सोमवार, 23 मार्च 2020

व्यवस्था के लिए उच्च स्तरीय बैठक

कोरोना संक्रमण पर शहर व्यवस्था के लिए उच्च स्तरीय बैठक


नगर विधायक शैलेश पांडे, कलेक्टर डॉ संजय अलंग ,पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल, जिला पंचायत सीईओ रितेश अग्रवाल और नगर निगम कमिश्नर प्रभाकर पांडे बैठक में हुए शामिल


बिलासपुर। कोरोना वायरस के संक्रमण के रोकथाम पर एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी जनता कर्फ्यू के बाद प्रदेश में 144 धारा लगाई गई है। इसके संक्रमण को रोकने, आम जनता और वस्तुओं और सेवाओं की सुविधाओं के संबंध में स्पष्ट दिशा निर्देश और कानून के दायरे में शहर में व्यवस्था बनाए रखने के लिए आज उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई । जिसमें नगर विधायक शैलेश पांडे ने कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, नगर निगम कमिश्नर, और जिला पंचायत सीईओ के सामने जनता की सुविधा, व्यवस्था और बंद के दौरान मिलने वाली सेवाओं के संदर्भ में अनेक बातें रखी।


इन विषयों को गंभीरता से लेते हुए इस पर जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, नगर निगम और जिला पंचायत द्वारा जल्द ही व्यवस्था दुरुस्त करने कहा गया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए नगर विधायक शैलेश पांडे ने कहा कि एक दिवसीय जनता कर्फ्यू में देश भर के लोगों का समर्थन मिला और लोग इस गंभीर समस्या से लड़ने के लिए तैयार नजर आए।  सभी ने अपने घरों में रहकर कोरोना से लड़ने का संदेश दिया है , लेकिन आज दूसरे दिन इस संक्रमण को लेकर लोगों में गंभीरता थोड़ी कम दिखाई दी है। इस बात के लिए जिला प्रशासनऔर पुलिस प्रशासन सहित सभी को गंभीर होने की जरूरत है। शहर के कई स्थानों में लोग घूमते और अन्य व्यवहार करते नजर आए इस पर जानकारी मिली और देखा गया है  कि आम जनता के पास बंद को लेकर स्पष्ट निर्देश नहीं हैं। खासकर सुविधाओं और सेवाओं के बाजार मैं दुकानदारों और आम जनता में इस बात की दुविधा बनी हुई है , कि कौन सी दुकानें खुली रहेंगी और कौन सी दुकानें बंद रहेंगी। इसी तरह सेवाओं को लेकर भी अभी स्पष्ट दिशा-निर्देश और जानकारी नहीं होने के कारण लोग अपने अनुसार कार्य करते नजर आ रहे हैं। जोकि एक तरह से गंभीर समस्या का रूप ले सकती है। बैठक में हमने कहा है , कि आम जनता को कर्फ्यू के संबंध में स्पष्ट दिशा निर्देश दिए जाएं, कि वह क्या कार्य कर सकते हैं, और क्या नहीं। इसी तरह सभी व्यापारी, पेट्रोल पंप संचालक ,मेडिकल स्टोर संचालक उद्योगपति, सभी निजी संस्थान सहित अनेक क्षेत्रों को भी स्पष्ट निर्देश होना चाहिए कि कौन सी दुकान खुलेगी और कौन सी दुकानें बंद रहेंगी।  यदि इन दुकानों और उद्योगों को खोलने और बंद करने की सीमा तय की जानी चाहिए तो वह भी स्पष्ट हो। उसके लिए स्पष्ट रूप से  सूची जारी किए जाने की आवश्यकता है। श्री पांडे ने बताया कि बाजार में सैनिटाइजर और साबुन के व्यवस्था की जरूरत है। किराना दुकान और सरकारी दुकानों में यह कम से कम दाम पर उपलब्ध हो और यदि यह नि:शुल्क व्यवस्था कराई जाए तो और बेहतर होगा। प्रशासन को यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है। महत्वपूर्ण बात यह भी है कि कुछ लोगों को रहने और खाने की भी दिक्कतें सामने आई हैं , इस पर उद्योगपतियों से भी कहा जाएगा कि वे रेडक्रॉस या अन्य एनजीओ के माध्यम से आर्थिक मदद करें। जिससे कि उन लोगों को नियम के तहत कानून के दायरे में भोजन व्यवस्था कराई जाए और लोगों को नि:शुल्क दवाएं भी दी जा सके। शैलेश पांडे ने यह भी बताया कि जो मजदूर बाहर से आ गए हैं, जिसे तिहारी मजदूर भी कहा जाता है। ऐसे लोगों की मजदूरी और उनकी प्रतिदिन की आय सुनिश्चित करना भी जरूरी है। इसके लिए मनरेगा के तहत उन्हें काम देने की जरूरत है। श्री पांडे ने बताया कि सभी लोगों को घर में रहने की समझाइश देने और संक्रमण के बारे में जानकारी देने के लिए स्वच्छ भारत वाले वाहन पर मुनादी कराने का भी फैसला लिया गया है। जिसके आदेश जल्द ही जारी किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि निजी और सरकारी क्षेत्र में जो नर्स से और वार्ड बॉय सहित हमारे मेहनती और जांबाज चिकित्सा साथी काम कर रहे हैं , उन्हें कोई मकान मालिक या अन्य कोई व्यक्ति अपने मकान से ना हटाए उन्हें सम्मान मिले और सुविधा मिले,  इस बात के लिए के लिए भी आदेश से जारी किया जाएगा। शैलेश पांडे ने कहा कि  हमारा बिलासपुर पूरी तरीके से सुरक्षित है।  बस हमें जरूरत है, तो सतर्क रहकर अपने आप को बचाए रखने की।  इसके लिए जिला प्रशासन पूरी तरीके से मुस्तैद है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग विभाग के सभी लोग तैयार हैं। उन्होंने जनता से अपील की है कि घर पर रहकर ही कार्य करें और अपने साथ समाज को भी सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी निभाए।


बुरी खबर 'समसामयिक कृति'

'बुरी खबर' 
बुरी खबर आई है, दुनिया के कोना-कोना से।
नए खौफ का मंजर है, वायरस कोरोना से।


मिलना-जुलना ना पसंद करो,
खिड़की-दरवाजा सब बंद करो,
डॉक्टरों का फरमान है ये,
तुम भी आवाज बुलंद करो,
हिफाजत से ही जीत मिलेगी,
ना जादू ना टोना से..... 
नये खौफ का मंजर है वायरस कोरोना से


मुंह को ढक लो तुम मास्क ओढ़कर,
हाथ रखो सैनिटाइजर से धोकर,
गले मिलने में खतरा है ज्यादा , अब करो 'नमस्ते' हाथ जोड़कर,
दूर ही रहना, किसी के चादर-बिछौने से.....


नए खौफ का मंजर है, वायरस कोरोना से


'सिराज' मोहम्मद सिराज


सख्ती या बेफिक्री ? 'संपादकीय'

मधुकर कहिन
कॅरोना वायरस की गंभीरता समझाने हेतु कहीं सरकार को न लगाना पड़े कर्फ्यू
प्रशासन की सख्ती के बावजूद बेफिक्र घूम रहे हैं अजमेर वासी


जनता कर्फ्यू खत्म होते ही , अजमेर के लोग इतनी बेफिक्री से सड़कों पर घुमाई घूमते हुए दिखाई दे रहे है जैसे कि कोई कैदी सालों बाद जेल से छूटा हो।


लोगों को लगता है कि उनके थाली और ताली बजाने और शोर मचाने से कॅरोना वायरस मैदान छोड़ कर भाग गया हैं।आज सुबह कुछ समझदार लोग ट्रॉम्बे स्टेशन के पास अपने दोस्तों की भीड़ इकट्ठी करके काढ़ा वितरण करने लगे । ताकि कॅरोना का इलाज कर सकें। इन नेतागिरी के रोगियों को शायद यह मालूम नहीं है कि - करोना का इलाज काढ़े से करने के चक्कर में कहीं इनको गंभीर इलाज की ज़रूरत न पड़ जाए क्योंकि कॅरोना ऐसे ज्यादा समझदारों का इलाज करने में पूरी तरह से सक्षम है। ऐसे नेतागिरी पसंद समाज सेवाको कि बेवकूफ की वजह से जो माहौल उत्पन्न हो रहा है वह माहौल खुद ही किसी आपातकालीन स्थिति से कम नहीं है। उस पर हिंदुस्तान जिंक का भीलवाड़ा यूनिट रोज तकरीबन 400 मजदूरों को अजमेर से गाड़ी लगाकर भीलवाड़ा ले जाता है। और शाम को भीलवाड़ा से उठाकर वापस अजमेर में छोड़ देता है। जिनमें से 400 नहीं तो दो या चार लोग तो संक्रमण लेकर आते ही होंगे। और अड़ोस पड़ोस में एक आद लोगों को टच कर लेते होंगे। परंतु अभी तक प्रशासन को शायद इसका ज्ञान नहीं है। लगता है अजमेर वासियों को अभी तक लॉक डाउन का मतलब पूरी तरह समझ में नहीं आ रहा है। वैसे भी यहाँ के नेतागिरी पसंद ननगरिकों को  इतनी आसानी से बातें समझ में कहाँ आती हैं। सो अजमेर के भोले भाले समाजसेवी जीवो को मैं बता देता हूँ कि भाई !!! लॉक डाउन ऐसी आपात परिस्थिति में एक अहसान है !!!  जो सरकार ने आप लोगों पर किया है।सरकार चाहती तो जबरन कर्फ्यू भी लगा सकती थी। ताकि आप लोग इस गंभीरता को समझ सकें और पांव बांधकर शांति से घर बैठे रहें। लेकिन सरकार ने फिर भी ऐसा नहीं किया। और ज़रा नरमी बरतते हुए जनता से उम्मीद की है कि शायद वह इस आपातकालीन स्थिति को समझ सके। और खुद ही सहयोग करें । ताकि लाखों लोगों की जान बचाई जा सके। लेकिन आज सुबह बाज़ारों का दृश्य देख कर ऐसा लगता है की अजमेर वासियों को अब तक बात समझ नहीं आयी है। शायद सरकार द्वारा बखशी गयी इज्जत रास नहीं आ रही है। लो एक कोशिश मैं भी मेरी तरह से कर ही लेता हूं। तो भाई लोगों !!! आज 400 के करीब जो कॅरोना वायरस के संक्रमण का आंकड़ा पूरे देश में है , लगभग यही 400 के आसपास का आंकड़ा 1 महीने पहले इटली का था । और तब भी इटली वासियों ने बिल्कुल आप लोगों की तरह इसे गंभीरता से नहीं लिया। और बिल्कुल ऐसा ही माहौल था वहां पर भी , जैसा आज हमारे यहां चल रहा है। यदि हम इस वक्त गंभीर होकर जिम्मेदारी से कॅरोना वायरस के खिलाफ इस लड़ाई में सरकार और प्रशासन का साथ नहीं देंगे ... तो वह दिन दूर नहीं है कि भारत का भी हाल इटली जैसा हो जाएगा। जहां सेना बॉर्डर पर जंग लड़ रहे सिपाहियों की नहीं ,अपितु अपने ही देश के नागरिकों के शव उठाने के लिए लगी हुई है। खैर !!! अजमेर वासियों का क्या है ??? अजमेरवासी तो अजमेर वासी हैं ...  इन लोगों की हरकतों के पीछे पहले भी कई वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी खामयाजा भुगत चुके हैं।
फिर भी ... जिस तरह की खबरें राष्ट्र चैनलों पर अन्य जगहों की भी आ रही है। उन के मद्देनजर देखा जाए तो राजस्थान सरकार को भी अनिवार्य रूप से 31 तारीख तक सख्ती से कर्फ्यू लागू कर देना चाहिए। अन्यथा इतनी बड़ी जनसंख्या के लोगों को सद्भावना से समझाने में यदि, यह कीमती समय निकल गया तो फिर कॅरोना की मार से बचना प्रदेश में मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हो जाएगा। अल्पकाल के लिए ही सही, पर पूरे प्रदेश में एक बार झटके से कर्फ्यू लगाना आम लोगों को कॅरोना वायरस के खतरे से मुकाबले के लिए गंभीर रूप से तैयार करने हेतु बहुत आवश्यक नज़र आता है । बल्कि मैं तो यह कहूँगा की यह आवश्यक ही नहीं अनिवार्य नज़र आता है।


 फिर भी उम्मीद करूंगा कि अजमेर की जनता कम से कम समझदारी बरतते हुए ऐसी स्थिति ना आने दे ।और पूरे प्रदेश में ही नहीं पूरे देश में अनुशासित और सभ्य नागरिकता का उदाहरण प्रस्तुत करें।


नरेश राघानी


शहीद दिवस पर 'शहीदों' को नमन

राष्ट्रीय सनातन महासभा ने शहीद दिवस के रूप में सरदार भगत सिंह राजगुरु और सुखदेव को किया याद


सन्दीप मिश्रा


रायबरेली। राष्ट्रीय सनातन महासभा ने नेहरू नगर रायबरेली में 23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में सरदार भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को याद किया। देश पर जान कुर्बान करने वाले अमर क्रांतिकारियों को शत-शत प्रणाम किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय सनातन महासभा की कार्यकर्ताओं ने सरदार भगत सिंह की शहादत पर पार्टी कार्यालय में एक बैठक का आयोजन किया। इस अवसर पर पार्टी के राष्ट्रीय सचिव ज्ञान प्रकाश तिवारी एवं पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं ने भारत के सच्चे सपूत सरदार भगत सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की इस अवसर पर उन्होंने कहा कि लोकतंत्र बहुत अच्छी चीज है लेकिन दुर्भाग्यवश हमारे देश में लोकतंत्र के नाम पर दानव तंत्र चल रहा है यानी कि डेमोक्रेसी के नाम पर डेमनो क्रेशी रही है उन्होंने कहा कि आज देश को सरदार भगत सिंह जैसे महान भारत माता के सच्चे सपूत की जरूरत है जो इस दान व तंत्र को उखाड़ फेंके उन्होंने देश के सभी सम्मानित लोगों से अपील की। हमें इन महान क्रांतिकारियों के सपनों को साकार करने के लिए देश को विश्व गुरु बनाने के लिए हम सब को आगे आना होगा भारत विकसित देशों की श्रेणी में आ सके उन्होंने कहा कि सरदार भगत सिंह के बताए हुए आदर्शों पर चल कर ही हम देश को उन्नति पर ले जा सकेंगे आज हर एक युवा को सरदार भगत सिंह बनना होगा। तभी देश से आतंकवाद खत्म होगा।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज की राजनीतिक पार्टियां केवल जातिके नाम पर राजनीति करती हैं जबकि हम सबको एक होकर इन राजनेताओं को सबक सिखाना होगा जो लोग धन् ब बल द्वारा गुमराहकरते हैं इन सब से बचना होगा। इस अवसर पर प्रदेश सचिव चंदन सिंह जिला अध्यक्ष शिवम त्रिवेदी, जिला उपाध्यक्ष गीतेश दीक्षित, ललित त्रिवेदी, कमलेश, रमेश, दिनेश, अनुराग द्विवेदी, हरिशंकर, विजय कुमार, गिरीश कुमार, शिव शंकर, विष्णु शंकर आदि तमाम कार्यकर्ता और समाजसेवी उपस्थित थे।


400 संदिग्धों की जांच, सभी नेगेटिव

सन्दीप मिश्रा


रायबरेली। कोरोना वायरस को लेकर वैसे तो ज्यादातर ट्रेनें रद्द रही लेकिन जो आई उनके यात्रियों पर स्वास्थ्य महकमे की कड़ी नजर रही। रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से उतरते ही 30 संदिग्ध यात्रियों को स्टेशन से सीधे जिला अस्पताल भेजे गये।


जहां उनका परीक्षण के बाद परिणाम सकारात्मक आने पर सभी को छुट्टी देकर घर भेज दिया गया। जनता कर्फ्यू के मद्देनजर रेलवे ने भी अपनी अधिकतर सेवाये बन्द रखी। रविवार को सिर्फ 3 ट्रेन जनपद से गुजरी। जिनमे अमृतसर हावड़ा से चलने वाली पंजाब मेल ,मुंबई से आने वाली साकेत एक्सप्रेस ,शामिल थी। जिनमें लगभग चार सौ यात्री उतरे थे। लेकिन स्वास्थ विभाग की टीम पहले से ही तैयार थी। डॉ ऋषि बागची की अगुवाई में सभी यात्रियों का तापमान नापा गया। इनमें 30 यात्रियों का तापमान अधिक मिला। उन्होंने अलग करके अस्पताल पहुंचाया गया। जहां पर सभी का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। जिनमें सभी स्वस्थ मिले इसके बाद सभी की छुट्टी करके घर भेज दिया गया।


शामली में मिला संदिग्ध, जांच को भेजा

भानु प्रताप  उपाध्याय


शामली। बेंगलुरु से लौटे युवक को कोरोना का संदिग्ध मरीज होने की सूचना पर पुलिस द्वारा सीएचसी पर जांच के लिए लाया गया।


कैराना के मोहल्ला गुंबद निवासी एक युुुवक बेंगलुरु में रहकर हेयर सैलून का काम करता था। रविवार देर रात में बेंगलुरु से अपने घर वापस लौटा। सुबह मोहल्ले वासियों ने पुलिस को युवक के कोरोना के संदिग्ध मरीज होने की सूचना दी जिस पर पुलिस द्वारा मौके पर पहुंचकर युवक को जांच के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर लाया गया। युवक को फिलहाल कोरोना के कोई लक्षण नहीं बताए जा रहे हैं। फिर भी उसे हिदायत दी गई है।


वित्त विधेयक, बिना चर्चा के पारित

नई दिल्ली। वित्त विधेयक, 2020 आज लोकसभा में बिना चर्चा के पारित हो गया। इसके साथ ही वित्त वर्ष 2020-21 के बजट को सदन की मंजूरी मिल गई। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही दोपहर बाद दो बजे शुरू होने के बाद सबसे पहले जरूरी कागजात सभा पटल पर रखवाए।


इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त विधेयक, 2020 को विचारार्थ सदन के समक्ष रखा। संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि सभी दलों के नेताओं के साथ आज सुबह हुई बैठक में यह सहमति बनी थी कि “असाधारण परिस्थितियों” को देखते हुए वित्त विधेयक को बिना चर्चा के पारित किया जाएगा। बजट के दिन एक फरवरी को वित्त विधेयक में सरकार ने 43 संशोधन किए थे। इसमें तीन खंड (पार्ट 4 ए, पार्ट 6 और पार्ट 7) जोड़े हैं। साथ ही छह नए क्लॉज और दो नए सेक्शन भी विधेयक में जोड़े गए। सदन ने मूल विधेयक में शामिल सेक्शन 144 को सत्ता पक्ष के सदस्यों की जोरदार न के कारण ध्वनिमत से खारिज कर दिया। सरकार की ओर से पेश सभी 43 संशोधनों को सदन की मंजूरी मिल गई, जबकि विपक्ष के सभी संशोधनों को खारिज कर दिया गया। सरकार ने अगले वित्त वर्ष के लिए कुल 30.42 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया था। आम बजट पर 11 घंटे 51 मिनट चर्चा हुई। रेल मंत्रालय से संबद्ध अनुदान मांगों पर 12 घंटे 31 मिनट, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की अनुदान मांगों पर पांच घंटे 21 मिनट और पर्यटन मंत्रालय की अनुदान मांगों पर चार घंटे एक मिनट चर्चा हुई। अन्य मंत्रालयों की अनुदान मांगों तथा सभी अनुदान मांगों से संबंधित विनियोग विधेयकों को 16 मार्च को गिलोटीन के जरिए मंजूरी प्रदान की गई थी।


'सैनिक बंधू' की बैठक आयोजित की: सीडीओ

'सैनिक बंधू' की बैठक आयोजित की: सीडीओ  गणेश साहू  कौशाम्बी। मुख्य विकास अधिकारी अजीत कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में बुधवार को जिल...