शुक्रवार, 27 मार्च 2020

घुमंतु परिवार की विधायक से गुहार


अतुल त्यागी
ब्यूरो चीफ रिंकू सैनी/मुकेश सैनी            


खाने की गुहार लगाने विधायक के निवास पहुंची घुमन्तु परिवार 


हापुड़। जनपद हापुड़ से मेरठ रोड पर सैकड़ों की तादाद में रह रहे घुमन्तु परिवारों ने आज विधायक निवास की तरफ रुख किया। उनका कहना था कि परिवार में खाने के लिए कुछ भी नहीं है। ऐसे में थाना हापुड़ देहात प्रभारी राजेश भारती,उप निरीक्षक सुमित तोमर अपनी टीम के साथ वहां पहुंचे और उन्होंने लोगों को समझाया कि आप लोग अपने निवास पर जाएं सरकार द्वारा खाने की व्यवस्था की जा रही है। जल्द ही आपके घरों तक खाने के पैकेट व अन्य सामग्री भेज दी जाएगी। अनावश्यक रूप से कोई भी अपने घर से बाहर ना निकले क्योंकि कोरोना वायरस एक घातक वायरस है जिसकी चपेट में आने पर जान माल का अत्यधिक नुकसान हो सकता है इसलिए सावधान रहें और उचित दूरी बनाकर रखें कोरोना वायरस एक दूसरे के संपर्क में आने से अत्याधिक फेलता है। इसलिए कहीं भी भीड ना करें वरना शासन प्रशासन को सख्ती बरतनी पड़ेगी। कुछ देर बाद ही भीमनगर की 25 से 30 महिलाएं भी विधायक निवास पर पहुंची और कहने लगी की हमारे बच्चे सुबह से भूखे उन्हें खाने की व्यवस्था कराई जाये और हमारा रासन कार्ड भी नही है हमने अनेकों बार अधिकारियों के चक्कर लगाये लेकिन हमारा आज तक रासन कार्ड भी नही बना है। हमारा रासन कार्ड बनबा दिया जाये ताकि जो सरकार की तरफ से खादय सामाग्रियों का वितरण होने वाला है वह सुविधा हमें मिल जाये और हमारे बच्चों को खाने की व्यवस्था हो सके विधायक अपने निवास स्थान पर नही मिले तो निराश होकर महिलाएं अपने घर वापस लोट गयी।


ब्रेन हेमरेज से जवान की मौत, कोहराम


अतुल त्यागी (जिला प्रभारी)
39 वर्षिय एक जवान की ब्रैन हैमरेज से मौत अति दुर्गम इलाका लद्दाक में बर्फ बारी से हुआ ब्रैन हैमरेज।


गांव में सन्नाटा तो परिवार में कोहराम 


हापुड। जनपद के गढमुक्तेश्वर के सेहल गांव निवासी भूपेंद्र चौधरी 39 इंडियन तिब्बत बौर्डर फोर्श में 2002 में भर्ती हुये थे। जो वर्तमान में लद्दाख में तैनात थे दो दिन पहले ड्युटि के दौरान अति दुर्गम क्षेत्र में ज्यादा बर्फबारी के चलते ब्लडप्रेशर डाउन हुआ और ब्रेन हैमरैज हो गया।आनन फानन में भूपेंद्र को एअर इंडि विमान से चंडीगढ लाया गया और पी जी आई अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां चिकित्सकों का अथक प्रयाश भी उन्हें बचा न सका और अंतिम सांस ली।
सेना ने जहां एक जवान खोया वहीं सैनिक की पत्नि बीना के पति की मौत की खबर सुनते ही बेहोश हो गयी। 


सैनिक गार्द की एक बडी टीम सैनिक भूपेन्द्र चौधरी के शव  को बुद्धवार को उनके पैत्रक गांव सेहल लेकर पहुंची और सैनिक सम्मान के साथ शहीद को देर शाम अंतिम विदाई देकर  अंतिम संस्कार गांव में ही किया गया।भूपेन्द्र चौधरी अपने पीछे पत्नि बीना के दो बेटी तनु,दीपांशी और एक बेटा वंश छोड गये हैं।सैनिक भूपेंद्र चौदरी को  उनके बडे भाई चौधरी गजेंद्र  सिंह नम आंखौं से मुखाग्नि देकर अंतिम विदाई दी। वहीं परिवार के बडे और पू्र्व सैनिक जो आई टी बी पी में ही डिप्टी कमांडेंट से सेवानिवृत हुये  चौधरी जोगिन्द्र सिंह का कहना है कि सैनिक भूपेंद्र सिंह.की पत्नी की हालत बोल पाने की स्थिति में नहीं है।  भाई की मौत से परिवार को बडा दुख है पर हमने अपना भाई देश सेवा में खोया है इसका हमें फक्र है।


भूपैंन्द चौधरी की मौत की खबर सुनने के बाद पूर्व सैनिक और भाकियू के राष्ट्रीय सचिव चौधरी सतबीर सिंह,  भाकियू के मंडल प्रवक्ता चौधरी दिनेश खेडा, पूर्व सैनिक और भाजपा के बहादुर मंडल अध्यक्ष दिनेश तोमर शोक व्यक्त किया।


या देवी सर्वभूतेषु मां कूष्मांडा रुपेण

जब सृष्टि का अस्तित्व नहीं था, तब इन्हीं देवी ने ब्रह्मांड की रचना की थी। अतः ये ही सृष्टि की आदि-स्वरूपा, आदिशक्ति हैं। इनका निवास सूर्यमंडल के भीतर के लोक में है। वहाँ निवास कर सकने की क्षमता और शक्ति केवल इन्हीं में है। इनके शरीर की कांति और प्रभा भी सूर्य के समान ही दैदीप्यमान हैं।


इनके तेज और प्रकाश से दसों दिशाएँ प्रकाशित हो रही हैं। ब्रह्मांड की सभी वस्तुओं और प्राणियों में अवस्थित तेज इन्हीं की छाया है। माँ की आठ भुजाएँ हैं। अतः ये अष्टभुजा देवी के नाम से भी विख्यात हैं। इनके सात हाथों में क्रमशः कमंडल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा है। आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली जपमाला है। इनका वाहन सिंह है।


सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥
महिमाः माँ कूष्माण्डा की उपासना से भक्तों के समस्त रोग-शोक मिट जाते हैं। इनकी भक्ति से आयु, यश, बल और आरोग्य की वृद्धि होती है। माँ कूष्माण्डा अत्यल्प सेवा और भक्ति से प्रसन्न होने वाली हैं। यदि मनुष्य सच्चे हृदय से इनका शरणागत बन जाए तो फिर उसे अत्यन्त सुगमता से परम पद की प्राप्ति हो सकती है।


विधि-विधान से माँ के भक्ति-मार्ग पर कुछ ही कदम आगे बढ़ने पर भक्त साधक को उनकी कृपा का सूक्ष्म अनुभव होने लगता है। यह दुःख स्वरूप संसार उसके लिए अत्यंत सुखद और सुगम बन जाता है। माँ की उपासना मनुष्य को सहज भाव से भवसागर से पार उतारने के लिए सर्वाधिक सुगम और श्रेयस्कर मार्ग है।


माँ कूष्माण्डा की उपासना मनुष्य को आधियों-व्याधियों से सर्वथा विमुक्त करके उसे सुख, समृद्धि और उन्नति की ओर ले जाने वाली है। अतः अपनी लौकिक, पारलौकिक उन्नति चाहने वालों को इनकी उपासना में सदैव तत्पर रहना चाहिए।


उपासनाः चतुर्थी के दिन माँ कूष्मांडा की आराधना की जाती है। इनकी उपासना से सिद्धियों में निधियों को प्राप्त कर समस्त रोग-शोक दूर होकर आयु-यश में वृद्धि होती है। प्रत्येक सर्वसाधारण के लिए आराधना योग्य यह श्लोक सरल और स्पष्ट है। माँ जगदम्बे की भक्ति पाने के लिए इसे कंठस्थ कर नवरात्रि में चतुर्थ दिन इसका जाप करना चाहिए।


या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।'
अर्थ : हे माँ! सर्वत्र विराजमान और कूष्माण्डा के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ। हे माँ, मुझे सब पापों से मुक्ति प्रदान करें।


अपनी मंद, हल्की हँसी द्वारा अंड अर्थात ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इन्हें कूष्माण्डा देवी के रूप में पूजा जाता है। संस्कृत भाषा में कूष्माण्डा को कुम्हड़ कहते हैं। बलियों में कुम्हड़े की बलि इन्हें सर्वाधिक प्रिय है। इस कारण से भी माँ कूष्माण्डा कहलाती हैं।


अपीलः शार्प शूटर हूं, टपका दूंगा

उज्जैन। दो दिन में कोरोनावायरस के 6 मामले सामने आने के बाद हालात चिंताजनक हो गए हैं। इसके बावजूद लोग टोटल लॉक-डाउन के दौरान डिस्टेंस मेंटेन नहीं कर रहे हैं। नाराज महिदपुर टीआई संजय वर्मा ने व्हाट्सएप पर एक मैसेज दे दिया, कहा कि यदि लोगों ने डिस्टेंस मेंटेन नहीं किया तो मैं एक शार्प शूटर हूं। सात सेकेंड में टपका दूँगा। खबर एसपी सचिन अतुलकर पहुँची उन्होंने तत्काल एक्शन लेते हुए टीआई को लाइन अटैच कर दिया है।


क्या है पूरा मामला..................


प्राप्त जानकारी के अनुसार,कोरोना वायरस से बचाव के लिए उज्जैन में एक टीआई ने सोशल मीडिया पर लोगों को खुली धमकी दे दी। बात सिर्फ इतनी थी कि कहीं भी भीड़ इकट्टा ना करें लेकिन पोस्ट में टीआई ने जिस भाषा और धमकी का इस्तेमाल किया उसके कारण एसपी ने उन्हें फौरन सस्पेंड कर दिया।
कोरोना वायरस से बचाव के लिए अपील के साथ सख्ती बरती जा रही है। लेकिन उज्जैन के महिदपुर टीआई संजय वर्मा ने सोशल मीडिया पर लोगों को धमकी दे डाली। टीआई वर्मा ने अपने मोबाइल फोन से बीती रात एक मीडिया चैनल के व्हाट्सएप ग्रुप पर तीन पोस्ट डाले। पोस्ट में टीआई ने लिखा कि आप डिस्टेंस नहीं रखेंगे तो हम इलाज करेंगे। आप लोग मान जाओ नहीं तो मैं एक स्नैप शूटर हूं। इसके बाद टीआई संजय वर्मा ने यह भी लिखा कि मैं सिल्वर मैडिलिस्ट हूं। सात सेकेंड में टपका दूंगा, आप लोग मुझे याद रखोगे। सोशल मीडिया पर तीन पोस्ट के बाद टीआई संजय वर्मा ने इन्हें दूसरे ग्रुप में पोस्ट करने की अपील की। लोगों ने ये पोस्ट टीआई के नाम से दूसरे ग्रुप में फॉरवर्ड भी कर दीं। इस पर लोगों ने कमेंट भी किए।


रामानंद कृत रामायण का पुनः प्रसारण

मुंबई। रामानंद सागर की रामाणय को पसंद करने वाले दर्शकों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। जनता की मांग पर शनिवार 28 मार्च से ‘रामायण’ का प्रसारण पुनः दूरदर्शन के नेशनल चैनल पर शुरू होगा।  पहला एपिसोड सुबह 9.00 बजे और दूसरा एपिसोड रात 9.00 बजे प्रसारित होगा ।


केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने खुद इस बात की जानकारी सोशल मीडिया पर दी है। बता दें कि पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर रामानंद सागर की रामायण और बीआर चोपड़ा की महाभारत को फिर से टेलिकास्ट करने की मांग की जा रही थी। ऐसे में उन सभी की इस मांग को पूरा करते हुए फिलहाल रामायण का प्रसारण दोबारा से शुरू कर दिया गया है।


रामानंद सागर की रामायण का प्रसारण साल 1987 में पहली बार दूरदर्शन पर हुआ था। वहीं बीआर चोपड़ा की महाभारत का प्रसारण भी साल 1988 में पहली बार दूरदर्शन पर हुआ था।  रामायण और महाभारत को लोग इतने चाव से देखते थे कि सड़कों पर एक दम सन्नाटा होता था। इन धार्मिक कार्यक्रमों के प्रसारण के वक्त बाहर सड़कों का माहौल एक दम कर्फ्यू की तरह ही होता था।


1987-88 में रामायण और महाभारत को लोग बड़े ही चाव से देखते थे। कहा जाता है कि उस दौर में अफसर से लेकर नेता तक किसी से मिलना तो क्या किसी का फोन भी उठाना पसंद नहीं करते थे। 78 एपिसोड वाले रामायण का प्रसारण जब होता था तो देश की सड़कों और गलियों में कर्फ्यू जैसा सन्नाटा छा जाता था। भारत के तमाम शहरों और गांवों में रामायण के टेलीकास्ट के समय लोग अगरबत्ती जलाकर बैठा करते थे। चप्पलें कमरे के बाहर उतार दी जाती थीं।


गौरतलब है कि रामायण में भगवान राम का किरदार अरुण गोविल ने निभाया था। वहीं सीता का किरदार निभाने वाली दीपिका चिखलिया को आज भी सीता के रूप में ही याद किया जाता है। इसके साथ ही दारा सिंह ने हनुमान का रोल निभाया था। वहीं रावण का रोल निभाकर अरविंद त्रिवेदी ने खासी लोकप्रियता बटोरी थी।


आइसोलेशन वार्ड में तब्दील करेंगे कोच

नई दिल्ली। रेलवे जरूरत पड़ने पर कोच फैक्ट्रियों में मेडिकल उपकरण बना सकता है। रेलवे ने सैनिटाइजर और मास्क बनाने की शुरुआत कर दी है। इसके अलावा कोचों को आइसोलेशन वार्ड में भी तब्दील किया जा सकता है। मैकेनिकल और मेडिकल की टीम इस विकल्प पर मीटिंग भी कर रही है।


पीएम ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कोरोना को विश्व युद्ध से भी खतरनाक बताया था। रेलवे ने इसी आधार पर तैयारी शुरू कर दी है। रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि दूसरे विश्व युद्ध के दौरान रेलवे के वर्कशॉप में एंबुलेंस, बख्तरबंद गाड़ियों के निर्माण से लेकर एयरक्राफ्ट की मरम्मत तक हुई थी। मौजदा समय में कोच फैक्ट्रियों में रेल से जुड़ा सभी तरह का प्रोडक्शन बंद कर दिया गया है। इसलिए कोच फैक्ट्रियों में बेड, रैक, स्टैंड, मेज, कुर्सी बनाए जा सकते हैं। रेलवे बोर्ड ने इसके संबंध में रिपोर्ट भी मांगी है।


रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि जरूरत पड़ने पर रेलवे कोचों को आइसोलेशन वॉर्ड में भी बदला जा सकता है। कोचों को मोबाइल अस्पताल में पहले भी बदल चुका है। एक कोच में चार टॉयलेट होते हैं, इसलिए 2 से 4 आइसोलेशन वार्ड बनाए जा सकते हैं। अधिकारियों का कहना है कि हर तरह के विकल्प पर विचार किया जा रहा है। स्थितियों को देखते हुए फैसला लिया जाएगा।


भारतीय सेना का 'ऑपरेशन नमस्ते'

नई दिल्ली। देश पर जब-जब भी संकट आया है, सेना ने सबसे आगे आकर मोर्चा संभाला है और हर संकट से मुक्ति दिलाने में अपनी प्रभावी भूमिका निभाई है। आज जब देश के सामने कोरोना वायरस के महा-संकट से पार पाने की गंभीर चुनौती है तो आर्मी फिर से मोर्चे पर तैनात हो गई है। भारतीय सेना ने कोरोना के खिलाफ ‘ऑपरेशन नमस्ते’ छेड़ दिया है।


आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने ऑपरेशन नमस्ते के बारे में बताते हुए कहा, ‘छुट्टी पर पाबंदी लगाई गई है। 2001 में ऑपरेशन पराक्रम के दौरान 8-10 महीने में कोई छुट्टी पर नहीं गया था। पराक्रम में भी हम विजयी निकले हैं, ऑपरेशन नमस्ते में भी कामयाब रहेंगे।’ आर्मी चीफ के मुताबिक भारतीय सेना की आंतरिक खूबी है कि हम अपने सांगठनिक ढांचे और ट्रेनिंग की बदौलत तरह-तरह की आपातकालीन परिस्थितियों से उबल जाते हैं। हम कोविड-19 से निपटने में भी अपनी इसी क्षमता का इस्तेमाल करेंगे।


उन्होंने कहा, ‘कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में सरकार और सामान्य प्रशासन की मदद करना हमारा दायित्व है। बतौर आर्मी चीफ सैन्य बलों को चुस्त-दुरुस्त रखना मेरी जिम्मेदारी है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘देश की रक्षा के लिए हमें खुद को सेफ और फिट रखना काफी महत्वपूर्ण है। इसे ध्यान में रखते हुए हमने पिछले कुछ हफ्तों में 2-3 अडवाइजरी जारी की है।’ आर्मी चीफ ने कहा कि सेना ने पहले भी सभी अभियानों में सफलता पाई थी और ऑपरेशन नमस्ते को भी सफलतापूर्वक अंजाम देगी। सेना की ओर से देशभर में अब तक आठ क्वारेंटाइन सेंटर्स स्थापित किए जा चुके हैं।


सेना की ओर से हेल्प लाइन नंबर भी जारी किया गया है। इसके लिए सेना के साउर्थन कमांड, ईस्टर्न कमांड, वेस्टर्न कमांड, सेंट्रल कमांड, नॉदर्न कमांड, साउथ वेस्टर्न कमांड और दिल्ली हेडक्वॉर्टर में कोरोना हेल्प लाइन सेंटर्स बनाए गए हैं। इसके जरिए कोरोना वायरस की चपेट में आए लोगों की मदद की जाएगी। साथ ही, आम नागरिकों को इस संकट से जुड़ी जानकारियां भी दी जाएंगी। निगरानी और आइसोलेशन की क्षमता बढ़ाई जा रही है।


सभी आर्मी हॉस्पिटलों को छह घंटों की सूचना पर सिर्फ कोविड-19 मरीजों के लिए 45 बेड का आइसोलेशन वार्ड और 10 बेड का आइसीयू वॉर्ड तैयार करने का निर्देश दिया गया है। जिन इलाकों में कोरोना का असर ज्यादा है, वहां के 30 प्रतिशत फिल्ड हॉस्पिटलों को स्टैंडबाय मोड में रखा गया है। क्विक रिएक्शन मेडिकल टीमें गठित होंगी जो सूचना मिलने के छह घंटे के अंदर मरीज को अस्पतालों में पहुंचाने को तैयारी कर लेगी।


दिसंबर 2001 में संसद पर हमले में पाकिस्तान के हाथ होने के कुछ अहम सबूत मिले तो भारत ने उसके खिला ऑपरेशन पराक्रम चलाया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने सेना को सीमा की ओर कूच करने का आदेश दिया था और दिसंबर 2001 से जून 2002 तक भारत और पाकिस्तान दोनों देशों की सेना धीरे-धीरे नियंत्रण रेखा (एलओसी) की ओर बढ़ती रही। इसका असर यह हुआ कि पाकिस्तानी सेना ने दबाव में आकर आतंकवादी समूहों को समर्थन देना बंद कर दिया। आर्मी चीफ नरवणे ने इसी का उदाहरण देते हुए बताया कि तब भी सेना के जवान लंबे वक्त तक छुट्टियों पर नहीं गए थे।


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...