इकबाल अंसारी
गाजियाबाद/लोनी। लॉक डाउन में उत्पन्न हुई समस्याओं से सभी वर्ग अपने-अपने सामर्थ के अनुसार संघर्षरत है। सबसे बड़ा संकट वायरस का संक्रमण फैलने से रोकना और भूख अथवा अभावग्रस्त लोगों की सहायता करना है। इसके लिए सभी जिम्मेदार नागरिक अनेक प्रकार से संभव सहयोग कर रहे हैं। इसी के तहत लोनी नगर के सदर हाजी अब्दुल अजीज कुरैशी जमीयत उलेमा एवं महासचिव मौलाना फैजुद्दीन आरिफ के सहयोग से सैकड़ों जरूरतमंद लोगों को जरूरी सामान वितरित किया।
सोमवार, 30 मार्च 2020
जमीयत उलेमा ने राशन वितरण किया
सोशल डिस्टेंसिंग के प्रति सतर्क नहीं
अतुल त्यागी जिला प्रभारी, प्रवीण कुमार रिपोर्टर पिलखुआ
हापुड़। पुलिस विभिन्न स्थानों वह गली मोहल्लों में लोगों की सुरक्षा हेतु कोरोना संक्रमित वायरस से लोगों को बचाव के लिए अपनी ड्यूटी निर्वाह कर रही है और लोगों से आग्रह कर रही है कि बेवजह अपने घर से बाहर ना निकले। उसके बावजूद भी पब्लिक कोरोना संक्रमित घातक बीमारी को समझ नहीं पा रही है। कुछ लोग दवाई का बहाना, तो कुछ लोग बैंक से पैसे निकालने का बहाना बनाकर सड़कों पर देखे जा रहे हैं। और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला दिल्ली रोड स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के बहार देखने को मिला। वहां लोग बैंक से पैसा निकालने के लिए बिना दूरी बनाए हुए खड़े दिखाई दिए जबकि सरकार ने इस महामारी से बचने के लिए भारत को लॉक डाउन किया हुआ है। उसी कड़ी में मेरठ किराए पर यातायात पुलिस वसिविल पुलिस ने लॉक डाउन उल्लंघन करने पर पुलिस ने 10 बाइक सीज की तथा कई के चालान भी काटे गए मेरा जनपद हापुड़ की जनता से अनुरोध है कि यदि कोई जरूरी काम नहीं है तो घर से बाहर बिल्कुल ना निकले क्योंकि हापुड़ के पड़ोसी जनपदों मैं कोरोना संक्रमित वायरस तेजी से फैल रहा है। ईश्वर की कृपा से व हापुड़ पुलिस की कड़ी मेहनत करने से अभी हमारे हापुड़ में कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित से पॉजिटिव नहीं मिला है।जबकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जनपद में 510 लोगों की जांच कराई जा चुकी है जो कि सभी नेगेटिव पाए गए हैं।
हर जिले में 100 बेड का आइसोलेशन वार्ड
रायपुर। कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार सभी जिलों में 100 बिस्तर वाले आईसोलेशन वार्ड स्थापित किए जा रहे हैं। यह आईसोलेशन वार्ड जिला चिकित्सालय परिसर में उपयुक्त स्थान पर बनेंगे, जहां सिर्फ कोरोना वायरस से प्रभावित लोगों के इलाज की व्यवस्था होगी।
सभी जिला कलेक्टरों को इसके लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग की सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह ने आज यहां राज्य स्तरीय कमाण्ड कंट्रोल सेन्टर में विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक में दी। बैठक में सीजीएमएससी के प्रबंध संचालक श्री भुवनेश यादव, स्वास्थ्य संचालक श्री नीरज बंसोड,़ संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डाॅ. प्रियंका शुक्ला, डीएमई डाॅ. आदिले सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में सचिव श्रीमती सिंह ने कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों के स्वास्थ्य की स्थिति के साथ ही उनके परिजनों एवं सम्पर्क में आए लोगों के स्वास्थ्य के बारे में सर्विलेंस टीम के प्रभारी अधिकारियों से जानकारी ली। सचिव श्रीमती सिंह ने राज्य के जिला चिकित्सालयों में कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम के लिए आवश्यक सामग्री एवं वीटीएम किट की उपलब्धता के बारे में भी पूछताछ की। श्रीमती सिंह ने सर्विलेंस टीम के प्रभारी अधिकारी को होम कोरेन्टाइन में रखे गए लोगों की स्थिति पर भी निरंतर निगरानी रखने के निर्देश दिए।
डॉक्टर की अनुशंसा पर मिलेगी शराब
तिरुवंतपुरम। केरल में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा मामले सामने आये हैं। यहां संक्रमण से तो एक ही मौत हुई, जबकि लॉकडाउन के चलते शराब नहीं मिलने पर कई लोगों ने जान दे दी। इसके बाद मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि डॉक्टर्स की पर्ची के साथ लोग शराब खरीद सकते हैं।
शराब की इस जानलेवा लत को छुड़वाने के लिए राज्य सरकार ने राज्य में नशा मुक्ति केंद्र भी बनवाए हैं और लोगों से इन केंद्रों में अपना इलाज करवाने की अपील भी की थी। केरल मेंटल हेल्थ सर्वे, 2018 के अनुसार, लगभग 50 हजार पुरुष शराब से संबंधित समस्याओं से पीड़ित हैं। कांग्रेस के नेतृत्व वाली (UDF) और BJP की बार-बार दलीलों के बावजूद, विजयन सरकार ने बुधवार को मोदी के 21 दिन की लॉकडाउन की घोषणा के एक दिन बाद तक राज्य के पेय पदार्थ निगम की सभी दुकानों को खुली रखने का फैसला किया था। विजयन ने कहा कि सभी दुकानों के अचानक बंद होने से अन्य सामाजिक समस्याएं पैदा हो सकती हैं। हालांकि दूसरा बड़ा कारण यह है कि राजस्व का नुकसान हो रहा था। केरल के 14 जिलों में कुल 301 खुदरा शराब की दुकानें हैं, जिनमें से 265 केरल राज्य पेय निगम के अधीन हैं। एक मौत दिल का दौरा पड़ने से, एक मौत शेविंग लोशन का सेवन करने से और 7 मामले आत्महत्या के हैं। गौरतलब है कि दक्षिणी राज्य केरल में कोरोना संक्रमण के लगभग 200 मामले सामने आ चुके हैं और अब तक इससे एक मौत भी हो चुकी है। लॉकडाउन में केरल में भी सभी होटल, बार और शराब की दुकानें बंद हो चुकी हैं जिससे वहां एक अलग ही ट्रेजडी देखने को मिल रही है। शराब न मिल पाने की वजह से आत्महत्या के मामलों में एक मामला त्रिसूर जिले के कोडंगलूर के 32 वर्षीय सुनील का है, जिसने नदी में कूदकर जान दे दी। पुलिस जांच में पता चला है कि शराब न मिल पाने की वजह से सुनील काफी परेशान हो गया था और वह देर रात घर से निकला और नदी में कूद गया। उसका शव त्रिसूर जिले के इरिनजलाकुडा से निकाला गया। दूसरा मामला 34 वर्षीय नौशाद का है जिसने शेविंग लोशन पीकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। वहीं कोल्लम के मुरलीधरन आचार्य की शराब न मिलने से हार्ट अटैक से मौत हो गयी। 46 वर्षीय एक व्यक्ति ने एक इमारत से कूदकर जान देने की कोशिश की जिसका कोट्टायम के सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है। एक मामला 38 वर्षीय दिहाड़ी मजदूर सनोज का भी है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि लॉकडाउन के चलते शराब न मिल पाने से ही पेड़ से लटककर जान दे दी।
मास्क-सैनिटाइजर की कालाबाजारी रोके
बिलासपुर। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और सभी जिलों के कलेक्टरों को हैंड सेनेटाइजर, मास्क सहित जरूरी चीजों की कालाबाजारी पर रोक लगाने और बाज़ार में आसानी से उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किए हैं। रायपुर की लॉ स्टूडेंट ने चीफ जस्टिस को चिट्ठी लिखकर हैंड सैनिटाइजर व फेस मास्क की उपलब्धता को लेकर हाईकोर्ट को चिट्ठी लिखी थी, जिसके बाद चीफ जस्टिस ने इस मामले को पी आई एल के रूप में स्वीकार किया था।
मामले पर सुनवाई करते हाइकोर्ट ने राज्य सरकार और सभी जिलों के कलेक्टरों को हैंड सेनेटाइजर, मास्क सहित ज़रूरी चीज़ो की कालाबाजारी पर रोक लगाने और बाज़ार में आसानी से उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किए हैं। दरअसल, रायपुर की लॉ स्टूडेंट ने चीफ जस्टिस को चिट्ठी लिखकर हैंड सैनिटाइजर व फेस मास्क की उपलब्धता को लेकर हाईकोर्ट को चिट्ठी लिखी थी, जिसके बाद चीफ जस्टिस ने इस मामले को पीआईएल के रूप में स्वीकार किया था। सोमवार को मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार सहित जिलों के कलेक्टरों से इस मामले में गंभीरता बरतने और जरूरी सामानों को आसानी से उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। इसके साथ कोर्ट ने कहा है कि जो बच्चे बाल सुधार ग्रहों में बंद हैं, उनका जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत सुरक्षा का खास खयाल रखा जाए। उन्हें मास्क व हैंड सैनिटाइजर उपलब्ध कराया जाए। इसके साथ ही उच्च न्यायालय ने जिन मामलों की सुनवाई पर अंतरिम स्थगन का आदेश 14 अप्रैल तक जारी किया था, उनकी अवधि 15 मई तक बढ़ा दी है। पूरे मामले की सुनवाई जस्टिस प्रशांत मिश्रा व जस्टिस मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव की डिवीजन बेंच द्वारा कि गई। पूरे मामले की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की गई।
300 बसों से 15 हजार आए उत्तर-प्रदेश
नई दिल्ली। लॉकडाउन के ऐलान के बाद से ही दिल्ली में काम करने वाले लोग अपने राज्यों की ओर जाने लगे थे। लेकिन, शनिवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने पैदल आ रहे लोगों को उनके गांवों और शहरों तक पहुंचाने की घोषणा कर दी। इस घोषणा के बाद दिल्ली से हजारों लोग शनिवार शाम अपने घरों से निकलने लगे। लोगों को लगा कि वे बसों से घरों तक आसानी से पहुंच जाएंगे। नतीजा यह हुआ कि आनंद विहार अंतरराज्यीय बस टर्मिनल पर शनिवार रात 15 से 20 हजार लोग इकट्ठा हो गए थे। लोगों को तो परेशानी हो ही रही थी, पर इतनी भीड़ देखकर प्रशासन के भी हाथ-पैर फूल गए।
लगातार बढ़ रही भीड़ को देखते हुए दिल्ली सरकार ने शनिवार रात से ही लोगों को डीटीसी की बसों से उत्तर प्रदेश बॉर्डर से लगने वाले लाल कुंआ इलाके के पास छोड़ना शुरू किया। इसके लिए लगभग 600 बसें लगाई गईं। केजरीवाल सरकार ने प्राइवेट बस संचालकों से भी बात कर करीब 300 बसें हायर की हैं। ये बसें सुबह 6 बजे से गोरखपुर, आगरा, एटा, इलाहाबाद, लखनऊ जैसे शहरों में मुसाफिरों को पहुंचाने में लग गईं।
रविवार को भी सुबह से ही दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से लोग आनंद विहार अंतरराज्यीय बस टर्मिनल आने लगे। दिल्ली पुलिस बैरिकेड लगाकर इन लोगों को यहां आने से रोक रही है। इन्हें अपने वर्तमान ठिकानों पर लौटने के लिए कहा जा रहा है। कुछ लोग लौट भी रहे हैं, लेकिन अभी भी करीब 500 के आसपास लोग यहां खड़े हैं। दिल्ली पुलिस, प्रशासन के साथ ही एनडीआरएफ, दिल्ली नागरिक सुरक्षा की टीम यहां मौजूद है। ये तमाम लोग यहां व्यवस्था बनाने में लगे हुए हैं।बस टर्मिनल पर इकट्ठा हो रहे लोगों को पुलिस जवान लगातार समझाइश दे रहे हैं। लोगों को समझाया जा रहा है कि ‘आप लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। सभी के लिए उचित व्यवस्था की गई है।’ इन्हें मास्क लगाने और एक-दूसरे से दूर-दूर खड़े रहने के लिए भी लगातार कहा जा रहा है। एनडीआरएफ की टीमें यहां लोगों के हैंड सेनिटाइज करने के काम में भी लगातार जुटी हुई हैं।
कच्चा तेल पहुंचा 20 डॉलर प्रति बैरल
नई दिल्ली। कोरोनावायरस से लॉकडाउन के हालात ने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को हिला कर रख दिया है। इस महामारी के रोज फैलने की खबरों के बीच अमेरिकी कच्चे तेल की कीमतें 20 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गई हैं। पिछले 18 वर्षों में अमेरिकी कच्चे तेल की कीमतें इतनी नीचे आई हैं। दूसरी ओर भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार 14 दिन से कोई बदलाव नहीं हुआ है। हालांकि राज्य में चलने वाले ईंधन खुदरा विक्रेता रोजाना सुबह 6 बजे कीमतों की समीक्षा करते हैं, लेकिन लगभग 14 दिनों से इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। इस महीने ईंधन की दरें 2 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा सस्ती हो गई हैं।
तेल खुदरा विक्रेताओं IOC, HPCL और BPCL ने ग्राहकों को भरोसा दिलाया है कि 21 दिनों की लॉकडाउन अवधि के दौरान देश में पेट्रोल, डीजल और एलपीजी सिलेंडर का पर्याप्त स्टॉक है।उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए लगातार सोशल डिस्टेंसिंग के दिशानिर्देशों पर जोर दे रहे हैं। इससे नवंबर में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों से पहले कई तेल उत्पादक इस बिजनेस से बाहर हो सकते हैं। भारत अमेरिका से एलएनजी और कच्चा तेल का आयात करता है। भारतीय कंपनियों ने अमेरिकी शेल गैस संपत्ति में 4 अरब डॉलर का निवेश किया है।
कच्चे तेल की कीमतें नीचे आने के बीच वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) सोमवार को 20.51 डॉलर प्रति बैरल के हाल के रिकॉर्ड निचले स्तर पर कारोबार कर रहा था, जबकि अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट 26.86 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था, यह जुलाई 2008 के 147 डॉलर प्रति बैरल के उच्च स्तर से नीचे था। गोल्डमैन सैच्स का अनुमान है कि कच्चा तेल 20 डॉलर प्रति बैरल के निशान को छू सकता है।हालांकि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से भारत जैसे प्रमुख उपभोक्ताओं को लाभ है, लेकिन भारतीय रिफाइनर्स ने भी अपने उत्पादन को धीमा कर दिया है और पश्चिम एशियाई उत्पादकों से कच्चे तेल की खरीद पर ज्यादा फोकस करने की घोषणा की है। क्योंकि भारत में लॉकडाउन की वजह से परिवहन ईंधन की मांग लगातार कम हो रही है। COVID-19 के प्रसार को रोकने के लिए भारत ने तीन सप्ताह के लॉकडाउन की घोषणा की है जिससे कि देश में घरेलू रसोई गैस की मांग में वृद्धि हो गई है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल खरीदार और चौथा सबसे बड़ा LNG आयातक है।
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