नई दिल्ली। पूरे देश में रेलवे की 6 बुलेट ट्रेन चलाने की योजना है। इसके लिए मुंबई और अहमदाबाद के बीच बन रहे हाईस्पीड कॉरिडोर की तर्ज कुल छह कॉरिडोर के लिए मार्गों को चिह्नित किया गया है।
इसके लिए काम जोर-शोर से शुरू कर दिया गया है. जापान सरकार के सहयोग से पहले बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट मुंबई-अहमदाबाद कॉरिडोर पर काम चल रहा है जिसमें टेक्निकल और फाइनेंशियल मदद जापान कर रहा है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि जल्द ही भारतीय रेलवे दुनिया की पहली ऐसी रेलवे होगी जो पूरी तरह से इलेक्ट्रीफाइड होगी। इसके लिए मोदी सरकार ने एक बड़ा प्रोजेक्ट शुरू किया है। इसके साथ ही रेल मंत्री ने कहा कि 44 और वंदे भारत देशभर में चलेंगी।
सभी रेलवे स्टेशनों पर महिला पुरुष के लिए अलग से शौचालय
रेल मंत्री ने लोकसभा में बताया, “सभी रेलवे स्टेशनों पर महिला पुरुष के लिए अलग से शौचालय बना दिए गए हैं और जल्द ही दिव्यांगों के लिए भी अलग से शौचालय बनाए जा रहे हैं। सभी स्टेशनों पर एक्स लेटर और लिफ्ट लगाई जा रही हैं। इसके साथ ही 5628 रेलवे स्टेशनों पर रेलवे ने वाईफाई की सुविधा दी हुई है।”
पहले प्रोजेक्ट की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने अहमदाबाद में रखी थी जिस पर तेजी से काम हो रहा है। इसके साथ ही सरकार अब और आगे बढ़ने की तैयारी में यही वजह है अब देश में 6 नए रूट पर बुलेट ट्रेनों की शुरुआत होगी। चरण में मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर पर काम हो रहा है जिसको 2023 तक पूरा किया जाना है। रेल मंत्रालय ने इन सभी छह रूट की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करनी शुरू कर दी है।
नए 6 रूट हैं:
दिल्ली से बनारस
दिल्ली से अहमदाबाद
मुंबई से नागपुर
मुंबई से हैदराबाद
चेन्नई मैसूर
दिल्ली से अमृतसर
रेल मंत्रालय के मुताबिक अभी इन सभी छह कॉरिडोर का अलाइनमेंट फाइनल किया जाना है जबकि सभी छह कॉरिडोर का डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट पर काम तेजी से चल रहा है। बुलेट ट्रेन की भारी-भरकम लागत को देखते हुए इसका विरोध भी शुरू से होता रहा है लेकिन सरकार इस मामले में दृढ़ संकल्प दिख रही है।
सरकार की तरफ से पहले भी कहा गया है कि दुनिया से कदमताल में लाने के लिए और भारत की जनता को दुनिया के सबसे आधुनिक और तीव्रतम ट्रांसपोर्ट के साधन उपलब्ध कराने के लिए बुलेट ट्रेन पर काम होना जरूरी है। इसी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली मुंबई हाई स्पीड कॉरिडोर की शुरुआत की गई थी और अब बाकी के 6 पर भी सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है। हालांकि अभी यह तय नहीं हुआ है देश के जिन छह नए रूट पर काम शुरू हुआ है, उनमें वित्तीय मदद कौन देगा।