गुरुवार, 19 मार्च 2020

शहीद के नाम का शिलापट्ट तोड़ा, हगांमा

शहीद देसराज मावी का शिलापटट गिराकर नष्ट किया
टीला गांव के लोगों ने सड़क पर जाम लगाकर विरोध प्रकट किया
जावली गांव के लोग कर रहे हैं शिलापटट का विरोध
पुलिस अधिकारियों ने रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई का आश्वासन दिया
अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। टीलाशहबाजपुर गांव के सामने लोनी गाजियाबाद मार्ग के डिवाइडर पर चार दिन पूर्व लगाई गई शहीद देशराज मावी की शिलापटट को बुधवार रात शरारती तत्वोें ने तोड दिया। घटना के विरोध में गुरुवार सुबह सैकडों ग्रामीण मौके पर एकत्र हो गए तथा सड़क पर जाम लगाकर विरोध प्रकट करने लगे। इसी दौरान जावली गांव के भी कुछ लोग मौके पर एकत्र होकर शिलापटट लगाने का विरोध करने लगे। जिससे वहां तनाव की स्थिति बन गई। साहिबाबाद व लोनी सीओ ने आरोपियोें के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई का आश्वासन देकर मामला शांत कराया। टीला मोड थाने में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है।       
         13 दिसम्बर 2001 को संसद के आतंकी हमले में लोनी के टीलाशहबाजपुर गांव निवासी देसराज मावी शहीद हो गए थे। करीब चार दिन पूर्व टीला गांव के लोगों ने उनके नाम की शिलापटट गांव के सामने लोनी गाजियाबाद मार्ग के डिवाइडर पर लगाकर चोक का नामकरण देसराज मावी के नाम पर कर दिया था। जिसका जावली गांव के लोग तभी से विरोध कर रहे थे तथा उसी दिन रात में शिलापटट की कुछ ईंटे गिरा दी गईं थीं। जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन से भी की थी।
        बुधवार रात शरारती तत्वों ने शिलापटट को तोडकर नष्ट कर दिया। गुरुवार सुबह टीला गांव के लोगों को घटना की जानकारी हुई तो  सैकडों ग्रामीण मौके पर एकत्र हो गए तथा लोनी गाजियाबाद मार्ग पर जाम लगाकर विरोध प्रकट करने लगे।  इसी दौरान जावली गांव के कुछ लोग व पूर्व विधायक मदन भैया भी मौके पर पहुंच गए। जिससे मौके पर तनाव की स्थिति बन गई। जाम की सूचना पर लोनी सीओ राजकुमार पांडेय व सीओे साहिबाबाद डा0 राकेश मिश्रा कई थानों की पुलिस के साथ मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने लोगों को समझाबुझाकर शांत किया। जबकि शिलापटट तोडने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई का आश्वासन दिया। जिसके बाद जाम खुला। टीला गांव के लोगों की तहरीर पर पुलिस ने टीला मोड थाने में आशीष कसाना, ईशू, सुन्दर, दीपक, लीलू एवं वेदप्रकाश निवासीगण जावली व कुछ अज्ञात लोगों के विरुद्ध 147, 427 व 506 के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली है तथा जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
-पुलिस प्रशासन सजग होता तो नही टूटता शिलापटट
टीला गांव के सामने सड़क के डिवाइडर पर जिस स्थान पर शहीद देसराज मावी का शिलापटट लगाया गया है उस चोक से एक रास्ता टीला गांव के अंदर तो दूसरा रास्ता जावली गांव को जाता है। चोक के नामकरण को लेकर ही दोनो गांवों के लोगों में विवाद है। चार दिन पूर्व जब टीला गांव के लोगों ने शहीद का शिलापटट सड़क के डिवाइडर पर लगाया था उसी दिन रात में अज्ञात शरारती तत्वों ने शिलापटट की दीवार की कुछ ईंटे गिरा दी थी। मामले की शिकायत टीला गांव के लोगों ने टीला मोड थाने में कर दी थी, लेकिन पुलिस प्रशासन ने कोई कार्रवाई नही की। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस प्रशासन उस दिन हरकत में आ गया होता तो बुधवार रात शिलापटट को नही गिराया जाता।


अधिशासी-अधिकारी पर कार्रवाई तय

सचिन विशौरिया


गाजियाबाद। लोनी नगर पालिका अधिशासी-अधिकारी द्वारा सफाई कर्मचारियों के स्वास्थ्य की कोई परवाह नहीं है। लापरवाही के चलते शिकायत के बाद केंद्रीय मंत्री राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की सदस्य मंजू दिलेर उत्तर-प्रदेश सरकार के द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखा पत्र। उत्तर-प्रदेश में सभी सफाई कर्मचारियों को प्रॉपर किट उपलब्ध कराई जाए। वहीं केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि किसी सफाई कर्मचारी को किसी प्रकार की बीमारी का सामना करना पड़ा तो संबंधित अधिकारी के विरुद्ध विधिक कार्रवाई की जाएगी। वही, आपको बता दें लोनी नगर पालिका के सफाई कर्मचारियों को बिना प्रॉपर कीट के सफाई करने के लिए गंदे नाले में उतरना पड़ता है। जिससे उन्हें कोरोनावायरस होने का खतरा बना रहता है।


पुलिस के द्वारा बैठक का आयोजन

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। लोनी क्षेत्र में अपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस के द्वारा जनता में विश्वास कायम कर, सामंजस्यता उत्पन्न करने का प्रयास किया गया है। जनता और पुलिस ककी सामजस्यता ही अपराधिक प्रवृत्ति एवं घटनाओं पर अंकित करने का कार्य कर सकती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए स्थानीय पुलिस के द्वारा संभ्रांत लोगों के साथ शांति बैठक का आयोजन किया गया।
लोनी कोतवाली में एसपी देहात नीरज कुमार जादौन के द्वारा शांति सौहार्द बनाए रखने के लिए मीटिंग का आयोजन किया। जिसमें लोनी के सभासद व ग्राम प्रधान मौजूद रहें।  एसपी देहात ने आगामी ग्राम पंचायत चुनाव एवं आये दिन क्षेत्र में होने वाली गौकशी की घटनाओं को लेकर क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपील की


भागवत से पूर्व निकाली कलश यात्रा

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। लोनी नगर स्थित राजीव गार्डन 100 फुटा रोड दुर्गा मंदिर से गाजे-बाजे के साथ कॉलोनी की सैकड़ों महिलाओं व पुरुषों ने श्रीमद् भागवत कथा से पहले कलश यात्रा निकाली। जोकि राजीव गार्डन 100 फुटा रोड से संगम विहार, विष्णु गार्डन, लक्ष्मी गार्डन, परमहंस बिहार होते हुए राजीव गार्डन दुर्गा मंदिर पर समापन हुआ। इस मौके पर वार्ड सभासद कमल शर्मा ने कहा कि भागवत कथा मन वचन और कर्म से किए गए समस्त पापों को नष्ट करती है और साथ ही मनुष्य को सरल और सहज जीवन जीने की प्रेरणा देती है। इस मौके पर कथावाचक पंडित मोहन श्याम गोवर्धन वाले ठाकुर जगपाल सिंह, विजय सेन, पंडित भगवत प्रसाद, सुनील सेन, मनोज पांचाल, भूपेंद्र सेन, कविता, संतोष, हंसमुख, कौशल्या सहित कॉलोनी की सैकड़ों महिलाएं व पुरुष मौजूद रहे।


भाजपा विधायक डिफाल्टर घोषित किया

बीजेपी विधायक को बैंक ने 75 लाख का डिफॉल्टर घोषित किया


प्रयागराज। उन्नाव से भाजपा विधायक पंकज गुप्ता को एचसीबीएल कॉपरेटिव बैंक ने 75 लाख रुपये का डिफॉल्टर घोषित किया। सन 2013 में विधायक ने बैंक से 2 करोड़ 25 लाख का लोन लिया था। लोन फैंटेसी मोटेल्स प्राइवेट लिमिटेड ने नाम से ली गई।


कर्ज की किस्तो के लिए दिए गए चेक बाउंस होने लगे।
2016 में तहसीलदार ने पंकज गुप्ता के खिलाफ कुर्की व गिरफ्तारी का नोटिस जारी किया था। उन्नाव से बीजेपी के सदर विधायक पंकज गुप्ता का कहना है कि बैंक द्वारा 1 करोड़ 40 लाख की आरसी काटी गई थी, उसे तहसील में जमा करा दिया था जबकि बैंक का दावा है कि 75 लाख का ब्याज बकाया है,जितना लोन था उसे अदा कर दिया है। अब बैंक ज़बरदस्ती कर रहा है।


( - उन्नाव सदर विधायक श्री पंकज गुप्ता से फोन संपर्क द्वारा बात हुई। उन्होंने बताया कि 2017 में मैंने बैंक का सारा पैसा जमा कर दिया। मेरे पास प्रमाण और रसीद उपलब्ध है। ना जाने कहां से बैंक ने यह पैसा निकाला है।- )


नई चुनौती.. 'संपादकीय'

नई चुनौती  'संपादकीय' 


विश्व में कोरोना वायरस संक्रमण का भीषण प्रकोप जारी है। लाखों लोग संक्रमण की जद में है। 9000 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। निकट भविष्य में इससे छुटकारा मिलने का कोई आसार नहीं नजर नहीं आता है। भारत में भी संक्रमण अपने गंतव्य की ओर बे रोक-टोक बढ़ता जा रहा है। देश के कुछ राज्यों पर अंदेशा है, ज्यादातर राज्यों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है।
 सरकार का समस्या के समाधान की चिंता करना स्वभाविक है। सरकार के पास चिंता करने की ठोस वजह भी है। लेकिन समाधान का कोई ठोस आधार नजर नहीं आता है। विकसित राष्ट्रों की तुलना में विकासशील राष्ट्रों को महामारी की अधिक कीमत चुकानी पड़ती है। जिस प्रकार चीन में जनता को संकट और कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। भारत में यह कहीं ज्यादा भयावह और पीड़ादायक हो सकता है। जिस प्रकार से व्यावसायिक केंद्र, उद्योग-धंधे, सरकारी संस्थान अथवा गैर सरकारी संस्थान प्रतिबंधित किए जा रहे हैं। रोक लगाई जा रही है, बंद किया जा रहा है। इन सब की कड़ियां जुड़ती जा रही है। नगरों में निवास करने वाले लाखों सामान्य 'मजदूर वर्ग' को इसका भारी खामियाजा भुगतना पड़ेगा। अभाव और ग्रस्त की व्यथा सुनने वालों का भीरू तोड़ा है। वहीं अगर कोई ज्ञात-अज्ञात है भी तो उनके पास ना मास्क है और न अन्य सुरक्षित रसायन है।
 इस वैश्विक महामारी का भविष्य में क्या दुष्प्रभाव पड़ेगा ? यह तो भविष्य के गर्भ में स्थित है। परंतु रोज मजदूरी करके कमाने-खाने वाले एवं उन पर आश्रित लोगों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ना शुरू हो गया है। राज्य अथवा केंद्र की सरकार के पास स्थिति से निपटने की कोई भी योजना धरातल पर प्रतिपादित नहीं है। यदि ऐसी कोई योजना है तो बेरोजगारी की मार झेल रहे, भुखमरी के कगार पर खड़े, मजदूर वर्ग को उसका लाभ कब दिया जाएगा ? कोरोना वायरस तो उन पर कोई असर करें या ना करें। क्योंकि अखबार खरीदने की कोई स्थिति नहीं है और समाचार देखना उन्हें पसंद ही नहीं है। जिसके कारण ज्यादातर स्थिति की वास्तविकता से अनभिज्ञ है। उसका भय और संताप कैसा ? लेकिन उनकी जटाग्नि उन्हें भस्म ना कर दें। कोरोना वायरस कुछ ऐसी ही चुनौतियां लेकर आया है। अब देखना यह है कि इन्हें स्वीकार कौन करता है ?


कुछ लोग...
लावा के सागर में, खुद से झगड़ते हैं। 
आसमां में लीक खींचकर, हवा को पकड़ते हैं। 


राधेश्याम 'निर्भयपुत्र' 


'फ्लोर टेस्ट' से गुजरेगी एमपी सरकार

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार को कल फ्लोर टेस्ट से गुजरना होगा। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया। कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट की पूरी प्रक्रिया कल शाम 5 बजे तक पूरी करने को भी कहा है। कोर्ट ने कहा कि बहुमत का फैसला विधायकों के हाथ उठवाकर कराया जाए। फ्लोर टेस्ट की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जाए। अगर बागी विधायक विधानसभा आना चाहें, तो कर्नाटक और मध्य प्रदेश के डीजीपी उन्हें सुरक्षा दें।


इससे पहले, भाजपा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने लगातार दूसरे दिन सुनवाई की। शीर्ष अदालत ने स्पीकर एनपी प्रजापति से पूछा, ‘क्या वे वीडियो लिंक के जरिए बागी विधायकों से बात कर सकते हैं और फिर उनके बारे में फैसला कर सकते हैं?’ इस पर स्पीकर की तरफ से पेश वकील अभिषेक सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया- ‘नहीं, ऐसा संभव नहीं है। स्पीकर को मिले विशेषाधिकार को सुप्रीम कोर्ट भी नहीं हटा सकता।’ स्पीकर ने 16 बागी विधायकों के इस्तीफों पर फैसला लेने के लिए 2 हफ्ते का वक्त मांगा। इस पर कोर्ट ने कहा कि इतना समय देना सोने की खदान जैसा होगा, इससे हॉर्स ट्रेडिंग बढ़ेगी। कोर्टरूम में क्या हुआ : स्पीकर ने कहा- कोर्ट ने निर्देश दिए तो संवैधानिक दिक्कतें पैदा होंगी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर : बेंच का सुझाव था कि हम बेंगलुरु या कहीं और पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर सकते हैं ताकि बागी विधायक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए स्पीकर से बात कर सकें। स्पीकर ने इस सुझाव को ठुकरा दिया।


कथा के आयोजन में उमड़ा भक्तों का जन-सैलाब

कथा के आयोजन में उमड़ा भक्तों का जन-सैलाब  रामबाबू केसरवानी  कौशाम्बी। नगर पंचायत पूरब पश्चिम शरीरा में श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन में भक्तो...