सोमवार, 23 मार्च 2020

सन्यास के बाद टीम सेलेक्टर बनेंगे

ढाका। अपनी क्रिकेट टीम को अगले स्तर पर पहुंचाने के लिए बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड लगातार कई बड़े फैसले ले रही है। अब खबर आई है कि बीसीबी ने अपने दिग्गज क्रिकेटर को संन्यास लेने के लिए कहा है ताकि उसे टीम का सेलेक्टर बनाया जा सके। बांग्लादेश के बाएं हाथ के स्पिनर अब्दुर रज्जाक (Abdur Razzak) को सेलेक्टर बनने का प्रस्ताव दिया गया है. 37 साल के रज्जाक अभी भी घरेलू क्रिकेट खेल रहे हैं और बीसीबी चाहती है कि चयन समिति में खाली हुआ एक पद रज्जाक को दिया जाए।


बांग्लादेश क्रिकेट का बड़ा नाम हैं रज्जाक


बता दें रज्जाक बांग्लादेश क्रिकेट के बड़े नामों में से एक हैं। यही वजह है कि क्रिकेट ऑपरेशंस के चेयरमैन अकरम खान रज्जाक को चयन समिति में जगह देना चाहते हैं। अकरम खान ने बांग्लादेश के एक अखबार को बताया कि उन्होंने रज्जाक को बंगबंधु ढाका प्रीमियर डिविजन क्रिकेट लीग के दौरान ही चयनकर्ता बनने का ऑफर दिया था जिसे उन्होंने अबतक स्वीकार नहीं किया है। अब कोरोना वायरस की वजह से लीग स्थगित हो गई है तो मुमकिन है कि रज्जाक संन्यास लेकर बांग्लादेशी टीम के चयनकर्ता बन जाएं। खुद रज्जाक ने भी इस खबर की पुष्टि कर दी है। रज्जाक ने कहा, ‘हां उन्होंने मुझसे संपर्क साधा था और मैंने फैसला लेने के लिए थोड़ा समय मांगा था। मैंने कहा था कि लीग खत्म होने के बाद मैं अपना फैसला सुनाऊंगा लेकिन अब लीग ही टल गई है और ऐसे में अब मैं इस बारे में सोच सकता हूं।’ रज्जाक का ये भी कहना है कि मुझे सेलेक्टर की जॉब के लिए क्रिकेट छोड़ना पड़ेगा जो कि उनके लिए आसान फैसला नहीं होगा।


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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


मार्च 24, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-225 (साल-01)
2. मंगलवार, मार्च 24, 2020
3. शक-1942,चैैत्र- कृष्ण पक्ष, तिथि- अमावस्या, संवत 2077


4. सूर्योदय प्रातः 06:20,सूर्यास्त 06:38
5. न्‍यूनतम तापमान 17+ डी.सै.,अधिकतम-31+ डी.सै.।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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रविवार, 22 मार्च 2020

31 मार्च तक देश की सभी ट्रेनें रद्द

नई दिल्ली। भारतीय रेल (Indian Railway) ने कोरोना वायरस (Coronavirus) के खतरे और यात्रियों की कम संख्या को देखते हुए एक बड़ा फैसला लिया है। भारतीय रेलवे ने 31 मार्च तक देश की सभी ट्रेनों को रद्द करने का फैसला लिया है। इस दौरान खाली माल गाड़ी चलाने का फैसला रेलवे ने लिया है। देश में कोरोना के प्रकोप को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। सड़कों से लेकर प्लेटफॉर्मों तक कम से कम लोग घरों से बाहर निकले इसके लिए सरकार विभिन्न कदम उठा रही है। स्कूल, कॉलेज, स्मारकों और इमारतों समेत भीड़-भाड़ वाली सभी जगहों में जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसी कड़ी में ट्रेनें भी कैंसिल की जा रही हैं।


रेल मंत्रालय की ओर से सभी महाप्रबंधकोंको जारी निर्देश के अनुसार 31 मार्च की उक्त अवधि के दौरान कोई भी जोन अपने यहां से कोई ट्रेन नहीं चलाएगा। इसका मतलब हुआ कि देश भर में रोजाना चलने वाली 2400 पैसेंजर ट्रेने तथा 1300 मेल/एक्सप्रेस ट्रेने नहीं चलेंगी। रेलवे मंत्रालय के मुताबिक, 31 मार्च तक मालगाड़ियां चलेंगी। कोरोना के संक्रमण से आम जनता को बचाने के लिए यह कदम उठाया गया है। ट्रेनों में सामान्‍य रूप से अक्‍सर भीड़ होती है. सारे कोच खचाखच भरे रहते हैं। ऐसे में संक्रमण बहुत घातक रूप ले सकता है।


देश में 341 संक्रमित, 6 लोगों की मौत

नई दिल्ली। कोरोना वायरस अब लगभग पूरे देश में पैर पसार चुका है। अब बिहार में भी कोरोना वायरस की दस्तक हो गई है। रविवार सुबह राज्य में दो मरीजों में कोरोना की पुष्टी हुई जिसमें एक मरीज की मौत हो गई है। मामले की पुष्टी पटना के राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्‍टीच्‍यूट (RMRI) की और से की गई है। जिसके साथ ही देश में अब कोरोना के 341 संक्रमित मरीज है तो वहीं छः लोगों की मौत हो गई है।


बता दें कि  स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि जिस मरीज की मौत हुई है, वह पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान में किडनी का इलाज करा रहा था। वह मुंगेर जिला का रहने वाला था। मृतक की पहचान सैफ अली (38) के रूप में हुई है। प्रधान सचिव ने मृतक के कोरोना पॉजिटिव होने की भी पुष्टि की। दो मरीजों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है। इसमें एक की मौत भी हो गई है। महाराष्ट्र में कोरोना से एक और मरीज की मौत गई है। 63 साल के एक मरीज ने बीती रात बीमारी के चलते दम तोड़ दिया।


पटना के आरएमआरआइ के निदेशक डॉ. प्रदीप दास ने बताया कि देर रात जांच में दो कोरोना पॉजिटव मामले मिले हैं। उन्‍होंने बताया कि देर रात तक 114 नमूनों की जांच हुई थी, जिनमें शाम तक सौ सैंपल की जांच पूरी हो चुकी थी। उनमें कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं मिला। लेकिन देर रात क शेष 14 सैंपल की जांच के दौरान दो की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली। उन्‍होंने बताया कि इसकी जानकारी दिल्‍ली में भारतीय चिकित्‍सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और राज्‍य के स्वास्थ्य मंत्री व प्रधान सचिव को दी गई है।


वायरस से लड़ने का इंतजाम ?

रवीश कुमार
नई दिल्ली। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज़ों के इलाज में वेंटिलेटर का बहुत अहम रोल है। जब सांस लेने में तक़लीफ़ होती है तब वेंटिलेटर का ही सहारा होता है। पूरी दुनिया इस वक्त वेंटिलेटर के इंतज़ाम में लगी है। आप इंटरनेट में सिम्पल वेंटिलेटर टाइप कीजिए। यूरोप के कई देश वेंटिलेटर बनाने वाली कंपनियों को आर्डर कर रहे हैं। नई कंपनियों को प्रेरित कर रहे हैं कि वे वेंटिलेटर बनाएं। इसके लिए तुरंत बनने वाले नए मॉडल पर भी बात हो रही है।


ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने वहां की कई इंजीनियरिंग कंपनियों से टेलिफोन पर बात की है। उनसे पूछा है कि क्या दो हफ्ते में 15 से 20 हज़ार वेंटिलेटर का इंतज़ाम हो सकता है? मीडिया में अलग-अलग आंकड़े हैं। अगले महीने तक 30,000 वेंटिलेटर के प्रबंध कर लेने का लक्ष्य रखा गया है। कंपनियों के पास इस वक्त वेंटिलेटर बनाने की इतनी क्षमता नहीं है क्योंकि यूरोप के अन्य देश भी वेंटिलेटर बनाने का आर्डर दे रहे हैं और सभी को जल्दी चाहिए। दुनिया में मूल रूप से वेंटिलेटर बनाने वाली चार पांच बड़ी कंपनियां हैं। मगर इनके पास इतने आर्डर आ गए हैं कि इस वक्त की ज़रूरतों को पूरा नहीं कर सकती हैं।



इस बारे में ब्रिटेन की बड़ी इंजीनियरिंग कंपनी स्मिथ ने बड़ा फैसला किया है। यह कंपनी वेंटिलेटर के अपने पेटेंट मॉडल को दूसरी कंपनियों के साथ साझा करने के लिए तैयार हो गई है ताकि कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा वेंटिलेटर का उत्पादन हो सके। संकट की इस घड़ी में गला काट प्रतियोगिता वाली कंपनियां इतनी बड़ी कुर्बानी दे रही हैं। वे अपने प्रोडक्ट से एकाधिकार छोड़ रही हैं। स्मिथ का लक्ष्य है कि दो हफ्ते के भीतर 5000 वेंटिलेटर बना कर दे देना है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटेन के नेशनल हेल्थ सर्विस के पास 5000 वेंटिलेटर ही हैं। दुनिया में ब्रिटेन के नेशनल हेल्थ सर्विस को श्रेष्ठतम मेडिकल सुविधाओं में से एक माना जाता है। क्या भारत में इस सवाल को लेकर आपने हेडलाइन देखी है?


भारत के पत्रकार तीन दिन से प्रधानमंत्री के बेसिक भाषण को महान बनाने के लिए उसमें सौम्यता के कण ढूंढ रहे हैं। प्रधानमंत्री का भाषण ज़रूरी है, लेकिन वह इतना बेसिक है कि उन्हें दिन में चार बार देना चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग सतर्क हों और सजह हों। लेकिन उनके भाषण में कहीं से भी वायरस से लड़ने की तैयारियों का इंतज़ाम नहीं दिखता है। आप प्लीज़ उनके भाषण को एक और बार के लिए सुनें।



जर्मनी ने 10,000 वेंटिलेटर का आर्डर किया है। इटली ने 5000 वेंटिलेटर का आर्डर किया है। इटली और जर्मनी आई सी यू और वेंटिलेटर की क्षमता डबल कर रहे हैं। हैमिल्टन नाम की कंपनी साल में 15,000 वेंटिलेटर बनाती है। अब उसने अपना उत्पादन 30-40 प्रतिशत बढ़ा दिया है। फिर भी इन कंपनियों के लिए आर्डर को पूरा करना संभव नहीं है।


इसलिए मैं बार बार इस बात पर ज़ोर दे रहा हूं कि कोरोना से लड़ने के लिए नेताओं के भाषण की प्रेरणा उतनी ज़रूरी नहीं है। यह भी काम आता है। लेकिन इसी को मुख्य नहीं मान लेना चाहिए। आप उनके भाषण में यह जानने का प्रयास कीजिए कि मेडिकल तैयारियां क्या हैं, भारत भर में कितने बेड तैयार हो गए हैं, आवश्यकता पड़ने पर कितने दिनों में और कितने बेड बनाए जा सकते हैं, भारत भर में कितने वेंटिलेटर हैं, भारत ने और वेंटिलेटर हासिल करने के लिए क्या किया है, यही नहीं आपने टीवी में देखा होगा, कोरोना वायरस के मरीज़ के करीब जाने वाले हेल्थ वर्कर चांदी रंग के सूट पहने होते हैं। क्या आप जानते हैं कि ऐसे सूट भारत में कितने उपलब्ध हैं, दिल्ली में कितने हैं और बंगाल से लेकर बिहार में कितने हैं?


भारत की राज्य सरकारें आम जन को आर्थिक मोर्चे पर मदद के लिए कई अच्छी घोषणाएं कर चुकी हैं लेकिन स्वास्थ्य के मोर्चे पर जो आंकड़े दिए जा रहे वो बहुत आश्वस्त करने वाले नहीं हैं। यूपी की आबादी 20 करोड़ हैं, वहां पर 2000 से कम बिस्तर क्यों तैयार हैं? दिल्ली में कितने वेंटिलेटर हैं, प्राइवेट और सरकारी, इन सभी का डेटाबैंक क्यों नहीं तैयार है, आस पास के ज़िलों से कितने वेंटिलेटर का इंतज़ाम हो सकता है, ज़िलों में क्यों नहीं पर्याप्त है? ज़िलों के वेंटिलेटर की हालत क्या है? इस वक्त ये सभी सवाल ज़्यादा महत्वपूर्ण हैं।


भारत में अभी तक बहुत कम सैंपल टेस्ट हो रहे हैं। इससे अंदाज़ा मिलता है कि भारत के पास टेस्ट किट कम हैं और 30 जनवरी को पहला केस आने के बाद भी अभी भी भारत हर दिन 3000 सैंपल भी टेस्ट करने की स्थिति में नहीं है। जब मैं यह बात कहता हूं तो कुछ लोगों का सवाल आता है कि दक्षिण कोरिया की आबादी देखिए। इसका संबंध आबादी से नहीं है। दक्षिण कोरिया ने 7 फरवरी से ही टेस्ट किट बनाने शुरू कर दिए थे। इसके लिए प्राइवेट कंपनियों के साथ बैठकें शुरू हो गई थीं। यही कारण है कि दक्षिण कोरिया एक दिन में 20,000 सैंपल टेस्ट कर रहा है।


सभी मानते हैं कि इसका एक ही उपाय है। टेस्ट करो। पता करो कौन संक्रमित है और उसे अलग करो। घर में बंद रहने की जागरूकता लोगों तक पहुंच चुकी है। और पहुंचाने की ज़रूरत है। बार बार पहुंचाने की ज़रूरत है। अब हमें जानने की ज़रूरत यह है कि हमारी मेडिकल तैयारी कितनी है? क्या आप जानते हैं? क्या आप नहीं जानना चाहेंगे? आप यह सवाल पूछें। कितने वेंटिलेटर हैं, कितने बिस्तर हैं, और कितने टेस्ट किट हैं?


याद रखिएगा, हम सभी ज़िंदगी और मौत की एक नाव पर सवार हैं।
(लेखक मशहूर पत्रकार व न्यूज़ एंकर हैं, आर्टिकल उनके फेसबुक पेज से लिया गया है)


सफलताः विकृत जननांग की सर्जरी

ऋषिकेश। उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में मंगलवार को हरिद्वार जनपद की निवासी एक 23 वर्षीया अविवाहित युवती के विकृत जननांग की नर्व स्पेयरिंग रिडक्शन क्लिटोरोप्लास्टी सर्जरी कर उसे पूर्ण स्त्रीत्व प्रदान किया गया। इसके साथ ही एक्स ऋषिकेश जननांग की विकृति का इलाज करने वाला उत्तर भारत का पहला संस्थान बन गया है। बताया गया है कि युवती को जननांग में जन्म से ही क्लिटोरल हाइपरट्रॉफी की शारीरिक विकृति थी। इसे एम्स ऋषिकेश के लिए मेडिकल साइंस के क्षेत्र में नई बुलंदी माना जा रहा है। इसके साथ ही यहां लाइफ ट्रांसफॉर्मिंग फीमेल कॉस्मेटिक जननांग सर्जरी की सुविधा शुरू हो गई है और एम्स ऋषिकेश देश का एकमात्र ऐसा चिकित्सा संस्थान बन गया है, जिसमें यह विशेष विभाग स्थापित किया गया है। उल्लेखनीय है कि एम्स ऋषिकेश पूरी दुनिया में पहला संस्थान है, जिसने रिकंस्ट्रक्टिव और कॉस्मेटिक-प्लास्टिक गायनोकोलॉजी विभाग की शुरुआत कर कॉस्मेटिक गायनोकोलॉजी में तीन साल का पोस्ट-डॉक्टोरल एमसीएच कोर्स शुरू किया है।


सोरेन ने 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली

सोरेन ने 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली  इकबाल अंसारी  रांची। झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन ने गुरुवार को शपथ ली। ...