भारत चौहान
नई दिल्ली। कोरोना प्रभावित देशों से वापस भारत आने वालों के साथ अब सख्ती से भी निपटा जा सकता है। बुधवार को यहा निर्माण भवन में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के उच्च अधिकारियों ने विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक में फैसला लिया है कि विदेश से आने वाले भारतीयों का पासपोर्ट जब्त कर लिया जाए। इन्हें पासपोर्ट 14 होम कोरेन्टाइन पूरे होने के बाद ही दिया जाएगा।
यात्रियों का पासपोर्ट अब एयरपोर्ट पर ही जमा हो जाएगा। कुछ दिनों पहले महाराष्ट्र में कोरोना वायरस का एक मरीज जांच के दौरान भाग गया था। वहीं दिल्ली में भी एक मरीज सैंपल देने के बाद देश छोड़कर ही चला गया। इसकी रिपोर्ट में वायरस की पुष्टि हुई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के विशेष सचिव संजीव कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय लिया कि यात्रियों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया तैयार किया जाएगा। इसके तहत नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एयरपोर्ट प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि कोरोना वायरस प्रभावित देशों से भारत आ रहे यात्रियों की गंभीरता से स्क्रीनिंग की जाए। स्क्रीनिंग के बाद ही यात्री इमीग्रेशन काउंटर तक पहुंच सकते हैं। यहां पर यात्रियों को पासपोर्ट के साथ सेल्फ रिपोर्टंिग फार्म भरकर देना होगा। पूरी जांच के बाद पासपोर्ट सुरक्षा के लिए बनाए गए टीम के लीडर को सौंप दिया जाएगा। उसके बाद यात्रियों को कोरोना वायरस की जांच के लिए पूरी जांच करवानी होगी। इस दौरान उनका पासपोर्ट चीफ मेडिकल ऑफिसर को सौंप दिया जाएगा। जांच के दौरान जिनमें कोरोना वायरस के लक्षण दिखाई देंगे उन्हें उपचार के लिए भेजा जाएगा। वहीं जिनकी स्थिति बेहतर होगी उन्हें होम कोरेन्टाइन में भेज दिया जाएगा। पुष्टि होने के बाद पासपोर्ट के साथ घर जाने दिया जाएगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विदेश से भारत लौट रहे यात्रियों पर नजर बनाए रखने के लिए पांच लोगों की टीम बनाई जाएगी। इसमें सीआईएसएफ के अलावा दिल्ली पुलिस सहित अन्य तीन लोग होंगे। सीआईएसएफ के अधिकारी इस टीम की निगरानी रखेंगे। इस टीम की जिम्मेदारी 30-30 यात्रियों के ग्रुप पर नजर बनाए रखना होगा। वहीं एयरपोर्ट से बाहर निकलने के बाद इन्हें मेडिकल अधिकारी को सौंप दिया जाएगा। जहां से सर्विलांस सिस्टम के साथ हर यात्री पर नजर रखी जाएगी।
कोरेन्टाइन सुविधाओं को देखने हर दिन जाएगी टीम:
कोरोना प्रभावित देशों से भारत आने वाले यात्रियों को कोरेन्टाइन में मिलने वाली सुविधाओं को देखने के लिए हर दिन टीम दौरा करेगी। बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हषर्वर्धन ने एक बैठक में ये निर्णय लिया। स्वास्थ्य मंत्री ने नियमित तौर पर कोरेन्टाइन केन्द्रों के निरीक्षण और निगरानी के लिए भेजे जाने वाले दलों को निर्देश दिया कि वहां आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं या नहीं, इसकी जांच की जाए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वे स्वयं हर दिन इसकी समीक्षा करेंगे ताकि आवश्यकतानुसार सुधार लाया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि वे संबंधित राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ भी स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं। डा. हषर्वर्धन ने संकट प्रबंधन के माध्यम के रूप में प्रभावी संचार को महत्वपूर्ण बताते हुए मल्टी मीडिया प्रचार अभियान एहतियाती उपाय, भ्रम दूर करने, दिशा-निर्देशों, परामशरे और जांच प्रयोगशालाओं की सूचना जन-जन तक पहुंचाने पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी।
हर मंत्रालय के अधिकारियों का मिल रहा है सहयोग:
बैठक के प्रारंभ में केन्द्रीय मंत्री ने विभिन्न मंत्रालयों के केंद्रीय स्तर, राज्यों के स्तर और भारतीय दूतावास के समन्वित प्रयासों की सराहना की। उन्होंने सक्रिय निगरानी, प्रभावी रूप से संपर्कों का पता लगाने और कोविड-19 को नियंतण्रमें करने की उनकी तैयारियों की प्रशंसा भी की। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री ने ओपीडी ब्लॉक, जांच किट की उपलब्धता, निजी बचाव उपकरण- पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट, दवाओं और पर्याप्त आइसोलेशन वार्ड की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने सभी स्वास्थ्य कर्मिंयों के लिए प्रोटेक्टिव गियर की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के अस्पतालों को निर्देश दिए। उन्हें बताया गया कि मांग के अनुसार निर्धारित स्थानों तक पहुंचाए जा रहे हैं।