रविवार, 29 मार्च 2020

यूपी में वायरस संक्रमितो की संख्या 65

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या धीरे धीरे बढ़ती जा रही है। अब यूपी के 13 शहरों में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा नोएडा में मरीजों की संख्या है। शनिवार को अेकेले नोएडा के नौ लोगों में इस बीमारी के वायरस होने की पुष्टि हुई है। वहीं मेरठ में चार और वाराणसी में एक-एक मरीज मिले।अब तक यूपी में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 65 हो गई है। इनमें सबसे अधिक 27 मरीज नोएडा के हैं। उनके अलावा आगरा के 10, लखनऊ के आठ, गाजियाबाद के पांच, मेरठ के पांच, पीलीभीत के दो, वाराणसी के दो और लखीमपुर खीरी, बागपत, मुरादाबाद, मेरठ, कानपुर ,जौनपुर व शामली के एक-एक मरीज शामिल हैं । इस तरह अभी तक 13 जिलों में कोरोना वायरस अपने पांव पसार चुका है। 


133 मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया : 
शनिवार को 133 संदिग्ध मरीजों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया। नोएडा में जो 27  मरीज कोरोना वायरस संक्रमित हैं, उनमें से 19 एक निजी कंपनी के अधिकारी व कर्मचारी हैं। इस कंपनी का एक अधिकारी  बीते दिनों  यूनाइटेड किंगडम की यात्रा कर लौटा था और उसमें कोरोना वायरस  के लक्षण पाए गए। उसके संपर्क में आने के कारण धीरे-धीरे दूसरे अधिकारी व कर्मचारी भी कोरोना की चपेट में आ गए।  दूसरी ओर कोरोना संक्रमित अब तक कुल 14 मरीजों को स्वस्थ घोषित कर अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है। जो मरीज स्वस्थ घोषित हुए हैं उनमें आगरा के सात, नोएडा के चार, गाजियाबाद के दो व लखनऊ का  एक मरीज शामिल है। यूपी के अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में  15 हज़ार आइसोलेशन बेड व 20 हज़ार  क्वारंटाइन बेड की व्यवस्था की जा रही है।   
                   
2127 मरीजों की रिपोर्ट आई निगेटिव, 52 की आनी बाकी              
यूपी में अभी तक कोरोना वायरस के संदिग्ध 2284 मरीजों की जांच करवाई जा चुकी है। इसमें से 2171 संदिग्ध मरीजों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है यानी उनमें कोरोना वायरस नहीं पाया गया। वहीं 52 मरीजों की जांच रिपोर्ट अभी आनी बाकी है।   


आरआरटी ने एक दिन में 10 हजार संदिग्ध किए चिह्नित
 स्वास्थ्य विभाग की रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी ) व डब्ल्यूएचओ  की टीम ने शनिवार को 10 हजार से अधिक ऐसे लोगों को चिह्नित किया जो चीन सहित कोरोना वायरस प्रभावित देशों की यात्रा कर लौटे हैं। उन्हें कम से कम 28 दिन के होम क्वारंटाइन में रखने को कहा गया है। अभी तक करीब 50040 ऐसे लोग चिह्नित किए जा चुके हैं जो चीन या कोरोना प्रभावित दूसरे देशों की यात्रा कर वापस लौटे हैं।


संकट में उठा रहे मजबूरी का फायदा

कुशीनगर। जनपद कुशीनगर में जहा आज इस संकट के घङी मे समाजिक लोग मुफ्त मे अपने द्वारा गरीबों लोगो के लिये उचित खाने से लेकर रहने तक की व्यवस्था कर रहे हैं वही कुछ ऐसे भी राशन दुकानदार हैं जो इन सब से परे हटकर इस लाॅकडाऊन में गरीबों को लूटने मे लगे हुए है सूत्रो की माने तो कुछ इसी तरह का मामला खड्डा थाना क्षेत्र में जनपद कुशीनगर में चौराहे पर राशन दुकानदार के दुकानदारों पर देखने को मिला है जहा यह दुकानदार लोगों की मजबूरी का फायदा उठा रहे है और हर एक समान जरूरत से ज्यादा रेट पर बेच रहे हैं वही सरकार की आदेशों की कोई इन्हे प्रवाह भी नही है और ना ही स्थानीय पुलिस प्रसाशन की इस बात की चिंता है की यह लूट पर रोक लगाये, इतना ही नही अगर कोई यह भी पूछ दे रहा है की खाद्य पदार्थों की इतनी महंगी बिक्री क्यो हो रही है तो उस कस्टमर से बतमीजी से लेकर लङाई तक अमादा हो जा रहे हैं यह दुकानदार साहब,अब ऐसे मे कैसे गरीबों की हित की भला हो सकता है? और इस लाॅकडाऊन को कैसे सफ़ल बनाया जा सकता है? अगर खाने पीने की समान महंगे रेट पर मिलेंगे तो गरीबों मे भुखमरी तो आयेगी ही न, इसलिये शासन प्रशासन ऐसे दुकानदारों पर तुरंत कार्यवाही करें जिससे गरीबों मे भुखमरी की हालात न पैदा हो सके।


 


असुविधाओं के लिए क्षमा चाहता हूं

अकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली। मैं जानता हूं कि कोई कानून नहीं तोड़ना चाहता, लेकिन कुछ लोग ऐसा कर रहे हैं क्योंकि अभी भी वो स्थिति की गंभीरता को नहीं समझ रहे। अगर आप 21 दिनों के लॉकडाउन का नियम तोड़ेंगे तो वायरस से बचना मुश्किल होगा।
कोरोना वायरस ने दुनिया को कैद कर दिया है। ये ना तो राष्ट्र की सीमाओं में बंधा है, न ही कोई क्षेत्र देखता है और न ही कोई मौसम इसलिए लोगों को, इसे खत्म करने के लिए एकजुट होकर संकल्प लेना होगा। अमेरिका में पिछले 24 घंटों के दौरान कोविड-19 वायरस के कारण सर्वाधिक 453 मौतें हुई।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, 'आमतौर पर मैं मन की बात में कई विषयों को ले करके आता हूं। लेकिन आज देश के मन में सिर्फ एक ही बात है- ‘कोरोना वैश्विक महामारी’ से आया हुआ भयंकर संकट, ऐसे में मैं कुछ और कहूं वो उचित नहीं होगा। हो सकता है, बहुत से लोग मुझसे नाराज होंगे कि ऐसे कैसे सबको घर में बंद कर रखा है। मैं आपकी दिक्कतें समझता हूं, लेकिन भारत को, कोरोना के खिलाफ जीतने के लिए, ये कदम उठाए बिना कोई रास्ता नहीं था। मैं फिर एक बार, आपको जो भी असुविधा हुई है, कठिनाई हुई है, इसके लिए क्षमा मांगता हूं।'
मन की बात में बोले पीएम- आपको जो असुविधा, कठिनाई हुई इसके लिए क्षमा मांगता हूं


कोरोना वायरस की चेन तोड़ने के लिए देशभर में लॉकडाउन लागू होने के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार सुबह 11 बजे अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं। इस बार कार्यक्रम में वह कोविड-19 की वजह से देश में उपजी परिस्थितियों को लेकर अपनी बात रख रहे हैं। हिंदी में प्रसारण के तुरंत बाद आकाशवाणी पर 'मन की बात' कार्यक्रम को विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में प्रसारित किया जाएगा।


वायरस को गंभीरता से लें, घर में रहे

कानपुर। आज पूरे विश्व में कोरोनावायरस का प्रकोप फैल गया है। उसको गंभीरता से समझे और घर में ही रहे हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री के आदेशानुसार लॉक डाउन का पालन करें। सभी लोग गंभीरता से लॉक डाउन का पालन करते हैं तो कोरोनावायरस को हम अपने हिंदुस्तान से बाहर कर सकते हैं। क्योंकि एक ही मात्र विकल्प है सावधानी सतर्कता जागरूकता एवं लॉक डाउन के सभी नियमों का पालन ही सही है। हम सभी सुरक्षित रह सकते हैं हम सभी को कोरोनावायरस से एक समझदार योद्धा बनकर ही जीत हासिल कर सकते हैं। हमारे प्रधानमंत्री जी के आदेशानुसार 21 दिन का पूरा लाक डाउन पूरे हिंदुस्तान में किया गया है। उनके आदेशों का हम सभी पालन करें और हम सभी प्रधानमंत्री जी को आस्वस्त करें कि जरूरत पड़ी तो आगे भी लाक डाउन का पालन हम सभी कर सकते हैं घबराने की बात नहीं है। सावधानी बरतनी है हमारे देश के प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, डॉक्टर, पुलिस, पत्रकार, समाजसेवी एवं हमारे देशवासियों को इस वायरस से बचाने आगे आ रहे है,और कोरोना वायरस से बचाने के लिए पूरे हिंदुस्तान में डॉक्टर, पुलिस, पत्रकार और प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री जी को हर सम्भव प्रयास में लगे हैं। हम यूनाइटेड अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार ट्रस्ट की तरफ से इनका सहृदय से धन्यवाद करते हैं कि इस विषय परिस्थितियों में हम लोगों को सुरक्षित रखने के लिए आर्थिक सहायता कर रहे है। ऐसे लोगों को उनके जज्बे को सलूट करते है। कोरोना वायरस को हिंदुस्तान से बाहर निकालने के लिए हम सभी को लॉक डाउन का पालन करना है। अपने परिवार अपने समाज को अपने देश को सुरक्षित करने के लिए हम सभी लोग मिलकर पालन करेंगे जिससे इस मुसीबत से जल्द से जल्द निकल सके।


वायरसः स्पेन की राजकुमारी की ली जान

स्पेन। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया में कोहराम मचा हुआ है। इस वायरस से स्पेन की राजकुमारी मारिया टेरेसा की मौत हो चुकी है। वहीं, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की पत्नी कोरोना वायरस के कारण होने वाली बीमारी से अब ठीक हो गई हैं। इस जानलेवा वायरस की वजह से दुनियाभर में अब तक 6 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं, वहीं इससे अब तक 30 हजार से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। अमेरिका में मृतकों की संख्या 2000 और इटली में 10,000 से अधिक हो चुकी है। वहीं दुनियाभर में 65 हजार नए मामले सामने आए।


नेपाल में फंसे 44 पर्यटक वापिस लाए

सोनौली (महराजगंज)। सूत्रों के मुताबिक मिली जानकारी के अनुसार। सोनौली नगर पंचायत क्षेत्र के अन्तर्गत। सोनौली नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि सूधीर त्रिपाठी ने ने बताया कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी को लेकर लाकडाउन के बाद भारत नेपाल सीमा को सील कर दिया गया है। जिसके कारण पड़ोसी राष्ट्र नेपाल में चेन्नई(भारत)के रहने वाले 44 पर्यटक फंस गए थे।


जिनको प्रशासन की मदद से भारत मे लाया गया और उनको सोनौली नगर में स्थित सिटी गेस्ट हाउस में रखा गया है। इन सभी भारतीय पर्यटकों आज आदर्श न०पं०सोनौली के अध्यक्ष प्रतिनिधि सुधीर त्रिपाठी ने गेस्ट हाउस पहुँचकर उनका कुशल क्षेम पूछा और उनको खाने-पीने का सामान जैसे:-चावल,दाल,आंटा,तेल,आलू,प्याज इत्यादि मुहैया कराने का कार्य किया।


इस अवसर पर *सूधीर त्रिपाठी* ने पर्यटकों से कहा कि आप लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा नही होने दिया जाएगा,आप लोगों को खाद्य सामग्री की आवश्यकता या किसी भी प्रकार की असुविधा महसूस होती है तो आप लोग मेरे मोबाइल नम्बर पर संपर्क करिये आप लोगों का हर तरह से मदद किया जायेगा। इस अवसर पर सभासद प्रदीप नायक,बेचन प्रसाद,अमीर आलम,राजकुमार नायक,अशुतोष त्रिपाठी सहित कई लोग उपस्थित रहें।


छठा नवरात्रा मां कात्यायनी

कात्यायनी' अमरकोष में पार्वती के लिए दूसरा नाम है, संस्कृत शब्दकोश में उमा, कात्यायनी, गौरी, काली, हेेमावती व ईश्वरी इन्हीं के अन्य नाम हैं। शक्तिवाद में उन्हें शक्ति या दुर्गा, जिसमे भद्रकाली और चंडिका भी शामिल है, में भी प्रचलित हैं। यजुर्वेद के तैत्तिरीय आरण्यक में उनका उल्लेख प्रथम किया है। स्कन्द पुराण में उल्लेख है कि वे परमेश्वर के नैसर्गिक क्रोध से उत्पन्न हुई थीं , जिन्होंने देवी पार्वती द्वारा दी गई सिंह पर आरूढ़ होकर महिषासुर का वध किया। वे शक्ति की आदि रूपा है, जिसका उल्लेख पाणिनि पर पतञ्जलि के महाभाष्य में किया गया है, जो दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में रचित है। उनका वर्णन देवीभागवत पुराण, और मार्कंडेय ऋषि द्वारा रचित मार्कंडेय पुराण के देवी महात्म्य में किया गया है जिसे ४०० से ५०० ईसा में लिपिबद्ध किया गया था। बौद्ध और जैन ग्रंथों और कई तांत्रिक ग्रंथों, विशेष रूप से कालिका पुराण (१० वीं शताब्दी) में उनका उल्लेख है, जिसमें उद्यान या उड़ीसा में देवी कात्यायनी और भगवान जगन्नाथ का स्थान बताया गया है।


परम्परागत रूप से देवी दुर्गा की तरह वे लाल रंग से जुड़ी हुई हैं। नवरात्रि उत्सव के षष्ठी को उनकी पूजा की जाती है। उस दिन साधक का मन 'आज्ञा चक्र' में स्थित होता है। योगसाधना में इस आज्ञा चक्र का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। इस चक्र में स्थित मन वाला साधक माँ कात्यायनी के चरणों में अपना सर्वस्व निवेदित कर देता है। परिपूर्ण आत्मदान करने वाले ऐसे भक्तों को सहज भाव से माँ के दर्शन प्राप्त हो जाते हैं।


श्लोक
चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहन ।
कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी ॥

माँ का नाम कात्यायनी कैसे पड़ा इसकी भी एक कथा है- कत नामक एक प्रसिद्ध महर्षि थे। उनके पुत्र ऋषि कात्य हुए। इन्हीं कात्य के गोत्र में विश्वप्रसिद्ध महर्षि कात्यायन उत्पन्न हुए थे। इन्होंने भगवती पराम्बा की उपासना करते हुए बहुत वर्षों तक बड़ी कठिन तपस्या की थी। उनकी इच्छा थी माँ भगवती उनके घर पुत्री के रूप में जन्म लें। माँ भगवती ने उनकी यह प्रार्थना स्वीकार कर ली। कुछ समय पश्चात जब दानव महिषासुर का अत्याचार पृथ्वी पर बढ़ गया तब भगवान ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों ने अपने-अपने तेज का अंश देकर महिषासुर के विनाश के लिए एक देवी को उत्पन्न किया। महर्षि कात्यायन ने सर्वप्रथम इनकी पूजा की। इसी कारण से यह कात्यायनी कहलाईं।


ऐसी भी कथा मिलती है कि ये महर्षि कात्यायन के वहाँ पुत्री रूप में उत्पन्न हुई थीं। आश्विन कृष्ण चतुर्दशी को जन्म लेकर शुक्त सप्तमी, अष्टमी तथा नवमी तक तीन दिन इन्होंने कात्यायन ऋषि की पूजा ग्रहण कर दशमी को महिषासुर का वध किया था। माँ कात्यायनी अमोघ फलदायिनी हैं। भगवान कृष्ण को पतिरूप में पाने के लिए ब्रज की गोपियों ने इन्हीं की पूजा कालिन्दी-यमुना के तट पर की थी। ये ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी के रूप में प्रतिष्ठित हैं। माँ कात्यायनी का स्वरूप अत्यंत चमकीला और भास्वर है। इनकी चार भुजाएँ हैं। माताजी का दाहिनी तरफ का ऊपरवाला हाथ अभयमुद्रा में तथा नीचे वाला वरमुद्रा में है। बाईं तरफ के ऊपरवाले हाथ में तलवार और नीचे वाले हाथ में कमल-पुष्प सुशोभित है। इनका वाहन सिंह है।


माँ कात्यायनी की भक्ति और उपासना द्वारा मनुष्य को बड़ी सरलता से अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति हो जाती है। वह इस लोक में स्थित रहकर भी अलौकिक तेज और प्रभाव से युक्त हो जाता है।


27 वर्ष बाद दुष्कर्मी को 10 साल की सजा

27 वर्ष बाद दुष्कर्मी को 10 साल की सजा  गणेश साहू  कौशाम्बी। सैनी कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में खेत से लौट रही बालिका के साथ 27 वर्ष पहले स...