि को बढ़ाने की सरकार की कोई योजना नहीं है। उन्होंने इसे लेकर आ रही रिपोर्ट्स पर हैरानी जताई।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने ट्वीट कर बताया कि कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने मीडिया में आ रही उन खबरों का खंडन किया है जिनमें दावा किया जा रहा है कि सरकार बंद को आगे बढ़ा सकती है। पीआईबी ने कहा, ‘मीडिया में आ रही खबरें और कुछ अफवाहों में दावा किया जा रहा है कि सरकार 21 दिन के बंद की अवधि खत्म होने के बाद इसे और बढ़ा सकती है। कैबिनेट सचिव ने इन खबरों से इनकार किया और कहा कि वे निराधार हैं।
सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से प्रवासी मजदूरों के भारी पलायन को देखते हुए लॉकडाउन को सख्ती से लागू करने को कहा है। सरकार ने स्थानीय अधिकारियों द्वारा लॉकडाउन को लागू करने और लॉकडाउन की अवधि के दौरान प्रवासी मजदूरों को किसी भी कठिनाई का सामना नहीं होने देने के लिए कई नियम लागू किए हैं।
सरकार ने कोविड-19 प्रतिक्रिया गतिविधियों के नियोजन और कार्यान्वयन के लिए 11 सशक्त समूहों का गठन किया है। इन 11 टीमों में 80 वरिष्ठ सिविल सेवक शामिल होंगे। पिछले हफ्ते गौबा ने राज्य के मुख्य सचिवों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों से 18 जनवरी से भारत आए 15 लाख से अधिक अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के संपर्क में आने वाले लोगों का पता लगाने के लिए कहा था।
क्या है भारत की स्थिति
देश में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 27 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में कुल मरीजों की संख्या 1047 है। इसमें 95 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। वर्तमान में भर्ती मरीजों की संख्या 924 है।
छत्तीसगढ़ में 62 हजार परिवारों को राशन
रायपुर। कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव और रोकथाम के उपायों के तहत चल रहे लॉकडाउन के दौरान छत्तीसगढ़ के सभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 62 हजार 172 गरीबों और जरूरतमंद परिवारों को निशुल्क भोजन और निशुल्क राशन सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। जिससे इन परिवारों को बड़ी राहत मिली है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सभी जिला कलेक्टरों को इस कार्य को पूरी संवेदनशीलता से करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि इस चुनौतीपूर्ण समय में कोई भी व्यक्ति भूखा ना रहे। मुख्यमंत्री के आव्हान पर अनेक समाजसेवी संस्थाएं गरीबों और जरूरतमंद परिवारों की मदद के लिए सामने आयी और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस कार्य मे सहयोग दे रही हैं।
पूरे प्रदेश में 62 हजार 172 लोगों को भोजन और राशन सामग्री उपलब्ध कराई गई है। प्रदेश में संबंधित जिलों में जिला प्रशासन द्वारा 14 हजार 467 व्यक्तियों और 4015 परिवारों को निशुल्क राशन सामग्री वितरित की गई है, जबकि 28 हजार 227 लोगों के भोजन की व्यवस्था की गई है। समाजसेवी संगठनों द्वारा पूरे प्रदेश में 18 हजार 638 व्यक्तियों और 18 हजार 097 परिवारों के लिए भोजन और निशुल्क राशन सामग्री का प्रबंध किया गया है। इनमें से राजधानी रायपुर में 9 हजार व्यक्तियों और 22 हजार परिवारों को भोजन और राशन सामग्री उपलब्ध कराई गई है। रायपुर में 9000 लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई है जबकि 4000 जरूरतमंद परिवारों को निशुल्क राशन सामग्री वितरित की गई है । इसके अलावा स्वयंसेवी संगठनों द्वारा 18 हजार परिवारों के लिए भोजन और राशन की व्यवस्था की गई है। इसी प्रकार सरगुजा जिले में 11हजार 550 जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन और राशन की व्यवस्था की गई है। इनमें से 4900 लोगों के भोजन की व्यवस्था और 1500 लोगों को निशुल्क राशन तथा स्वयंसेवी संगठनों द्वारा 5150 लोगों के लिए भोजन और राशन की व्यवस्था की गई है। बस्तर जिले में इस योजना के माध्यम से 5963 जरूरतमंद व्यक्तियों को मदद की जा रही है। बस्तर जिले में 2180 लोगों के भोजन की व्यवस्था की गई है और 1033 परिवारों को निशुल्क राशन सामग्री दी गई है जबकि स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा बस्तर जिले में 2750 लोगों के भोजन की और राशन की व्यवस्था की गई है।
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राजनांदगांव जिले में 3565 लोगों को राशन और भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। जिला प्रशासन द्वारा राजनांदगांव में 2831 लोगों के भोजन की व्यवस्था की गई है और 734 परिवारों को निशुल्क राशन सामग्री वितरित की गई है। इसी प्रकार दुर्ग जिले में 2918, रायगढ़ जिले में 2882, कोरबा जिले में 2769, धमतरी जिले में 2380 लोगों के भोजन और निशुल्क राशन की व्यवस्था की गई है। गौरेला-पेंड्रा- मरवाही जिले में 2306 लोगों के लिए, बलौदा बाजार-भाटापारा जिले में 1885, सुकमा जिले में 1792 लोगों के लिए, जांजगीर-चांपा जिले में 1556 लोगों के लिए, जशपुर जिले में 1270, सूरजपुर जिले में 1180 लोगों के भोजन और निशुल्क राशन की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा स्वयंसेवी संगठनों और समाजसेवियों तथा दानदाताओं की मदद से की गई है। बिलासपुर जिले में 1179, बीजापुर जिले में 1039, बालोद में 942, कांकेर में 886, महासमुंद में 854, बलरामपुर में 869, मुंगेली जिले में 841, कोंडागांव में 633, दंतेवाड़ा में 628, नारायणपुर में 437, बेमेतरा जिले में 205 और कोरिया जिले में 486 व्यक्तियों और 112 जरूरतमंद परिवारों के निशुल्क राशन और भोजन की व्यवस्था से इन्हें राहत पहुंचाया गया है।
राहुल का मोदी को पत्र, संकट में साथ
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने इस घोर संकट के समय में उनके साथ रहने और कांग्रेस पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं की ओर से आपको पूरा सहयोग प्रदान करने की बात कही है। भारत में कोरोना की महामारी को रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए हर कदम में हम अपना हर संभव सहयोग दे रहे हैं।
कोविड-19 वायरस को तेजी से बढ़ने से रोकने के लिए दुनिया तत्काल कठोर उपाय करने को मजबूर हुई है और भारत में भी इस समय तीन हफ्तों का लॉकडाऊन चल रहा है। मुझे आप से आग्रह करना चाहिए कि आप पूरे देश में हुए इस लॉकडाऊन के हमारे नागरिकों, हमारे समाज एवं हमारी अर्थव्यवस्था पर होने वाले विनाशकारी प्रभाव पर गंभीरता से चिंतन करें।
हमें यह समझना आवश्यक है कि भारत की परिस्थितियां विशिष्ट हैं। हमें पूर्ण लॉकडाऊन की कार्ययोजना पर काम कर रहे अन्य बड़े देशों के मुकाबले कुछ अलग उपाय करने की जरूरत है। भारत में उन गरीबों की संख्या, जिनका जीवन दैनिक मजदूरी पर निर्भर है, इतनी ज्यादा है, कि हम आर्थिक कार्यों पर पूरी तरह से एकतरफा लॉकडाऊन नहीं लगा सकते। पूरी तरह से आर्थिक शटडाऊन कोविड-19 वायरस की वजह से होने वाली मौतों की संख्या को बहुत ज्यादा बढ़ा सकता है। यह महत्वपूर्ण है कि केंद्र सरकार द्वारा ज्यादा विस्तृत एवं केंद्रित दृष्टिकोण अपनाया जाए, जिसमें देश के नागरिकों के वास्तविक जीवन की सच्चाईयों पर पूरी तरह से गौर किया गया हो। हमारी प्राथमिकता बुजुर्गों व कमजोरों को अन्य लोगों से पृथक करने एवं उन्हें वायरस से सुरक्षा देने पर होनी चाहिए। इसके साथ ही युवाओं को बुजुर्गों के नज़दीक व संपर्क में जाने से उन्हें होने वाले खतरों के बारे में साफ तौर से एवं पूर्ण रूप से जागरुक करना चाहिए।
भारत में लाखों बुजुर्ग गांवों में रहते हैं। पूर्ण लॉकडाऊन एवं आर्थिक गतिविधियों पर शटडाऊन के कारण लाखों युवा बेरोजगार होकर अपने-अपने गांव में पलायन करने पर मजबूर हो जाएंगे, जिससे उनके माता-पिता, दादा-दादी एवं बुजुर्गों के संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाएगा। इससे बड़ी संख्या में लोगों के जान गंवाने का खतरा है।
हमें सामाजिक सुरक्षा के जाल को तत्काल मजबूत करने एवं कामकाजी गरीबों को आश्रय व सहयोग देने के लिए हर उपलब्ध सार्वजनिक संसाधन का प्रभावशाली उपयोग करना पड़ेगा। सरकार द्वारा घोषित किया गया वित्तीय पैकेज पहला अच्छा प्रयास है। लेकिन इस पैकेज में घोषित सहायता को शीघ्रता से दिया जाना बहुत आवश्यक है। कृपया इसके क्रियान्वयन की तिथियों के साथ एक स्पष्ट रोडमैप की घोषणा करके उसे लागू कराएं। बड़ी जनसंख्या वाले स्थानों में उतने ही बड़े और समर्पित अस्पताल होने चाहिए, जिनमें हजारों बेड और वैंटिलेटर उपलब्ध हों। यह जरूरी है कि हम ये सुविधाएं और आवश्यक उपकरण उतना जल्दी स्थापित करें, जितना किसी भी मानवीय साधन द्वारा संभव है। साथ ही यह भी आवश्यक है कि हम टेस्ट्स की संख्या बढ़ाएं, जिससे वायरस के फैलाव की सही व वास्तविक स्थिति का हमें पता चल सके, ताकि उस पर नियंत्रण किया जा सके।
सरकार द्वारा अचानक लॉकडाऊन घोषित किए जाने से अत्यधिक अफरा तफरी व भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। हजारों प्रवासी मजदूरों को अपना आवास छोड़ना पड़ा क्योंकि वो उसका किराया देने की स्थिति में नहीं थे। यह जरूरी है कि इस समय सरकार हस्तक्षेप करे और उन्हें किराया देने के लिए तत्काल राशि उपलब्ध कराए। फैक्ट्री, छोटे उद्योग एवं निर्माण स्थल बंद हो गए हैं, हजारों प्रवासी मजदूर अपने घर पैदल जाने की कोशिश कर रहे हैं और विभिन्न राज्यों की सीमाओं पर रुके हुए हैं। दैनिक मजदूरी के बिना पोषण एवं मौलिक सुविधाओं के अभाव में, वो नाजुक स्थिति में आ गए हैं। दूर स्थित अपने घरों में जाते हुए वे आश्रयस्थल के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यह आवश्यक है कि हम उन्हें आश्रय प्रदान करने में सहयोग करें और सीधे उनके बैंक खातों में पैसे पहुंचाएं, जिससे वो अगले कुछ महीनों के कठिन समय का सामना कर सकें।
यह भी आवश्यक है कि इस समय हम अपने मुख्य वित्तीय एवं सामरिक संस्थानों के चारों ओर एक रक्षात्मक कवच स्थापित करें, जिससे वो वायरस और कुछ हफ्तों के आर्थिक शटडाऊन के बाद होने वाले नुकसान का सामना कर सकें। पुर्ननिर्माण में हमारे असंगठित क्षेत्र एवं छोटे व मध्यम व्यवसाय और किसानों के विस्तृत नेटवर्क की महत्वपूर्ण भूमिका होने वाली है। इसलिए यह जरूरी है कि हम समय रहते सही कदम उठाते हुए उनसे बातचीत करें, उनका भरोसा बढ़ाएं और उनके हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। इस मुश्किल चुनौती से लड़ने व जीतने के लिए हम केंद्र सरकार के साथ मिलकर खड़े हैं।
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
यूनिवर्सल एक्सप्रेस (हिंदी-दैनिक)
मार्च 31, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254
1. अंक-232 (साल-01)
2. मंगलवार, मार्च 31, 2020
3. शक-1942,चैैत्र-शुक्ल पक्ष, तिथि-सप्तमी, 2077
4.सूर्योदय प्रातः 06:20,सूर्यास्त 06:40।
5. न्यूनतम तापमान 14+ डी.सै.,अधिकतम-27+ डी.सै., बरसात की संभावना बनी रहेगी।
6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्ंकरण) प्रकाशित।
8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102
9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102
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रविवार, 29 मार्च 2020
दो दिवसीय दौरे पर गृहमंत्रीः ओड़ीशा
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दो दिवसीय दौरे पर ओडिशा पहुंच रहे हैं। शाह आज शाम चार बजे भुवनेश्वर के जनता मैदान में एक बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे। भाजपा की यह रैली नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के पक्ष में की जा रही है। रैली से पहले शाह भुवनेश्वर में ईस्टर्न जोनल काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
ईस्टर्न जोनल काउंसिल की बैठक भुवनेश्वर के लोक सेवा कन्वेंशन सेंटर में हो रही है। इस बैठक में पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और ओडिशा के मुख्यमंत्री के अलावा राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से अधिकारियों की बड़ी टीम हिस्सा ले रही है। बताया गया है कि बैठक में अंतराज्यीय मुद्दों के अलावा विकास, केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन पर चर्चा होगी। बैठक में खासतौर पर रेल परियोजनाओं, आपदा प्रबंधन के लिए ढांचागत विकास तैयार करना, कोयले की रॉयल्टी, ग्राम पंचायतों को धन मुहैया कराना, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम, आधार कार्ड का डाटाबेस तैयार करना, टेलीकॉम और इंटरनेट कनेक्टिविटी संबंधित मुद्दों पर चर्चा होगी। इस बैठक में जीएसटी कलेक्शन और समयबद्ध तरीके से केंद्र द्वारा राज्यों को धन मुहैया कराने संबंधी मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा हो सकती है। स्टंट जोनल काउंसिल की बैठक के बाद गृह मंत्री अमित शाह 29 फरवरी को महाप्रभु लिंगराज का दर्शन करने जाएंगे। इसी दिन शाह का पुरी जाकर महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी का दर्शन करने का भी कार्यक्रम है। शाह आज देर रात ओडिशा भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से भी मुलाकात करेंगे। इससे पहले गुरुवार को ओडिशा भाजपा की कोर ग्रुप की बैठक हुई थी, जिसकी अध्यक्षता राज्य के प्रभारी भाजपा महासचिव अरुण सिंह ने की थी।
'पीएम' ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात दी
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उपचुनाव: 9 विधानसभा सीटों पर मतगणना जारी संदीप मिश्र लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतगणना जारी है। यूपी कीे क...
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