शनिवार, 21 मार्च 2020

3 दिन से नये संक्रमण की पुष्टि नहीं

बीजिंग। चीन में लगातार तीसरे दिन कोरोना वायरस (Coronavirus) का कोई नया स्थानीय मामला सामने नहीं आया, लेकिन इस घातक विषाणु के संक्रमण के कारण सात और लोगों की मौत होने से मृतक संख्या बढ़कर 3255 हो गई ।


चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) ने शनिवार को बताया कि चीनी मुख्यभूमि पर शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन कोविड-19 का कोई स्थानीय मामला सामने नहीं आया। उसने बताया कि शुक्रवार को सात लोगों की मौत हुई और 36 नए संदिग्ध मामले दर्ज किए गए। सभी सातों लोगों की मौत वायरस के केंद्र हुबेई प्रांत और उसकी राजधानी वुहान (Wuhan) में हुई। एनएचसी ने बताया कि चीनी मुख्यभूमि में शुक्रवार तक संक्रमण के पुष्ट मामलों की संख्या बढ़कर 81,008 हो गई। इनमें से 3,255 लोगों की मौत हो गई है, 6,013 मरीजों का उपचार चल रहा है और 71,740 मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।


आयोग ने बताया कि 106 लोगों के अब भी वायरस से संक्रमित होने का संदेह है। उसने बताया कि विदेश से चीन आ रहे लोगों में कोविड-19 संक्रमण के 41 नए मामले शुक्रवार को सामने आए। इसके साथ ही चीन में विदेश से आए लोगों में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 269 हो गए है। हालांकि एनएचसी ने यह नहीं बताया कि विदेशों से आए ये संक्रमित लोग विदेशी हैं या चीनी।


संकटः निजी लैब में जांच के 5 हजार

रवि चौहान


नई दिल्ली। कोरोना वायरस के लगातार बढते मामलो के चलते एक चिंता की बात यह है कि अब इनकी जांच प्राइवेट लैब की जायेगी। जिसकी लोगो भारी कीमत चुकानी पडेगी। जिससे बचने के लिए लोग इस बिमारी को और ज्यादा छिपाने की कोशिश करेंगे।  सूत्रो के जानकारी मिली है कि देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमण के मामले बढ़ने पर मान्यता प्राप्त निजी प्रयोगशालाओं (लैब) को मंजूरी दिए जाने की तैयारी है. इसके साथ ही इन लैब्स को प्रत्येक कोविड-19 (COVID-19) जांच की कीमत 4,500 रुपये से 5,000 रुपये के बीच रखने का निर्देश दिये जाने की संभावना है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) ने कोविड-19 जांच शुरू करने का इरादा रखने वाली निजी क्षेत्र की प्रयोगशालाओं के लिए मंगलवार को दिशानिर्देश जारी किए थे, जबकि ICMR ने उनसे यह जांच मुफ्त रखने की अपील की थी।


भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर- ICMR) के एक अधिकारी ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि कोई भी इसे मुफ्त में नहीं करना चाहता और यही कारण है कि निजी लैब को कोविड-19 के लिये हर जांच की कीमत 4,500 से 5,000 रुपये के बीच रखने को कहा जाएगा.’ आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक करीब 51 निजी प्रयोगशालाओं ने सरकार से संपर्क कर उन्हें इस श्वसन रोग के लिये जांच की इजाजत देने का अनुरोध किया है।


इस महामारी से देश में अब तक 236 लोग संक्रमित हैं। गौरतलब है कि फिलहाल ICMR ने इस वायरस की जांच केलिए अपनी 72 प्रयोगशालाओं को उपकरणों से लैस किया है। इसके अलावा सीएसआईआर  (CSIR)और डीआरडीओ (DRDO) जैसे संगठनों की 49 प्रयोगशालाएं भी इस हफ्ते के अंत तक जांच के लिये सुसज्जित की जाएंगी। ICMR एनसीआर और भुवनेश्वर में भी दो जांच केंद्र स्थापित कर रही है। ये केंद्र रोजाना 1400 नमूनों की जांच कर सकते हैं।


फ्रांस से लौट जोखिम में डाले जीवन

हैदराबाद। कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर अब भी कई लोग लापरवाह हैं और वो दूसरों की जान भी जोखिम में डाल रहे हैं। ऐसा ही एक मामला तेलंगाना (Telangana) से सामने आया है। कुछ दिन पहले एक शख्स फ्रांस (France) से लौटा था। लिहाजा प्रशासन ने उन्हें दो हफ्ते के लिए घर में रहने के लिए कहा था। लेकिन उसने इस होम क्वारंटाइन की परवाह किए बगैर शादी कर ली. इस शादी में एक हज़ार से ज्यादा मेहमान पहुंचे थे। मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है।


दूल्हे के रिश्तेदार एक बड़े मंत्री
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये शादी गुरुवार को हुई। ये शख्स शादी के लिए हैदराबाद से डेढ़ सौ किलोमीटर दूर हनामकोंडा पहुंचा था। राज्य के सीएम के चंद्रशेखर राव ने लोगों से अपील की है कि वो शादी में सिर्फ 200 मेहमानों को बुलाएं। लेकिन इसके बावजूद इस शादी में एक हज़ार से ज्यादा लोग पहुंचे थे। कहा जा रहा है कि दूल्हे के रिश्तेदार एक बड़े मंत्री हैं।


रिसेप्शन को किया गया रद्द
शादी के बाद एक बड़े रिसेप्शन का भी प्लान था, लेकिन सीएम ऑफिस को जैसे ही मामले की जानकारी मिली रिसेप्शन को तुरंत रद्द करने के लिए कहा गया। प्रशासन अब ये पता करने की कोशिश में है कि इस शादी में कौन-कौन लोग पहुंचे थे। सारे मेहमानों पर नजर रखी जा रही है। पुलिस के मुताबिक ये शख्स 12 मार्च को फ्रांस से लौटा था।


शनिवार में अघोषित कर्फ्यू जैसे हालात

नई दिल्ली। कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है। सभी सरकारें आम लोगों से सोशल डिस्टेंस मेंटेंन करने को कह रही है। वहीं बॉलीवुड गायिका कनिका कपूर द्वारा लापरवाही किए जाने का मामला सामने आया है. जिसके बाद कनिका कपूर के खिलाफ लापरवाही के आरोप में लखनऊ के सरोजनी नगर थाने में शुक्रवार को मुकदमा दर्ज किया गया है। देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के 50 नये मामले सामने आने के बाद शुक्रवार शाम को कुल मामलों की संख्या 250 पहुंच गई है। शनिवार सुबह तक यह संख्या बढ़कर 285 हो गई है। जबकि संक्रमितों के संपर्क में आने वाले 6,700 से अधिक लोगों को कड़ी निगरानी में रखा गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी। मंत्रालय ने बताया कि देश में COVID-19 से संक्रमितों में 32 विदेशी हैं, जिनमें 17 इतालवी, तीन फिलीपीन के, दो ब्रिटेन और एक-एक कनाडा, इंडोनेशिया और सिंगापुर का निवासी है। इनमें अबतक दिल्ली, कर्नाटक, पंजाब और महाराष्ट्र में हुई चार मौतें भी शामिल है।


हादसे में इंजीनियर सहित 3 की मौत

चमोली। उत्तराखंड में शनिवार को बदरीनाथ हाईवे पर एक दर्दनाक हादसा हो गया। बदरीनाथ हाईवे पर मार्ग चौड़ीकरण के दौरान पहाड़ी से बोल्‍डर गिरने से एक इंजीनियर समेत तीन लोगों की दबने से मौत हो गई। पुलिस ने शवों को मलबे से निकाल लिया है।


जानकारी के अनुसार घटना सुबह तड़के करीब 4 बजे की बताई जा रही है। रोड पर जमा मलबे की सफाई की जा रही थी कि, अचानक चट्टान से पत्थर आ गया।जिसकी चपेट में पोकलैंड मशीन के आ गई। इसमें तीन लोगों की मौके पर ही दबने से मौत हो गई। सूचना के बाद पुलिस ने तत्काल मौके पर पहुंचकर राहत बचाव का कार्य प्रारंभ किया। अन्य मशीनों के जरिये यहां पर से मलबा और बोल्डर हटाए गए। तब तक तीनों लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों की शिनाख्त राकेश (ऑपरेटर), हिमांशु (जेई) और पंकज शामिल है।पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया।


'मीडिया कर्मी' संयम और सावधानी बरतें

नई दिल्ली। न्यूज़ चैनल्स और समाचार पत्रों को संयम दिखाना चाहिए। दो/चार दिन अपने रिपोटर्स, कैमरामैन, फोटोग्राफर्स को फील्ड में मत भेजिए। डेस्क रिपोर्टिंग या न्यूज़ रूम लाइव से काम चलाएं। अगर दो चार दिन पत्रकारिता की गला काट स्पर्धा को विराम दे देंगे तो देश का कोई नुकसान नहीं होगा बल्कि देश का भला करेंगे हम लोग।


यदि गलती से भी कोई रिपोर्टर, उसका कैमरामैन या फोटोग्राफर #कोरोना की चपेट में आ गया, तो उसका साथ भी सबसे पहले मीडिया संस्थान ही छोड़ेंगे। ये बात में व्यक्तिगत अनुभव से कह रही हूँ।


मेरे प्यारे रिपोर्टर साथियों, आपको भी सोशल डिस्टेंस बनाने की जरूरत है। आप अमृत पीकर नहीं आये हैं। ना हम देश चला रहे हैं, ना ही दुनिया। इस मामले में सयुंक्त रूप से संस्थानों पर दवाब बनाइये। छुट्टी नहीं ले सकते तो कम से कम ऑफिस में रहिए। पुष्ट सूत्रों से मिल रही सूचनाओं को क्रॉस चेक कीजिये और खबर बनाइये। 


प्रियंका कौशल


 


जीवन में अच्छे दोस्त जरूरी

लोग अपना अधिकतर समय ऑफिस में ही गुजार देते हैं। दिन का एक बहुत बड़ा हिस्सा ऑफिस में काम, बॉस और सहकर्मियों के साथ ही बीत जाता है। ज्यादातर वर्किंग लोग सप्ताह में 5 या 6 दिन करीब 8 से 9 घंटे तक काम करते हैं। एक ऑफिस में बहुत सारे लोग एकसाथ काम करते हैं। ऐसे में कई लोगों की सोच और काम करने का तरीका अलग-अलग होता है। साथ में काम करते हुए कुछ लोगों से हमारी अच्छी बॉन्डिंग भी हो जाती है।


धीरे-धीरे ये बॉन्डिंग काफी स्ट्रॉन्ग हो जाती है जो एक अच्छी फ्रेंडशिप में बदल जाती है। दरअसल जिस तरह स्कूल और कॉलेज में सबको एक इमोशनल सपोर्ट के लिए दोस्तों की जरूरत होती ठीक उसी तरह वर्कप्लेस या ऑफिस में भी लोगों को दोस्तों की जरूरत पड़ती है। आइए आपको बताते हैं कि किन वजहों से ऑफिस में दोस्त बनाना जरूरी होता है।
चुनौतियों में देते हैं आपका साथ
आप और आपके दोस्त ऑफिस में बहुत कुछ शेयर करते हैं क्योंकि आप दोनों एक ही माहौल में काम करते हैं। ऐसे में आपकी ऑफिस से जुड़ी सभी जरूरतों को आपका दोस्त बेहतर समझ सकता है। जब भी कभी आपके साथ आपके ऑफिस में कोई परेशानी होती है तो आपके दोस्त ही होते हैं जो आपकी सिचुएशन को अच्छे से समझ सकते हैं और आपको सपोर्ट कर सकते हैं।
बढ़ाते हैं हौसला
कई बार जब आप ऑफिस नहीं जा पाते हैं तो आपके दोस्त आपके काम की जि़म्मेदारी उठा लेते हैं। आपकी परेशानी में आपको मोटीवेट करते हैं। इसके अलावा जब आप ऑफिस या वर्कप्लेस से जुड़ी किसी बात को लेकर कन्फ्यूज होते हैं तब वह आपको सही फैसला लेने में मदद करते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं आपके दोस्त वर्कप्लेस पर आपका उत्साह भी बनाए रखते हैं जिससे काम करने में आपका मन लगा रहता है. कई चीजों में वह आपका हौसला भी बढ़ाते हैं।
निभाते हैं साथ
जब कभी भी आपकी अपने बॉस या सीनियर के साथ खटपट हो जाती है तब अक्सर आपके दोस्त ही आपके समर्थन में उतरते हैं। ऐसी सिचुएशन में वह आपको मानसिक रूप से सपोर्ट करते हैं। ऑफिस में मौजूद आपके दोस्त स्ट्रेस को कम करते हैं और आपके लिए एक कम्फर्टेबल माहौल तैयार करते हैं। यही दोस्त मानसिक जरूरतों में आपके साथ खड़े होते हैं। कई बार आपकी तबीयत खराब होने पर भी वह आपके पास खड़े होते हैं।
सुख-दुख के पल में एकसाथ
आपके ऑफिस के दोस्त आपका केवल लंच टाइम पर ही साथ नहीं देते बल्कि आपकी हर खुशी और गम में भी आपका साथ निभाते हैं। वह वर्कप्लेस में मिलने वाली सफलता की तारीफ करते हैं। आपकी परेशानी में आपका साथ निभाते हैं। वह आपके साथ हर सुख-दुख के पलों को शेयर करते हैं।


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