मंगलवार, 17 मार्च 2020

उत्तर-पुस्तिकाएं जांचने से इनकार

लखनऊ। राजधानी लखनऊ के जुबली कॉलेज में राजकीय शिक्षकों ने कोरोना के खौफ से यूपी बोर्ड हाईस्कूल और इंटर की उत्तर पुस्तिकाएं जांचने से इनकार कर दिया। शिक्षकों ने बाहर प्रदर्शन कर कहा कि अभी 10 दिन बाद मूल्यांकन करेंगे।


दरसअल, यूपी बोर्ड हाईस्कूल और इंटर की उत्तरपुस्तिकाएं सोमवार से जांची जानी थी। इसके लिए राजधानी लखनऊ में चार केन्द्र बनाए गए। यहां करीब 3500 शिक्षक कॉपी जांचेंगे। उधर, कोरोना को मद्देनजर जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने रविवार को सभी केन्द्रों का दौरा किया था। दावा है कि शिक्षकों के बैठने की जगह से लेकर अन्य स्थानों को सेनेटाइज्ड कराया गया है। डीआईओएस मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि सभी केन्द्रों की सीसी कैमरा सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण किया। हर केंद्र में सेनेटाइजर, साबुन और सफाई व्यवस्था का बारीकी से निरीक्षण किया। रविवार शाम को नगर निगम की ओर से सभी केंद्रों पर फागिंग भी की गई। इसके अलावा किसी भी तरह की इमरजेंसी से निपटने के लिए स्वास्‍थ्य विभाग की ओर से हर मूल्यांकन केंद्र पर एक एम्बुुलेंस लगाई गई है। जुबली में सर्वाधिक कॉपियां : राजकीय जुबली इंटर कॉलेज में करीब एक लाख 60 हजार 24 कॉपीयां जांची जानी हैं। यहां  691 शिक्षक लगाए गए हैं। राजकीय इंटर कॉलेज हुसैनाबाद में 65 डीएचई, 566 शिक्षकों की देखरेख में  एक लाख 41 हजार 136 कॉपियों जांची जाएंगी। राजकीय इंटर कॉलेज निशातगंज में  एक लाख 17 हजार 525 कॉपियां जांचने के लिए 764 शिक्षक लगाए गए हैं। अमीनाबाद इंटर कॉलेज में कुल दो लाख 47 हजार 129 कॉपियां जांची जाएंगी।


सरकारी दफ्तर बंद, निकाय-चुनाव टला

मुंबई। कोरोना वायरस से बचने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 7 दिनों के लिए सभी सरकारी दफ्तरों को बंद करने का ऐलान किया है। मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक में सात दिनों के लिए सरकारी कार्यालयों को बंद करने का निर्णय लिया गया।


हालांकि, जरूरी सेवाओं को जारी रखा गया है। बता दें कि महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 39 लोग कोरोना से संक्रमित हैं और 1 की मौत भी हो चुकी है। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए मुंबई में नेहरू विज्ञान केंद्र 16 से 31 मार्च तक आगंतुकों के लिए बंद रहेगा। कोरोना वायरस से संक्रमित मुम्बई के 64 वर्षीय एक व्यक्ति की मंगलवार को मौत हो गई। महाराष्ट्र में कोविड-19 से मौत का यह पहला मामला है। बीएमसी प्रमुख प्रवीण परदेशी ने बताया कि मृतक का मुम्बई के सरकारी कस्तूरबा अस्पताल में इलाज चल रहा था। कोरोना वायरस से संक्रमित होने के अलावा उसको स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याएं भी थीं। इससे पहले स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया था कि महाराष्ट्र में कोरोना वायरस से एक व्यक्ति की मौत हो गई। भारत में इस वायरस के संक्रमण से मरने वालों की संख्या तीन हो गई है। कोरोना वायरस के मद्देनजर एहतियात बरतते हुए महाराष्ट्र राज्य निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को राज्य में निकाय चुनाव की तारीख को अगले आदेश तक स्थगित करने का फैसला लिया। राज्य निर्वाचन आयुक्त यूपीएस मदन ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को देखते हुए चुनाव स्थगित किए गए हैं। निर्वाचन आयोग ने चुनाव से संबंधित प्रक्रिया को भी स्थगित कर दिया है।


ईएनटी चेकअप का निशुल्क आयोजन

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। मंडोला के प्राचीन शिव मंदिर(छिप्पी मंदिर) में नाक, आँख, कान, गला का निःशुल्क चेकअप डॉ ऐ डी के हॉस्पिटल खेकड़ा बागपत व डॉ श्रॉफ हॉस्पिटल दरियागंज दिल्ली के ENT डॉ जय प्रकाश चौबे, डॉ प्रियंका जैन, आँखों के डॉ संजय शर्मा, डॉ रामअवतार, डॉ सुमन्त, डॉ सोमपाल के द्वारा किया गया।


शिविर का उद्घाटन सुबह 10 बजे बुजुर्ग राजेराम त्यागी द्वारा रिबन काटकर किया गया। उद्घाटन के समय क्षेत्र के वरिष्ठ सम्भ्रांत बुजुर्ग राजीव त्यागी, जय प्रकाश त्यागी, लिखीराम त्यागी व युवा मदन त्यागी, श्याम त्यागी, नवीन गुप्ता, बॉबी त्यागी, प्रवेश शर्मा ,आयोजनकर्ता सुंदर काण्ड प्रेम मण्डल के सदस्य सोनू त्यागी, अंकुर त्यागी, संजय त्यागी, संदीप त्यागी, जुगेंद्र त्यागी, नरेश शर्मा आदि उपस्थित थे। निःशुल्क शिविर में 450 मरीजों का चेकअप किया गया। जिसमें 325 मरीज आँख रोग, 110 मरीज नाक, कान, गले से पीड़ित थे । 15 मरीज मोतियाबिंद के पाए गए। जिनको शिविर में डॉ की टीम के साथ आई एम्बुलेंस में बैठाकर ऑपरेशन के लिए हॉस्पिटल भेज दिया गया। जिनके कुछ प्रमुख मरीजों के नाम रमेश चंद्र शुक्ला, राधेश्याम, मुन्नीदेवी, किशनलाल आदि हैं । शिविर सुबह 10बजे शुरू होकर 4बजे सम्पन्न हुआ।


स्थायी महिला कमिशन की अनुमति

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को भारतीय नौसेना की सभी योग्य शाखाओं में कार्यरत सभी महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन की अनुमति दी, और केंद्र सरकार को तीन महीने के भीतर आदेश का पालन करने का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि शारीरिक स्थितियों या अन्य परिस्थिति का हवाला देते हुए कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता है।


सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश शिक्षा के अलावा, एटीसी और लॉजिस्टिक्स में भी स्थायी कमीशन के लिए पात्र महिला अधिकारियों को सक्षम करेगा। अदालत ने कहा कि पुरुष अधिकारियों के समान दक्षता के साथ ही महिलाएं भी नौसेना के जहाज का नियंत्रण कर सकती हैं, इसलिए कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। शीष न्यायालय ने माना कि नौसेना के भीतर रूढ़िवाद का एकमात्र जवाब कार्य और समर्पण का प्रदर्शन है। दिल्ली हाईकोर्ट के निर्णय को बरकरार रखते हुए सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि नौसेना में महिला अधिकारियों के साथ अन्याय नहीं किया जा सकता।


यस बैंक पर लगी पाबंदिया हटाई

नई दिल्ली। यस बैंक के शेयर ने बीते तीन दिन में सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है। जिसके साथ ही बैंक ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया है, कि बैंक पर लगी पाबंदियों को हटा दिया गया है। अब बुधवार से सभी सेवाएं शुरू हो जाएंगी। बैंक की ओर से बताया गया कि सभी एटीएम में पर्याप्त कैश हैं, और ग्राहकों को घबराने की जरूरत नहीं है।


बता दें कि अब तक केवल 1/3 ग्राहकों ने 50 हजार रुपये निकाले हैं। बैंक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ग्राहकों की शंकाओं का समाधान किया गया है। यस बैंक के शेयर मंगलवार को 1.17 बजे 59.84 फीसद की बढ़त के साथ 59.30 रुपये पर कारोबार कर रहे थे। इस शेयर ने मात्र तीन कारोबारी सत्र में निवेशकों के पैसे दोगुने कर दिए। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि येस बैंक के ग्राहकों को राहत देने के लिए बड़ी तेजी से काम किया जा रहा है। बुधवार से येस बैंक से पैसा निकालने के लिए लगाई गई रोक हटा दी जाएगी। यानी ग्राहकों अपने खातों से 50 हजार रुपये से ज्यादा निकाल पाएंगे। ये पाबंदी बुधवार की शाम 6 बजे खत्म हो जाएगी। इसके अलावा उन्होंने कहा कि येस बैंक में डिपॉजिट करने वाले ग्राहकों के पैसे बिल्कुल सुरक्षित है, उन्हें किसी तरह से घबराने की जरूरत नहीं है। येस बैंक का नया बोर्ड 26 मार्च से कामकाज संभालेगा। शक्तिकांत दास ने कहा कि भारतीय बैंकिंग सिस्टम पूरी तरह से सुरक्षित है। लोग अफवाहों पर ध्यान न दें। उन्होंने येस बैंक के ग्राहकों से कहा कि वह किसी तरह से घबराएं नहीं, उनका पैसा सुरक्षित है और आगे भी रहेगा।


सामान्य व्यवसाय साइबर का टारगेट

सचिन कौशिक


नई दिल्ली। कुछ छोटे से मध्यम आकार के व्यवसाय साइबर सुरक्षा को एक मुद्दा मानते हैं कि एक बार उनका बजट थोड़ा बड़ा हो जाए। अनफोरन्यूटाइल, यह ये व्यवसाय हैं जो साइबर अपराध के लिए सबसे अधिक लक्षित होते हैं। वास्तव में, 43 प्रतिशत साइबर हमले छोटे व्यवसायों को लक्षित करते हैं।


अपराधियों को पता है कि बड़े निगमों में मजबूत सुरक्षा प्रणाली होती है, लेकिन छोटे व्यवसाय अक्सर खुद को कमजोर छोड़ देते हैं। यदि आप एक एसएमबी चलाते हैं और साइबर स्पेस को आपने अभी तक प्राथमिकता नहीं दी  है, तो अभी आपके पास समय है कि आप संसाधनों के माध्यम से सीमित होने के बावजूद खुद को बचा सकते हैं। जो कर्मचारी उचित सुरक्षा प्रथाओं में अप्रशिक्षित हैं, वे बहुत बड़ी असुरक्षा के शिकार हैं। साइबर क्राइम के चेतावनी संकेतों को पहचानने के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षित करना पूरी तरह से महत्वपूर्ण है, साथ ही पहली बार में जोखिम को कम रखने और हमले की रिपोर्ट के लिए एक सिस्टम होना चाहिए।


वकीलों का पट्टी बांधकर विरोध-प्रदर्शन

तालबेहट(ललितपुर)। बार कौंसिल आफ उत्तर-प्रदेश के आव्हान पर सोमवार को बार एसोशिएशन के सदस्यों ने हाँथों में लाल पट्टी बाँध कर विरोध प्रदर्शन करते हुए न्यायिक कार्य से विरत रहे व उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को विभन्न माँगों को लेकर ज्ञापन सौंपा।
    बार कौंसिल आॅफ उत्तर प्रदेश की विभिन्न माँगों जिनमें उ0्रप्र0 द्वारा जारी अधिवक्ता परिचय पत्र तथा सी0ओ0पी कार्ड ही पूरे प्रदेश में मान्य होंगे। अधिवक्ता हितों के लिए सरकार द्वारा धन उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है लगभग पाँच सौ अधिवक्ताओं की पत्रावलियों का भुगतान होना शेष है। पूर्व सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष 40 करोड़ न्यायी समिति को दावों के भुगतान हेतु दिए जाने का प्राविधान किया गया था किंतु वर्तमान सरकार द्वारा उसको नहीं दिया जा रहा है। बार कोंसिल द्वारा संचालित योजनाएं फेल होने के कगार पर हैं। बार कोंसिल आॅफ उत्तर प्रदेश यह माँग करती है कि यदि उपरोक्त समस्याओं का समाधान सरकार द्वारा नहीं किया गया तो वह आगामी कडे़ कदम उठानों को बाध्य होगी। उक्त माँगों को लेकर अधिवक्ताओं ने उपजिलाधिकारी मोहम्मद कमर के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। ज्ञापन पर प्रमुख रूप अध्यक्ष रूपसिंह बुन्देला एड, हरीराम राजपूत एड, जहेन्द्र सिंह परमार एड, मनोहरलाल शर्मा एड, राजीव जैन एड, अखलेश खरे एड, ललंजू कुशवाहा एड, अजय उपाध्याय एड, मनोज गुरूदेव एड, कृपाल सिंह राजपूत एड, रक्षपाल सिंह बुन्देला एड, प्रकदवेश श्रीवास्तव एड, हरीराम श्रीवास एड, धनीराम रजक एड, बहादुर सिंह बुन्देला एड, मनोज संज्ञा एड, आशुतोष यादव एड, राघवेन्द्र सिंह एड, सुनील कुमार एड, बृजलाल कुशवाहा एड, राजेन्द्र सिंह परमार एड सहित दर्जनों अधिवक्ताओं के हस्ताक्षर थे।
 विजय राज सिंह गौर की रिपोर्ट।


'पीएम' मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला

'पीएम' मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला  इकबाल अंसारी  नई दिल्ली। संसद सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर...