गुरुवार, 19 मार्च 2020

करिश्मा की बेटी ने एक्टिंग डेब्यू किया

मुंबई। बॉलीवुड अभिनेत्री करिश्मा कपूर की बेटी समायरा कपूर ने एक्टिंग डेब्यू कर लिया है। करिश्मा कपूर की बेटी समायरा कपूर ने अपना एक्टिंग में डेब्यू कर दिया है। समायरा कपूर ने शॉर्ट फिल्म दौड़ से एक्टिंग की शुरुआत की है। फिल्म को चंकी पांडे की बेटी रीसा पांडे ने डायरेक्ट किया है। करिश्मा की बेटी समायरा के साथ संजय कपूर के छोटे बेटे जहान कपूर ने भी एक्टिंग डेब्यू किया है। चंकी पांडे ने इस फिल्म को प्रोडयूस किया है।


करीब साढ़े सात मिनट की शॉर्ट फिल्म दौड़ मुंबई की एक गरीब घर की बेटी मीरा की मुख्य भूमिका वाली कहानी है। मीरा मुंबई की लोकल में पेंसिंल बेचा करती है। लेकिन अचानक एक दिन बड़े घर के बच्चों के स्टेडियम दौड़ता देख उसको भी भागने का मन होता है। बड़े घर के बच्चों में तीन प्रमुख भूमिकाएं हैं, जिन्हें समायरा कपूर, जहान कपूर और धानिति पारेख ने निभाया है।


साथ नहीं छोड़ती ड्रेसिंग स्टाइल

कॉलेज लाइफ के दौरान स्टूडेंट्स अक्सर अपनी स्टडीज़ के साथ-साथ ढेरों रोचक अनुभव हासिल करते हैं। लेकिन इसी बीच लड़कियां खुद को स्टाइलिश दिखाने में भी कोई कसर नहीं छोड़तीं। पढ़ाई के साथ-साथ मौज मस्ती, दोस्तों के साथ उठना-बैठना, नए-नए लोगों से मिलना और तो और, कई बार अपना शहर छोड़कर नई जगह भी जाना पड़ता है। एक्साइटमेंट और नर्वसनेस के बीच आप कई नई चीज़ों से वाकिफ होती हैं। लेकिन इस बीच भी जो एक चीज आपका साथ नहीं छोड़ती वह है आपकी ड्रेसिंग स्टाइल। कॉलेज में पढाई के साथ-साथ खुद को स्टाइलिश दिखाने के भी ढेरों मौके मिलते हैं। ऐसे में आज हम बता रहे हैं कुछ ऐसे ही ट्रेंड्स के बारे में, जिन्हें पहनकर आप अपनी कॉलेज लाइफ में धूम मचा सकती हैं…
क्यूलॉट्स
बीते कुछ दिनों में क्यूलॉट्स का फैशन बहुत बढ़ गया है, ज्यादातर इस तरह के बॉटम को लड़कियां कूल दिखने वाली टीशर्ट या फिर ऑफ शोल्डर टॉप के साथ ट्राई कर रही हैं। यह काफी फ्लोई और कंफर्टेबल होता है। ऐसे में अगर आप पलाज़ो जैसा ही कोई दूसरा ऑप्शन ढूंढ रही हैं, तो ये आपके लिए एकदम परफेक्ट है। नी-लेंथ होने की वजह से इसमें आपको चलने या बैठने में भी कोई परेशानी नहीं आएगी। साथ ही साथ आप चाहें तो इसे अपने क्रॉप टॉप, ऑफ या कोल्ड शोल्डर के साथ पेयर करके भी पहन सकती हैं। 
वाइड लेग्ड पैंट्स
वाइड लेग्ड पैंट्स का फैशन बहुत तेजी से आगे बढ़ा है। करीना कपूर खान से लेकर से दीपिका पादुकोण तक बॉलीवुड डीवाज़ भी अपनी गर्मियों को इन पैंट्स के साथ काफी कूल और स्टाइलिश बना रही हैं। इन पैंट्स की सबसे अच्छी बात यह है कि यह आपको कॉटन से लेकर डेनिम तक हर फैब्रिक में बाजार में आसानी से मिल जाएंगे। इनकी पॉपुलैरिटी का ही तो नतीजा है कि बाजार में फ्लेयर्ड जींस को उतरा गया। लेकिन जनाब जब हमारे पास एक से एक बेहतरीन कलर्स में वाइड लेग्ड पैंट्स मौजूद हैं तो फिर जींस का रुख क्यों करना। इन पैंट्स को आप अपनी वाइट शर्ट (टक-इन करके) या फिटेड टॉप के साथ पेयर करें। लेकिन एक बात का ध्यान रखें कि अगर हाइट कम है तो ज़्यादा फ्लेयर्ड वाली पैंट ना चुनें। 
सिगरेट पैंट्स
अगर आप लगातार चूड़ीदार या लैगिंग्स पहनकर बोर हो गईं हैं, तो मैडम ये पैंट्स केवल और केवल बस आपके लिए हैं। जी हां, सिगरेट पैंट्स को आप अपनी लॉन्ग शर्ट या कुर्ती के साथ कैरी कर सकती हैं। इतना ही नहीं, अगर आप कालेज में होने वाले जॉब इंटरव्यू के लिए पहनकर जाने वाली हैं, तो फॉर्मल लुक के लिए नॉर्मल नी-लेंथ कुर्ते के साथ इस पैंट को कैरी करें।
धोती पैंट्स
सलवार-पटियाला सलवार और चूड़ीदार को थोड़ा सा ब्रेक देकर आप इस बार अपनी कुर्ती के साथ उससे मिलता-जुलता धोती पैंट्स को ट्राई करें। हमारा यकीन मानिए ये आपके लुक को परफेक्ट बनाने में कोई कोताही नहीं बरतेंगे। यही नहीं इसे व्हाइट शर्ट के साथ टक-इन करके भी पहन सकती हैं। अपने लुक को और स्टाइलिश बनाने के लिए आप उसके साथ सिल्वर नेकपीसे-बैंगल्स को भी अपनी लिस्ट में शामिल कर सकती हैं।
प्लाजो
आज के समय में हर महिलाएं और लड़कियों की जरूरत बन चुका प्लाज़ो एक बेहद कम्फर्टेबल बॉटम है। इस बॉटम को आप टी-शर्ट, शर्ट को टक-इन करके लॉन्ग कुर्ती के साथ या फिर किसी लूज़ टीशर्ट-टॉप के साथ भी कैरी कर सकती हैं। इन गर्मियों के लिए ये बॉटम एक लाजवाब ऑप्शन है।


पीड़ितों के खातों में आएगा पैसा

नई दिल्ली। कोरोना (Coronavirus) के कहर ने दुनियाभर में भारी तबाही मचा दी है, जिस कारण अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। जहां कई कंपनियां बंद होने की कगार पर भी आ गई हैंं तो वहीं कुछ ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति दे दी है। ऐसे में रोजगार का संकट भी गहरा गया है, लोगों को अपना परिवार का खर्च उठाने की चिंता सता रही है। लोगों को इस संकट से उबारने के लिए अब मोदी सरकार ने कमर कस ली है। वह जल्द ही एक स्कीम लागू करने जा रही है, जिससे लोगों के खातों में पैसा आ जाएगा। लाइव मिंट की रिपोर्ट के मुताबिकस रकार कोरोना (Coronavirus) से प्रभावित लोगों को यूनिवर्सल बेसिक इनकम (Universal Basic Income- UBI) के जरिए मदद कर सकती है। यूनिवर्सल बेसिक इनकम एक निश्चित आय है, जो देश के सभी नागरिकों- गरीब, अमीर, नौकरीपेशा, बेरोजगार को सरकार से मिलती है। इस आय के लिए किसी तरह का काम करने या पात्रता होने की शर्त नहीं रहती।


आदर्श स्थिति है कि समाज के हर सदस्य को जीवन-यापन के लिए न्यूनतम आय का प्रावधान होना चाहिए। कई अर्थशास्त्रियों का ये मानना है कि यूबीआई से लाखों कर्मियों को इस वक्त मदद मिल सकती है। जिन्हें खुद को घर पर आइसोलेशन में रखना पड़ रहा है। ये हर राज्य में सभी व्यस्कों के लिए बिना शर्त नियमित भुगतान का एक विकल्प है। अगर इस स्कीम की शुरुआत भारत में हो जाती है तो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का रूप ले सकती है।


बता दें कि लंदन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर गाय स्टैंडिंग ने सबसे पहले गरीबी हटाने के लिए अमीर-गरीब, सबको निश्चित अंतराल पर तयशुदा रकम देने का विचार पेश किया है। उनका मानना है कि इस स्कीम का लाभ लेने के लिए किसी भी व्यक्ति को अपनी कमजोर सामाजिक-आर्थिक स्थिति अथवा बेरोजगारी का सबूत नहीं देना पड़े।


मचा हाहाकार 8,953 से अधिक मौत

नई दिल्ली। कोरोना दुनिया में बेकाबू होता जा रहा है। चीन के वुहान से शुरू हुए कोरोना से मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। अबतक कोरोना की चपेट में आकर दुनिया में कुल 8,953 लोगों की मौत हो चुकी है। चीन के बाद इटली में कोरोना ने सबसे ज्यादा जान ली है। एक दिन में कोरोना से मौत का आंकड़ा चीन से भी आगे बढ़ गया है।


कोरोना के कहर से पूरी दुनिया में दहशत है। दुनिया भर में कुल 2 लाख से ज्यादा लोग कोरोना की चपेट में हैं जबकि 8,953 लोगों की मौत हो चुकी है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने एएफपी के हवाले से बताया है कि इटली में बुधवार को कुल 475 लोगों की मौत हो गई। यह एक दिन में कोरोना से दुनिया में मौत का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इटली में कोरोना से अब तक कुल 2,978 लोगों की मौत हो चुकी है। दुनिया में चीन के बाहर जितनी मौत हुई है, उसमें आधा से ज्यादा इटली में हुई है। जबकि कुल संक्रमित लोगों की संख्या 35,713 तक पहुंच गई है। इससे पहले रविवार को इटली में 368 लोगों की मौत हो गई थी।


वहां सड़कों पर सन्नाटा पसरा है। इटली में 25 मार्च तक लोगों के एक साथ जमा होने पर रोक लगी है। इटली के कई शहरों में लॉकडाउन है। व्यापार पर बुरा असर पड़ा है। स्कूल-कॉलेजों में पहले ही छुट्टी घोषित की जा चुकी है। इटली के बड़े अधिकारी ने संकेत दिए हैं कि इसे और आगे बढ़ाया जा सकता है। चीन में कोरोना का संक्रमण धीरे-धीर कम हो रहा है। कोरोना से चीन में अबतक 3,237 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि अब भी वहां कुल 80,894 लोग कोरोना की चपेट में हैं।


चीन में अबतक 69,614 लोगों को इलाज के बाद छुट्टी भी दी चुकी है। बता दें कि चीन का हुबेई प्रांत सबसे ज्यादा प्रभावित था और यहां का वुहान शहर कोरोना का केंद्र था। चीन के बाहर यूरोप में कोरोना का कहर सबसे ज्यादा बरपा है और अब एशियाई देश इसकी चपेट में आ रहे हैं। ईरान में कोरोना से 147 और लोगों की मौत हो गई। इस तरह ईरान में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या बढ़कर 1135 हो गई है, जबकि इस बीमारी की चपेट में आने वालों की संख्या 17,336 हो गई है।


खतरे के बीच 'अयोध्या' मेला आयोजन

अयोध्या। 25 मार्च से अयोध्या में रामनवमी का मेला शुरू हो रहा है जो कि 2 अप्रैल तक चलेगा। एक ओर जहां दुनिया के 117 देश कोरोना वायरस से संक्रमित है। आए दिन कोरोना से संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे है। भारत में सरकार ने लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्कूल, कॉलेजों, शॉपिंग मॉल, सिनेमा हॉल, स्विमिंग पूल, जिम सभी 2 अप्रैल तक बंद कर दिए हैं, कई जगह धारा 144 तक लागू कर दी है। ऐसे में अयोध्या में रामनवमी के मेले की शुरूआत होने जा रही है और अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस मेले में करीब 10 लाख श्रद्धालु जुटेंगे। ज्यादा भीड़ का मतलब है संक्रमण की ज्यादा संभावना लेकिन योगी आदित्यनाथ की सरकार इन सब बातों को नजरअंदाज करती दिख रही है। श्रद्धालुओं की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है।


24 मार्च से 2 अप्रैल तक अयोध्या में रामनवमी के मेले का आयोजन किया जाएगी साथ ही तैयारियां भी शुरू हो गई है। प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  भी इस मेले में शामिल होंगे। 24 मार्च के दिन वे अयोध्या में किए जा रहे विकास कार्यों की समीक्षा करेंगे। 25 मार्च को मुख्यमंत्री अस्थायी मंदिर में रामलला के विराजमान होने पर प्राण प्रतिष्ठा का पूजन करेंगे। इस दौरान अयोध्या के संत और केन्द्र सरकार द्वारा गठित अयोध्या ट्रस्ट के सभी प्रमुख पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। अयोध्या विवाद अदालत की दहलीज पर पहली बार सन् 1885 में पहुंचा था और 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट से आए फैसले के बाद 25 मार्च से शुरू होना वाले मेले को लेकर श्रद्धालुओं में काफी उत्साह है इसीलिए कहा जा सकता है कि इस बार हर वर्ष से ज्यादा भक्तगण मेले में शामिल होंगे।


जिलाधिकारी अनुज कुमार झा का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने महामारी अधिनियम अधिसूचित कर कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए जिला प्रशासन को सभी प्रकार के उपाय करने की शक्ति प्रदान की है. कोरोना वायरस के प्रति एहतियात बरतने संबंधी 50,000 पोस्टर छपवाए हैं और उन्हें सार्वजनिक स्थलों पर लगाया जा रहा है. सिर्फ जागरूकता ही नहीं इस समय देश को सुरक्षित रहने की भी जरूरत है। ज्यादा भीड़ का मतलब है संक्रमण की ज्यादा संभावना।


मोदी आइडिया को जी-20 की स्वीकृति

नई दिल्ली। जी20 ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आइडिया स्वीकार करते हुए कोरोना वायरस के खिलाफ साझी रणनीति पर विचार के लिए संगठन में शामिल देशों के प्रतिनिधियों के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के आयोजन लेकर सहमति दे दी है। जी20 का मौजूदा अध्यक्ष सऊदी अरब है।


ज्ञात रहे कि प्रधानमंत्री मोदी के आव्हान पर सार्क देशों ने कोरोना वायरस को लेकर वीडियो कांफे्रेंसिंग के जरिये चर्चा की थी, इसी तर्ज पर अब जी20 के सदस्य वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोरोना वायरस से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिये साझा रणनीति पर चर्चा करेंगे।


सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने भी प्रधानमंत्री के इस विचार पर आगे बढऩे का फैसला किया और कहा कि इस संबंध में सऊदी अरब और भारत के अधिकारी करीबी संपर्क में रहेंगे। इस बातचीत के बाद जी20 की तरफ से आधिकारिक बयान जारी किया गया है, जिसमें नेताओं का असाधारण सम्मेलन बुलाए जाने का आह्वान किया गया है।


इस आधिकारिक बयान में कहा गया है कि अध्यक्ष सऊदी अरब जी20 देशों से अगले हफ्ते एक्स्ट्राऑर्डिनरी वर्चुअल जी20 समिट बुलाने की सूचना दे रहा है। ताकि कोविड-19 महामारी, इसके मानवीय और आर्थिक प्रभावों को लेकर समन्वित जवाबदेही पर विचार किया जा सके।


गौरतलब है कि जी20 के सदस्य देशों में अर्जेंटिना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, जर्मनी, फ्रांस, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूके और अमेरिका सहित 19 देशों के अलावा यूरोपियन यूनियन हैं।


5 करोड़ मौत की वजह 'स्पेनिश फ्लू'

स्पेनिश फ्लू ने 1918 में दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया था। कम से कम 5 करोड़ लोगों की मौत इसकी वजह से हुई थी। यह दुनिया के हर हिस्से में फैल गई थी। जापान, अर्जेंटिना और अन्य दर्जनों देशों में इससे लोग प्रभावित हुए थे। इस वक्त कई देशों में कोरोना वायरस की वजह से हेल्थ इमर्जेंसी जैसी हालत पैदा हो गई है। बड़ी संख्या में इसके कारण मौतें हो चुकी हैं और भारत में भी 40 से ज्यादा कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं।


कोरोना वायरस से पहले भी दुनिया में एक फ्लू ने कहर ढाया था जिसका नाम स्पैनिश फ्लू था। आइए आज स्पेनिश फ्लू के बारे में जानेंगे कि यहां कहां से शुरू हुआ और कैसे पूरी दुनिया में फैल गया, कैसे करोड़ों लोगों की इसकी वजह से मौत हो गई। कब और कैसे फैली? अमेरिका में स्पेनिश फ्लू के शुरुआती मामले मार्च 1918 में सामने आए थे।


अभी की तरह उस समय दुनिया आपस में नहीं जुड़ी हुई थी। समुद्री मार्गों से ही एक देश से दूसरे देश आना-जाना होता था। फिर भी यह बीमारी काफी तेजी से फैली। तुरंत ही यह महामारी अलास्का के सुदूर इलाकों में पहुंच गई। करीब दो सालों तक इसका कहर जारी रहा। ऐसा माना जाता है कि इस बीमारी की शुरुआत सैनिकों से हुई थी। उस समय पहला विश्वयुद्ध चल रहा था।


सैनिकों के बंकरों के आसपास गंदगी की वजह से यह महामारी सैनिकों में फैली और जब सैनिकों अपने-अपने देश लौटे तो वहां भी यह बीमारी फैल गई। स्पेनिश फ्लू की शुरुआत कहां से हुई? स्पेनिश फ्लू की शुरुआत कहां से हुई, इसको लेकर इतिहासकारों का अलग-अलग विचार है। कुछ का मानना है कि फ्रांस या अमेरिका स्थिति ब्रिटिश आर्मी के बेस से इसकी शुरुआत हुई थी।


हाल ही में एक नई थ्‍यौरी आई है जिसमें इसके लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया गया है। इस थ्‍यौरी के मुताबिक स्पेनिश फ्लू की शुरुआत साल 1917 के आखिरी हिस्से में उत्तरी चीन में हुई। वहां से यह बीमारी पश्चिमी यूरोप में फैली।


'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया

'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया  कविता गर्ग  मुंबई। राजभवन पहुंचे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल सीपी राधा कृष्णन से मु...