शनिवार, 28 मार्च 2020

स्कंदमाता पांचवा नवरात्र

भगवान स्कंद 'कुमार कार्तिकेय' नाम से भी जाने जाते हैं। ये प्रसिद्ध देवासुर संग्राम में देवताओं के सेनापति बने थे। पुराणों में इन्हें कुमार और शक्ति कहकर इनकी महिमा का वर्णन किया गया है। इन्हीं भगवान स्कंद की माता होने के कारण माँ दुर्गाजी के इस स्वरूप को स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है।


 स्वरूपःमाता की चार भुजाएँ हैं। इनके दाहिनी तरफ की नीचे वाली भुजा, जो ऊपर की ओर उठी हुई है, उसमें कमल पुष्प है। बाईं तरफ की ऊपर वाली भुजा में वरमुद्रा में तथा नीचे वाली भुजा जो ऊपर की ओर उठी है उसमें भी कमल पुष्प ली हुई हैं। इनका वर्ण पूर्णतः शुभ्र है। ये कमल के आसन पर विराजमान रहती हैं। इसी कारण इन्हें पद्मासना देवी भी कहा जाता है। सिंह भी इनका वाहन है।


महत्वः नवरात्रि-पूजन के पाँचवें दिन का शास्त्रों में पुष्कल महत्व बताया गया है। इस चक्र में अवस्थित मन वाले साधक की समस्त बाह्य क्रियाओं एवं चित्तवृत्तियों का लोप हो जाता है। वह विशुद्ध चैतन्य स्वरूप की ओर अग्रसर हो रहा होता है।


साधक का मन समस्त लौकिक, सांसारिक, मायिक बंधनों से विमुक्त होकर पद्मासना माँ स्कंदमाता के स्वरूप में पूर्णतः तल्लीन होता है। इस समय साधक को पूर्ण सावधानी के साथ उपासना की ओर अग्रसर होना चाहिए। उसे अपनी समस्त ध्यान-वृत्तियों को एकाग्र रखते हुए साधना के पथ पर आगे बढ़ना चाहिए।


माँ स्कंदमाता की उपासना से भक्त की समस्त इच्छाएँ पूर्ण हो जाती हैं। इस मृत्युलोक में ही उसे परम शांति और सुख का अनुभव होने लगता है। उसके लिए मोक्ष का द्वार स्वमेव सुलभ हो जाता है। स्कंदमाता की उपासना से बालरूप स्कंद भगवान की उपासना भी स्वमेव हो जाती है। यह विशेषता केवल इन्हीं को प्राप्त है, अतः साधक को स्कंदमाता की उपासना की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए। सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी होने के कारण इनका उपासक अलौकिक तेज एवं कांति से संपन्न हो जाता है। एक अलौकिक प्रभामंडल अदृश्य भाव से सदैव उसके चतुर्दिक्‌ परिव्याप्त रहता है। यह प्रभामंडल प्रतिक्षण उसके योगक्षेम का निर्वहन करता रहता है।


हमें एकाग्रभाव से मन को पवित्र रखकर माँ की शरण में आने का प्रयत्न करना चाहिए। इस घोर भवसागर के दुःखों से मुक्ति पाकर मोक्ष का मार्ग सुलभ बनाने का इससे उत्तम उपाय दूसरा नहीं है।


उपासनाः प्रत्येक सर्वसाधारण के लिए आराधना योग्य यह श्लोक सरल और स्पष्ट है। माँ जगदम्बे की भक्ति पाने के लिए इसे कंठस्थ कर नवरात्रि में पाँचवें दिन इसका जाप करना चाहिए।


या देवी सर्वभू‍तेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।


अर्थ : हे माँ! सर्वत्र विराजमान और स्कंदमाता के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ। हे माँ, मुझे सब पापों से मुक्ति प्रदान करें। इस दिन साधक का मन 'विशुद्ध' चक्र में अवस्थित होता है। इनके विग्रह में भगवान स्कंदजी बालरूप में इनकी गोद में बैठे होते हैं।


सर्वजनिक सूचनाएं एवं विज्ञापन

सावधानी बरतें, सतर्क रहें।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


मार्च 29, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-230 (साल-01)
2. रविवार, मार्च 29, 2020
3. शक-1942,चैैत्र-शुक्ल पक्ष, तिथि-पंचमी, संवत 2077


4. सूर्योदय प्रातः 06:20,सूर्यास्त 06:40
5. न्‍यूनतम तापमान 14+ डी.सै.,अधिकतम-27+ डी.सै., बरसात की संभावना बनी रहेगी।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


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शुक्रवार, 27 मार्च 2020

21 मौत और 700 से ज्यादा मामले

अकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली। भारत में कोरोनावायरस के संक्रमण के 700 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। शुक्रवार को इस महामारी से देश में 21वीं मौत हुई। तुमकुर में कोरोना संक्रमण से जूझ रहे 65 वर्षीय बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया। कर्नाटक में यह तीसरी मौत है। यहां 11 और 26 मार्च को कोरोना से मौत हुई थी। गुरुवार को देश के अलग-अलग राज्यों में 7 संक्रमितों की जान गई थी। इनमें से दो सिर्फ राजस्थान के भीलवाड़ा में थीं। इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता लव अग्रवाल ने कहा- वेंटिलेटर की कमी दूर करने के लिए 10 हजार नए वेंटिलेटर खरीदने का फैसला लिया गया है। साथ ही सरकारी उपक्रम भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) से 30 हजार वेंटिलेटर तैयार करने को कहा गया है।


शुक्रवार को जिस बुजुर्ग ने जान गंवाई वह 5 मार्च को संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के एस6 कोच में परिवार के 13 सदस्यों के साथ दिल्ली गया था। यहां वह जामिया मस्जिद भी गया था। इसके बाद 11 मार्च को बुजुर्ग कोंगु एक्सप्रेस के एस9 कोच में बैठकर तुमकुर लौटा था। 18 मार्च को कफ और बुखार की शिकायत के बाद जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। 24 मार्च को बुजुर्ग जिला अस्पताल से छुट्टी लेकर प्राइवेट इलाज कराने लगा। लेकिन बाद में फिर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।


मृतक के 24 करीबी ट्रेस किए गए


कर्नाटक के स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, बुजुर्ग के 24 सबसे करीबी लोगों को ट्रेस किया जा चुका है। जिसमें से 13 लोगों को आइसोलेट किया गया है। इन 13 के अलावा तीन हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स और 8 लोगों की टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई है। हालांकि, इन 11 लोगों को घर पर क्वारैंटाइन किया गया है।


24 घंटे में कोरोना के 75 नए केस मिले


पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 75 नए मामले सामने आने के बाद, सरकार ने कोरोना के चक्र को तोड़ने के लिए सभी राज्यों को मुस्तैद रहने के लिए कहा है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी आज सभी राज्यपालों और उपराज्यपालों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कोरोना से निपटने पर चर्चा की। उन्होंने कहा- हमें इस लड़ाई में सभी के सहयोग की जरूरत है। सोशल डिस्टेंस बनाए रखें। सरकार ने कोरोना से लड़ाई के लिए एक टास्क फोर्स बनाई है। इससे निपटने के लिए राहत पैकेज का भी ऐलान किया है।


घर लौटने वाले मजदूरों के लिए इंतजाम के निर्देश


गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा- हम कोरोना कोे रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि लोगों को आवागमन में परेशानी न हो। दिल्ली समेत दूसरे शहरों से घर लौट रहे मजदूरों के मुद्दे पर मंत्रालय ने संज्ञान लिया है। गृह सचिव ने सभी राज्य सरकारों से कहा है कि ऐसे मजदूरों के लिए इंतजाम किए जाएं। उनके रहने के लिए शेल्टर होम, खाने की व्यवस्था की जाए।


गुरुवार को देश में संक्रमण से सात मौतें हुईं


26 मार्च को मध्य प्रदेश के इंदौर में 65 वर्षीय बुजुर्ग, जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में 65 साल के मरीज, महाराष्ट्र के मुंबई में 65 वर्षीय बुजुर्ग, गुजरात के भावनगर में 70 साल की बुजुर्ग और राजस्थान के भीलवाड़ा में 63 और 70 साल के दो मरीजों की जान गई। इसके अलावा कर्नाटक में 75 साल की महिला की मौत हो गई।


सुरक्षा के लिए लॉक डाउन ही काफी नहीं

जिनोवा। कोरोना वायरस महामारी को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन के अध्यक्ष ट्रेड्रोस अधानम ने कहा है कि कोरोना वायरस से लडने के लिए सिर्फ लाकडाऊन ही काफ़ी नहीं ऐसा करने से इसका खात्मा नहीं होगा। ट्रेडोस ने कहा कि टेस्टिंग और ट्रीटींग को लेकर उठाये गये कदमों के बारे में सिर्फ लगाना और खुद को आइसोलेट करना ही काफी नहीं है। हम लोगों को और भी उपायों के बारे में भी गंभीरता से सोचना होगा। उन्होंने कहा कि लोगों को घरों में रहने को कहकर स्वास्थ्य प्रणाली पर सिर्फ दबाव कम हो रहा है। उन्होंने आगे यह भी कहा कि आपको दूसरा मौका मिला है। यह आप पर निर्भर करता है कि किस तरह से इसका प्रयोग करते हैं। उल्लेखनीय है कि वैश्विक स्तर पर कोरोनावायरस से मरने वालों की संख्या 4,14,179 से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं और 20, 4 40 से अधिक लोग मर चुके हैं।


वायरसः हाई रिस्क पर है 'इंडिया'

नई दिल्ली। कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए दुनिया के देश कितने गंभीर हैं और किस तरह के कदम उठा रहे हैं, इसका पता इस बात से चलता है कि देशों ने संक्रमण के शुरुआती 100 मामले आने के बाद कितनी तेजी से कदम उठाया। इस समझने के लिए कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या को दो हिस्सों में बांट लें।


पहला चरण पहला पॉजीटिव केस से 100वें मरीज तक और दूसरा 100वें मरीज से हर नए पॉजीटिव केस। इसे आधार बनाकर अगर आंकड़ों का अध्ययन करें तो स्थिति स्पष्ट हो जाती है कि किसने इस वायरस के संक्रमण को रोकने में ज्यादा सफलता हासिल की है। इससे ठीक उलट भारत समेत दो दर्जन ऐसे देश हैं जहां 100वां केस आने के बाद रोजाना संक्रमण दर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। संक्रमण का यही बढ़ता ग्राफ भारत को हाई रिस्क जोन में खड़ा करता है।जापान, कोरिया ने कर दिखाया, अब चुनौती हमारी है


उदाहरण के तौर पर अगर जापान को लें तो पहले से 100 मरीज तक यहां हर रोज संक्रमण की दर 13 फीसद रही जबकि 100वें मरीज के बाद रोजाना की संक्रमण दर घटकर 8.1 रह गई। कुछ इसी राह पर दक्षिण कोरिया और सिंगापुर भी चले। लेकिन भारत समेत 23 ऐसे देश हैं जहां तस्वीर बिल्कुल उलट दिखी। यहां 100वां पॉजीटिव केस आने के बाद संक्रमण की औसत रोजाना दर 10.8 से बढ़कर 11.8 फीसद हो गई। अमेरिका में तो यह दर दोगुनी, थाईलैंड में तीन गुनी हो गई। बढ़ते संक्रमण की दर ही 130 करोड़ की आबादी वाले अपने देश के लिए चिंता का सबब बनी हुई है।


यही वजह है कि सरकार ने देशभर में लॉकडाउन कर सामाजिक दूरी बनाने की घोषणा की है ताकि सामाजिक दूरी बढ़ाई जाए और कोरोना का संक्रमण रोका जाए। पिछले तीन दिन से जनता कफ्र्यू और लॉकडाउन का सकारात्मक असर दिखा भी है, लेकिन सुधार की अभी और बहुत गुंजाइश है। आइसीएमआर का दावा है कि अगर सामाजिक दूरी के नियमों को देशवासी मानें तो संक्रमण की दर आधी से भी कम कर दी जाएगी।


आर्थिक तबाही में आरबीआई का मिशन

कोरोना संकट: RBI की बैंकों को सलाह, EMI पर 3 महीने की दें राहत, लोन सस्‍ता


कोरोना वायरस से उपजी आर्थिक तबाही के बीच भारतीय रिजर्व बैंक भी मिशन मोड में सामने आया है 


नई दिल्‍ली। कोरोना वायरस से उपजी आर्थिक तबाही के बीच भारतीय रिजर्व बैंक भी मिशन मोड में सामने आया है। आरबीआई ने ब्‍याज दरों में भारी कटौती का ऐलान किया है। इसके साथ बैंकों को सलाह दी है कि ग्राहकों को EMI पर 3 महीने की राहत दें। 3 महीने तक ईएमआई नहीं देने पर क्रेडिट स्‍कोर (CIBIL) पर असर नहीं पड़ेगा। आरबीआई ने रेपो रेट में 0.75% की कटौती का ऐलान किया है। रिवर्स रेपो रेट में 0.90% फीसद की कटौती का ऐलान किया गया है। अब रेपो रेट घटकर 4.4% रह गई है और रिवर्स रेपो रेट घटकर 4% रह गई है. रेपो रेट घटने से EMI कम हो सकती हैं। रिवर्स रेपो रेट घटने से अर्थव्‍यवस्‍था में ज्‍यादा पैसा आएगा। इस तरह आरबीआई ने आम जनता को सहूलियत देने के लिहाज से ये घोषणाएं की हैं।


आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने प्रेस कांफ्रेंस कर इसकी घोषणा करते हुए कहा कि यदि कोरोना लंबा खिंचा तो दुनिया में मंदी आ सकती है। उस मंदी का असर भारत पर भी पड़ सकता है। भारत में कोरोना की वजह से विकास दर कम रहेगी। लिहाजा भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था पर असर पड़ेगा। अर्थव्‍यवस्‍था में इस वक्‍त अनिश्चितता का माहौल है। हालांकि तेल की गिरती कीमत से लाभ होगा।


आरबीआई गवर्नर ने कहा कि चुनौती से निपटने के लिए 3 लाख 74 हजार करोड़ की नकदी सिस्‍टम में डाली जाएगी। कैश रिजर्व रेशियो (सीआरआर) में कटौती एक साल के लिए होगी। इससे बैंकों को 1 लाख 37 हजार करोड़ रुपये मिलेगा। मौजूदा हालात में 5 प्रतिशत की विकास दर हासिल करना भी मुश्किल है. कोरोना संकट की वजह से दुनिया भर के हालात बेहद खराब है।


सरकार ने किया आर्थिक महा पैकेज का ऐलान
इससे पहले वित्‍त मंत्री ने गुरुवार को 1.70 लाख करोड़ के आर्थिक महा पैकेज का ऐलान किया था। कोरोना संकट पर वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि इस मुद्दे पर सरकार की नजर है। सरकार गरीबों के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। लिहाजा सरकार गरीबों के लिए सरकार 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपये का पैकेज देने जा रही है। ये पैसा गरीबों के सीधे अकाउंट में भेजा जाएगा। किसी भी गरीब को भूखा नहीं रहने देंगे। हर गरीब को अगले तीन महीनों तक 5 किलो अतिरिक्‍त अनाज मुफ्त से मिलेगा। यानी प्रधानमंत्री अन्‍न योजना के तहत 80 करोड़ लाभार्थियों को ये लाभ मिलेगा। ये पीडीएस के तहत मिलने वाले राशन से अतिरिक्‍त सुविधा होगी। इसके साथ ही कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे डॉक्‍टरों जैसे योद्धाओं का बीमा 50 लाख का होगा। इस तरह 20 लाख स्‍वास्‍थ्‍य कर्मचारियों को ये बीमा कवर दिया जाएगा।


1. पैकेज का बड़ा हिस्सा गरीबों के अकाउंट योजना के तहत में सीधा जमा किया जाएगा, ये प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत होगा।


2. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक डॉक्टर, सफाई कर्मचारी, नर्स, पैरामेडिकल वालों के लिए 50 लाख रुपये का बीमा भी होगा. वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर के मुताबिक करीब 20 लाख लोग इस बीमा से फायदे के दायरे में आएंगे।


3. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में 80 करोड़ लोग आएंगे. 5 किलो गेहूं, 5 किलो चावल के ऊपर अगले तीन महीने के लिए सभी को फ्री दिया जाएगा. हरके घर को 1 किलो दाल दी जाएगी।


4. किसानों को 6000 रुपये सालाना मिल रहा है उन्हें तुरंत 2000 रुपये दिए जाएं, 8.70 करोड़ किसान इसका फायदा ले सकेंगे।


5. मनरेगा में मजदूरी बढ़ाई गई है अब 182 रुपये से बढ़ाकर 202, करीब 5 करोड़ लोग फायदा लेंगे।


6. बुजुर्ग, दिव्यांग, विधवा को 1000 रुपये अलग से मिलेगा. 3 करोड़ लोगों को फायदा मिलेगा।


7. अगले तीन महीने तक 20 करोड़ महिलाओं को जन-धन खाते के माध्यम से 500 रुपये हर महीने मिलेंगे।


8. 8 करोड़ महिलाओं को रसोई गैस मिल चुकी है, अगले तीन महीने उन्हें मुफ्त में रसोई गैस मिलेंगे. महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप 63 लाख है देश में, उन्हें अब 10 लाख का लोन और मिलेगा यानि अब वो कुल 20 लाख का लोन ले सकती हैं, 7 करोड़ परिवार को इससे फायदा होगा।


9. पीएफ वालों के लिए सरकार इंप्लायी और इंप्लायर का हिस्सा खुद जमा करेगी. 12%, 12% के हिसाब से ये 24% होगा, अगले तीन महीने सरकार भरेगी


10. पीएफ वाली इस योजना का फायदा केवल उनको मिलेगा जहां 100 से कम इंप्लायी वाली कंपनी है और 90% इंप्लायी की 15000 रुपये से कम की सैलरी होगी, 4 लाख कंपनियां इसके दायरे में आएंगी। कर्मचारी 75% ईपीएफ पैसा निकाल सकेंगे।


डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड जो राज्य सरकारों के पास है इसका उपयोग करने की सलाह केंद्र ने राज्यों को दी है। कोरोना से लड़ने के लिए हेल्थ पर खर्च करने की सलाह दी है। सरकार के मुताबिक ये पैकेज में बताई सभी घोषणा 1 अप्रैल से लागू हो जाएंगी। सरकार ने साफ किया कि हमारा मकसद गरीब तक पहुंचना है इसलिए होम-लोन ले रखे ग्राहकों के लिए कोई घोषणा नहीं कर रहे हैं। वहीं पैकेज को पहुंचाने के लिए बैंक काम करते रहेंगे।



27 वर्ष बाद दुष्कर्मी को 10 साल की सजा

27 वर्ष बाद दुष्कर्मी को 10 साल की सजा  गणेश साहू  कौशाम्बी। सैनी कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में खेत से लौट रही बालिका के साथ 27 वर्ष पहले स...