फर्रुखाबाद। गुजरात प्रदेश के एक व्यक्ति खुद को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का भतीजा बताकर कई विधायकों को ठगने वाले कलई खुली तो जीआरपी भी सन्न रह गई। बता दे कि पांंच दिन पहलेे विराज शाह नाम के युवक ने अहमदाबाद-लखनऊ एक्सप्रेस ट्रेन से बैग चोरी होने का मुकदमा दर्ज कराते हुए खुद को अमित शाह का भतीजा बताया था। मामला हाई प्रोफाइल मानते हुए जीआरपी जांच में चकरघिन्नी बनी रही और अहमदाबाद जाकर पड़ताल की। लेकिन, जब युवक की हकीकत सामने आई तो पुलिस भी सन्न रह गई। जब युवक की सच्चाई सदर विधायक को पता चली तो उनकी भी खुद पर हंसी छूट गई क्योंकि घटना के बाद वह उसे स्वयं दिल्ली तक छोडऩे गए थे।
मिली जानकारी के अनुसार करीब पांच दिन पहले फर्रुखाबाद रेलवे स्टेशन पर जीआरपी के पास पहुंचे युवक ने अपना नाम विराज शाह और गृहमंत्री अमित शाह का भतीजा बताया था। उसने बताया था कि अहमदाबाद-लखनऊ एक्सप्रेस ट्रेन से उसका बैग चोरी हो गया है। इसपर जीआरपी ने आनन फानन मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू कर दी थी। स्टेशन के सीसी कैमरे की फुटेज में बैग ले जा रहे युवक को देखकर उसने पहचान भी की थी। उसने रिपोर्ट में पता अहमदाबाद की एक सोसायटी का लिखाया था और पिता का नाम अश्वनी भाई शाह बताया था।
जानकारी पर सदर विधायक मेजर सुनील दत्त द्विवेदी भी पहुंचे थे और उनके साथ युवक चला गया था। विधायक उसे दिल्ली तक छोडऩे गए थे। जाते समय उसने पुलिस को हिदायत दी थी कि मोबाइल पर उसे परेशान न करें, बैग मिले या फिर न मिले। बैग में उसने लैपटाप, मोबाइल और कुछ रुपये होने की जानकारी दी थी। सीसी फुटेज में उसने युवक को पहचानते हुए बताया था कि वह पास की सीट पर बैठा था और उसकी पीठ पर टंगे बैग को अपना बताया था। मामला हाईप्रोफाइल होने पर पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज में दिखे युवक के रिजर्वेशन फार्म में लिखे पते की छानबीन की। इसके बाद पुलिस कोतवाली मोहम्मदाबाद के गांव गैङ्क्षसगपुर निवासी युवक तक पहुंची तो पता चला कि वह दूसरे कोच में यात्रा कर रहा था।
इसके बाद पुलिस ने फुटेज के आधार पर दूसरे युवक की जांच की तो वह थाना जहानगंज के गांव जहानाबाद का निवासी निकला और बैग उसका ही था। अहमदाबाद स्टेशन के कैमरे के फुटेज में भी बैग उसके कंधे पर ही दिखाई दिया। इसपर संदेह होने पर पुलिस ने जब विराज की कुंडली खंगाली तो चौंकाने वाला सच सामने आया। वह इसी तरह बैग चोरी के मामले पहले भी मध्य प्रदेश व राजस्थान में दर्ज करा चुका है।
पुलिस को जांच के दौरान विराज का मोबाइल बंद मिल रहा था, इसपर शक गहराया और उसकी कुंडली खंगाली। इसपर सामने आया कि विराज शाह ने वर्ष 2016 में उज्जैन में भी बैग चोरी का मुकदमा लिखाया था और खुद को अमित शाह का भतीजा बताकर विधायक से नकद, मोबाइल लिया था। इसी तरह जयपुर में भी उसने झूठी कहानी बताकर पुलिस व विधायक को ठगा था। उसने अपना पता भी गलत लिखाया था। जुलाई 2016 में मध्य प्रदेश पुलिस ने जांच के बाद उसका पर्दाफाश कर दिया था। युवक मूल रूप से गुजरात गांधी नगर से 15 किमी दूर गांव का रहने वाला है और उसका नाम यश अमीन है। जीआरपी थानाध्यक्ष विजय कुमार ने बताया कि जांच पूरी होने पर जानकारी दी जाएगी।
फर्रुखाबाद विधायक मेजर सुनील दत्त द्विवेदी उसे दिल्ली तक छोडऩे गए थे। जब इस बारे में उनसे पूछा गया तो उन्होंने जानकारी दी कि युवक के बारे ज्यादा नहीं पता है। घटना वाले दिन एक फोन आने के बाद वह जीआरपी थाने गए थे। उस दिन उन्हें भी दिल्ली जाना था और युवक के आग्रह पर उसे भी साथ ले गए थे।