मंगलवार, 24 मार्च 2020

सोनिया से की मुलाकात, बताई वजह

नई दिल्ली। पंद्रह महीने की कांग्रेस सरकार के मुखिया रहे कमलनाथ ने अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से सोमवार को मुलाकात की। उन्हें बताया कि हमारे नेताओं ने भाजपा के साथ मिलकर खेल खेला। भाजपा की साजिश और विधायकों को दिए गए प्रलोभनों से सरकार गिरी। उन्होंने सोनिया गांधी को भरोसा दिलाया कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस फिर लौटेगी और पूरी ताकत से आएगी।


कार्यवाहक मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोमवार दोपहर सोनिया गांधी से भेंट की। वे बुधवार को भोपाल लौटने वाले थे, लेकिन सोमवार की रात को नए मुख्यमंत्री के शपथ समारोह की वजह से वे सोमवार को ही भोपाल लौट आए। इसके पहले सोनिया गांधी से मिलकर उन्होंने प्रदेश की राजनीतिक परिस्थितियों के बारे में बताया। भाजपा की साजिश से सरकार कैसे गिरी तथा उसमें अपने लोगों ने किस तरह भाजपा का साथ दिया, पूरे घटनाक्रम के बारे में विस्तृत जानकारी दी।


कमलनाथ ने सोनिया गांधी को भाजपा द्वारा बेंगलुरु में कांग्रेस विधायकों को किस तरह बंधक बनाकर रखा गया, यह भी बताया। उन्होंने कहा कि विधायकों को हमारे नेताओं से तो दूर उनके स्वजनों तक से नहीं मिलने दिया गया। कमलनाथ ने मुलाकात के दौरान अपनी 15 महीने की सरकार के प्रमुख कामों की जानकारी भी दी और बताया कि सरकार के जनहितैषी फैसलों से मध्य प्रदेश की तस्वीर बदलने की दिशा में काम किए जा रहे थे, लेकिन भाजपा ने बौखलाकर तथा भयभीत होकर साजिश की। कमलनाथ ने अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष को आश्वस्त किया कि प्रदेश के कांग्रेसजन एकजुट हैं और उनमें निराशा का भाव नहीं है। वे भाजपा की हर चुनौती का डटकर मुकाबला करेंगे।


उत्तराखंडः 4 अप्रैल तक अदालत अवकाश

नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने आगामी चार अप्रैल तक के पुनः अवकाश का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। उल्लेखनीय है कि एक से 14 अप्रैल के लिए पहले ही उच्च न्यायालय से अवकाश का नोटिफिकेशन जारी हो चुका है। इस प्रकार अब उच्च न्यायालय में 14 अप्रैल तक अवकाश रहेगा, और न्यायालय 15 अप्रैल को खुलेगा। इसके साथ ही उच्च न्यायालय ने निचली अदालतों के लिए भी 4 अप्रैल तक अवकाश घोषित कर दिया है। 
मंगलवार को उत्तराखंड उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल हीरा सिंह बोनाल ने इस बाबत नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। नोटिफिकेशन के अनुसार कोरोना विषाणु के प्रसार को रोकने के दृष्टिगत उच्च न्यायालय में 26, 27, 30 व 31 मार्च तथा 1 अप्रैल को अवकाश रहेगा। इन अवकाशों को 26 एवं 28 से 31 दिसंबर के क्रिसमस अवकाशों में समायोजित किया जाएगा। यानी 26 एवं 28 से 31 दिसंबर को पूर्व घोषित अवकाशों के बावजूद उच्च न्यायालय खुला रहेगा। इसके साथ ही एक अन्य नोटिफिकेशन के अनुसार राज्य सरकार के 31 मार्च तक घोषित ‘लॉक डाउन’ एवं बार एसोसिएशन द्वारा किए गए निवेदन के दृष्टिगत उच्च न्यायालय ने निचली अदालतों में 26 मार्च से चार अप्रैल तक अवकाश घोषित कर दिया है। अलबत्ता, अत्यधिक आवश्यकता वाले मामलों पर सुनवाई करने के लिए जिला न्यायाधीश निर्णय ले सकेंगे। इस दौरान गिरफ्तार लोगांे के रिमांड एवं जमानत के मामलों पर अन्य अवकाश के दिनों में अपनाई जाने वाली प्रक्रिया ही अपनाई जा सकेगी। इन छुट्टियों के बदले सभी अदालतें आने वाली गर्मियों और सर्दियों की छुट्टियों में कार्य करेंगे।


सीमा पर पुलिस की व्यापक जांच

कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए रायबरेली जनपद की ओर से आने वाले लोगों की हो रही है व्यापक चेकिंग


रायबरेली फतेहपुर बार्डर असनी पुल पर हुसैनगंज पुलिस कर रही है कोरोना वायरस संदिग्धों की चेकिंग,साथ में डाक्टरों की मोबाइल टीम भी मुस्तैद।


हुसैनगंज फतेहपुर। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए जहां प्रदेश सरकार ने UP के 16 जिलों को लॉक डाउन कर दिया है।इसके साथ ही अन्य जनपदों में भी महामारी को लेकर पुलिस प्रशासन मुस्तैदी के साथ लगा हुआ है।बाहर के प्रांतों से आने वाले संदिग्ध लोगों पर नजर रखी जा रही है,लोगो से कहा गया है कि गांव में बाहर से कोई भी व्यक्ति आता है तो उसकी सूचना तुरंत पुलिस,112,ग्राम प्रधान,व सोशल वर्कर को दे,पुलिस उसकी जांच करेगी,आज सुबह से ही हुसैनगंज पुलिस असनी पुल पर रायबरेली जनपद से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति से पूंछताछ कर रही है।प्रभारी निरीक्षक निशीकांत राय ने बताया कि खासकर  बाहर से आने वाले सभी लोगों की चेकिंग की जा रही है,इसके साथ ही लोगो को जागरूक भी किया जा रहा है,अगर कोई भी बाहरी व्यक्ति गांव में आता है तो इसकी सूचना पुलिस को दी जाए।देश में तेजी से फैल रहे कोरॉना वायरस को लेकर लोग दहशत में है।पुलिस के साथ साथ डॉक्टरों की मोबाइल टीम को भी लगाया गया है,जो बाहर से आने वाले संदिग्ध कोरोना वायरस की जांच के लिए मुस्तैद है।


यूपीः बैंकों में 2 बजे तक होगा काम

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लॉकडाउन वाले 16 शहरों में बैंकिंग काम सुबह 10 बजे से दो बजे होगा। राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति उत्तर प्रदेश ने यह निर्देश प्रदेश के 16 शहरों के जिला स्तरीय बैंकर्स समिति को भेज दिया है।


इंडियन बैंक एसोसिएशन के निर्देश पर सोमवार को राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति उप्र. के कन्वेनर डॉ. रामजस यादव ने बताया कि यह व्यवस्था उन शहरों में लागू होगी, जहां पर सरकार ने लॉकडाउन की घोषणा की है। इनमें आगरा, लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, मुरादाबाद, वाराणसी, लखीमपुर खीरी, बरेली, आजमगढ़, कानपुर, मेरठ, प्रयागराज, गोरखपुर, अलीगढ़ और सहारनपुर शामिल हैं। यह व्यवस्था 25 मार्च तक ही अमल में लाई जाएगी। साथ ही एटीएम की सुविधा जारी रहेगी। समिति ने यह भी निर्णय लिया है कि बैंक में एक साथ पांच से ज्यादा लोग प्रवेश नहीं कर पाएंगे। इसकी व्यवस्था जिला प्रशासन को करनी होगी। यही नहीं जिन खातों को एटीएम की सुविधा उपलब्ध कराई गई है उन खातों से नगदी निकासी एटीएम से ही करानी होगी।


बुखारः युवती पर बना जांंच का दबाव

रामबहादुर निषाद 


जहानाबाद। फतेहपुर में नोएडा से मजदूरी कर लौटी युवतियों को ग्रामीणों ने जांच कराने का बनाया दबाव।
मिली जानकारी के अनुसार थाना जहानाबाद क्षेत्र के मोहल्ला पोजेपुर निवासी रामकिशोर की पुत्री नोएडा में रहकर नौकरी कर रही थी। बीते दिनों जनता कर्फ्यू के दिन 22 मार्च नोएडा छोड़कर अपने गृह निवास आई तो मोहल्ले वासियों को  उन पर बुखार की सूचना मिलते ही जांच का दबाव बनाने लगे। कोविड कोरोना वायरस के भय का आतंक दिनों इस कदर हावी है कि लोग बाहर से आए हुए लोगों को शक भरी निगाह से निहारने का काम कर रहे हैं। जिसके चलते नोएडा से जैसे ही वापस आयी युवतियां अपने घर पहुंची तो मोहल्ले वालों को जानकारी हुई कि उपरोक्त युवतियों को बुखार के लक्षण दिख रहे हैं। जिस पर लोगों ने स्वास्थ्य विभाग सहित विभिन्न विभागों में जांच की गुहार लगाई। जिस पर डिप्टी सीएमओ नोडल अधिकारी के.के. श्रीवास्तव ने बताया दोनों युवतियों को सावधानी बरतने को कहा गया है। उन पर कोरोना जैसा कोई मर्ज नहीं हैं। इस संबंध में ग्राम प्रधान संतोष कुमार ने बताया जैसे ही उन्हें जानकारी मिली तो  उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को जानकारी देकर उपचार की बात कहीं। स्वास्थ्य विभाग ने उक्त युवतियों में कोरोना जैसे किसी भी प्रकार के लक्षणों से इनकार किया गया।


'लॉकडाउन' के पीछे का सच

लोक डाउन के पीछे की सच्चाई


 अकाशुं उपाध्याय/इकबाल अंसारी 
गाजियाबाद। वैश्विक महामारी कोविड-19 मानव जीवन से मौत का खेल, खेल रहा है। मानव समाज इस महामारी से बचने के लिए पर्यत्नशील है। वायरस का संक्रमण नियंत्रित करने के सरकार के प्रयास पर्याप्त हो सकते हैं। लेकिन जनता के एक तबके को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। जनपद गाजियाबाद में लोोककडाउन से मजदूर वर्ग खासी मुसीबतों का सामना कर रहा है। आप स्वयं अनुमान लगा सकते हैं जो प्रतिनिधि चुनाव में वोट के लिए उसी मजदूर वर्ग का क्या-क्या पकड़ता नजर आता है? आज उसके लिए उसकी सुध लेना कितना जरूरी है? सामान्यतः मजदूर एक इंसान हैं, लेकिन जनप्रतिनिधि शायद कुछ और है। प्रदेश केे सर्वाधिक घनी आबादी वाले क्षेत्र में लोक डाउन का कितना दुष्प्रभाव पड़ रहा है? मजदूर वर्ग के लिए कोई भी आगे आने वाला नहीं है। आज विषम परिस्थितियों में मजदूर वर्ग को उसके हाल पर छोड़ दिया गया है।
 सर्वेक्षण में यह बात स्पष्ट हो गई है। संकट के समय जो शासक जनता को समर्पित रहता है, उसका भारी अकाल पड़ गया है। जनपद स्थित लोनी नगर पालिका के 55 वार्डों में स्थित किसी भी सभासद के पास ऐसा कोई आंकड़ा या जानकारी नहीं है कि उनके वार्ड में ऐसे कितने मजदूर हैं। जो अति आवश्यक सामग्री के अभाव से ग्रसित है। इनमें ज्यादातर हस्तचालित रिक्शा चालक, कूड़ा बीनने वाले, बेलदारी-पल्लाधारी करने वाले आदि मजदूर और उनके परिवारों के सामने भयानक संकट उत्पन्न हो गया है। अफसोस की बात तो यह है। ज्यादातर जनप्रतिनिधियों के पास समस्या से जूझने की कोई भी योजना नहीं है। विशेष बात तो यह है कि जनप्रतिनिधियों के घर-कार्यालय पर सामान्य उपयोग में सैनिटाइजर आदि उपकरण भी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में मजदूर वर्ग का 'राम रखवाली' है। ज्यादातर मजदूर गैर पंजीकृत है। उनके प्रति सरकार का कोई दायित्व नहीं है? 


1.जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेयः- जिला अधिकारी के द्वारा सीधा संदेश दिया गया है। भुखमरी, तंगहाली के लिए विशेष तौर पर टीम गठित की गई है, जो ऐसे उपेक्षित वर्ग को चिन्हित कर रही है। खदान्न सहित सरकारी योजनाओं का लाभ जल्द ही प्रदान किया जाएगा।
2.उप-जिलाधिकारी खालिद अंजुम खान:- शासनादेश के दिशा अनुरूप कार्य किया जा रहा है। यदि कोई अन्य सर्कुलर जारी होगा तो कठोरता से नियम अनुसार पालन किया जाएगा। क्षेत्र में 11000 से अधिक श्रमिक कार्यरत है। जिनका आवश्यक विवरण श्रम-विभाग को भेज दिया गया है। 600 से अधिक कार्डधारक, श्रमिक चिन्हित किए गए हैं। गैर पंजीकृत श्रमिकों को चिन्हित करने का कार्य किया जा रहा हैं। सभी को जल्द से जल्द खदान्न आदि की पूर्ति का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। यदि बावजूद इसके भी कोई अपेक्षित रहेगा तो मानवीय आधार पर हम हर संभव सहयोग करेंगे।
3. नंदकिशोर गुर्जर विधायक:- स्थानीय विधायक नंदकिशोर गुर्जर से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि यह एक गंभीर समस्या है। इस पर अभी होमवर्क नहीं किया गया है। जल्द ही हम इस समस्या के विरुद्ध कोई निर्णय लेंगे।
4.रंजीता धामा अध्यक्ष:- नगर पालिका अध्यक्ष से संपर्क करने का प्रयास किया गया। लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। संभवतः ऐसे संकट के समय उनका अपना बचाव अधिक आवश्यक है। जनता के प्रति उनके दायित्व का कोई मूल्य नहीं है।


डगमगाया इमान, बढ़ गई कालाबाजारी

रुद्रपुर। तीन दिन तक टोटल लॉक डाउन की सूचना पर महानगर के व्यापारियों का ईमान डगमगा गया। व्यापार मंडल के पदाधिकारियों के जिला प्रशासन को दिए आश्वासन के बाद भी आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी धड़ल्ले से की गई, मगर व्यापार मंडल के पदाधिकारी व जिला प्रशासन के अफसर इन कालाबाजारी करने वालों पर अंकुश नहीं लगा सके। राष्ट्रीय आपदा के वक्त लोगों की सामान खरीदने की मजबूरी का फायदा उठाया गया। यह हाल महानगर का मंगलवार की सुबह दिखाई दिया।


यूं तो जिला प्रशासन ने सुबह सात बजे से दस बजे तक का वक्त आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी के लिए मुकर्रर किया था, लेकिन सुबह छह बजे ही किराने की दुकानें खुल गई थी। दुकानों पर खरीदारों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। राष्ट्रीय आपदा में भी व्यापारियों ने अपना ईमान डिगा दिया। दालें, सोयाबीन की बरी, आटा, चावल तक के दामों पर बढ़ोत्तरी कर दी गई। यह हाल उस थोक व्यापारी ने किया जो खुद को भाजपा के साथ ही व्यापारी नेता भी कहलाते हैं। जब थोक वस्तुओं के दाम बढ़े तो रिटेल वस्तुओं के भी दाम बढ़ गए। बाजार से लेकर गली मोहल्लों तक में किराने की दुकानों पर खरीदारों की अभूतपूर्व भीड़ थी। दरअसल प्रशासन ने आगामी तीन दिन के लिए पूरी तरह लॉक डाउन का ऐलान किया है। लोगों को यह महसूस होने लगा है कि जिला प्रशासन के अधिकारी इस लॉक डाउन को आगे भी बढ़ा सकते हैं।


'सैनिक बंधू' की बैठक आयोजित की: सीडीओ

'सैनिक बंधू' की बैठक आयोजित की: सीडीओ  गणेश साहू  कौशाम्बी। मुख्य विकास अधिकारी अजीत कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में बुधवार को जिल...