रविवार, 22 मार्च 2020

कोरोनाः शक़ में नस काटकर आत्महत्या

 ब्रेकिंग न्यूज़
अतुल त्यागी जिला प्रभारी
कोरोना के शक में युवक ने गले की नस काटकर की आत्महत्या  



हापुड। जनपद हापुड़ के थाना पिलखुवा के युवक सुशील कुमार पुत्र भूरी, उम्र 30 वर्ष ने कोरोना के शक में अपने गले को काटकर आत्महत्या कर ली सुशील पुत्र भूरी निवासी- मोहन नगर निकट चंडीमंदिर पिलखुवा जनपद हापुड़ का रहनेवाला था। आत्महत्या किए जाने की सूचना पर प्रशासन/पुलिस के अधिकारी चिकित्सक टीम के साथ मौके पर पहुंचे। मृतक सुशील कुमार के शव के पास एक नोट मिला है जिसमें लिखा गया की कोरोना के डर से कि कहीं उसके बच्चे भी कोरोना से पीड़ित न हो जाए, इसलिए वह ऐसा कदम उठा रहा है। मृतक के संबंध में जानकारी प्राप्त करने पर स्पष्ट हुआ कि मृतक की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं थी और न ही मृतक के परिवार में पूर्व में कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति था। मृतक का संपर्क भी किसी कोरोना पीड़ित व्यक्ति से होना नहीं पाया गया और न ही मृतक का कोई सैंपल कोरोना जांच के लिए पूर्व में भेजा गया है। मृतक को आइसोलेशन में भी नहीं रखा गया है। मृतक के शव को पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया गया है और कोरोना पीड़ित होने की पुष्टि के संबंध में सैंपल जांच हेतु लखनऊ भेजा जा रहा है। सैंपल रिपोर्ट प्राप्त होने के उपरांत ही स्पष्ट होगा कि मृतक कोरोना से संक्रमित था। 


लॉक डाउन 'संपादकीय'

'लॉकडाउन'    'संपादकीय'
नीति में साइरस और चाइनीज वायरस पूरी दुनिया पर संकट उत्पन्न करने का कार्य कर रहे हैं। कोरोना वायरस कोविड-19 विश्व के 168 देशों में प्रति व्यक्ति को संकट में डाल दिया है। 3 लाख से अधिक लोगों का संक्रमण मृत्यु के द्वार पर कहां तक चलेगा? इसका संभवत: किसी को कोई भी अनुमान नहीं है। समस्या की विकरालता से जनमानस हतप्रभ है। 'डब्ल्यूएचओ' ने सर्कुलर जारी कर कहा, युवा वर्ग सतर्कता बरतें। युवा वर्ग को विषय को गंभीरता से लेने की जरूरत है। व्यवस्था परिवर्तन की नीतियां भी इसका एक कारण हो सकता है। ज्यादातर राष्ट्र डिजिटल पर निर्धारित प्रति व्यक्ति कनेक्टिविटी पर आगे बढ़ रहे हैं। लेकिन देश में व्यवस्था प्रतिस्थापित करने का कार्य अभी पूर्ण नहीं हुआ है। जिसके कारण अनावश्यक संपर्क साधना एक विवशता है। 'संयुक्त राष्ट्र अमेरिका' इसी नीति के तहत अपनी संप्रभुता स्थापित करने का कार्य कर रहा है। अमेरिका एक विकसित राष्ट्र है। भारतीय व्यवस्था बदलते हुए दौर से गुजर रही है। ऐसी अवस्था में वायरस से बचाव हम सभी का नैतिक और मौलिक कर्तव्य है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनहित में निर्णय लिए हैं। लेकिन प्रशासन कालाबाजारी की लूट पर नियंत्रण नहीं पा रहा है।
 राजस्थान, पंजाब और उत्तराखंड के 70 जनपदों में लॉकडाउन किया गया है। इसलिए अपने आप को सुरक्षित रखिए, आप संक्रमण को रोकने में सहयोग करेंगे। साधारण जीवन शैली इसमें आपकी सहायता करेगी। आप अपने घरों में अधिक समय बिताएं। कुछ ही समय के पश्चात, वायरस बढते तापमान में शून्य विलीन हो जाएगा।



राधेश्याम  'निर्भय पुत्र'


सबका धन्यवाद, परिंदों ने भी दिया साथ

सरवन कुमार सिंह/ बिनोद गुप्ता/ संजय की रिपोर्ट


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर रविवार यानी कल जनता कर्फ्यू है इसलिए लोग कृपया घरों में रहें। योगी ने कहा, ” जनता कर्फ़्यू का आह्वान है, कृपया घरों में रहें, संदिग्ध घर में क़ैद रहें, मेट्रो, रोडवेज बसें, सिटी बसें बंद रहेंगी।”


श्रमिकों के लिए योगी ने मदद की घोषणा की है जिसके तहत 20 लाख 37 हज़ार लोगों को एक एक हजार रूपए दिये जाएंगे। उन्होंने कहा कि ठेला, खोमचे वाले 15 लाख लोगों को भी सरकार एक-एक हजार रूपए देगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में मज़दूरों, ग़रीबों के लिए तत्काल खाद्यान्न मुहैया कराया जाए।


योगी ने कहा कि जो भी परिवार किन्ही वजहों से सूची में छूटे हैं, जिलाधिकारी उनको तत्काल एक-एक हज़ार रुपए दिलाएंगे। उन्होंने अपील की, ” घबराएँ मत, व्यापारी जमाख़ोरी ना करें। हमारे पास पर्याप्त खाद्यान्न हैं। भीड़ भाड ना करें, संक्रमण ना होने दें। दुकानों में लाइन ना लगाएँ। जो ज़रूरी हो वहीं लेने जाएं किसी भी चीज़ की क़िल्लत नहीं होने देंगे, अनावश्यक जमा करने की प्रवृत्ति से बचिए। ”


 दुनिया भर में भय का पर्याय बन चुके कोरोना वायरस से बचाव के लिए  देश के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के तमाम बड़े व छोटे मंदिरों को बंद कर दिया गया है। UP में संकटमोचन मंदिर में जहां लोग बंद मंदिर के मुख्य द्वार पर ही माला-फूल चढ़ा रहे हैं वहीं काशी विश्वनाथ मंदिर भी आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया है।
वाराणसी स्थित द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर को कोरोना से बचाव के मद्देनजर 21 मार्च से 24 मार्च तक श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया। इस दौरान पुजारियों की नियमित पूजा-अर्चना पर रोक लागू नहीं होगी। पुजारी मंदिर में प्रवेश कर दैनिक पूजा-अर्चना करते रहेंगे। DM कौशल राज शर्मा ने यह आदेश दिया है। इस दौरान मंदिर के पुजारियों के अलावा आम दर्शनार्थियों को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
काशी के कोतवाल कहे जाने वाले बाबा काल भैरव का मंदिर भी अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है। मंदिर के महंत परिवार की ओर से मिली जानकारी के अनुसार पूजा-अर्चना होती रहेगी। श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगाई गई है।
कोरोना के प्रकोप के कारण वाराणसी का प्रसिद्ध संकटमोचन मंदिर भी शनिवार की सुबह से आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया है। मंदिर बंद होने के बाद भी काफी संख्या में लोग पहुंचे और मुख्य गेट पर ही माला फूल चढ़ाने के साथ भगवान हनुमान को नमन किया। कुछ लोगों ने गेट के बाहर सड़क पर ही हनुमान चालीसा व अन्य पाठ किया। बता दें कि संकट मोचन मंदिर में हर शनिवार व मंगलवार को भारी भीड़ उमड़ती है। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के मद्देनजर ही शुक्रवार शाम मंदिर के महंत प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र ने मंदिर के कपाट आम लोगों के लिए बंद करने का फैसला लिया।


शहर के दक्षिणी भाग में स्थित संकटमोचन मंदिर वाराणसी ही नहीं देश विदेश के श्रद्धालुओं के लिए आस्था का बड़ा केंद्र है। PM  ने भी जब वाराणसी से चुनाव लड़ने का फैसला किया था  तो सबसे पहले यहीं आकर आशीर्वाद लिया था।  मंदिर को 25 मार्च तक के लिए बंद कर दिया गया है।


गंगा आरती में आम श्रद्धालुओं का प्रवेश 31 मार्च तक के लिए प्रतिबंधित
बता दें कि वाराणसी में होने वाली गंगा आरती में आम लोगों की प्नवेश पर पहले ही रोक लगा दिया गया है। यह निर्णय जिला प्रशासन और गंगा सेवा निधि ने कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए लिया है। गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने कहा- दशाश्वमेध घाट पर होने वाली मां गंगा की दैनिक आरती का स्वरूप 31 मार्च तक के लिए सांकेतिक किया गया है।


चित्रकूटः मंदिरों पर लगा ताला
कोरोनावायरस का असर चित्रकूट में भी देखने को मिल रहा है। यहां 31 मार्च तक कामदगिरि परिक्रमा और कामतानाथ के दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई। मझगवां SDM हेमकरण धुर्वे ने बताया कि राम घाट स्थित मंदिर महाराजाधिराज मतगजेंद्र नाथ शिव मंदिर में भी आज ताला लगा दिया गया। सुबह पूजन और शाम को आरती व भगवान का भोग सेवायतों द्वारा संपन्न होगा।

इसके अलावा गोरखपुर के गोरखनाथ पीठ को भी श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया है। गोरखनाथ पीठ श्रद्धालुओं के लिए 31 मार्च तक बंद रहेगा।  इस दौरान गोरखनाथ पीठ में नियमित भोग और आरती आम दिनों की तरह होती रहेगी। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही इस मठ के महंत हैं।


ज्ञात है कि कोरोना वायरस के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार, 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का आह्वान किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी प्रदेश धार्मिक आयोजनों पर भी रोक लगाते हुए लोगों से अपने घर पर रहकर ही पूजा करने की अपील की है। मां वैष्णो देवी और मां कामाख्या के मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बंद किए जा चुके हैं। इस बीच अब उत्तर प्रदेश के भी प्रमुख मठ-मंदिरों में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लग गई है।


सांसद ने बजाई थाली, बढ़ाया हौसला

राणा ओबराय

चण्डीगढ़ में थाली बजाकर लोगो ने डयूटी करने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों का बढ़ाया हौंसला, करनाल सांसद ने भी पानीपत निवास पर बजाई थाली
चण्डीगढ़। वैसे तो पूरे देश ने प्रधानमंत्री की बात पर निश्चित समय पर थालियां बज कर एकता की मिसाल दी है। क्योंकि कोरोना को हराने के लिए डयूटी कर रहे कर्मचारियों और अधिकारियों का हौंसला बढ़ाने के लिए इससे अच्छा कोई कार्य नही हो सकता है। चण्डीगढ़ में जागरूक जनता ने विभिन्न क्षेत्रों में 5 बजे घण्टियाँ बजा कर कोरोना से युद्ध करने वालों का हौंसला बढ़ाने में कोई कमी नही छोड़ी है।


प्रशासन की कवायद, धरने पर महिलाएं

प्रशासन की सारी कवायद फेल,मंसूर अली पार्क में महिलाएँ धरने पर डटी रहीं


बृजेश केसरवानी


प्रयागराज। कोरोना वॉयरस और जनता कर्फ्यू का हवाला दे कर मंसूर अली पार्क में सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ चल रहे धरना समाप्त कराने की, प्रशासन की कवायद कई दौर की वार्ता के बाद भी फेल हो गई। शनिवार को दिन के दो बजे से रात एक बजे तक सारा पुलिस का अमला धरना समाप्त कराने को मंसूर पार्क के आस-पास डटा रहा। प्रशासन को सफलता मिलती दिख रही थी।आलाधिकार धरने की अगुवाई करने वाले लोगों को मनाने में कामयाब हो गई।सायरा अहमद,उमर खालिद,फराज़ उसमानी और ज़ीशान रहमानी को मोहर्रम कमेटी के इसरार नेयाज़ी,जावेद पम्प की मध्यस्ता से प्रशासन ने धरना समाप्त कराने को राज़ी कर लिया।उन लोगों ने बाक़ायदा धरना समाप्त करने का एलान कर दिया।लेकिन धरने मे शामिल महिलाओं ने धरने को किसी क़िमत पर स्थगित न करने की ज़िद ठान ली।धरना समाप्त करने की सुगबुगाहट और प्रशासनिक अमले के बढ़ते दबाव को देखते आस पास के मोहल्लों से हज़ारों लोग सड़को पर उतर आए और विरोध प्रदर्शन शुरु हो गया।इस बीच प्रशासन ने सूझ बूझ का परिचय देते रात एक बजे रौशन बाग़ से वापसी कर ली।पुलिस के वापसी पर लोगों ने जहाँ जोश के साथ हिन्दुस्तान ज़िन्दाबाद का नारा बचलन्द किया वही पुलिस प्रशासन ज़िन्दाबाद के नारे भी लगने लगे।जमा भीड़ पुलिस के बैक फुट होने पर पीछे पीछे खुलदाबाद तिराहे तक पुलिस प्रशासन की गाड़ियों को वापिस भेज कर ही लौटी।उधर धरने की अगुवाई करने वालों के जाने के बाद संचालन की ज़िम्मेदारी नेहा यादव ने सम्भाल ली।प्राताः ४बजे सायरा आहमद के मंसूर पार्क में प्रवेश करने पर लोगों ने यह कह कर उनको अन्दर जाने से रोक दिया की अब आप का कोई काम नहीं अब आप वापिस जाईये।दिन में अब्दुल्ला तेहामी,फराज़ उसमानी के मंसूर पार्क में प्रवेश करने पर लोग विरोध करने लगे और हाँथा पाई की नौबत आ गई।लोगों ने समझा बुझा कर दोनो पक्ष को अलग किया।वहीं दिन भर महिलाएँ धरना स्थल पर मौजूद रहीं लेकिन किसी प्रकार का भाषण या नारे बाज़ी नहीं हुई।धरने को संचालित करने को एक नई कमेटी का गठन कर दिया गया है जिसमे ७ महिलाएँ और ४ युवाओं की टीम बनाई गई है।सै०मो०अस्करी ने बताया की धरने में महिलाओं के खाने पीने की व्यवस्था देख रहे शुऐब अन्सारी ने टीम में कौन कौन शामिल है इसका अभी खुलासा नहीं किया गया है।वहीं धरना स्थल पर जहाँ महिलाएँ पार्क के अन्दर मौजूद रहीं वही राजनितिक दलों के साथ सामाजिक संगठनों के लोग सड़कों पर डटे रहे।शुऐब अन्सारी,इरशाद उल्ला,सै०मो०अस्करी,पार्षद अक़िलुर्रहमान,पार्षद मो०आज़म,पार्षद रमीज़ अहसन,अफसर महमूद,इफ्तेखार अहमद मंदर आदि मौजूद रहे। संक्रमण को देखते हुए मंसूर अली पार्क के मेन गेट को बन्द कर पुरुषों के प्रवेश पर लगाई गई रोक।


मंसूर अली पार्क में नई कमेटी के लोगों ने मेन गेट पर बाँस बल्ली लगा कर उसे पुरुषों के प्रवेष के लिए बन्द कर दिया।दिन भर महिलाएँ पार्क के अन्दर डटी रहीं और गप शप चलती रही।कोई नारा न लगा न ही भाषण बाज़ी हुई।पार्क के बाहर पुरुष कोरोना वॉयरस और रात की घटना को ले कर चर्चा करते रहे।बीच बीच मे लोगों को आगाह किया जाता रहा की कोई भी ऐसा कार्य न करे जिस से हमारा सीएए एनआरसी और एनपीआर को लेकर चल रहा आन्दोलन कमज़ोर हो।सै०मो०अस्करी ने बताया की युवाओं ने कोरोना वॉयरस से बचाव के लिए  पार्क के तीन साईड के मेन रासतों को बल्लियों और रस्सियों से बैरिकेड कर पुरी तरहा से बन्द कर दिया ताकि भारी संख्या को रोका जा सके और संक्रमण भी न फैले।शनिवार की देर रात को ही युवा बल्लियाँ लगाने मे लग गए थे धीरे धीरे सभी मेन रास्तों को आवाजाही के लिए बन्द कर दिया गया।


आईएमपीसीएल ने किया इलाज का दावा

रानीखेत। भारत में भी कोरोनावायरस की दस्तक से मचे हड़कंप के बीच जहां जहां पूरा विश्व कोरोना वायरस से बचने का इलाज ढूंढ रहा है, वहीं उत्तराखंड के नैनीताल जनपद के रामनगर से सटे अल्मोड़ा जिले के मोहान स्थित इंडियन मेडिसिन फार्मा सिटी कल कॉरपोरेशन लिमिटेड यानी आईएमपीसीएल में कई वर्षों से बन रही तीन दवाओं से कोरोना वायरस का शुरुआत में ही उपचार किये जाने का दावा किया गया है। दावे के अनुसार आईएमपीसीएल में बनने वाली यूनानी दवा ‘त्रियाके नजला’, ‘शर्बते उन्नाब’ और ‘हब्बे बुखार’ के इस्तेमाल से कोरोनावायरस शुरुआती दौर में ही मर जाता है। मध्य प्रदेश सरकार ने आईएमपीसीएल कंपनी से इन दवाओं के लिए बकायदा 35.50 लाख रुपये से अधिक की राशि में तीनों दवाइयों की खेप मांगी है। मध्य प्रदेश सरकार के इस ऑर्डर को इन दवाओं से कोरोना वायरस का उपचार हो पाने की करिश्माई क्षमता से ही जोड़कर देखा जा रहा है।
आईएमपीसीएल के मुख्य प्रबंधक मनजीत सिन्हा ने बताया कि मध्य प्रदेश सरकार से उन्हें एक पत्र मिला है, जिसमें मध्य प्रदेश सरकार ने उनसे यूनानी दवा ‘त्रियाके नजला’, ‘शर्बते उन्नाब’ और ‘हब्बे बुखार’ मांगी हैं। इन तीनों दवाइयों को आईएमपीसीएल वर्षों से बना रहा है। उनका दावा है कि यह तीनों दवाएं कोरोना वायरस की रोकथाम में बेहद कारगर साबित हो सकती है। मध्य प्रदेश के संचालनालय आयुष की सहायक संचालक डॉ. वंदना बोराना के पत्र के अनुसार इन दवाइयों की मध्य प्रदेश के 28 जिलों की सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों आदि में आपूर्ति की जाएगी तथा कारोना के संदिग्ध पीड़ित व्यक्तियों को यह दवा दी जाएगी। वहीं आईएमपीसीएल फैक्टरी के जनरल मैनेजर पनी राम आर्य ने बताया कि उनके यहां दवाइयां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं यदि अन्य सरकारें भी उनसे इन दवाइयों की मांग करती हैं तो वह देने को तैयार हैं।


चिकित्सकों ने निष्ठा से निभाया कर्म

नैनीताल। देश की जनता जब रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘जनता कर्फ्यू’ के आह्वान पर कोरोना की वैश्विक महामारी से बचने के लिए अपने घर पर है, वहीं धरती पर ईश्वर का दूसरा नाम कहे जाने वाले चिकित्सक एवं चिकित्सा कर्मी देश भर के चिकित्सालयों में मानवता के सबसे बड़े दुश्मन बन चुके कोरोना को हराने के लिए जी-जान से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। जनता प्रधानमंत्री के आह्वान पर शाम को पांच बजे पांच मिनट के लिए ताली-ताली एवं घंटे-घड़ियाल बजाकर इस कठिन समय में भी कार्य कर रहे चिकित्साकर्मियों एवं अन्य के आभार ज्ञापन करेगी, किंतु इससे पहले ही विश्व प्रसिद्ध सरोवरनगरी नैनीताल के चिकित्सकों व चिकित्सा कर्मियों ने देश भर के चिकित्सकों की ओर से नैनीताल ही नहीं देश भर के लोगों को अपने खास अंदाज में शुक्रिया कहा है। 
बीडी पांडे जिला चिकित्सालय में वरिष्ठ फिजीशिन एवं चिकित्सालय के कोरोना के नोडल अधिकारी डा. महिमन सिंह दुग्ताल ने ऋतु, श्यामा, विवेक आदि चिकित्सा कर्मियों के साथ एक पोस्टर जारी किया। जिसमें लिखा था, ‘हम काम पर आपके लिए-आप घर पर हमारे लिये’। ये शब्द आभार ज्ञापन के बड़े शब्द हैं जो चिकित्सा कर्मियों को अपने कार्य पर सजग रहने की तो बड़ी प्रेरणा देते ही हैं, देश के आम जन को भी अहसास कराते हैं कि उन्होंने एक दिन अपने घर पर रहकर देश की सेवा के लिए कितना बड़ा योगदान दिया है जिससे कोरोना की महामारी से लड़ने में बड़ी मदद मिल सकती है, और देशवासियों की सामूहिकता की यह पहल सफल रहती है तो दुनिया भर के लिए भी प्रेरणादायी भी हो सकती है। डा. दुग्ताल ने कहा जनता घर पर रहकर भी चिकित्साकर्मियों की तरह कोरोना का संक्रमण देश में रोकने में बड़ा योगदान दे रही है। प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर जनता 14 घंटें बाहर आवागमन नहीं करती है तो कोरोना का विषाणु स्वतः निष्क्रिय हो सकता है।


'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया

'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया  कविता गर्ग  मुंबई। राजभवन पहुंचे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल सीपी राधा कृष्णन से मु...