मदुरै। कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ रहा है। इस वायरस से निपटने के लिए कई देशों में लॉकडाउन लागू कर दिया गया है। लोगों को घर पर ही रहने की सलाह दी जा रही है। विदेश से लौटे लोगों को क्वारंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है। लेकिन इस महामारी के बढ़ते प्रकोप के बावजूद कुछ लोग लापरवाही करने से बाज नहीं आ रहे हैं।
दरअसल तमिलनाडू के मदुरै जिले में एक मामला सामने आया है जहां एक युवक अपनी गर्लफ्रैंड की शादी रुकवाने के लिए दुबई से भारत लौटा। विदेश से लौटने पर उसे क्वारंटाइन रहना था लेकिन वह अपनी प्रेमिका से मिलने शिवगंगा चला गया, जहां उसने गर्लफ्रैंड के साथ समय बिताया।
प्रेमी से संपर्क में आने के बाद प्रेमिका को भी आइसोलेट कर दिया गया है। इसी बीच पुलिस और स्वास्थ्य अधिकारियों ने युवक की तलाश शुरु कर दी। पुलिस युवक और उसकी प्रेमिका को मदुरै लेकर आ गई जहां दोनों को क्वारंटाइन कर दिया गया है।
शनिवार, 28 मार्च 2020
ये मोहब्बतः क्वॉरेंटाइन से भागा पेशेंट
अगले 20 घंटे ज्यादा अहमः डब्ल्यूएचओ
नई दिल्ली। भारत में कोराना वायरस के लगातार बढ़ रहे खतरे को देखते हुए के उपाय सुझाए जा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर अफवाहों का बाजार भी तेजी से गर्म हो रहा है। ऐसी ही एक अफवाह व्हाट्सएप ग्रुप में बहुत तेजी से फैल गया है। व्हाट्सएप ग्रुप में भेजे जा रहे इस मैसेज में कहा गया है कि भारत के लिए अगले 20 घंटे बहुत ही भारी होंगे। खास बात तो यह है कि ऐसा कहने के लिए वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन यानी डब्ल्यूएचओ और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर का हवाला दिया गया है।
डब्ल्यूएचओ और आईसीएमआर के हवाले से जारी इस संदेश के जरिए कहा गया है कि शनिवार की रात तक का समय भारत वासियों के लिए बहुत भारी होने वाला है। यदि भारतीय अपनी आदत में बदलाव नहीं लाते और घरों से बाहर निकलना यूं ही जारी रखते हैं तो भारत में कोरोना का संक्रमण थर्ड स्टेज में पहुंच जाएगा। थर्ड स्टेज यानी कम्युनिटी ट्रांसमिशन और इसे रोक पाना भारत के लिए बहुत ही खतरनाक होगा।
अगले 20 घ॔टे भारत के लिए भारी
WHO ICMR की भारत को चेतावनी
WHO ICMR ने कहा है कि यदि 20 घ॔टे में भारतीय नहीं सुधरे तो भारत कल रात 11 बजे के बात ‘THIRD STEP” यानी ” कम्युनिटी ट्रांसमिशन” में प्रवेश कर जायेगा और अगर भारत कल रात तक थर्ड स्टेज यानी कम्यूनिटी ट्रांशमिशन में जाता है तो भारत मे 15 APRIL तक लगभग 50000(पचास हजार) तक मौतें हो सकती हैं, क्योकि अन्य देशों की अपेक्षा भारत का जनसंख्या घनत्व बहुत अधिक है परन्तु भारतीय अभी तक इसकी गंभीरता को नहीं समझ रहे हैं।
ईश्वर से दुआ करो
सभी नागरिकों से निवेदन प्लीज मस्ती मजाक सलाह कोरेना से सम्बंधित खबर छोड़ आज रात तक जितना हो ये फैलाओ की कुछ भी हो जाये 72 से 108 घण्टा बिल्कुल भी न निकले क्योकि कल भारत 3 स्टेज में शायद जा सकता है। प्लीज सभी को अंदर रहने के लिये प्रेरीत करो…
माइक्रोबायोलॉजिस्ट ने बताया फर्जी
इस मैसेज की सत्यता जांच ने के लिए ने आईसीएमआर और डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट पर जा कर यह देखने की कोशिश की कि क्या इस तरीके का कोई अलर्ट इन दोनों ही एजेंसियों के द्वारा जारी किया गया है या नहीं। लेकिन इस तरीके का कोई भी अलर्ट इन दोनों ही एजेंसियों के द्वारा जारी नहीं किया गया है। माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ अंकुर ने बताया कि इस तरीके का कोई भी प्रेडिक्शन कोरोनावायरस के संबंध में जारी नहीं किया जा सकता. यह तथ्यात्मक तौर पर गलत है। साथ ही मैसेज की जो भाषा है उसी से पता चल जाता है कि मैसेज फर्जी है।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि इससे डरने की जरूरत नहीं है लेकिन यह जरूर है कि लॉकडाउन का पूरी तरीके से पालन किया जाए। किसी को भी सिर्फ शनिवार की रात ही नहीं बल्कि जब तक लॉकडाउन का समय है तब तक घरों से नहीं निकलना चाहिए। बता दें कि भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या हर रोज बढ़ रही है। यह एक सच्चाई है और इसी को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की थी जो 14 अप्रैल को पूरा हो रहा है।
पूरे भारत में कोरोना से 19 लोगों की मौत
दुनिया में इस बीमारी से प्रभावित देशों में मरीजों की संख्या दिनोंदिन बढ़ रही है। ऐसे में भारत सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा बार-बार यह हिदायत दी जा रही है कि सोशल डिस्पेंसिंग के जरिए ही इस वायरस के संक्रमण को रोका जा सकता है। Covid19india.org वेबसाइट के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश मे अभी तक कुल 892 कोरोना के पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं। इनमें से 76 लोग इस बीमारी से ठीक हो चुके है जबकि 19 लोगों की मौत हो चुकी है।
प्रोफेसर ने विकसित किया टीका, टेस्ट बाकी
हैदराबाद/दिल्ली। देश में कोरोनावायरस से लड़ाई के बीच एक अच्छी खबर सामने आई है। हैदराबाद यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर ने कोरोनावायरस से लड़ने का टीका विकसित किया है। जिसकी टेस्टिंग होनी शेष है।
दरअसल, हैदराबाद यूनिवर्सिटी की बायोकेमिस्ट्री विभाग के स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज की प्रोफेसर डॉक्टर सीमा मिश्रा ने कोरोनावायरस से लड़ने वाला टीका विकसित किया है। उन्होंने सेल एपिटोप्स नामक टीके को तैयार किया है जो नोवल कोरोनोवायरस के सभी संरचनात्मक और गैर-संरचनात्मक प्रोटीनों के खिलाफ लड़ने में सक्षम है।
ये वैक्सीन छोटे कोरोनवायरल पेप्टाइड्स हैं, जो अणुओं की कोशिकाओं द्वारा उपयोग किया जाता है। इन वायरल पेप्टाइड्स को नुकसान पहुंचाने वाली कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए रोग-प्रतिरोधक क्षमता तैयार की जा सके। कम्प्यूटेशनल सॉफ्टवेयर के साथ शक्तिशाली इम्यूनोइंफोर्मेटिक्स का उपयोग करते हुए डॉक्टर सीमा मिश्रा ने इन संभावित एपिटोप्स को इस तरह से डिजाइन किया है कि पूरी आबादी को इसका टीका लगाया जा सकता है।
हैैदराबाद यूनिवर्सिटी ने जानकारी देते हुए बताया कि हमने महज दस दिनों में इस वैक्सीन को बनाया है। अब सिर्फ इस टीके की टेस्टिंग होनी शेष है। टेस्टिंग के नतीजों के बाद सरकार की हरी झंडी मिलते ही इसे आम आदमी के उपयोग के लिए उपलब्ध करा दिया जाएगा। अगर सबकुछ सही रहा तो कोरोनावायरस से लड़ने में ये भारत की महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी।
नर्स के निजी मोबाइल पर पीएम की काल
नई दिल्ली। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बात निराली है। खासकर देश में अच्छे कार्यो करने वालों के लिए हौसला-अफजाई में कोई कसर नहीं छोड़ते। ऐसा ही एक वाक्या शुक्रवार दोपहर को फिर सामने आया। जब उन्होंने महाराष्ट्र के सरकारी अस्पताल नायडू की वरिष्ठ नर्स को उनके निजी मोबाइल पर कॉल किया और उनके कार्यो की प्रशंसा की।
कर्मचारी को जब यह पता चला कि उनके नंबर पर कोई नहीं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, तो वह आश्चर्यचकित हो गई। बतादें पुणे में कोविड-19 के इलाज के लिए नामित आइसोलेशन वार्ड में से नायडू अस्पताल के प्रभारी और सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ संजीव वावरे ने कहा, ‘नायडू अस्पताल में नोवल कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण के रोगियों की देखभाल करने के लिए कुल 60 नर्स शामिल हैं। जब नायडू अस्पताल में काम करने वाली नर्सों की जानकारी के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय ने गुरुवार को हमसे संपर्क किया, तो हमने उन्हें कुछ नाम दिए।
उन्होंने बताया, शुक्रवार को प्रधानमंत्री ने उनमें से एक नर्स छाया जगताप को फोन किया। वह नायडू अस्पताल में बीते 20 सालों से नर्स का काम कर रही हैं। उन्होंने उनसे बात की और देश भर में उनके काम और अग्रिम पंक्ति पर काम करने वाली कई अन्य नर्सों की सराहना की, जो इतनी बहादुरी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रही हैं और अपनी देखरेख में इलाज करवा रहे मरीजों का मनोबल बढ़ा रही हैं।’
स्कंदमाता पांचवा नवरात्र
भगवान स्कंद 'कुमार कार्तिकेय' नाम से भी जाने जाते हैं। ये प्रसिद्ध देवासुर संग्राम में देवताओं के सेनापति बने थे। पुराणों में इन्हें कुमार और शक्ति कहकर इनकी महिमा का वर्णन किया गया है। इन्हीं भगवान स्कंद की माता होने के कारण माँ दुर्गाजी के इस स्वरूप को स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है।
स्वरूपःमाता की चार भुजाएँ हैं। इनके दाहिनी तरफ की नीचे वाली भुजा, जो ऊपर की ओर उठी हुई है, उसमें कमल पुष्प है। बाईं तरफ की ऊपर वाली भुजा में वरमुद्रा में तथा नीचे वाली भुजा जो ऊपर की ओर उठी है उसमें भी कमल पुष्प ली हुई हैं। इनका वर्ण पूर्णतः शुभ्र है। ये कमल के आसन पर विराजमान रहती हैं। इसी कारण इन्हें पद्मासना देवी भी कहा जाता है। सिंह भी इनका वाहन है।
महत्वः नवरात्रि-पूजन के पाँचवें दिन का शास्त्रों में पुष्कल महत्व बताया गया है। इस चक्र में अवस्थित मन वाले साधक की समस्त बाह्य क्रियाओं एवं चित्तवृत्तियों का लोप हो जाता है। वह विशुद्ध चैतन्य स्वरूप की ओर अग्रसर हो रहा होता है।
साधक का मन समस्त लौकिक, सांसारिक, मायिक बंधनों से विमुक्त होकर पद्मासना माँ स्कंदमाता के स्वरूप में पूर्णतः तल्लीन होता है। इस समय साधक को पूर्ण सावधानी के साथ उपासना की ओर अग्रसर होना चाहिए। उसे अपनी समस्त ध्यान-वृत्तियों को एकाग्र रखते हुए साधना के पथ पर आगे बढ़ना चाहिए।
माँ स्कंदमाता की उपासना से भक्त की समस्त इच्छाएँ पूर्ण हो जाती हैं। इस मृत्युलोक में ही उसे परम शांति और सुख का अनुभव होने लगता है। उसके लिए मोक्ष का द्वार स्वमेव सुलभ हो जाता है। स्कंदमाता की उपासना से बालरूप स्कंद भगवान की उपासना भी स्वमेव हो जाती है। यह विशेषता केवल इन्हीं को प्राप्त है, अतः साधक को स्कंदमाता की उपासना की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए। सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी होने के कारण इनका उपासक अलौकिक तेज एवं कांति से संपन्न हो जाता है। एक अलौकिक प्रभामंडल अदृश्य भाव से सदैव उसके चतुर्दिक् परिव्याप्त रहता है। यह प्रभामंडल प्रतिक्षण उसके योगक्षेम का निर्वहन करता रहता है।
हमें एकाग्रभाव से मन को पवित्र रखकर माँ की शरण में आने का प्रयत्न करना चाहिए। इस घोर भवसागर के दुःखों से मुक्ति पाकर मोक्ष का मार्ग सुलभ बनाने का इससे उत्तम उपाय दूसरा नहीं है।
उपासनाः प्रत्येक सर्वसाधारण के लिए आराधना योग्य यह श्लोक सरल और स्पष्ट है। माँ जगदम्बे की भक्ति पाने के लिए इसे कंठस्थ कर नवरात्रि में पाँचवें दिन इसका जाप करना चाहिए।
या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
अर्थ : हे माँ! सर्वत्र विराजमान और स्कंदमाता के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ। हे माँ, मुझे सब पापों से मुक्ति प्रदान करें। इस दिन साधक का मन 'विशुद्ध' चक्र में अवस्थित होता है। इनके विग्रह में भगवान स्कंदजी बालरूप में इनकी गोद में बैठे होते हैं।
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
यूनिवर्सल एक्सप्रेस (हिंदी-दैनिक)
मार्च 29, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254
1. अंक-230 (साल-01)
2. रविवार, मार्च 29, 2020
3. शक-1942,चैैत्र-शुक्ल पक्ष, तिथि-पंचमी, संवत 2077
4. सूर्योदय प्रातः 06:20,सूर्यास्त 06:40
5. न्यूनतम तापमान 14+ डी.सै.,अधिकतम-27+ डी.सै., बरसात की संभावना बनी रहेगी।
6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्ंकरण) प्रकाशित।
8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102
9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102
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