नई दिल्ली। ज्योतिरदित्य सिंधिया गुट के 22 विधायकों को तोड़कर भाजपा कमलनाथ सरकार गिराते हुए खुद सत्ता की दहलीज पर तो पहुंच गई है, लेकिन मुख्यमंत्री को लेकर असमंजस बरकरार है। कोरोना वायरस के नाम पर टाली गई भाजपा विधायक दल की बैठक के पीछे एक अहम कारण केन्द्रीय नेतृत्व का आम सहमति बनाना है। मुख्यमंत्री प की रेस में पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान सबसे आगे बताया जा रहे हैं।
कौन-कौन हैं दावेदार:-वरिष्ठता के आधार पर केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर का नाम शिवराज सिंह चौहान के बाद दूसरे नंबर पर है। तो वहीं, ऑपरेशन लोटस में रणनीतिकार की भूमिका निभाने वाले पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा का नाम भी केन्द्रीय संगठन की सूची में शामिल है। सूत्रों का कहना है कि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री के चयन में ज्योतिरादित्य सिंधिया का भी अहम रोल होगा।
मोदी ने शिवराज ने नाम पर दी सहमति:-सूत्रों के मुताबिक शिवराज सिंह चौहान, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पसंद बताए जा रहे हैं। नरेन्द्र मोदी चौथी बार शिवराज सिंह चौहान को मध्यप्रदेश की कमान सौंपना चाहते हैं, लेकिन कुछ बड़े नेताओं का तर्क है कि चेहरा बदलना जरूरी है। शिवराज सिंह चौहान अगर मध्यप्रदेश के सीएम बनते हैं तो प्रदेश में पहली बार कोई नेता चौथी बार सीएम पद की शपथ लेगा। शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले नेता हैं। शिवराज सिंह चौहान के बाद दूसरे नंबर पर कांग्रेस के दिग्विजय सिंह हैं जो 10 सालों तक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं।
आज हो सकता है निर्णय:-ऐसे में रविवार को केन्द्रीय नेतृत्व इस पर निर्णय ले सकता है कि एक बार फिर से शिवराज सिंह चौहान को मध्यप्रदेश की कमान सौंपी जाए या फिर प्रदेश में चेहरा बदला जाए। उसके बाद ही सोमवार को भोपाल में विधायक दल की बैठक करके उसें मुख्यमंत्री के नाम का एलान किया जा सकता है।
शिवराज सिंह चौहान बन सकते हैं अगले सीएम, कमलनाथ के मंत्री ने कहा- नई सरकार को दूंगा समर्थन
कास्ट फैक्टर पर भी नजर:-मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा जातिगत समीकरण पर भी फोकस कर रही है। शिवराज सिंह चौहान ओबीसी वर्ग से आते हैं जो की प्रदेश की लगभग आधी आबादी है। ऐसे में शिवराज सिंह चौहान की दावेदारी प्रबल हो जाती है। वहीं, नरेन्द्र सिंह तोमर क्षत्रीय वर्ग से आते हैं तो नरोत्तम मिश्रा ब्राम्हण हैं। बीते विधानसभा चुनाव में सामान्य वर्ग की नाराजगी के कारण ही भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था।
निर्दलीय विधायकों का भी मिला साथ:-कमलनाथ के इस्तीफा देते ही वारासिवनी के निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल ने कहा कि मैं नई सरकार का समर्थन करूंगा। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा- मैंने कहा था कि जब तक कमलनाथ हैं, मैं उनके साथ हूं। लेकिन मेरी जिम्मेदारी मेरे विधानसभा क्षेत्र के लिए भी है। मुझे अपने क्षेत्र के विकास और कर्मचारियों के सम्मान का ख्याल रखना है। यह बिना नेतृत्व के संभव नहीं होगा। इसलिए नई सरकार के साथ खड़े होने के अलावा मेरे पास कोई और विकल्प नहीं है। मैंने भाजपा नेतृत्व को भी यह बता दिया है। वहीं, भाजपा नेता अरविंद भदौरिया ने कहा कि बसपा, सपा और निर्दलीय विधायक भी हमारे साथ हैं।
रविवार, 22 मार्च 2020
मोदी ने सीएम का नाम किया फाइनल
'जनता कर्फ्यू' की सफलता पर आभार
राणा ओबरॉय
हरियाणा में जनता कर्फ्यू की सफलता के लिए मुख्यमंत्री खटटर ने जनता का जताया आभार
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने ट्वीट करके लोगो का धन्यवाद करते हुए कहा है कि हरियाणा में जनता कर्फ्यू की सफलता के लिए जनता का भरपूर समर्थन मिल रहा है। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से कहा है कि संयम के साथ नागरिकों के इस समर्थन के लिए वे सह्रदय से आभार व्यक्त करते हैं।
मुख्यमंत्री ने ट्वीट पर अपील करते हुए कहा कि "हर नागरिक से मेरी अपील है कि अपने घरों में रहें और लोगों को भी सजग रहने के लिए प्रेरित करें"
उन्होंने जनता से कहा कि कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में सरकार आपके साथ है और ये लडाई अभी ख़त्म नहीं हुईं है और लोगों से अनुरोध है कि ज्यादा से ज्यादा समय घर पर बिताए।
दो आतंकी गिरफ्तार, एके-47 बरामद
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के शोपियां में पुलिस ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के मददगार दो युवाओं को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। यह युवक अन्य लोगों को आतंकी (Terrorists) बनने के लिए उकसा रहे थे। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर दोनों को गिरफ्तार किया है। इन युवकों के पास से एके -47 भी बरामद की गई है।
बता दें, पुलिस को सूचना मिली थी कि चोटीपोरा का इरफान अहमद कुट्टे इमाम साहिब तथा आस-पास के युवाओं को आतंकी संगठन में शामिल कराने के लिए उकसा रहा है। उसने अलूरा के आदिल बशीर लोन को संगठन में शामिल कराने के लिए तैयार कर लिया है। सूचना के आधार पर बशीर और आदिल दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। उधर, दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम में आतंकियों ने हमला कर एक युवक को घायल कर दिया। तुरीगाम इलाके में शनिवार देर शाम आतंकियों ने घर के बाहर वसीम अहमद पर हमला कर फायरिंग की। युवक को गोली लगने के बाद आतंकी वहां से भाग गए।
ढाई महीने से पत्नी और पुत्री गायब
अलवर। अजीबोगरीब मामला राजस्थान के अलवर जिले से प्रकाश में आया है जहां सतीश कुमार की पत्नी वैशाली धूल 28, वर्ष व बेटी रवनीत 4, वर्ष 3/1/2020 से अलवर से लापता है जिसकी MPR, ( गुमसुदगी) 0001/2020 थाना सदर अलवर राजस्थान में दर्ज है। लगभग डाई महीने हो गये है मेरे व अलवर, पुलिस के प्रयास के बावजूद कोई सुराग नही लग पाया। पूरी तरह से हताश निराश होने के बाद में सतीश कुमार हिन्दुस्तान की मीडिया व भारत की जनता से अपील करता हूं कि मेरी पत्नी व मेरी बेटी को ढूढ़ने में मेरी मदद करे। मेरी पत्नी व बेटी की जानकारी देने वाले को 40,000/ हजार रुपये का नगद ईनाम देने की घोषणा की है जानकारी देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा कृप्या आप मेरी मदद करे।
आपके सहयोग से मेरी पत्नी व मेरी बेटी मुझे मिल सकते हैं
जिसके लिए में सदेव आप का आभारी रहूंगा।
'शंख' की आवाज से वायरस खत्म
नई दिल्ली। महाराष्ट्र भारतीय जनता पार्टी (BJP) की प्रवक्ता शाइना एनसी ने रविवार को जनता कर्फ्यू के दौरान ताली-थाली बजाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान की सराहना की है। उन्होंने कहा कि पुराणों के हिसाब से घंटी और शंख की आवाज से बैक्टीरिया, वायरस आदि मर जाते है।
शाइना एनसी ने ट्वीट कर कहा कि हमारे नेता नरेंद्र मोदी बिल्कुल अलग हैं, वह प्रशंसा के हकदार हैं। उन्होंने आगे लिखा कि पुराणों के हिसाब से घंटी और शंख की आवाज से बैक्टीरिया, वायरस आदि मर जाते हैं। इसलिए पूजा के समय हमलोग घंटी और शंख बजाते हैं। उन्होंने कहा कि 120 करोड़ लोगों के घंटी, शंख, ताली, बर्तन बजाने के पीछे कितनी बड़ी सोच है मोदी जी की। हालांकि ट्विटर पर शाइना एनसी के बयान का मजाक भी बनाया जा रहा है।
168 देश, 2 लाख 75 हजार संक्रमित
नई दिल्ली। कोरोना वायरस की चपेट में दुनिया के 168 देश हैं और अब तक इससे संक्रमित लोगों की संख्या दो लाख 75 हज़ार से भी ज़्यादा हो चुकी है। दुनियाभर में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 11 हज़ार के पार है। जिस तेज़ी से मामले बढ़ रहे हैं, विशेषज्ञों का मानना है कि भारत कोरोना वायरस का अगला सबसे बड़ा शिकार हो सकता है।
भारत में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमण के 282 मामले सामने आ चुके हैं और अब तक चार मौतें हो चुकी हैं। पहली मौत कर्नाटक, दूसरी दिल्ली, तीसरी महाराष्ट्र और चौथी पंजाब में हुई। सेंटर फॉर डिज़ीज डायनेमिक्स के निदेशक डॉ. रामानन लक्ष्मीनारायण ने चेताया है कि भारत को कोरोना वारयस की ‘सुनामी’ के लिए तैयार रहना चाहिए। उनका मानना है कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले और तेज़ी से बढ़ेंगे। साथ ही ऐसे कोई संकेत नहीं मिले हैं कि बाकी दुनिया के मुकाबले भारत में इसका असर कम हो सकता है।
हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने की भारत सरकार की कोशिशों की तारीफ़ की है। डब्लूएचओ के प्रतिनिधि हैंक बेकेडम ने कहा, “इस मामले में भारत सरकार और प्रधानमंत्री कार्यालय की प्रतिक्रिया शानदार रही है और मैं इससे काफी प्रभावित हूं। यही वजह है कि भारत अभी दूसरे देशों के मुकाबले बेहतर स्थिति में है।”
बढ़ सकती है मरीजों की संख्या?
डॉक्टर रामानन लक्ष्मीनारायण ने कहा, “हो सकता है हम बाकी देशों की तुलना में थोड़ा पीछे चल रहे हों, लेकिन स्पेन और चीन में जैसे हालात रहे हैं, जितनी बड़ी संख्या में वहां लोग संक्रमण की चपेट में आए हैं, वैसे ही हालात यहां बनेंगे और कुछ हफ़्तों में हमें कोरोना की सुनामी के लिए तैयार रहना चाहिए।”
कोरोना वायरस संक्रमण के मामले भारत में फिलहाल काफ़ी कम हैं. जिस वक़्त दुनिया के ज़्यादातर देश बुरी तरह कोरोना की चपेट में है, भारत में इसके मामले कम क्यों सामने आए हैं? इस सवाल के जवाब में डॉक्टर रामानन लक्ष्मीनारायण ने कहा कि अगर हम ज़्यादा लोगों का टेस्ट करते तो संभव है कि और अधिक मामले अब तक सामने आ चुके होते लेकिन भारत ही नहीं सारी दुनिया में कोरोना टेस्ट बहुत कम ही हो रहा है।
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है आने वाले दो से तीन दिनों में जब ज़्यादा लोगों के टेस्ट होंगे तो मरीजों की संख्या भी बढ़ेगी। ये संख्या हज़ार के पार भी जा सकती है इसलिए हमें तैयार रहना चाहिए। भारत में ऐसे संक्रमण का फैलना बेहद आसान है और इसकी वजह यहां का जनसंख्या घनत्व है, जैसा कि चीन के साथ हुआ है।”उन्होंने आशंका जताई है कि कोरोना वायरस का कम्युनिटी ट्रांसमिशन अब तेज़ी से बढ़ रहा है और हर एक पॉजिटिव केस दो नए केस बढ़ा रहा।
पंजाब-राजस्थान में 31 तक लॉक डाउन
नई दिल्ली। कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। जनता कर्फ्यू से एक दिन पहले भारत में कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों की संख्या 315 पहुंच गई। पिछले 24 घंटे में 90 नए मामले सामने आए हैं. भारत में ये एक दिन के अंदर सबसे बड़ी बढ़त है। तमाम राज्य एहतियात कर रहे है, राजस्थान के बाद जनता कर्फ्यू के बीच पंजाब के सीएम ने भी राज्य को लॉकडाउन करने का आदेश जारी कर दिया है।
रविवार को अमरिंदर सरकार ने पंजाब को 31 मार्च तक लॉकडाउन कर दिया है। इससे पहले शनिवार रात को राजस्थान का लॉकडाउन कर दिया गया था। पंजाब देश का दूसरा राज्य है, जिसे लॉकडाउन किया गया है। पंजाब में कोरोना संक्रमण के केस तेजी से बढ़ रहे थे। राज्य में शनिवार को संक्रमण के 11 नए मामले सामने आए थे। इन्हें मिलाकर संक्रमित केस की संख्या 14 पहुंच गई है। वहीं, पिछले दिनों नवांशहर के गांव पठलावा में करोनावायरस के कारण एक बुजुर्ग मौत का शिकार हो गया था।
मिलेंगे जरूरत के सामानः सीएम अमरिंदर
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि कोरोना वायरस को देखते हुए राज्य में 31 मार्च तक के लिए लॉकडाउन के आदेश दिए हैं। सभी जरूरी सरकारी सेवाएं जारी रहेंगी और जरूरी सामान जैसे कि खाना, दवाईं आदि की दुकानें खुली रहेंगी। DC और SSP को तत्काल प्रतिबंध लागू करने के निर्देश दिए हैं। इस आदेश में कहा गया है कि शहर के अंदर बस, टैक्सी और ऑटो नहीं चलेंगे।
अफवाह फैलाने वालों पर होगी कड़ी कार्यवाही,
वहीं दूसरी और कोरोनावायरस महामारी पर फैलाई जा रही अफवाहों और फर्जी खबरों पर कड़ा संज्ञान लेते हुए पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्ता ने शनिवार को सख्त चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि इस तरह की अफवाहों में लिप्त पाए जाने वालों को दंडित किया जाएगा और कानून के संबंधित प्रावधानों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सोशल मीडिया पर रखी जा रही निगाह
पंजाब पुलिस महानिदेशक ने एक एडवाइजरी जारी कर लोगों को चेतावनी दी है, “जो लोग मोबाइल फोन और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करके निराधार अफवाह और झूठ फैला रहे हैं, उन सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अफवाहों की वजह से लोगों के मन में अनावश्यक भय का माहौल है।”उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से लोग एक दूसरे से जूड़े रहते हैं और जानकारी प्राप्त करते हैं। महानिदेशक ने लोगों को चेतावनी दी की अफवाहों में लिप्त पाए जाने वालों को दंडित किया जाएगा
जानिए क्या होता है लॉकडाउन
लॉकडाउन एक तरह की आपातकाल व्यवस्था होती है। अगर किसी क्षेत्र में लॉकडाउन हो जाता है तो उस क्षेत्र के लोगों को घरों से निकलने की अनुमति नहीं होती है। जीवन के लिए आवश्यक चीजों के लिए ही बाहर निकलने की अनुमति होती है। अगर किसी को दवा या अनाज की जरूरत है तो बाहर जा सकता है या फिर अस्पताल और बैंक के काम के लिए अनुमति मिल सकती है। छोटे बच्चों और बुजुर्गों की देखभाल के काम से भी बाहर निकलने की अनुमति मिल सकती है।
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