गुरुवार, 19 मार्च 2020

हापुड़ में अवैध खनन पर शिकंजा कसा

अतुल त्यागी जिला प्रभारी
खनन विभाग की कार्यवाही।
हापुड़। खनन विभाग लगातार अवैध खनन/परिवहन करने वालो पर कार्यवाही कर रहा है।इसी क्रम में आज तहसील हापुड़ में जांच की गई। जांच के दौरान उत्तराखंड राज्यों से बालू ला रहे 2 वाहन रोके गए, जिनसे परिवहन से संबंधित पेपर मांगे गए, उनके द्वारा दूसरे राज्य से मिनरल लाने वाला आई. एस. टी. पी. परमिट नहीं दिखाया गया जिसपर उन्हें पकड़कर कोतवाली हापुड़ की सुपुर्दगी में दिया गया। इसी तरह कारवाही जारी रहेगी और दूसरे राज्यों से आ रहे मिनरल को बिना आई. एस. टी. पी. के परिवहन करने नही दिया जाएगा।


आइसोलेशन वार्ड का निरीक्षण किया

अतुल त्यागी जिला प्रभारी
प्रवीण कुमार रिपोर्टर


राज्य वित्त, चिकित्सा शिक्षा एवं प्रिविधिक शिक्षा/ प्रभारी मंत्री संदीप सिंह ने यूपी सरकार तीन वर्ष पुरे होने पर



हापुुड़। यूपी में योगी सरकार के 3 वर्ष पुरे होने पर जनपद हापुड़ में राज्य वित्त, चिकित्सा शिक्षा एवं प्रिविधिक शिक्षा/ प्रभारी मंत्री संदीप सिंह ने कोरोना वायरस के पीड़ितों हेतु बनाये गए आइसोलेसन बेड का निरिक्षण किया और फिर विकास भवन में प्रेस वार्ता कर यूपी सरकार की उपलब्धियों को गिनाया। प्रभारी मंत्री संदीप सिंह ने हापुड़ में हुए विकास कार्यो के साथ साथ यूपी में हुए विकास कार्यो की भी जानकारी दी। प्रभारी मंत्री ने ये भी बताया की इन 3 वर्षो में यूपी में कोई भी दंगा नहीं हुआ है और गरीबो तक सभी योजनाओ का लाभ पहुंचाया जा रहा है।


रेप के बाद महिला की हत्या का आरोप

अतुल त्यागी जिला प्रभारी


महिला के साथ रेप के बाद हत्या का आरोप  


हापुड़। एक जूता फैक्ट्री में कार्यरत एक महिला की हत्या होने से सनसनी फैल गई। आपको बता दें कि जनपद हापुड़ के थाना देहात क्षेत्र के किठौर रोड पर भानु इंडस्ट्रीज नामक जूता बनाने की फैक्ट्री पुलिस चौकी से चंद कदमों की दूरी पर स्थित है।


आरोप है कि इस फैक्ट्री में करीब 30 से 35 वर्षीय असौड़ा निवासी एक महिला पति की मृत्यु के बाद अपने 1 पुत्र के साथ जिसकी आयु करीब 14 से 15 वर्ष बताई जा रही है जीवन यापन कर रही थी। परंतु आरोप है कि फैक्ट्री संचालक अथवा व्यक्ति में कार्यरत कर्मियों द्वारा महिला के साथ किसी आपराधिक घटना को अंजाम देकर मौत की नींद सुला दिया गया। तथा महिला की मौत के बाद महिला के शव को 3 लोगों द्वारा घर के बाहर दरवाजे पर फेंक कर फरार होने की बात सामने आई है। घटना की सूचना मिलते ही जहां पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया तो वहीं क्षेत्र में सनसनी फैल गई। चारों तरफ  मौके पर पहुंचे पुलिस के आला अधिकारियों ने मृतक महिला के शव को कब्जे में लेकर जहां पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया तो वही फैक्ट्री बंद कर फरार हुए आरोपियों की तलाश में भी पुलिस जुट गई।
हालांकि इस सारे मामले में अभी पुलिस का कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।


तीनों प्रमुख मंदिर 2 अप्रैल तक बंद

कोरोना के चलते माँ विन्ध्यवासिनी सहित तीनों प्रमुख मन्दिर दो अप्रैल तक पूर्णतया बन्द -पण्डा समाज ।
विन्ध्याचल , मीरजापुर । कोरोना वायरस के संक्रमण के दृष्टिगत माँ विन्ध्यवासिनी मन्दिर दो अप्रैल तक पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया । गुरुवार की अपराह्न पण्डा समाज ने कार्यकारिणी एवं आमसभा की बैठक आहूत की जिसमे सर्वसम्मत से यह निर्णय लिया गया कि 20 मार्च से 2 अप्रैल तक माँ विन्ध्यवासिनी मन्दिर सहित काली खोह व अष्टभुजा मन्दिरों को पूर्णतया बन्द किया जाएगा । इस निर्णय के पीछे पण्डा समाज ने विश्व कल्याण की मंशा जताई । शुक्रवार 20 मार्च की भोर में होने वाली मंगला आरती के पश्चात गर्भगृह में ताला लगा दिया जाएगा तथा माँ विन्ध्यवासिनी विग्रह को आवरण से ढक दिया जाएगा । प्रतिदिन होने वाली चारों आरती के समय माँ का श्रृंगार पूजन निरंतर रूप से जारी रहेगा । पण्डा समाज ने इस अवधि के दरम्यान विश्व विनाशक आपदा कोरोना के शमन के लिए यज्ञ , पाठ , जप , हवन के साथ साथ " जय माँ दुर्गा , जय माँ तारा । दया मयी कल्याण करो ।। " का सकीर्तन का आयोजन भी करेगी । इस आमसभा में नगर विधायक रत्नाकर मिश्र ने पण्डा समाज के पदाधिकारियों के उद्देश्य का समर्थन करते हुए कहा कि कोरोना वायरस से लड़ने में पण्डा समाज के साथ कदम से कदम मिलाकर चलूंगा , आवश्यकतानुसार स्वास्थ्य सेवाओं का समुचित प्रबन्ध भी जिलाप्रशासन से कराऊंगा । पण्डा समाज के अध्यक्ष पंकज द्विवेदी व मंत्री भानु पाठक ने संयुक्त रूप से समाज द्वारा इस जनकल्याणकारी निर्णय के लिए समस्त उपस्थितों का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि अभी दो अप्रैल तक बन्दी की गई है । अगर कोरोना पर नियंत्रण नही दिखा तो बन्द की अवधि बढ़ाई भी जा सकती है साथ मे ही श्रद्धालुओं से निवेदन भी किया कि जब तक स्थिति सामान्य न हो जाये तबतक अपने निवास स्थान से ही माँ का वन्दन करे दरबार न आएं । पण्डा समाज के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि समाज द्वारा लिया गया यह निर्णय अत्यंत सराहनीय है , मै समस्त स्थानीयों से निवेदन करता हूँ कि श्रद्धा के साथ सहयोगी की भूमिका का निर्वहन करें । बैठक में कोषाध्यक्ष तेजनगिरी , रघुवर दयाल उपाध्याय , हृदयराम भंडारी , पवन मिश्रा , संगमलाल द्विवेदी , राजू पाठक , प्रहलाद मिश्र , ननका द्विवेदी , पशुपति मिश्रा सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे ।


बीएचयू छात्रावास छोडने का आदेश

बीएचयू-आइआइटी में 21 मार्च को रात आठ बजे तक छात्रावास छोडऩे का आदेश 
वाराणसी। कोरोना वायरस (कोविड-19) से बचाव और रोकथाम के लिए आइआइटी (बीएचयू) में छात्रों को 21 मार्च रात 8 बजे तक छात्रावास खाली करने का आदेश आ चुका है। मेस की सुविधा भी शनिवार के लंच के बाद बंद कर दिया जाएगा। सभी छात्रों को सलाह दी जा रही है कि भारत सरकार व संस्थान द्वारा जारी नियमों का पालन करे। वहीं जो छात्र घर चले गए हैं उन्हें अगले आदेश तक छात्रावास में वापस आने की अनुमति न दी जाए।यही नहीं संस्थान स्थित कैफे कॉफी डे और आइआइटी कैफेटेरिया को भी अगली सूचना तक बंद कर दिया गया है। साथ ही छात्रों व कर्मचारियों को मेस, टी-स्टाल, पुस्तकालय व अन्य सार्वजनिक जगहों पर समूह में न रहने के की भी सलाह दी गई है। यह निर्णय बुधवार को कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए गठित टास्क फोर्स की बैठक में ली गई। बैठक की अध्यक्षता कर रहे संस्थान के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन ने कहा कि  शोधार्थियों और एम.टेक के छात्रों को अपना शोध कार्य ईमेल के माध्यम से अपने सुपरवाइजर से संपर्क करके किया जाए। बैठक में सर सुंदरलाल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक  प्रो. एस के माथुर, कुलसचिव डा. एसपी माथुर व स्टूडेंट पार्लियामेंट के वाइस प्रेसीडेंट हर्षित चौधरी सहित आइआइटी के कई बड़े पदाधिकारी व प्रोफेसर मौजूद थे।कोरोना के संक्रमण से बचाव के चलते बीएचयू प्रशासन ने रेजीडेंट डाक्टरों के अलावा सभी छात्रों से छात्रावास खाली कर घर चले जाने की अपील की है। छात्रों व कर्मचारियों की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए अब छात्रावासों में मेस चलाना संभव नहीं है। कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए यह अपील विवि के कुलसचिव की ओर से जारी की गई है। हालांकि शोधार्थियों को कुछ दिशा-निर्देशों के साथ शोध आधारित गतिविधियां करने की छूट दी गई है। इस संबंध में शोध छात्रों या पोस्ट डॉक्टोरल शोधार्थियों को फैलोशिप भुगतान के लिए उपस्थिति बाध्यता से भी छूट दी जाएगी।कुलसचिव की ओर से जारी इस अपील में बताया गया कि भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सोशल डिसटेन्सिंग के बारे में दिशानिर्देश व परामर्श जारी किये हैं। इन दिशानिर्देशों के आलोक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी सलाह में विश्वविद्यालयों को बंद करने और छात्रों को घरों पर रहने की सलाह दी गई है। 31 मार्च तक बीएचयू में पठन-पाठन व अन्य शैक्षणिक गतिविधियां खत्म कर दी गई हैं। अगर इस तारीख को बढ़ाया गया तो उसकी सूचना भविष्य में दी जाएगी। विवि की ओर से सरकारी कर्मचारियों के स्वास्थ्य हित को ध्यान में रखते हुए कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा जारी दिशानिर्देशों को भी अधिसूचित किया है।कोरोना के संक्रमण पर नियंत्रण व इस के संभावित मामलों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए वाराणसी जिला प्रशासन और बीएचयू के बीच बुधवार को एक बैठक की गई। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोविड-19 के संदिग्ध मामलों की जांच को लेकर अस्पताल द्वारा उठाए जा रहे कदमों की जानकारी जिला प्रशासन को दी। एडीएम सिटी विनय कुमार सिंह व सीएमओ डा. बीबी सिंह ने विश्वविद्यालय को आश्वस्त किया कि कोविड-19 से निपटने में बीएचयू को हर जरूरी मदद दी जाएगी। बैठक में आने वाले समय में कोरोना वायरस की स्थिति को देखते हुए तैयारियों की समीक्षा की गई और जिला प्रशासन व बीएचयू ने एक दूसरे को हर संभव सहयोग देने को आश्वस्त किया। बैठक में विवि की ओर से रेक्टर प्रो. वीके शुक्ला, कुलसचिव डा. नीरज त्रिपाठी, आइएमएस के निदेशक प्रो. आर के जैन सहित विवि के कई पदाधिकारी इस बैठक में उपस्थित रहे।


शहीद के नाम का शिलापट्ट तोड़ा, हगांमा

शहीद देसराज मावी का शिलापटट गिराकर नष्ट किया
टीला गांव के लोगों ने सड़क पर जाम लगाकर विरोध प्रकट किया
जावली गांव के लोग कर रहे हैं शिलापटट का विरोध
पुलिस अधिकारियों ने रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई का आश्वासन दिया
अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। टीलाशहबाजपुर गांव के सामने लोनी गाजियाबाद मार्ग के डिवाइडर पर चार दिन पूर्व लगाई गई शहीद देशराज मावी की शिलापटट को बुधवार रात शरारती तत्वोें ने तोड दिया। घटना के विरोध में गुरुवार सुबह सैकडों ग्रामीण मौके पर एकत्र हो गए तथा सड़क पर जाम लगाकर विरोध प्रकट करने लगे। इसी दौरान जावली गांव के भी कुछ लोग मौके पर एकत्र होकर शिलापटट लगाने का विरोध करने लगे। जिससे वहां तनाव की स्थिति बन गई। साहिबाबाद व लोनी सीओ ने आरोपियोें के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई का आश्वासन देकर मामला शांत कराया। टीला मोड थाने में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है।       
         13 दिसम्बर 2001 को संसद के आतंकी हमले में लोनी के टीलाशहबाजपुर गांव निवासी देसराज मावी शहीद हो गए थे। करीब चार दिन पूर्व टीला गांव के लोगों ने उनके नाम की शिलापटट गांव के सामने लोनी गाजियाबाद मार्ग के डिवाइडर पर लगाकर चोक का नामकरण देसराज मावी के नाम पर कर दिया था। जिसका जावली गांव के लोग तभी से विरोध कर रहे थे तथा उसी दिन रात में शिलापटट की कुछ ईंटे गिरा दी गईं थीं। जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन से भी की थी।
        बुधवार रात शरारती तत्वों ने शिलापटट को तोडकर नष्ट कर दिया। गुरुवार सुबह टीला गांव के लोगों को घटना की जानकारी हुई तो  सैकडों ग्रामीण मौके पर एकत्र हो गए तथा लोनी गाजियाबाद मार्ग पर जाम लगाकर विरोध प्रकट करने लगे।  इसी दौरान जावली गांव के कुछ लोग व पूर्व विधायक मदन भैया भी मौके पर पहुंच गए। जिससे मौके पर तनाव की स्थिति बन गई। जाम की सूचना पर लोनी सीओ राजकुमार पांडेय व सीओे साहिबाबाद डा0 राकेश मिश्रा कई थानों की पुलिस के साथ मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने लोगों को समझाबुझाकर शांत किया। जबकि शिलापटट तोडने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई का आश्वासन दिया। जिसके बाद जाम खुला। टीला गांव के लोगों की तहरीर पर पुलिस ने टीला मोड थाने में आशीष कसाना, ईशू, सुन्दर, दीपक, लीलू एवं वेदप्रकाश निवासीगण जावली व कुछ अज्ञात लोगों के विरुद्ध 147, 427 व 506 के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली है तथा जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
-पुलिस प्रशासन सजग होता तो नही टूटता शिलापटट
टीला गांव के सामने सड़क के डिवाइडर पर जिस स्थान पर शहीद देसराज मावी का शिलापटट लगाया गया है उस चोक से एक रास्ता टीला गांव के अंदर तो दूसरा रास्ता जावली गांव को जाता है। चोक के नामकरण को लेकर ही दोनो गांवों के लोगों में विवाद है। चार दिन पूर्व जब टीला गांव के लोगों ने शहीद का शिलापटट सड़क के डिवाइडर पर लगाया था उसी दिन रात में अज्ञात शरारती तत्वों ने शिलापटट की दीवार की कुछ ईंटे गिरा दी थी। मामले की शिकायत टीला गांव के लोगों ने टीला मोड थाने में कर दी थी, लेकिन पुलिस प्रशासन ने कोई कार्रवाई नही की। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस प्रशासन उस दिन हरकत में आ गया होता तो बुधवार रात शिलापटट को नही गिराया जाता।


अधिशासी-अधिकारी पर कार्रवाई तय

सचिन विशौरिया


गाजियाबाद। लोनी नगर पालिका अधिशासी-अधिकारी द्वारा सफाई कर्मचारियों के स्वास्थ्य की कोई परवाह नहीं है। लापरवाही के चलते शिकायत के बाद केंद्रीय मंत्री राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की सदस्य मंजू दिलेर उत्तर-प्रदेश सरकार के द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखा पत्र। उत्तर-प्रदेश में सभी सफाई कर्मचारियों को प्रॉपर किट उपलब्ध कराई जाए। वहीं केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि किसी सफाई कर्मचारी को किसी प्रकार की बीमारी का सामना करना पड़ा तो संबंधित अधिकारी के विरुद्ध विधिक कार्रवाई की जाएगी। वही, आपको बता दें लोनी नगर पालिका के सफाई कर्मचारियों को बिना प्रॉपर कीट के सफाई करने के लिए गंदे नाले में उतरना पड़ता है। जिससे उन्हें कोरोनावायरस होने का खतरा बना रहता है।


'पीएम' ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात दी

'पीएम' ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात दी  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात...