मंगलवार, 24 मार्च 2020

प्रशासनिक ढील से नाराज हुए मोदी

नई दिल्ली। देश के जिस शहर में कोरोना वायरस के मरीज मिले हैं केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों ने वहां लॉकडाउन का ऐलान किया है। इसके बाद भी कई जगह देखने को मिल रहा है कि लोग घरों से निकल रहे हैं। इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नाराजगी व्यक्त की है। पीएम मोदी ने सोमवार को ट्वीट करके कहा है कि लॉकडाउन को अभी भी कई लोग गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।


कृपया करके अपने आप को बचाएं, अपने परिवार को बचाएं, निर्देशों का गंभीरता से पालन करें। राज्य सरकारों से मेरा अनुरोध है कि वो नियमों और कानूनों का पालन करवाएं। वहीं कोरोना वायरस के खिलाफ जंग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर ‘जनता कर्फ्यू’ को रविवार को अभूतपूर्व समर्थन मिला। लेकिन मोदी ने कहा कि ‘जनता कर्फ्यू’ एक लंबी लड़ाई की शुरुआत मात्र है।कोविड-19 संकट के दौरान भी दिन-रात काम करने वालों के प्रति आभार प्रकट करते हुए मोदी ने ट्विटर के जरिये संदेश दिया कि कर्फ्यू रविवार रात 9 बजे खत्म हो जाएगा, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम उत्सव मनाना शुरू कर दें। लोग इसको सफलता ना मानें, यह एक लंबी लड़ाई की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि देशवासियों ने यह साबित कर दिया है कि हम ठान लें तो बड़ी से बड़ी चुनौती को एकजुट होकर हरा सकते हैं। खुद प्रधानमंत्री मोदी ने माना कि जनता कर्फ्यू को जोरदार समर्थन मिला। यही वजह है कि उन्होंने ‘जनता कर्फ्यू’ में भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करने वालों के प्रति भी आभार जताया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘जनता कर्फ्यू’ को लेकर हर कोई अपनी-अपनी तरह से योगदान देने में जुटा रहा। इससे पहले उन्होंने लोगों से अपील की थी कि-जनता कर्फ्यू में परिवार के साथ अच्छा समय बिताएं, टेलीविजन देखें और पौष्टिक भोजन करें। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक लोगों ने जनता कर्फ्यू का पालन किया। हर राज्य, शहर, कस्बे में पूरी तरह सन्नाटा छाया रहा और सड़कें सूनी दिखीं। प्रधानमंत्री मोदी की बातों का पालन करते हुए लोग सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक घरों से बाहर नहीं निकले। केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा जारी किए जा रहे निर्देशों का जरूर पालन करें, जिन जिलों और राज्यों में लॉकडाउन की घोषणा हुई है वहां घरों से बिल्कुल बाहर ना निकलें। इसके अलावा बाकी हिस्सों में भी जब तक बहुत जरूरी ना हो, तब तक घरों से बाहर ना निकलें। इससे पहले प्रधानमंत्री ने लोगों को रविवार की शाम 5 बजे पांच मिनट तक अपनी खिड़की, बालकनी से ताली, घंटी-थाली बजाने की याद दिलाई थी। प्रधानमंत्री ने देश की कई लोकप्रिय हस्तियों के योगदान की सराहना की। मोदी ने एक अन्य ट्वीट में लोक गायिका मालिनी अवस्थी को टैग करके लिखा-जनता कर्फ्यू को लेकर लोक गायिका मालिनी अवस्थी जी अपने अंदाज में लोगों को प्रेरित कर रही हैं। मालिनी अवस्थी ने ट्वीट किया था कि-डरना नहीं, मुस्कराना है, मिलकर इसे अब हराना है। एक अन्य ट्वीट में मोदी ने लोक गायक प्रीतम भरतवाण जी के गीत का वीडियो जारी किया। प्रधानमंत्री मोदी ने धुरंधर गीतकार प्रसून जोशी, अभिनेता आमिर खान और अभिनेत्री दीपिका पादुकोण को टैग करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गणमान्य लोग कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में रविवार को घर में रहने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने मोहनदास पई के संदेश को टैग करते हुए ट्वीट किया- यह समय सामाजिक दूरी बनाने का है, डिजिटल भुगतान इस दिशा में आपको मदद करेगा। इससे पहले मोहनदास पई ने अपने ट्वीट में डिजिटल भुगतान पर जोर देते हुए कहा था कि-सुरक्षित रहें, सुरक्षित भुगतान करें। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारा संयम और संकल्प इस महामारी को परास्त करके रहेगा। इससे पहले प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया था कि- जनता कर्फ्यू शुरू हो रहा है, मेरी विनती है कि सभी नागरिक इस देशव्यापी अभियान का हिस्सा बनें और कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को सफल बनाएं, हमारा संयम और संकल्प इस महामारी को परास्त करके रहेगा। इसके पहले गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को सफल बनाने के लिए लोगों से रविवार को जनता कर्फ्यू का हिस्सा बनने का अनुरोध किया था।


चीकू और खरसिया 'स्वाध्याय'

(वरिष्ठ पत्रकार श्री प्राण चड्डा जी की कलम से)


गरीब का चीकू और खरसिया
(अतीत के झरोखे से)
 जंगल मे तेंदू को पेड़ पर फला देख, मैं सन 1988 पर जा पहुंचा...आदमी का दिमाग भी क़ुदरत ने किसी टाइम मशीन सा जो बनाया है। ये वक्त था,खरसिया उपचुनाव का... और राजनीति के तब के चाणक्य वह मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रीअर्जुन सिंह जी के लिये इसे जीतना जरूरी था। मुकाबले में उनके सामने थे, जशपुर कुमार... दिलीप सिंह जूदेव, युवा तुर्क,और उनका साथ दे रहे थे, भाजपा के नेता लखीराम जी अग्रवाल, इस समय नवभारत के लिए मैं काम करता.. रूद्र अवस्थी, और मै इस चुनावी महासंग्राम को कवर करने के लिए,रोज सुबह बिलासपुर से खरसिया ट्रेन में जाते। तब रायगढ़ में अनुपम दास गुप्ता, और महाबीर बेरीवाल नवभारत का काम देखा करते थे।
युवा जोश और अनुभव की इस युगलबंदी को भेदने में अर्जुन सिंह जी के पसीने छूट गए, पर अंततः वो विजयी रहे। गजब तो ये हुआ कि सम्मान पूर्वक पराजय के बाद जूदेव का जुलूस निकाला गया और अर्जुन सिंह, बिलासपुर पहुंच गए। लखीरामजी तेंदूपत्ता व्यवसाय से जुड़े थे। अर्जुन सिंह जी ने बिलासपुर में  वरिष्ठ पत्रकार रामगोपाल श्रीवास्तव जी के एक सवाल के जवाब में पत्रकार वार्ता के दौरान, तेंदूपत्ता को निजी हाथ से लेकर सहकारिता के क्षेत्र में लाने का संकेत दे दिया।।
बस फिर तेंदूपत्ते का तूफान राजनीति में जो चला क़ि पूरा  प्रशासन  कथित तेंदूपत्ता लाबी को जंगल से बाहर करने में जुट गया।सरकारी जीपों पर लिखा होता, 'तेंदूपत्ता तत्काल"... तेंदूपत्ता तोड़ने वाले ग्रामीण मज़दूरों को मालिक बनाने का दावा किया गया। तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य को दिखने पत्रकारों कों जंगल तक ले जाया जाने लगा।।
ऐसे ही एक टूर में कलेक्टर के साथ पत्रकारों के दल में मैं भी साथ था, छपरवा डाकबंगले के गेट के पास तेंदू फला था। कुछ तेंदू गिरे थे, शशि कोन्हर के हाथ तेंदू देख कलेक्टर ने पूछा क्या है..?शायद वो नही जानते होंगे, पर दबंग पत्रकार शशि कोन्हेर ने उनके सवाल का जवाब कुछ इस तरह दिया, 'काश हम भी साहब होते और दूसरों से पूछते ये क्या फल है..? मेरे एक मित्र तेंदूपत्ता व्यवसाय से करोड़पति बन गए, पर तेन्दू के बड़े पेड़ पर लगे कच्चे फल को पहचान नहीं सके। उनका काम था, तेन्दू के छोटे पत्ते को संग्रहण करके बीड़ी पत्ते के व्यपारियों को बेचना।
    अब बात को वर्षो हो गए, शिवतराई में पेड़ में तेंदू फला दिखा, शशि जी का जवाब याद आ गया। 
तेंदू छत्तीसगढ़ के गरीब का चीकू है, उसे राह में बिकते दिखा, मात्र बीस रुपये किलो।। आज तेंदू पत्ते का तूफान खत्म हो गया, मजदूर हर साल तेंदू पत्ते का बोनस पाते गये, पर उनके हालात अब तक नहीं बदले। वो साल में एक बार बोनस जरूर पाते रहे  हैं,पर इसके बावजूद वो अभी भी मालिक नहीं,वरन मज़दूर ही बने हुए हैं।


यूपी में 27 तक लॉक डाउनः योगी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने 25 मार्च से 27 मार्च तक पूरे राज्य को लॉकडाउन कर दिया है। कोरोना वायरस के बढ़ते कहर को देखते हुए इसके दौरान उत्तर प्रदेश की सारी सीमाएं सील होंगी। सीएम ने राज्य के लोगों से लॉकडाउन का सहयोग करने को कहा है।


इसके अलावा योगी आदित्यनाथ ने राज्यो में एयर, मेट्रो सब बंद रखना का आदेश दिया है। सीएम ने दूसरे राज्यों और शहरों से बसों के आवागमन को भी बंद किया है। लाकडाउन के दौरान सभी जरूरी वस्तुएं उपलब्ध कराई जाएगी। इसलिए ज्यादा सामानों की खरीदारी न करें। कालाबाजारी करने वालों पर एस्मा की कार्रवाई की जाएगीकिसी भी हाल में खाद्य एवं दवा सामग्री की कमी प्रदेश में नही आने दी जाएगी। सभी जरूरी सेवाएं सुचारू रखी जाएंगी। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर कर्फ्यू भी लगाया जा सकता है।इससे पहले जनता कर्फ्यू के दिन सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी के 16 जिलों में 25 मार्च तक लॉकडाउन किया था।सीएम योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि घबराहट पैदा करने की आवश्यकता नहीं है। कृपया मास्क के अनावश्यक उपयोग से बचें, हर किसी को मास्क की आवश्यकता नहीं है। अनावश्यक मास्क का उपयोग करके, हम तनाव बढ़ा रहे हैं। कल कोरोना वायरस के रोगियों के लिए कुछ एंटी-मलेरिया दवाओं को निर्धारित किया गया था, लेकिन मुझे पता चला है कि अचानक यह दवा बाजार से गायब है। उत्तर प्रदेश में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़कर हुई 34
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस बड़े शहरों तक सीमित न रहकर पीलीभीत, कैराना व जौनपुर जैसे छोटे शहरों में भी पहुंच रहा है। सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण के चार नए मामले सामने आए जबकि मंगलवार कैराना में कोरोना का नया मामला सामने आया। इस तरह प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की संख्या 34 हो गई है।


चीन में एक और नया वायरस 'हंता'

बीजिंग। कोरोना वायरस की मार से जूझ रहे चीन के युन्नान प्रांत में एक व्‍यक्ति की सोमवार को हंता वायरस से मौत हो गई। पीड़‍ित व्‍यक्ति काम करने के लिए बस से शाडोंग प्रांत लौट रहा था। उसे हंता वायरस से पॉजिटिव पाया गया था। बस में सवार 32 अन्‍य लोगों की भी जांच की गई है। चीन के सरकारी समाचार पत्र ग्‍लोबल टाइम्‍स के इस घटना की जानकारी देने के बाद सोशल मीडिया पर बवाल मच गया है।


बड़ी संख्‍या में लोग ट्वीट करके यह डर जता रहे हैं कि यह कहीं कोरोना वायरस की तरह से ही महामारी न बन जाए। लोग कह रहे हैं कि अगर चीन के लोग जानवरों को जिंदा खाना बंद नहीं करेंगे तो यह होता रहेगा। शिवम लिखते हैं, ‘चीनी लोग अब एक और महामारी की परियोजना पर काम कर रहे हैं। यह हंता वायरस चूहे खाने से होता है।’ 


जानें, क्‍या है हंता वायरसः विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना वायरस की तरह से हंता वायरस घातक नहीं है। कोरोना के व‍िपरीत यह हवा के रास्‍ते नहीं फैलता है। यह चूहे या गिलहरी के संपर्क में इंसान के आने से फैलता है। सेंटर फॉर डिजिज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, ‘चूहों के घर के अंदर और बाहर करने से हंता वायरस के संक्रमण का खतरा रहता है। यहां तक कि अगर कोई स्‍वस्‍थ व्‍यक्ति भी है और वह हंता वायरस के संपर्क में आता है तो उसके संक्रमित होने का खतरा रहता है।’ 


टॉप 3 में ट्रेंड हुआ हंता वायरसः हालांकि हंता वायरस एक व्‍यक्ति से दूसरे व्‍यक्ति में नहीं जाता है लेकिन यदि कोई व्‍यक्ति चूहों के मल, पेशाब आदि को छूने के बाद अपनी आंख, नाक और मुंह को छूता है तो उसके हंता वायरस से संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है। इस वायरस से संक्रमित होने पर इंसान को बुखार, सिर दर्द, शरीर में दर्द, पेट में दर्द, उल्‍टी, डायरिया आदि हो जाता है। अगर इलाज में देरी होती है तो संक्रमित इंसान के फेफड़े में पानी भी भर जाता है, उसे सांस लेने में परेशानी होती है। 


हंता वायरस जानलेवा हैः सीडीसी के मुताबिक हंता वायरस जानलेवा है। इससे संक्रमित व्‍यक्तियों के मरने का आंकड़ा 38 प्रतिशत है। चीन में हंता वायरस का यह मामला ऐसे समय पर आया है जब पूरी दुनिया वुहान से निकले कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रही है। कोरोना वायरस से अब तक 16 हजार 500 लोगों की मौत हो गई है। यही नहीं अब तक दुनिया के 382,824 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। कोरोना वायरस की व्‍यापकता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह वायरस अब 196 देशों में फैल चुका है।


सरसराहटः महारानी तक पहुंचा वायरस

लदंन। बकिंघम पैलेस ने इन खबरों पर टिप्पणी करने से इनकार किया है लेकिन कहा कि वह कोविड-19 महामारी के मद्देनजर जारी परामर्श में बताए गए सभी ऐहतियाती कदम उठा रहा है। हालांकि रिपोर्ट में महारानी की तबीयत सही होने की बात कही गई है।


महारानी को एहतियात के तौर पर विंडसर कैसल में अनिश्चितकाल के लिए ले जाया गया है और उनके आगे के सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं। ब्रिटेन की मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह पता नहीं है कि महल में स्टाफ महारानी के कितना करीब था, लेकिन महल में जिन-जिन सहयोगियों के संपर्क में वह आया है, उन सबको अलग-थलग (आइसोलेट) कर दिया गया है। समाचार पत्र द सन ने एक रिपोर्ट में लिखा है, महारानी के विंडसर पैलेस जाने से पहले उनके सहयोगी का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव पाया गया है। महल में 500 लोगों का स्टाफ हैं इसलिए माना जा रहा है कि किसी न किसी स्टेज पर लोग जरूर प्रभावित हुए होंगे। अभी तक इस स्टाफ की पहचान जाहिर नहीं की गई है और माना जा रहा है कि वह इस वायरस से पिछले हफ्ते के शुरू में संक्रमित पाया गया था। बकिंघम पैलेस ने इन खबरों पर टिप्पणी करने से इनकार किया है लेकिन कहा कि वह कोविड-19 महामारी के मद्देनजर जारी परामर्श में बताए गए सभी एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं।


एक वर्ष के लिए टल सकता है आईपीएल

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए आईपीएल 2020 का होना मुश्किल नजर आ रहा है। हालांकि, इसको लेकर कई तरह के अपडेट आ रहे हैं। देश में तेजी से फैरही इस महामारी ने आईपीएल के 13वें सीजन पर ग्रहण लगा दिया है। इस खतरनाक वायरस की वजह से इसे पहले से ही 15 अप्रैल तक के लिए टाल दिया गया है, जबकि इसकी शुरुआत 29 से ही होनी थी। उस बीच खबर ये भी आई थी कि अगर 10 अप्रैल तक ये बात साफ नहीं हो जाती की 15 अप्रैल से आईपीएल का शुरू होना पक्का है, तो इसे अगले साल के लिए भी टाला जा सकता है।


मगर इस बीच जो फैंस के लिए अच्छी खबर आ रही है वो ये है कि अगर अप्रैल के आखिरी तक इस वायरस की स्थिति नियंत्रण में होती है तो फिर मई के पहले हफ्ते में आइपीएल 2020 की शुरुआत हो सकती है। मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक, बीसीसीआई के अधिकारी ने कहा है कि मौजूदा समय में आइपीएल के बारे में सोचना काफी कठिन है, बोर्ड अभी भी लीग का आयोजन उस पैटर्न (एक दिन में दो मैच) से कर सकता है, मगर हालाकि, अधिकारी ने आगे यह भी कहा, ‘अभी की बात करें तो हमें अप्रैल के अंत तक इंतजार करना होगा। अगर आइपीएल 2020 का पहला मैच मई के पहले सप्ताह में नहीं खेला जाता है तो फिर इस साल लीग का आयोजन करना असंभव है।’इसका पहला मैच मई की शुरुआत में हो जाना चाहिए। इस दौरान अधिकारी ने 2009 में दक्षिण अफ्रीका में हुए आईपीएल का याद दिलाया। उन्होंने कहा कि वो दिनों के हिसाब से सबसे छोटा आइपीएल था। 2009 के आईपीएल में 37 दिनों में 59 मैच खेले गए थे। अगर सब कुछ समय के मुताबिक ठीक रहा तो इस बार भी ऐसा हा कुछ कर सकते हैं।


मालगाड़ी से चलकर 'कौशाम्बी' पहुंचा

दिल्ली से मालगाड़ी से चल कर युवक पहुचा गांव


कौशाम्बी। कोरोना वायरस के चलते आवागमन में लोगो को दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है रोजी रोटी के चक्कर मे दिल्ली गए युवक को गांव वापस आने के लिए ट्रेन नही मिल रही थी जिस पर उस युवक ने मालगाड़ी से सफर कर गांव वापस लौट आया है इस बात की जानकारी पुलिस को लगी तो पुलिस ने युवक को जांच के लिए चिकित्सको के पास भेजा है।


बता दे कि भरवारी पुरानी बाजार निवासी सुरेश चंद पुत्र गुलाब चंद प्रजापति  रोजी रोटी के चक्कर मे दिल्ली में रहता है लेकिन लॉक डाउन के आदेश के बाद उसने घर वापस आने की सोची लेकिन ट्रेन या बस का साधन उसे नही मिल सका जिस पर सुरेश ने दिल्ली से मालगाड़ी से बैठ कर भरवारी आया और भरवारी में 11 बजे मालगाड़ी से उतर गया वह घर पहुंचा उसकी सूचना पुलिस वाले को मिल गई पुलिस वालों ने मौके पर जाकर सुरेश चंद को पकड़ा और उसे जांच कराने की सलाह देकर चिकित्सको के पास अस्पताल ले गए।


राजू सक्सेना


'सैनिक बंधू' की बैठक आयोजित की: सीडीओ

'सैनिक बंधू' की बैठक आयोजित की: सीडीओ  गणेश साहू  कौशाम्बी। मुख्य विकास अधिकारी अजीत कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में बुधवार को जिल...