बुधवार, 18 मार्च 2020

छोटा-बड़ा इमामबाड़ा, पिक्चर गैलरी बंद

लखनऊ। कोरोना वायरस से बचाव के लिए प्रशासन ने बड़ा व छोटा इमामबाड़ा और पिक्चर गैलरी को 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया गया है। प्रशासन की कोशिश लोगों को एक जगह पर इकठ्ठ होने से रोकना है। जिसके मद्देनजर ये कदम उठाए जा रहे हैं। आदेश का उल्लंघन करने के लिए धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, लोगों को बचाव के तरीके बताए जा रहे हैं साथ ही दहशत में न आने की सलाह दी जा रही है। इसी कड़ी में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने चारबाग रेलवे स्टेशन पर स्टॉल लगाया और लोगों को सैनेटाइजर बांटे। उन्होंने मशीन से खुद भी लोगों का टेस्ट लिया।


भारतीय सेना में लगी वायरस की सेंंध

नई दिल्ली। देश में बढ़ते मामलों के बीच कोरोना वायरस की सेंध भारतीय सेना में भी हो गई है। लद्दाख में तैनात एक सैनिक को कोविड-19 पॉजिटिव पाया गया है। यह सेना का पहला कोविड पॉजिटिव मामला है। कोविड19 पॉजिटिव पाए गए सैनिक के पिता बीते दिनों ईरान से तीर्थयात्रा कर लौटे थे।


इस दौरान छुट्टी पर गया यह सैनिक घर पर अपने पिता के संपर्क में आया। इस मामले में पहले पिता और फिर गैर अधिकारी रैंक का यह सैनिक कोविड पॉजिटिव पाए गए। एक दिन पहले टेस्ट के नतीजे आने के बाद उसे अस्पताल में आइसोलेशन में रखकर इलाज किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, बीमार सैनिक की पत्नी, बहन और अन्य परिवार जनों को भी क्वारंटीन किया गया है। महत्वपूर्ण है कि कोविड19 प्रभावित मुल्कों से सुरक्षित निकालकर लाए जा रहे नागरिकों के लिए देश के विभिन्न भागों में क्वारंटीन सुविधा बना रही भारतीय सेना ने अपने रैंक्स को भी इस खतरे के बारे में लगातार आगाह कर रही है। इस कड़ी में सेना की उत्तरी कमाने से लेकर पूर्वी कमान तक सभी इलाकों में जागरुक करने के लिए भी विशेष संचार अभियान चलाया जा रहा है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर मेयर जुनैद अजीम मट्टू के आग्रह पर सेना 1000 लीटर स्टर्लाइजेशन कैमिकल भी उपलब्ध करा रही है। सेना की चिनार कोर के आग्रह पर भारतीय वायुसेना के एक डोर्नियर विमान कीटाणुमुक्त करने के काम आने वाला स्टर्लाइजेशन कैमिकल दिल्ली से लेकर जाएगा।


ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहा मास्क प्रयोग

कोरोना वायरस: ग्रामीण लोग वायरस से बचाव हेतु कर रहे मास्क का प्रयोग


कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए मास्क लगाएं युवा व बच्चें।


सीवान। कोरोना वायरस का खतरा भारत में तेजी से बढ़ने से सबको झकझोर कर रख दिया हैं। दिन पर दिन कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज की संख्या में वृद्धि हो रही हैं। ऐसे में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव बेहद जरुरी हैं। बता दें कि कोरोना वायरस की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित वृद्ध लोग हो रहे हैं।


80 साल से ज्यादा उम्र के लोग जो इस वायरस का शिकार हुए हैं। कोरोना वायरस दुनिया के करीब 148 देशों में फैल चुका है। कोरोना वायरस की शुरुआत चीन के वुहान शहर में हुई और सबसे ज्यादा संक्रमण के शिकार चीन के लोग ही हुए हैं, लेकिन दूसरे देशों में भी इसका खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में कोरोना वायरस से बचाव के लिए मास्क का प्रयोग कर सकते हैं। मास्क का प्रयोग कचरा फेंकते, कोई गंदा कपड़ा अनजाने में छूते समय जरुर मास्क का इस्तेमाल करें। जब तक कोरोना वायरस पर नियंत्रण नहीं कर लिया जाता है,  तब तक किसी भी वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए पानी की शुद्धता का ख्याल रखना जरूरी होता है। पीने का पानी साथ लेकर चलें। घर में भी पानी को उबाल कर इस्तेमाल करें। नहाने-धोने का पानी भी साफ होना चाहिए। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखना जरूरी है। कपड़े रोजाना साफ करें और उन्हें धूप में ठीक से सुखा कर प्रेस कर के पहनें। बाहर निकलने से पहले जूते पहनें और घर के अंदर जूता नहीं लाएं। बाहर से लौटने पर ठीक से हाथ-पैर और चेहरा साबुन से धोएं। घर में दिन में कम से कम दो बार फिनाइल डाल कर पोछा लगाएं और कोरोना वायरस से बचाव करें।


स्कूल में झगड़ा करने गए कई युवक

अतुल त्यागी जिला प्रभारी


थाना सिंभावली क्षेत्र में सीबीएसई स्कूल में हिम्मतपुर रोड पर सीबीएसई हाई स्कूल की परीक्षा दे रहे छात्रों को कुछ सात आठ मोटरसाइकिल पर 10-15 युवक झगड़ा करने पहुंचे। जिसकी भनक परिजनों व अध्यापक को लगी।


हापुड़। जिसकी सूचना थाना सिंभावली पुलिस को दी पुलिस को आता देख युवक अपनी बाइक लेकर मौके से हुए फरार  पुलिस ने बाइकों का काफी दूर तक किया। पीछा युवक भागने में हुए सफल सीबीएसई हाई स्कूल का लास्ट पेपर था छात्रों में पुराना विवाद बताया जा रहा है। सोचने वाली बात पुलिस से हमलावर निकले बचकर वह भी सिंभावली पुलिस से इस मामले को देखते हैं। तो लगता है कि हमलावर हेलिकॉप्टर में सवार थे और पुलिस पैदल।


एसडीएम की अनूठी एवं कारगर पहल

एसडीएम की अनूठी एवं कारगर पहल 
अकाशुं उपाध्याय 
गाजियाबाद। विश्व के 151 देशों में कोरोना वायरस लोगों के जीवन से खेल रहा है, लोग भयभीत और हताश जीवन जी रहे हैं। वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। जिससे बचाव ही एकमात्र सुरक्षा है। कई देशों के विशेषज्ञ इसके उपचार के लिए गहनाध्ययन कर रहे हैं। लेकिन अभी तक इसमें सफलता नहीं मिली है। कई देशों के हालात चिंताजनक बने हुए हैं। वही हमारे देश में भी वायरस का कम खौफ नहीं है। सार्वजनिक स्थान, स्कूल-कॉलेज, शॉपिंग मॉल और कॉन्प्लेक्स के साथ-साथ राज्यों में सामूहिक अवकाश घोषित किया जा रहा है। इसके विपरीत बचाव को प्राथमिक आधार बनाने वाले उप जिला अधिकारी चर्चा का केंद्र बने हुए हैं। 
गौरतलब हो गाजियाबाद स्थित तहसील लोनी में कार्यरत उप जिला अधिकारी खालिद अंजुम की पहल को अनूठा बताया जा रहा है। वहीं इसके कारगर होने की बात भी कही जा रही है। उप जिलाधिकारी के आदेश अनुसार तहसील एवं नगर पालिका कार्यालय आने वाले सभी लोग बाहर जूते-चप्पल उतारकर ही कार्यालय में प्रवेश कर रहे हैं। यह तरीका कितना कारगर सिद्ध होगा ? यह तो ठीक-ठीक नहीं कहा जा सकता है। लेकिन यह बात तय है कि संक्रमण का एक कारण गंदगी है। जूते चप्पल ज्यादातर गंदगी के नजदीक रहते हैं। इस सच्चाई से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता है। इसे एक बड़ा कारण मानते हुए यह अनूठी पहल की गई है। एसडीएम खालिद अंजुम ने प्रशासनिक कार्रवाई से परहेज करने के बजाय, बचाव के तरीके को प्राथमिकता देना उचित समझा। यह उनकी कर्तव्यनिष्ठा और बुद्धिमता का परिचायक है। जिससे जनता में जागरूकता बनी रहेगी। साथ-साथ उन्होंने क्षेत्र की जनता से अपील भी की है कि अपने घर, व्यवसाय आदि स्थानों पर संक्रमण को रोकने के लिए गंदगी को चिन्हित करें और उसका दायरा सीमित करें।


तीन साल बेमिसाल, रहे सब हलकान

प्रदेश में हावी है अफसरशाही, भाजपा निभा सकती है सिर्फ विपक्ष की भूमिका 


जनप्रतिनिधि एक भी बड़ा काम गिनाएं


रुद्रपुर।  पूर्व मंत्री व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता तिलकराज बेहड़ ने कहा कि प्रदेश में भाजपा सरकार के तीन साल बेमिसाल नहीं, बल्कि जनता को बेहाल करने वाले तीन साल रहे हैं। जनता इन तीन सालों में हलकान रही है। अपनी खोखली उपलब्धियों का ढिंढोरा पीटने वाले सरकार के प्रतिनिधियों को शर्म आनी चाहिए कि प्रदेश की जनता महंगाई, बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और भ्रष्टाचार आदि मुद्दों पर त्राहि त्राहि कर रही है।


श्री बेहड़ ने पत्रकार वार्ता करके कहा कि भाजपा के राज में प्रदेश के अन्नदाता किसान की हालत बद से बदतर हो चली है। प्रदेश भर में कर्ज के बोझ तले दबे किसान आत्महत्या को मजबूर है। भाजपा ने अपने दृष्टि पत्र में वादा करने के बावजूद किसानों का ऋण माफ नहीं किया। गन्ना किसानों के भुगतान वर्षों बाद भी लंबित हैं। कृषि विकास दर घट कर दो प्रतिशत से भी नीचे आ गई है। श्री बेहड़ ने कहा कि भाजपा ने युवाओं के साथ भी धोखा किया है। युवाओं को भ्रमित कर उनके वोट लेने वाली भाजपा के शासनकाल में बेरोजगारी दर भारत के इतिहास में सबसे भयावह दौर में पहुंच चुकी है। पहाड़ों से पलायन आज भी जारी है, वहीं नोट बंदी और जीएसटी के कारण उद्योग व व्यापार मंद पडऩे के चलते हजारों लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। प्रदेश में विकास की राह देखते जनता की आंखें पथरा गई हैं। समझ नहीं आता के सड़क में गड्ढें हैं या गड्ढों में सड़क।   


श्री बेहड़ ने कहा कि प्रदेश में जीरो टोलरेंस का सरकारी दावा हवा हवाई साबित हुआ है क्योंकि यह सरकार स्वयं भ्रष्टाचार में लिप्त है। एनएच 74 घोटाले में जेल गए अधिकारियों को इसी सरकार ने बहाल किया। प्रदेश में एनआरएचएम घोटाला, छात्रवृत्ति घोटाला, सिडकुल घोटाला इस सरकार की असल मंशा साबित करते हैं। प्रदेश में ट्रांसफर को अवैध कमाई का जरिया बना दिया गया है। बौर जलाशय के उच्चीकरण में भी करोड़ों का गोल माल किया गया है। फारेस्ट गार्ड भरती घोटाला, प्रदेश में हावी नकल माफिया, तीन साल में लोकायुक्त न बन पाना यह दिखाता है कि इस सरकार की कथनी और करनी बिलकुल अलग है। इसके अलावा राज्य में अफसरशाही निरंकुश हो चली है। जनता अपने कामों के लिए दर दर भटक रही है और राज्य कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर हैं।  


श्री बेहड़ ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं पर अत्याचार व दुष्कर्म के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। खुद भाजपा के संगठन महामंत्री मी टू में लिप्त पाए गए। भाजपा शासनकाल में मातृशक्ति हाशिये पर व महिला सशक्तिकरण का नारा धूल चाट रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था पूर्ण रूप से चौपट हो चुकी है। शिक्षा की बदहाली पर उच्च न्यायालय ने भी राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। शिक्षा सूचकांक के अनुसार अब राज्य दसवें स्थान से फिसल कर देश 14 वें पर आ गया है। राज्य में शिक्षकों की कमी लगातार बनी हुई है। गरीब परिवारों को शिक्षा के अधिकार से वंचित किया जा रहा है और छात्रवृत्ति में भी कमी की जा रही है। सरकार की मंशा इसी से पता लगती है की प्रदेश में शराब सस्ती की गई और मोबाइल वैन चला कर घर घर शराब पहुंचाने का प्रबंध किया गया। कहा जा सकता है के राज्य सरकार भू और खनन माफिया ही नहीं बल्कि शराब माफियाओं के हाथ की भी कठपुतली है। यहीं नहीं बल्कि राज्य सरकार ने रोडवेज किराये तथा बिजली और पानी के दामों में भी बेतहाशा वृद्धि कर गरीब जनता की कमर तोडऩे का काम किया है।  श्री बेहड़ ने कहा कि भाजपा सरकार ने खाद्यान्न में एपील कार्ड धारकों के लिए गेहूं नौ रुपये किलो और चावल 15 रुपये किलो दाम बढऩे के साथ इनकी मात्र भी घटाई और मिट्टी के तेल व राशन की चीनी की आपूर्ति पूरी तरह बंद कर दी। हालत यह है कि डिपो से सस्ता राशन ही गायब है। श्री बेहड़ ने कहा कि लगता है प्रदेश में जिला विकास प्राधिकरणों का गठन जनता को परेशान करने के लिए किया गया है। गरीब व्यक्ति अपने जीवन भर की कमाई से अपने घर का निर्माण करना चाहता है, लेकिन नियमों की जटिलता के कारण यह काम अब उसके लिए असंभव सा हो गया है। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में जनता का जबरदस्त उत्पीडऩ हो रहा है। यह सभी प्राधिकरण राज्य सरकार की लूट का अड्डा बन चुके हैं।        


श्री बेहड़ ने कहा की सबसे बड़ी विडंबना तो स्वास्थ्य विभाग के साथ है, जिसकी जिम्मेदारी स्वयं मुख्यमंत्री संभाल रहे हैं। हालात इस कदर खराब हैं कि कई घटनाओं में माताओं बहनों को शौचालय में प्रसव करने को मजबूर होना पड़ा है। समय पर एम्बुलेंस न मिलना, दवाइयों का टोटा, उपचार में देरी, डाक्टरों की कमी अब आम बात हो चली है। पिछले साल स्वास्थ्य क्षेत्र में 2200 करोड़ का बजट होने के बावजूद स्वास्थ्य सेवाओं में रत्ती भर भी सुधार नहीं हुआ है। अटल आयुष्मान योजना की हालात ये है कि निजी अस्पताल इन कार्डों को स्वीकार ही नहीं करते और इस योजना की आड़ में भी कई घोटाले सामने आ चुके हैं। श्री बेहड़ ने कहा कि अब समय आ गया है कि जनविरोधी सरकार के खिलाफ  सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष किया जाए और इनकी असलियत जनता के सामने लाई जाए।


शाहीन बागः संक्रमण हो जाए, नहीं हटेंगे

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खतरे और दिल्ली सरकार द्वारा दी गई सलाह के बावजूद शाहीन बाग में मंगलवार को करीब 500 से अधिक महिलाएं धरनास्थल पर एक दूसरे से सटकर बैठी हुई नजर आईं। प्रदर्शन स्थल पर मौजूद इन महिलाओं का कहना है कि उनके स्वास्थ्य की जिम्मेदारी सरकार की है। खास बात यह रही कि प्रदर्शन स्थल पर न तो महिलाओं के लिए हाथ धोने की कोई व्यवस्था है न ही इस दौरान किसी ने अपना मुंह ढका है और न ही कोरोना वायरस से बचने का कोई और इंतजाम यहां किया गया है।


प्रदर्शन में मौजूद सोफिया ने कहा, “हमें कोरोना वायरस और सीएए एवं एनआरसी दोनों से ही लड़ना है। इस लड़ाई में हमारे लिए कोरोना वायरस से ज्यादा खतरनाक एनआरसी और सीएए है। इसलिए सीएए के खिलाफ हमारी यह लड़ाई लड़ाई जारी रहेगी। बीमार होने के डर से हम अपने आंदोलन को छोड़कर घर नहीं बैठ सकते।”


प्रदर्शन में मौजूद रुखसत ने प्रदर्शनकारी महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा, “दिल्ली सरकार ने दिल्ली में अलग-अलग स्थानों पर मोहल्ला क्लीनिक खोले हैं। सरकार को अगर हमारी इतनी ही चिंता है, तो शाहीन बाग में भी धरनास्थल के पास एक मोहल्ला क्लीनिक खोल दे।” कोरोना वायरस को लेकर दी जा रही चेतावनी के बावजूद यहां शाहीनबाग में मंगलवार (17 मार्च) को सैकड़ों प्रदर्शनकारी एक दूसरे से सटकर कर बैठे रहे। इस दौरान उन्होंने जमकर नारेबाजी भी की। प्रदर्शनकारियों ने बिना साबुन से हाथ धोए दोपहर का भोजन भी यही धरनास्थल पर किया।
54 वर्षीय नूरजहां ने कहा, “अगर सरकार को हमारी इतनी ही चिंता है तो क्यों नहीं कानून को वापस ले लेती है। अगर सीएए का कानून वापस हो जाए, तो हम आज ही इस सड़क को साफ करके अपने घरों को लौट जाएंगे, लेकिन कानून वापस न होने की शक्ल में हम यहां से नहीं हटेंगे, फिर बेशक हम लोगों को कोरोना वायरस का संक्रमण ही क्यों न हो जाए।”
प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कहा, “हमें अपने आंदोलन के लिए सब कुर्बानियां मंजूर हैं। प्रदर्शन के दौरान हमने कई समस्याएं बर्दाश्त की हैं। हमने सर्दी सहन की, अब गर्मी आएगी, हम बर्दाश्त करेंगे। बारिश और सर्द रातों में भी हम यहां डटे रहें। कोरोना वायरस का खतरा भी हमें मंजूर है। तब तक यह लड़ाई मंजूर है, जब तक देश के हुक्मरान हमारी बात नहीं सुनते।”


कथा के आयोजन में उमड़ा भक्तों का जन-सैलाब

कथा के आयोजन में उमड़ा भक्तों का जन-सैलाब  रामबाबू केसरवानी  कौशाम्बी। नगर पंचायत पूरब पश्चिम शरीरा में श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन में भक्तो...