रविवार, 22 मार्च 2020

सियासी संकट के बीच मोदी की सौगात

भोपाल/नई दिल्ली। मध्य प्रदेश को केन्द्र की मोदी सरकार ने बडी सौगात दी है। मोदी सरकार ने मध्य प्रदेश के 2 जिलों में नए मेडिकल कॉलेज खोलने को लेकर हरी झंडी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दे दी गई है। हैरानी की बात ये है कि मंजूरी ऐसे समय में दी गई है जब कांग्रेस अल्पमत के चलते बाहर हो गई और बीजेपी प्रदेश में सरकार बनाने जा रही है। राजनीतिक उठापटक के बीच यह बीजेपी का बड़ा मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है।



भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रदेश के दो जिलों में नये मेडिकल कॉलेज खोलने की अनुमति प्रदान की है। केन्द्रीय सहायता योजना में स्वीकृत ये कॉलेज खरगोन जिले के महेश्वर और सिगरौली में खोले जायेगे।मेडिकल कॉलेजों की स्थापना में कुल 650 करोड़ की लागत आएगी। इसमें भारत सरकार का 60 प्रतिशत एवं राज्य सरकार का 40 प्रतिशत योगदान रहेगा। 20 मार्च को स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार ने प्रदेश के महेश्वर विधानसभा में नगर मंडलेश्वर-महेश्वर के बीच ग्राम लाड़वी में खसरा नंबर 8/1 शासकीय भूमि पर 325 करोड़ रुपए से मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति प्रदान की गई।


वहीं इसके साथ ही प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने नगर मंडलेश्वर में 30 बिस्तर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को 300 बिस्तरीय सिविल अस्पताल 116 करोड़ 7 लाख रुपए की लागत से मंजूरी मिली। उम्मीद की जा रही है कि 2022 तक मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार हो जाएंगे और उन में एडमिशन शुरू हो जाएंगे। कमलनाथ सरकार में चिकित्सा शिक्षा महिला व बाल विकास आयुष व संस्कृति मंत्री रही डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ने 6 महीने पहले महेश्वर सहित प्रदेश में 10 मेडिकल कॉलेज के प्रस्ताव भेजे थे। जिनमें 5 पहले ही स्वीकृत हो चुके हैं, जबकि 2 मेडिकल कॉलेज महेश्वर और सिंगरौली को अब मंजूरी दी गई।


लोगों में घर पहुंचने की होड़ दिखी

महाराष्ट्र, पंजाब से बिहार, बंगाल की ट्रेनों में भारी भीड़, पीएम मोदी ने लोगों से शहर नहीं छोड़ने के लिए कहा।


मुंबई से बिहार बंगाल और पूर्वोत्तर जाने वाली ट्रेनों में जनरल क्लास के यात्रियों के बीच अपने घर पहुंचने की होड़ देखी गई।


नई दिल्ली। कोरोना विरोधी मुहिम के तहत जहां रेलवे ने स्टेशनों पर यात्रियों के बीच दूरी सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं। वहीं रविवार की ट्रेन बंदी के कारण शनिवार को मुंबई, लुधियाना स्टेशनों और ट्रेनो में प्रवासी मजदूरों की उमड़ी भीड़ को काबू करने में रेल प्रशासन नाकाम होता दिखाई दिया। मुंबई से पटना, कोलकाता और गुवाहाटी जाने वाली ट्रेने खचाखच भरी हुई थीं और स्क्रीनिंग के नाम पर खानापूर्ति की जा रही थी। पीएम मोदी ने लोगों से शहर नहीं छोड़ने के लिए कहा है।  


महाराष्ट्र, पंजाब से बिहार, बंगाल और पूर्वोत्तर की ट्रेनों में दिखा सैलाब-:


रेलवे की ओर से स्टेशनों पर भीड़ कम करने के उपाय किए अवश्य गए हैं, लेकिन अचानक उमड़ी भीड़ के कारण ये उपाय नाकाफी नजर आए। पीआरएस काउंटरों पर बुकिंग के लिए एक-एक मीटर दूरी पर लाइनें पेंट की गई हैं। लेकिन निगरानी तंत्र के अभाव में बहुत कम जगहों पर यात्री इस दूरी का पालन करते दिखाई दिए। इसी प्रकार प्लेटफार्मो पर ट्रेन में चढ़ते समय दूरी का नियम भंग होता रहा और यात्रियों के बीच पहले चढ़ने की होड़ देखी गई। जबकि कई ट्रेने रद होने तथा शनिवार रात से रविवार रात तक ट्रेन संचालन पूरी तरह बंद रहने के ऐलान के बाद मुंबई से बिहार, बंगाल और पूर्वोत्तर जाने वाली ट्रेनों में जनरल क्लास के यात्रियों के बीच अपने घर पहुंचने की होड़ देखी गई। नतीजतन, ट्रेनों के भीतर, खासकर जनरल बोगियों में वहीं नजारा देखने में आ रहा था जो आम तौर पर छठ, दुर्गापूजा अथवा होली, दीवाली के दिनों में नजर आता है। इसे लेकर पीएम मोदी ने भी लोगों ने आह्वान किया है। 


पीएम मोदी बोले, शहर छोड़कर न जाएं लोग-:


पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि कोरोना के भय से मेरे बहुत से भाई-बहन जहां रोजी-रोटी कमाते हैं, उन शहरों को छोड़कर अपने गांवों की ओर लौट रहे हैं। भीड़भाड़ में यात्रा करने से इसके फैलने का खतरा बढ़ता है। आप जहां जा रहे हैं, वहां भी यह लोगों के लिए खतरा बनेगा। आपके गांव और परिवार की मुश्किलें भी बढ़ाएगा। मेरी सबसे प्रार्थना है कि आप जिस शहर में हैं, कृपया कुछ दिन वहीं रहिए। इससे हम सब इस बीमारी को फैलने से रोक सकते हैं। रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों पर भीड़ लगाकर हम अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। कृपया अपनी और अपने परिवार की चिंता करिए, आवश्यक न हो तो अपने घर से बाहर न निकलिए।
कोरोना के भय से मेरे बहुत से भाई-बहन जहां रोजी-रोटी कमाते हैं, उन शहरों को छोड़कर अपने गांवों की ओर लौट रहे हैं। भीड़भाड़ में यात्रा करने से इसके फैलने का खतरा बढ़ता है। आप जहां जा रहे हैं, वहां भी यह लोगों के लिए खतरा बनेगा। आपके गांव और परिवार की मुश्किलें भी बढ़ाएगा।


रिफंड नियमों में ढील देने का ऐलान-:


हालांकि स्टेशनों पर यात्रियों की स्क्रीनिंग के सकारात्मक परिणाम भी देखने में आ रहे हैं। भीड़ के साथ अधिक यात्रियों की स्क्रीनिंग के परिणामस्वरूप शुक्रवार शाम से लेकर शनिवार शाम तक ट्रेनों में कोरोना पॉजिटिव यात्रियों के एक दर्जन मामले पकड़ में आए हैं। इनमें एक मामला बंगलूर-दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस का है। जिसमें एक युगल को क्वारंटाइन मुहर के साथ देखे जाने पर काजीपेट में उतार लिया गया। यात्रियों की जागरूकता ने इसमें अहम भूमिका निभाई है। अधिकांश मामलों में सह-यात्रियों की सूचना के बाद लोगों को आइसोलेट किया जा रहा है। इस बीच रेलवे ने लोगों से बहुत जरूरी न होने पर ट्रेन यात्रा से बचने के लिए एडवाइजरी जारी की है। रेलवे ने रिफंड नियमों में भी ढील देने का ऐलान किया है और ट्रेन रद होने या स्वयं यात्रा यात्रा रद करने की स्थिति में रिफंड का आवेदन करने के लिए एक से दो महीने तक का समय दे दिया है।


डोमेस्टिक एयरपोर्ट खाली-खाली नजर आए-:


शनिवार को जहां ट्रेनो में भीड़ रही, वहीं डोमेस्टिक एयरपोर्ट प्राय: खाली-खाली नजर आए। दिल्ली के डोमेस्टिक टर्मिनल-2 पर एक परिचित को छोड़ने गए इस संवाददाता को वहां इक्का-दुक्का यात्री ही दिखाई दिए। टर्मिनल 1 का भी कुछ ऐसा ही हाल बताया गया। हालांकि इसकी एक वजह यात्रियों को दूर-दूर रखने की रणनीति भी थी। परंतु इंटरनेशनल उड़ाने हैंडल करने वाले टर्मिनल-3 का नजारा एकदम अलग था। जहां 22 मार्च से सभी इंटरनेशनल उड़ाने बंद होने के ऐलान के बाद विदेशों से आने वाली उड़ानों के यात्रियों की अनिवार्य स्क्रीनिंग के कारण भारी भीड़ दिखाई पड़ रही थी।
वहीं राजेश सॉहनी नामक एक यात्री ने इस स्थिति पर ट्वीट भी किया और वीडियो के साथ दिखाया कि किस तरह विश्व के सर्वश्रेष्ठ एयरपोर्ट में से एक माने जाने वाले दिल्ली एयरपोर्ट पर इंटरनेशनल एरायवल एरिया में यात्रियों का हुजूम बस अड्डे से भी बुरी सूरतेहाल को दर्शा रहा है।


राजीव रंजन कुमार


बिहार में दो पॉजिटिव एक की मौत

 बिहार में कोरोनावायरस ने दी  दस्‍तक- दो पॉजिटिव केस मिले, एक मरीज की मौत।


पटना। बिहार में कोरोना ने दस्‍तक दे दी है जहां मिली जानकारी के अनुसार पटना के राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्‍टीच्‍यूट (RMRI) में दो मरीजों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है। इसमें एक की मौत भी हो गई है।
वहीं स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि जिस मरीज की मौत हुई है जहां वह पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान में किडनी का इलाज करा रहा था और वह मुंगेर जिला का रहने वाला था वहीं प्रधान सचिव ने मृतक के कोरोना पॉजिटिव होने की भी पुष्टि की।


देर रात तक 114 सैंपल की जांच, दो की रिपोर्ट पॉजिटिव-:


और इस बीच आरएमआरआइ के निदेशक डॉ. प्रदीप दास ने बताया कि देर रात जांच में दो कोरोना पॉजिटव मामले मिले हैं और उन्‍होंने बताया कि देर रात तक 114 नमूनों की जांच हुई थी जिनमें शाम तक सौ सैंपल की जांच पूरी हो चुकी थी और उनमें कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं मिला लेकिन देर रात क शेष 14 सैंपल की जांच के दौरान दो की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली जहां उन्‍होंने बताया कि इसकी जानकारी दिल्‍ली में भारतीय चिकित्‍सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और राज्‍य के स्वास्थ्य मंत्री व प्रधान सचिव को दी गई है।


राजीव रंजन कुमार


बिहारः सड़क-स्टेशनों पर पसरा सन्नाटा

बिहार में जनता कर्फ्यू शुरू, सड़कों और रेलवे स्टेशन पर पूरी तरह से पसरा सन्नाटा।
                                                                                                                                                                     पटना। कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में आज पूरे देश में जनता कर्फ्यू शरू हो गया। सुबह 7से रात 9 बजे तक घरों में रहकर बिहारवासी कोरोना वायरस को मिटाने का संकल्प लेंगे। इस दौरान ऑटो व सिटी बसें भी नहीं चलेंगी लेकिन दवा की दुकानें खुली रहेंगी। आज के दिन सिर्फ पुलिस प्रशासन और मीडियाकर्मियों की गाड़ियां ही चलेंगी।
8:45 AM: औरंगाबाद, हाजीपुर रेलवे स्टेशन पर पसरा सन्नाटा। कटिहार में गेड़ाबाड़ी सड़क एनएच 81 सूना पड़ा।
8:25 AM: जनता कर्फ्यू के दौरान रविवार की सुबह किशनगंज जिला का ठाकुरगंज रेलवे स्टेशन पर पूरी तरह सन्नाटा पसरा हुआ है।
8:10 AM: सुपौल का व्यस्ततम महावीर चौक, सदर अस्पताल पर पूरी तरह सन्नाटा पसरा हुआ है। एक दो लोग ही नजर आ रहे हैं।
8:00 AM: पटना में भी जनता कर्फ्यू साफ-साफ दिख रहा है। पटना जंक्शन पर पूरी तरह से सन्नाटा पसरा है।
7:40 AM: जनता कर्फ्यू का असर बिहार के लगभग हर जिले में दिखने लगा है, जहानाबाद सिवान आरा गोपालगंज समेत लगभग हर जिलों की दुकानें बंद नजर आई, सड़कों पर भी लोग बहुत ही कम अभी तक दिख रहे हैं।
7:00 AM - कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में आज पूरे देश में जनता कर्फ्यू शरू हो गया। यह रात नौ बजे तक जारी रहेगा। 19 मार्च को पीएम मोदी ने देश के नाम संबोधन में इसकी अपील की थी।
6:40 AM - जनता कर्फ्यू से ठीक पहले पीएम मोदी की अपील जनता कर्फ्यू से पहले पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि जनता कर्फ्यू शुरू हो रहा है। मेरी विनती है कि सभी नागरिक इस देशव्यापी अभियान का हिस्सा बनें और कोरोना के खिलाफ लड़ाई को सफल बनाएं। हमारा संयम और संकल्प इस महामारी को परास्त करके रहेगा।


राजीव रंजन कुमार


11000 मौत, दुनिया में लॉक डॉउन

कोरोना के कारण 11,000 लोगों की मौत के बाद दुनिया भर में लॉक डाउन जैसी स्थिति


राजेश पांडेय


कोरोना वायरस महामारी से मरने वालों की संख्या तेजी से बढ़ने के मद्देनजर युवाओं के भी इससे अछूता नहीं रहने की विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की चेतावनी के बीच दुनिया भर में करोड़ों लोगों के लिए सप्ताहांत की शुरुआत बंद जैसी स्थिति और अपने-अपने घरों में ही रहने के साथ हुई।


विश्व भर में कोविड-19 के संक्रमण से मरने वालों की संख्या बढ़ कर 11,000 पार कर गई है। डब्ल्यूएचओ ने आगाह किया है कि युवा भी वायरस के संक्रमण से अछूते नहीं रहेंगे और उनके भी इस महामारी की चपेट में आने की पूरी आशंका है। इस वैश्विक महामारी ने पूरी दुनिया में जनजीवन को प्रभावित कर दिया है, बड़ी आबादी की आवाजाही सीमित कर दी है, स्कूल एवं कारोबार बंद हो गए हैं और लाखों लोग घरों से काम करने के लिए मजबूर हैं जबकि कई की आजीविका छिन गई है। भले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस बात पर जोर दिया है कि अमेरिका वायरस के खिलाफ जंग जीत रहा है लेकिन अलग-अलग राज्यों ने नाटकीय ढंग से प्रतिबंधों को कड़ा कर दिया है, जहां न्यूयॉर्क, इलिनोइस और कैलिफोर्निया ने लोगों को उनके घरों के भीतर रहने का आदेश दिया है।


दुनिया भर में वायरस के कारण मृतकों की संख्या 11,000 के पार चली गई है जिसमें से 4,000 मामले बुरी तरह प्रभावित इटली से हैं जहां पिछले एक सप्ताह में रोजाना मृतकों की संख्या अचानक बढ़ गई है। वायरस के कारण बुजुर्ग और पूर्व में अन्य बीमारियों से ग्रसित व्यक्ति सबसे अधिक प्रभावित हैं, लेकिन डब्ल्यूएचओ प्रमुख तेदरोस अदहानोम गेब्रेयसस ने आगाह किया है कि युवा भी इस महामारी की चपेट में आ सकते हैं।


तेदरोस ने कहा, आज मेरे पास युवाओं के लिए एक संदेश है: आप इससे अछूते नहीं हैं। यह वायरस हफ्तों तक आपको अस्पताल में भर्ती करा सकता है–या आपकी जान भी ले सकता है। उन्होंने कहा, आप बीमार न भी पड़ें तो आप कहां जाने के बारे में सोच रहे हैं यह किसी और के लिए जीवन और मौत के बीच का अंतर बन सकता है। कोरोना वायरस की गिरफ्त में अमेरिका के आने के साथ इसके सबसे बड़े राज्य कैलिफोर्निया ने अपने बाशिंदों को घरों में ही रहने को कहा है। वहां 1,000 से अधिक मामले सामने आये हैं और 19 मौतें हुई हैं।


न्यूयार्क प्रांत में 7,000 मामले सामने आये हैं और 39 मौतें हुई हैं। इस प्रांत ने भी अपने बाशिंदों को रविवार शाम से घरों से नहीं निकलने का आदेश दिया है। ट्रंप ने इन दोनों राज्यों के फैसलों की सराहना की है, लेकिन कहा कि उन्हें नहीं लगता कि एक राष्ट्रव्यापी बंद की जरूरत है। इस बीच, अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस के कार्यालय में एक कर्मचारी कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है।


चीन में शनिवार को लगातार तीसरे दिन कोई मामला सामने नहीं आया और डब्ल्यूएचओ ने कहा कि चीन का वुहान शहर “पूरी दनिया के लिए उम्मीद की किरण लेकर आया है, लेकिन क्षेत्र में विदेश से आने वाले नये मामलों को लेकर चिंता बढ़ गई है।


हांगकांग में शुक्रवार को 48 संदिग्ध मामले सामने आए जो संकट शुरू होने के बाद से दिन में अब तक का सबसे बड़ा उछाल है। इन संदिग्ध मामलों में से ज्यादातर लोग यूरोप से आए-गए हैं। पूरे यूरोप में सरकारों ने बंदी के उपाय सख्ती से लागू करना जारी रखा हुआ है। इटली में शुक्रवार को सबसे बुरा दिन रहा जहां 627 और लोगों की मौत हो गई और प्रसार को रोकने के प्रयासों के बावजूद मृतकों की कुल संख्या 4,023 पर पहुंच गई है।


फ्रांस, इटली, स्पेन और अन्य यूरोपीय देशों ने लोगों को घर पर रहने को कहा है और कुछ मामलों में जुर्माना लगाने की भी चेतावनी दी है। बावरिया जर्मनी का पहला क्षेत्र है जिसने कामबंदी के आदेश दिए हैं। यूरोपीय संघ में अपने पड़ोसियों की राह पर चलते हुए ब्रिटेन ने भी कड़े प्रतिबंधों की घोषणा की है और पब, रेस्तरां और सिनेमाघरों को बंद करने को कहा है। साथ ही प्रभावित श्रमिकों की मजदूरी की भरपाई करने का वादा किया है। फ्रांस ने कहा कि घर में रहने के आदेश के पहले दिन 4,000 लोगों पर जुर्माना लगाया गया। मंत्रियों ने नियम तोड़ने वाले लोगों को बेवकूफ बताया। कोविड-19 के कारण दुनिया भर में मरने वाले आधे से ज्यादा लोग यूरोप से हैं।


वायरस का प्रकोप अफ्रीका और पश्चिम एशिया पर भी गहराता जा रहा है। गेबोन में उप सहारा अफ्रीका में हुई दूसरी मौत का मामला सामने आया है जबकि पूरे अफ्रीका में 900 से ज्यादा मामले सामने आए हैं और संख्या तेजी से बढ़ ही रही है। वहीं ईरान में शीर्ष नेता आयातुल्ला अली खामनेई और राष्ट्रपति हसन रूहानी ने प्रकोप से देश को उबारने का वादा किया, लेकिन सख्त प्रतिबंध लगाने में विश्व के अन्य देशों की सूची में शामिल होने से इनकार कर दिया। लातिन अमेरिका में क्यूबा और बोलिविया दोनों ने अपनी सीमाएं बंद करने की घोषणा की है और कोलंबिया ने कहा कि वह मंगलार से अनिवार्य पृथक व्यवस्था शुरू करेगा।


अनैतिक देह व्यापार, पुलिस का छापा

बाराबंकी। जिले में पुलिस ने शनिवार रात छापा मारकर अनैतिक देह व्यापार का भंडाफोड़ किया है। छापेमारी के दौरान पुलिस ने एक पुरुष और 3 महिलाओं को हिरासत में लिया है, जबकि 2 पुरुष भागने में सफल हो गया। बताया जा रहा है कि सेक्स रैकेट के संचालन की खबर देने वाला कोई और नहीं बल्कि स्थानीय निवासी है। जिसने हर रोज नए- नए पुरुष और महिलाओं की आवाजाही के शक में पुलिस को देह व्यापार होने की सूचना दी। पुलिस ने भी तीन महिलाओं और 2 पुरुष को हिरासत में लेकर उनपर अनैतिक देह व्यापार का मुकदमा दर्ज कर किया है।
बता दें कि बाराबंकी जनपद के थाना नगर कोतवाली इलाके के गांधी नगर मोहल्ले में स्थानीय नागरिकों ने पुलिस को यह सूचना दी कि यहां एक घर के अंदर देह व्यापार का धंधा चल रहा है। स्थानीय नागरिकों की सूचना पर पुलिस ने घर पर छापा मारा और मौके से 1 पुरुष और 3 महिलाओं को हिरासत में ले लिया। स्थानीय लोगों के मुताबिक यह मकान एक पुलिस वाले का है और उसके संरक्षण में नशे और देह व्यापार यहां होता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि यह धंधा काफी दिनों से इस घर चल रहा है और हर रोज नए -नए लड़के- लड़कियों का आवागमन बना रहता है।


बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक डॉक्टर अरविन्द चतुर्वेदी ने बताया कि थाना नगर कोतवाली के अंतर्गत गांधी नगर मोहल्ले के नागरिकों ने पुलिस को यह सूचना दी थी कि कुछ संदिग्ध व्यक्तियों का आवागमन एक घर में होता है। इसी सूचना पर पुलिस ने छापा मारा और वहाँ से 3 महिला और 1 पुरुष को हिरासत में लिया गया है। इनके विरुद्ध अनैतिक देह व्यापार का मुकदमा दर्ज किया गया है और अगर जिले में कहीं से भी इस प्रकार की सूचनाएं मिलती है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


नक्सलियों से मुठभेड़ 14 जवान घायल

रायपुर। बीती रात सुकमा के एलमागुड़ा इलाके में नक्सलियों से पुलिस की मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ अचानक नहीं हुई थी। पुलिस पार्टी ने ऑपरेशन चलाया था। पुलिस का ये दांव उल्टा पड़ता दिख रहा है। 14 जवान घायल हुए हैं जिनका रायपुर में इलाज चल रहा है। उनमें दो की हालत बेहद गम्भीर बताई जा रही है। करीब इतने ही जवान लापता बताए जा रहे हैं जिनकी तलाश आज की जाएगी। और उपलब्धि के नाम पर 7 बड़े इनामी नक्सलियों के मारे जाने की खबर दी जा रही है। लेकिन शव एक भी बरामद नहीं हुआ है। अब सवाल यह उठता है जब सारा देश कोरोना से जूझ रहा है अघोषित इमरजेंसी जैसे हालात हैं आज जनता कर्फ्यू है अस्पतालों में डॉक्टर कोरोना से लड़ने में व्यस्त हैं ऐसे में इतना बड़ा ऑपरेशन चलाना बड़ा अजीब सा लगता है। और फिर जब इतनी बड़ी पार्टी ऑपरेशन के लिए गई तो क्या वजह थी के पुलिस को इतना बड़ा नुकसान उठाना पड़ गया? क्या योजना फुल प्रूफ नहीं थी? और अगर नहीं थी तो हड़बड़ी में ऐसे ऑपरेशन चलाने की जरूरत क्या थी? सबसे हैरानी की बात तो यह है के जब आपको पता है अस्पतालों में सारी ताकत कोरोना से लड़ने के लिए लगी हुई है तब आप ऐसे ऑपरेशन चलाकर क्या साबित करना चाह रहे थे? आज 14 घायलों को रायपुर के अस्पताल लाया गया यहां डॉक्टर उनके इलाज में व्यस्त हो गए हैं। और कोरोना से लड़ाई के लिए लगी ताकत आधी हो गई। फिर पुलिस के कितने जवान मारे गए हैं ये भी पता भी नहीं चला है और 7 नक्सली मारे गए तो उनके शव तक नही मिले है।शव नही मिलने से इस बात को कैसे मान लिया जाए के 7 नक्सली मारे गए है? और सिर्फ 7 नक्सलियों को मारने के लिए आप इतनी बड़ी संख्या में पुलिस के जवानों को क्यो झोंक रहे है? और उसके बदले में 5 गुना जवानों का नुकसान क्यो उठा रहे हैं? यह कौन सी अकलमंदी है? ऐसा लगता है कि पुलिस फोर्स अभी नेतृत्व विहीन है या फिर पब्लिसिटी के लिए कुछ भी करने पर उतारू है।  कल के ऑपरेशन का फेल होना ना केवल नक्सलियों के हौसले बढ़ाएगा बल्कि कहीं न कहीं वह पुलिस के मनोबल को भी तोड़ने वाला साबित होगा। पुलिस को चाहिए ऐसे बड़े ऑपरेशन के पहले कम से कम योजना तो ढंग से बना ले। अपने प्रदेश में अगर योग्य  अफसर ना तो पास पड़े पड़ोस के प्रदेशों के योग्य अफसरों से भी मदद ली जा सकती है। सरकार को भी चाहिए पुलिस की ऐसी निरंकुशता पर अंकुश लगाए। इस तरह के ऑपरेशन और ऐसे कठिन दौर में समझ से परे है।


'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया

'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया  कविता गर्ग  मुंबई। राजभवन पहुंचे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल सीपी राधा कृष्णन से मु...