मंगलवार, 24 मार्च 2020

संक्रमणः अंतिम-संस्कार पर उपजा विवाद

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस के कारण जान गंवाने वाले पहले व्यक्ति के अंतिम संस्कार में विलंब से किया गया क्योंकि लोगों ने यह कहते हुए नाकेबंदी कर दी कि क्रिया-कर्म से वायरस फैल सकता है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, वरिष्ठ अधिकारियों ने सोमवार को करीब दो घंटे तक स्थानीय निवासियों को समझाया कि संक्रमण से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं। कोलकाता पुलिस केंद्रीय प्रभाग के एक अधिकारी ने कहा, ''हमने उन्हें बताया कि मृतक के शव को लपेटने के दौरान, सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी जरूरी प्रक्रियाओं का पालन किया गया है। डरने की कोई जरूरत नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि शव सौंपने में बहुत विलंब हुआ क्योंकि मृतक के परिवार के सदस्य अस्पताल नहीं आए। इसके अलावा, शव ले जाने के लिए कोई वाहन भी नहीं मिल रहा था। अधिकारी ने बताया कि एक सरकारी अस्पताल के पृथक वार्ड में फिलहाल भर्ती, मृतक की पत्नी ने स्वीकृति दी जिसके बाद विभाग को शव सौंपा गया। अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा, ''सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, शव पर रसायनों का लेप लगाया गया और फिर उसे निर्दिष्ट तरीके से लपेटा गया। हमने किसी तरह एक शव वाहन का इंतजाम किया और बिधाननगर शहर पुलिस के अधिकारियों के एक दल की निगरानी में शव को नीमताला शवगृह ले जाया गया। 
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में सोमवार को कोविड-19 से संक्रमित एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। पिछले सप्ताह कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए इस व्यक्ति को 16 फरवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 19 फरवरी को इस व्यक्ति की हालत खराब हो गई थी जिसके बाद उसे जीवनरक्षक प्रणाली पर रखा गया था। नॉर्थ 24 परगना के दम दम निवासी इस व्यक्ति ने सोमवार को अपराह्न करीब साढ़े तीन बजे दम तोड़ दिया।
देश में कोरोना मरीजों की संख्‍या 500 पहुंची-
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के अब तक करीब 500 मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मंगलवार तक के आंकड़ों में यह संख्या सामने आई है। मंगलवार सुबह तक के अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक देश में कोविड-19 के कुल मामले 492 हो गए हैं जिनमें से 446 लोगों का अभी इलाज चल रहा है।


जरूरी सामान की कमी, मूल्य दर बढ़ी

अकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली। कोरोना वायरस का असर अब लोगों की जेब पर भी पड़ने लगा है। पिछले कुछ दिनों में आम जरूरत की चीजों के साथ खाद्य वस्तुओं के भी दाम बढ़े हैं। खुद सरकार के आंकड़े बताते है कि खाने पीने की चीजो के दाम में पिछले एक सप्ताह और रविवार को जनता कर्फ्यू के बाद बढ़े हैं।
उपभोक्ता मंत्रालय के मुताबिक, पिछले एक सप्ताह के दौरान दाल, सब्जी और खाद्य तेलों की कीमतों में वृद्धि दर्ज हुई है। खुदरा बाजार में यह इजाफा और ज्यादा है। बाजार से जुड़े जानकर मानते हैं।  दिल्ली में 31 मार्च तक बाजार बंद होने से दूसरे प्रदेशों में आपूर्ति और मांग का संतुलन बिगड़ सकता है। इसकी वजह से खाने-पीने की चीजों के दाम और बढ़ सकते हैं। सरकार के मूल्य निगरानी प्रभाग के मुताबिक दालों की कीमतों में अरहर की दाल में पांच से छह रुपये किलो तक वृद्धि हुई है। बाजार में यह इजाफा दस रुपये प्रति किलो तक है। आंकड़े बताते है कि पिछले साल के मुकाबले अरहर या तूर की दाल की कीमत बीस रुपये से अधिक बढ़ी है। सोमवार (23 मार्च) को अरहर की कीमत श्रीनगर और हरिद्वार में 95 रुपये किलो तक पहुंच गई। इसी तरह उड़द और मूंग की दाल की कीमतों में भी काफी इजाफा हुआ है।
खाद्य तेल में जबरदस्त वृद्धि का रुझान
खाद्य तेल की कीमतों में भी जबरदस्त वृद्धि का रुझान है। सरसों और वनस्पति की कीमत पांच रुपये प्रतिकिलो तक सरकारी आंकड़ों में बढ़े है। बाजार में यह इजाफा दस रुपये प्रतिकिलो तक है। शिमला में सरसों का तेल 130 रुपये पर पहुंच गया, जबकि एक सप्ताह पहले तेल की कीमत 117 रुपये प्रति किलो थी। गेंहू के आटा और चावल की कीमत भी बढ़ी है। दूसरी तरफ आवाजाही कम या लगभग बंद होने से स्थानीय स्तर पर दाम कम हुए है।


 


लक्षणः गंद-स्वाद का एहसास ना होना

आकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के संक्रमण को लेकर एक और खौफनाक दावा सामने आया है। डॉक्टरों का कहना है कि गंध और स्वाद का अहसास न होना भी कोरोना वायरस के संक्रमण का एक लक्षण हो सकता है। डॉक्टरों ने इस समस्या का सामना करने वाले लोगों को भी सेल्फ आइसोलेट करने की सख्त जरूरत है। 
डॉक्टरों का मानना है कि संक्रमण के संभावित मरीजों की पहचान के लिए यह भी एक सुराग हो सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि स्वाद और गंध नहीं समझ पाने या अहसास खो देने वाले लोगों को खुद को तत्काल प्रभाव से अलग-थलग कर लेना चाहिए। उन्हें जांच भी करवानी चाहिए भले ही उनमें पास कोई अन्य लक्षण न हों।
मरीजों ने बताए एनोस्मिया के अनुभव : दक्षिण कोरिया में 30 प्रतिशत यानी 2,000 रोगियों ने ऐसे अनुभव बताए हैं। ऐसे लोगों में वायरस के संचरण की एक उच्च दर चीन, इटली और ईरान में भी रिपोर्ट की गई है, जिसके परिणामस्वरूप वहां कई मौतें हुई हैं। डॉक्टरों के अनुसार, एक मां जो कोरोना वायरस से संक्रमित थी उसे बच्चों के डायपर की गंध नहीं आ रही थी। वहीं, एक रसोइया जो आमतौर पर हर डिश में से मसाले को पहचान सकते हैं, वह कढ़ी या लहसुन और भोजन का स्वाद नहीं महसूस कर पा रहा था। कुछ का कहना है कि वे शैंपू की खुशबू या कूड़े की दुर्गंध आदि महसूस नहीं कर पा रहे थे। डॉक्टर इसको एनोस्मिया कहते हैं। अन्य देशों की रिपोर्टों में भी कोरोनो वायरस रोगियों की बड़ी संख्या ने एनोस्मिया का अनुभव किया।  
ब्रिटेन में शुरू हुआ विस्तृत अध्ययन : ब्रिटिश राइनोलॉजिकल सोसायटी के अध्यक्ष प्रोफेसर क्लेयर हॉपकिंस ने बताया कि शुक्रवार को, ब्रिटिश कान, नाक और गले के डॉक्टरों ने दुनियाभर के सहयोगियों की रिपोर्टों का हवाला देते हुए इस पर विस्तृत अध्ययन शुरू कर दिया है। डॉक्टरों ने शुक्रवार को उन वयस्कों को सात दिनों के आइसोलेशन के लिए बुलाया, जो अपनी इंद्रियों से गंध और स्वाद को खो चुके हैं, भले ही उनमें संक्रमण के कोई अन्य लक्षण न हों। हालांकि, अभी इसकी प्रमाणिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई हो लेकिन डॉक्टर संक्रमण के फैलाव को लेकर चिंतित हैं। साथ ही प्रसार को धीमा करने के लिए आइसोलेशन कर क्वारंटाइन के लिए चेतावनी दे रहे हैं।
अमेरिका में भी देखे गए ऐसे लक्षण : अमेरिकन एकेडमी ऑफ ओटोलर्यनोलोजी (ईएनटी विज्ञान) ने रविवार को अपनी वेबसाइट पर जानकारी दी कि संकेत मिलता है कि गंध की कमी या स्वाद की कमी संक्रमण से जुड़े अहम लक्षण हैं और यह उन रोगियों में देखे गए हैं जिनमें कोरोना परीक्षण सकारात्मक पाए गए हैं। उस दौरान उनमें अन्य लक्षण नहीं थे। 
इटली में इसी से बढ़े मामले : इटली में वायरस से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में डॉक्टरों ने निष्कर्ष निकाला है कि स्वाद और गंध का अहसास खोना एक संकेत है जो एक स्वस्थ व्यक्ति को वास्तव में वायरस के संक्रमण की और ले जा रहा है और इसे दूसरों तक फैला सकता है। वहीं, ब्रसेशिया के मुख्य अस्पताल में कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉक्टर मार्को मेट्रा ने कहा, अस्पताल में भर्ती होने वाले लगभग हर व्यक्ति की यही कहानी है। 
ब्रिटेन के संक्रमित ईएनटी डॉक्टरों की हालात गंभीर : 
प्रोफेसर हॉपकिंस ने कहा कि ब्रिटेन में दो कान, नाक और गले के विशेषज्ञ जो कोरोनो वायरस से संक्रमित पाए गए थे, वे गंभीर स्थिति में हैं। हॉपकिंस ने कहा कि चीन के वुहान की एक रिपोर्ट में चेतावनी दी थी कि कान, नाक और गले के विशेषज्ञ के साथ-साथ नेत्र चिकित्सक भी संक्रमित थे और बड़ी संख्या में मर रहे थे। 
स्वास्थ्य कर्मियों से सावधानी की अपील : ईएनटी, यूके के अध्यक्ष निर्मल कुमार ने बताया कि ब्रिटेन में कान, नाक और गले के डॉक्टरों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक समूह ने एक संयुक्त बयान जारी कर ईएनटी स्वास्थ्य कर्मियों से व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करने का आग्रह किया है। विशेष तौर पर जब वे किसी भी ऐसे मरीज का इलाज करते हैं, जो गंध और स्वाद के अहसास को खो चुके हैं।


देवी चंडिका का मेला स्थगित किया

महोबा। नोवल कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के महोबा में नवरात्रि के पर्व पर ऐतिहासिक बड़ी चंडिका शक्तिपीठ में आयोजित होने वाले पारंपरिक मेले को स्थगित कर दिया गया है। जिलाधिकारी अवधेश तिवारी ने मंगलवार को बताया कि भीड़भाड़ वाले आयोजनों से कोरोना वायरस के संक्रमण में विस्तार होने की चिकित्सको की चेतावनी को गम्भीरता से लेते हुए जिले में सभी प्रकार के सार्वजनिक एवं व्यक्तिगत कार्यक्रमो पर अग्रिम आदेशो तक के लिए रोक लगाई गई है। 
इसके तहत नवरात्रि के अवसर पर यहां बड़ी चंद्रिका पीठ में आयोजित होने वाले धार्मिक मेले को भी स्थगित कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा लोगो से अपील की गई है कि वे नवरात्रि पर देवी पूजन के लिए मंदिर न जाये तथा अपने घरों में ही रहकर पूजन व अनुष्ठान के धार्मिक कार्य सम्पादित करे। इसी क्रम में मेले को लेकर मंदिर परिसर में लगाई गई दुकानो को हटाकर स्थल को रिक्त करा दिया है तथा मेले में दुकानें लेकर आये बाहरी दुकानदारों को भी घर वापस लौट जाने को कहा गया है।        
उल्लेखनीय है कि बुंदेलखंड के महोबा में स्थित आठवी शताब्दी के चंदेल कालीन बड़ी चंद्रिका देवी शक्तिपीठ की श्रद्धालुओ में विशेष आस्था एवम मान्यता है। वीर शिरोमणि अजर अमर आल्हा की कुलदेवी के इस मंदिर में यहां हर रोज स्थानीय भक्तों के अलावा दूरदराज से श्रद्धालु देवी के दर्शन पूजन व अनुष्ठान के लिए पहुंचते है। चैत्र में वर्ष प्रतिपदा तथा  क्वांर माह में शारदीय नवरात्रि के अवसर पर यहां नौ दिवसीय विशाल मेले का आयोजन होता है। इस दौरान हजारों की संख्या में लोगो की भारी भीड़ उमड़ती है।


 


इटलीः लॉकडाउन के बाद 5000 मौत

रोम। कोरोना वायरस महामारी के चलते इटली को पूरी तरह से लॉकडाउन किया गया है, लेकिन फिर भी यहां कोविड-19 संक्रमण के मामलों की संख्या में वृद्धि देखने को मिल रही है। सिविल प्रोटेक्शन डिपार्टमेंट के नवीनतम जारी आंकड़ों के अनुसार, इटली में रविवार तक कोरोनावायरस संक्रमण के 59,138 मामलों की पुष्टि हुई और इस वैश्विक महामारी के चलते यहां 5,746 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने सिविल प्रोटेक्शन डिपार्टमेंट के प्रमुख एंजेलो बोरेल्ली के हवाले से कहा कि उत्तरी इटली में 21 फरवरी को पहली बार महामारी फैलने के बाद से वर्तमान में अभी तक 46,638 लोग संक्रमण से ग्रस्त हैं, जबकि कोविड-19 संक्रमण के चलते 5,746 मौतें हुई हैं। उन्होंने कहा कि संक्रमित 23,789 लोग अपने घरों में आइसोलेशन में हैं। 19,846 लोग अस्पताल में, जबकि 3,009 लोग आईसीयू में भर्ती हैं। 
कोरोना वायरस इमरजेंसी के नेशनल कमिश्नर इंचार्ज एंजेलो ने आगे कहा कि अभी तक कुल 7,024 मरीजों को पूर्ण रूप से स्वस्थ होने के बाद छुट्टी दे दी गई है। उन्होंने सिविल प्रोटेक्शन स्टाफ के 12 सदस्यों के भी कोविड-19 से संक्रमित पाए जाने की पुष्टि की है। वहीं, स्पेन में कोरोना वायरस से 24 घंटे में 462 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद देश में घातक संक्रमण से मरने वालों की संख्या 2,182 पहुंच गई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार (23 मार्च) को यह जानकारी दी। एक दिन पहले जारी आंकड़ों की तुलना में मृत्यु दर में 27 फीसदी का इजाफा हुआ है। स्पेन में कोविड-19 के मामलों की संख्या 33,089 हो गई है। यह देश चीन और इटली के बाद सबसे ज्यादा प्रभावित है।
देशभर में 14 मार्च को लॉकडाउन लागू करने के बावजूद स्पेन में मौत और संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। हालांकि देश ने संक्रमण की जांच करने की अपनी क्षमता में इज़ाफा किया है। प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने कहा कि लॉकडाउन को पहले दो हफ्तों के लिए लागू किया गया था, लेकिन इसे अब 11 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दिया है।


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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


मार्च 25, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-226 (साल-01)
2. बुधवार, मार्च 25, 2020
3. शक-1942,चैैत्र-शुक्ल पक्ष, तिथि- प्रतिपदा, संवत 2077


4. सूर्योदय प्रातः 06:20,सूर्यास्त 06:38
5. न्‍यूनतम तापमान 17+ डी.सै.,अधिकतम-31+ डी.सै.।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  1. अंक-363, (वर्ष-11) पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254 2. शनिवार, दिसंबर 28, 2024 3. शक-1945, पौष, कृष्ण-पक्ष, तिथ...