गुरुवार, 12 मार्च 2020

रेप के बाद पंचायत ने कराया निकाह

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। मुरादनगर में एक ईंट-भट्ठे पर 14 वर्षीय किशोरी को अगवा कर पहले उसके साथ दुष्कर्म किया गया और फिर पंचायत ने किशोरी का निकाह उसी युवक के साथ करा दिया। अब किशोरी के पिता ने आरोप लगाते हुए थाने में तहरीर दी है कि उनकी बेटी के साथ मारपीट की जा रही है।


थानाप्रभारी ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि किशोरी को मेडिकल परीक्षण के लिए भेजकर जांच शुरू कर दी गई है। जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। मामला 20 दिन पुराना बताया जा रहा है। नाबालिग की कैसे शादी कराई, इस एंगल पर भी जांच की जा रही है।


विपक्षी दलों को डरा धमका रही भाजपा

कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट


लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा राज्यों में विपक्षी दलों को डरा-धमका रही है, दूसरे हथकंडों से प्रभावित कर रही है। इन कारनामो से भाजपा लोकतंत्र के लिए खतरा बन गई है। अखिलेश ने बुधवार को अपने एक बयान में कहा कि भाजपा का आचरण लोकतंत्र विरोधी है। राजनीतिक मूल्यों एवं नैतिकता की परवाह किए बिना राज्यों में विपक्षी दलों को डराना-धमकाना और अन्य हथकंडों से प्रभावित करने जैसे कामों से भाजपा लोकतंत्र के लिए खतरा बन गई है।


पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में बदले की भावना में डूबी भाजपा की सरकार अहंकारी है। दूसरों की तस्वीर चौराहों पर लगाने वालों की खुद की छवि धूमिल हो रही है।


उन्होंने कहा कि जनता की निगाह में बदले की भावना से किए गए कामों का फल अच्छा नहीं होता है। जनता के मन में भारी आक्रोश है। भाजपा सरकार के तीन साल पूरे हो गए लेकिन जनकल्याण की एक भी योजना जमीन पर नहीं उतर पाई है। सपा सरकार के कामों को दोहराकर या उन्हें नए-नए नाम देकर ही भाजपा सरकार एक-एक दिन काट रही है।


सपा अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी सामाजिक सद्भाव के लिए प्रतिबद्घ है। सौहार्द के वातावरण में ही विकास हो सकता है। विकास को गति देने और सामाजिक न्याय के लाभ के लिए जातीय जनगणना होनी चाहिए। इससे समाज के सभी वर्ग के लोगों को उनकी संख्या के अनुरूप हिस्सेदारी तय हो सकेगी।


अवसाद को समझे और बाहर निकले

सचिन कौशिक


उद्योग संघ, एसोचैम द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, भारतीय कॉरपोरेट्स में लगभग 42 प्रतिशत कर्मचारी उदास हैं। आप एक बड़े MNC या एक स्टार्टअप में एक प्रबंधक हैं। आपको उन कर्मचारियों में से एक से एक कॉल मिलता है जो आपको बताता है कि वे आज में नहीं आ सकते हैं। वे आपको कोई कारण नहीं देते। जब आप एक के लिए पूछते हैं, तो वे प्रश्न को खाली कर देते हैं, और जब आप दबाते हैं, तो वे कहते हैं कि वे आज में आने का महसूस नहीं करता।


आखिरकार, काम काम है, हर कोई शिकायत करता है, लेकिन हम सभी इसके लिए नीचे उतरते हैं। कार्य केवल बिलों का भुगतान करने में हमारी मदद नहीं करता है, यह एक सामाजिक, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक उद्देश्य प्रदान करता है। यह हमें पहचान, आत्म-सम्मान, गर्व की भावना, सम्मान और दिशा प्रदान करता है। ज़रूर, ऐसे दिन हैं जब आप सुबह के ट्रैफ़िक से बचते हैं, देर से बिस्तर से बाहर निकलते हैं, एक बड़ा नाश्ता खाते हैं, एक मैटिनी शो देखते हैं, एक बीयर प्राप्त करते हैं और दोपहर की झपकी लेते हैं? जब आप काम पर जाने के मूड में नहीं होते हैं, तो हर कोई उन भावनाओं को महसूस करता है।


भावनाएं हैं और फिर ऐसी भावनाएं हैं जो काम छोड़ने के क्षणभंगुर सोच से परे हैं।


ज्यादातर लोगों के लिए, इन भावनाओं में सोमवार ब्लूज़, नींद की कमी, एक हैंगओवर, बॉस के साथ समस्या, किसी प्रियजन के साथ लड़ाई, या कुछ क्षणभंगुर है जो आमतौर पर डबल एस्प्रेसो के बाद या ईएमआई भुगतान के बारे में एक अनुस्मारक के बाद दूर हो जाता है। नया घर या कार। वे इससे बाहर निकलते हैं। फिर ऐसे लोग हैं जो इससे बाहर नहीं निकल सकते। यह अवसाद है। जब बिस्तर से उठने और ऑफिस जाने का सरल काम एक स्मारकीय कार्य की तरह लगता है। यदि वे अपने आप को कार्यालय में घसीट ले जाते हैं, तो निम्न प्रकार की बात होती है, मनोदशा में कमी, एकाग्रता में कमी, समाज में गिरावट, ऊर्जा का स्तर कम होना और उदासी की भावना।


यदि किसी कंपनी के पास काम पर औपचारिक मानसिक स्वास्थ्य नीति नहीं है, तो यह समग्र एचआर पॉलिसी में मानसिक स्वास्थ्य को शामिल कर सकती है और यह सुनिश्चित कर सकती है कि मानव संसाधन विभाग के भीतर इसका स्वामित्व है। प्रबंधकों को अवसाद से पीड़ित कर्मचारियों से निपटने के तरीके के बारे में सचेत करने की आवश्यकता है, उन्हें संकेतों की पहचान करने, सहानुभूति की पेशकश करने, समर्थन करने और उचित सहायता प्रदान करने में सक्षम होने की आवश्यकता है।


चेतावनी के संकेत: – अनुपस्थिति
– कम उत्पादकता
– समाज से दूरी बनाना
– छूटी हुई डेडलाइन
– कम गुणवत्ता वाला काम
– मूड के झूलों
– थकान और सुस्ती
– काम पर त्रुटियाँ
– घटती प्रेरणा
– मादक द्रव्यों का सेवन


कॉर्पोरेट कर्मचारियों को अवसादग्रस्त कर्मचारियों की मदद करने के तरीके
– सहानुभूति और चिंता पेश करें
– उन्हें उदासी में कॉल करना आसान बनाएं
– डिप्रेशन के बारे में उनसे बात करे
– अवसादग्रस्त कर्मचारी से कैसे निपटें, इस पर कर्मचारियों को जागरूक करें
– इसे एचआर पॉलिसी का हिस्सा बनाएं
– इन-हाउस काउंसलिंग का प्रस्ताव दें
– लचीले काम के घंटे की पेशकश करें और घर के विकल्पों से काम करें
– पिछले काम के बारे में याद दिलाएं और आश्वासन भी दें
– उन्हें आलसी के रूप में ब्रांड न करें या प्रतिबद्ध न हों


पीएफआई के अध्यक्ष-सचिव गिरफ्तार

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने पीएफआई के अध्यक्ष और सचिव को गिरफ्तार किया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक अध्यक्ष का नाम परवेज और सचिव का नाम इलियास है। आपको बता दें कि पीएफआई पर शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों की फंडिंग का आरोप है। बताया जा रहा है कि इलियास शिव बिहार का रहने वाला है। स्पेशल सेल ने शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन और पीएफआई के संबंधों की जांच करते हुए दोनों की गिरफ्तारी की है। इन पर दिल्ली हिंसा भड़काने का भी आरोप है। दोनों से पूछताछ की जा रही है।


इससे पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पीएफआई के सदस्य दानिश को गिरफ्तार किया था। उसे सीएए विरोध प्रदर्शनों के दौरान कथित रूप से दुष्प्रचार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने कहा था कि दानिश पीएफआई के काउंटर इंटेलिजेंस विंग का प्रमुख है और शहर भर में सीएए विरोधी प्रदर्शन में सक्रिय रूप से भाग लेता रहा है।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बीते रविवार को ओखला से एक कश्मीरी दंपति को इस्लामिक स्टेट (आईएस) खुरासान मॉड्यूल के साथ कथित संबंधों के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस जोड़े की पहचान जहांजेब सामी (पति) और हिना बशीर बेग (पत्नी) के रूप में की गई है। पुलिस ने उनके पास से कुछ आपत्तिजनक सामग्री जब्त की है और उनसे पूछताछ की जा रही है। पीएफआई पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) प्रदर्शन के दौरान लोगों को भड़काने और फंडिंग करने का आरोप है।


शह-मात के खेल में किसके हाथ बाजी

भोपाल। मध्य प्रदेश में शह और मात के खेल में बाजी किसके हाथ लगेगी, यह अभी साफ नहीं है। ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने हाथ का साथ छोड़कर कमल फूल खिलाने का जिम्मा अपने हाथों में लिया है। अब सवाल उठ रहे हैं कि एमपी में अगर बीजेपी सरकार बनती है तो मुख्यमंत्री की कुर्सी किसे मिलेगी? सूत्रों के मुताबिक सीएम पोस्ट के लिए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का (Shivraj Singh Chouhan) नाम सबसे आगे है। लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेता नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) से उन्हें चुनौती मिल रही है।


एमपी में शिवराज बीजेपी के नंबर वन नेता
ज्योतिरादित्य सिंधिया कैंप के विधायकों की बगावत के बाद अगर कमलनाथ सरकार गिरती है तो चौथी बार शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बन सकते हैं। वजह भी साफ है। एमपी में शिवराज के कद का नेता बीजेपी में दूर-दूर तक नहीं नजर आता है। उनके पास सरकार चलाने का लंबा अनुभव है। लगातार तीन कार्यकाल उन्होंने सफलतापूर्वक पूरे किए हैं। उन्होंने ऐसे वक्त में एमपी की कमान संभाली थी जब उमा भारती जैसी कद्दावर नेता की बगावत के बाद बीजेपी संकट से जूझ रही थी। ऐसे में उनकी राह में मोटे तौर पर कोई बड़ी बाधा नहीं दिखती है।


शिवराज और नरोत्तम के बीच अनबन!
हालांकि सियासी घटनाक्रम के बीच बीजेपी के एक और नेता हैं जिनका नाम काफी चर्चा में है। यह हैं दतिया से विधायक और पूर्व संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा। मंगलवार शाम को बीजेपी विधायक दल की बैठक में आंतरिक गतिरोध नजर आया। इस दौरान शिवराज और नरोत्तम समर्थक आमने-सामने आ गए। अपने-अपने नेता के लिए समर्थकों ने नारे भी लगाए। बताया जाता है कि नरोत्तम समर्थकों ने कांग्रेस में सियासी संकट के दौरान शिवराज की भूमिका को लेकर सवाल भी उठाए। इस बीच भोपाल में बीजेपी दफ्तर के पास ज्योतिरादित्य सिंधिया के स्वागत में पोस्टर लगाए गए हैं। पोस्टर में सिंधिया के साथ नरोत्तम मिश्रा की तस्वीर है।


लोकप्रियता में शिवराज का सानी नहीं
अगर लोकप्रियता की बात की जाए तो शिवराज के सामने नरोत्तम बिल्कुल नहीं टिकते। इसके बावजूद अमित शाह के करीबी माने जाने वाले नरोत्तम का पार्टी के अंदर अच्छा प्रभाव है। इससे पहले भी माना जा रहा था कि गोपाल भार्गव की जगह शिवराज को नेता विपक्ष बनाकर कमलनाथ सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जाएगा। हालांकि मंगलवार को विधायक दल की बैठक में इस पर चर्चा नहीं हुई।


शिवराज ने नरोत्तम का नेता विपक्ष के लिए किया था विरोध?
एमपी की सियासत में नरोत्तम मिश्रा और शिवराज को अलग-अलग ध्रुव माना जाता है। सूत्रों के मुताबिक चुनाव के बाद भी शिवराज ने नरोत्तम के नाम का विरोध किया था और इसी वजह से नेता विपक्ष का पद गोपाल भार्गव को दिया गया। मिश्रा का नाम प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए भी प्रस्तावित था लेकिन आरएसएस के करीबी माने जाने वाले वीडी शर्मा को जिम्मेदारी मिली।


नए नाम से चौंकाएगी बीजेपी?
अब जबकि बीजेपी को लग रहा है कि वह सरकार बनाने के काफी करीब है, शिवराज चौहान और नरोत्तम मिश्रा खेमे के बीच शीतयुद्ध जैसे हालात हैं। बीजेपी सूत्रों को लगता है कि रस्साकशी को देखते हुए पार्टी वीडी शर्मा की तरह ही कोई नया नाम लाकर चौंका सकती है। पीएम मोदी के करीबी और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर के नाम की भी चर्चा है। सूत्रों के मुताबिक ज्योतिरादित्य सिंधिया को मोदी सरकार में वाणिज्य या भारी उद्योग जैसा पद मिल सकता है। इसके साथ ही उनके समर्थकों को बोर्ड, कॉर्पोरेशन और समितियों में पद देकर संतुष्ट किया जाएगा।


भोपाल में भव्य स्वागत की तैयारी

नई दिल्ली। कांग्रेस का ‘हाथ’ छोड़ भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने वाले मध्य प्रदेश के ‘महाराज’ ज्योतिरादित्य सिंधिया गुरुवार को भोपाल पहुंचेंगे। मध्य प्रदेश जाने से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। सिंधिया यहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी मिले। पार्टी में शामिल होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया की ये पहली औपचारिक मुलाकात थी। गुरुवार सुबह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर लिखा कि आज ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात की। मुझे पूरी उम्मीद है कि उनके बीजेपी में आने से मध्य प्रदेश में जनता की सेवा करने में पार्टी और भी मजबूत होगी। अमित शाह से पहले उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी औपचारिक मुलाकात की।



गौरतलब है कि बुधवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिल्ली में बीजेपी ज्वाइन की, इस दौरान बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहे थे। पार्टी ज्वाइन करने के कुछ ही देर बाद भारतीय जनता पार्टी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा भेजने का फैसला ले लिया। मध्य प्रदेश कांग्रेस की ओर से गुरुवार को ही ज्योतिरादित्य सिंधिया पर तंज कसा गया था। ट्वीट कर पार्टी की ओर से कहा गया कि बीजेपी में महाराज का इतना अपमान किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर उनका स्वागत भी नहीं किया है।


हालांकि, अब अमित शाह, राजनाथ सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात के बाद उनका औपचारिक स्वागत किया है। बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया आज जब भोपाल पहुंचेंगे तो भाजपा कार्यकर्ताओं की तरफ से उनका स्वागत किया जाएगा. एयरपोर्ट से बीजेपी दफ्तर तक सिंधिया रोड शो में शामिल होंगे, इसके बाद पार्टी दफ्तर में राज्य के बड़े नेता उनका स्वागत करेंगे. भोपाल में भाजपा कार्यकर्ताओं ने सड़क किनारे ज्योतिरादित्य सिंधिया के स्वागत में पोस्टर चस्पा किए हैं।


प्रदेश में 10,000 कांग्रेसी ने दिया इस्तीफा
भोपाल। वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया केकांग्रेस को छोड़ने के बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस के करीब 10,000 पदाधिकारियों ने इस्तीफे दे दिये हैं और कई पदाधिकारी त्यागपत्र दे सकते हैं। यह दावा मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता के पद से इस्तीफा देने वाले पंकज चतुर्वेदी ने बुधवार को किया है। उन्होंने सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के तुरंत बाद इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, मध्यप्रदेश की सत्तारूढ़ कांग्रेस ने इस दावे को खारिज कर दिया और कहा कि सिंधिया के समर्थक अन्य नेताओं पर कांग्रेस छोड़ने के लिए दबाव बना रहे हैं।


सिंधिया के कट्टर समर्थक समझे जाने वाले चतुर्वेदी ने कहा, ‘‘सिंधिया जी के कांग्रेस छोड़ने के बाद उनके प्रति आस्था जताने वाले मध्यप्रदेश कांग्रेस के करीब 10,000 पदाधिकारियों ने इस्तीफे दे दिये हैं। ये इस्तीफे राज्य स्तर से ब्लॉक स्तर तक के पदाधिकारियों के हैं और कल सुबह से लेकर आज शाम तक दिए गए हैं। इनमें कुछ कांग्रेस जिला अध्यक्ष भी शामिल हैं।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘जल्द ही कई अन्य कांग्रेसी पदाधिकारी भी अपने पदों से त्यागपत्र देंगे।’’


चतुर्वेदी ने कहा कि गुना, सागर, अशोक नगर, ग्वालियर, इंदौर, शिवपुरी एवं कुछ अन्य जिलों के कांग्रेस अध्यक्षों ने अपना इस्तीफा दिया है। मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने कहा कि सिंधिया के समर्थक पार्टी के नेताओं को इस्तीफा देने के लिए दबाव बना रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इतने बड़ी तादात में पार्टी के पदाधिकारियों ने इस्तीफे नहीं दिये हैं।


सलूजा ने बताया, ‘‘जिस किसी ने भी इस्तीफा दिया है, उसने सिंधिया समर्थकों के दबाव में दिया है। वे पार्टी के नेताओं पर दबाव बना रहे हैं। यदि सिंधिया इतने प्रसिद्ध थे तो वह पिछले साल गुना लोकसभा सीट से चुनाव क्यों हार गये थे?’ उन्होंने कहा कि सिंधिया को भाजपा में कुछ दिन बिताने के बाद ही जल्द अपनी नेतृत्व के बारे में असलियत का पता चल जाएगा।


भाजपा में शामिल होने की संभावना
माना जा रहा है की जब ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में 10,000 से अधिक कांग्रेस नेताओं ने त्यागपत्र दिया है तो वह ज्योतिरादित्य सिंधिया के भोपाल रोड शो के दौरान भाजपा में शामिल हो सकते है। वहीँ प्रदेश में बड़ी जिम्मेदारी भी संभल सकते है. पर देखना यह है की अब क्या नया भूचाल आता है। मध्य प्रदेश की सियासत पर… “कमल” की सरकार टिकेगी या फिर सिंधिया समर्थन से “कमल” बनाएगी सरकार……….


वायरस ने स्वाह किए 6 लाख करोड़

मुंबई। बाजार में एक बार फिर कोरोना ने कोहराम मचा दिया है। कोरोना वायरस को महामारी घोषित करने के एक दिन बाद ही दुनियाभर के शेयर बाजारों में हाय-तौबा मच गई है। कमोडिटी बाजारों पर भी काफी प्रभाव देखने को मिल रहा है। वैश्विक बाजारों से खराब संकेत की वजह से गुरुवार के कारोबारी ‎दिन घरेलू शेयर बाजार बड़ी गिरावट के साथ खुले। सेंसेक्स 1200 अंकों से ज्यादा नीचे खुला और देखते ही देखते गिरावट 1800 अंकों तक पहुंच गई।
गिरावट इतनी तेज थी कि महज एक मिनट में निवेशकों के 6 लाख करोड़ रुपए स्वाहा हो गए। इंडेक्स ने शुरुआती कारोबार में ही 10 हजार का लेवल तोड़ दिया और 541.85 अंकों की गिरावट के साथ 9,916.55 पर देखा गया। बाजार में खौफ इतना हावी है कि कोई भी सेक्टोरल इंडेक्स हरे निशान पर नहीं दिखाई दिया। सबसे ज्यादा गिरावट टाटा स्टील, ओएनजीसी, टाइटन, एसबबीआई के शेयरों में दिखी. इन सभी में 7 पर्सेंट से ज्यादा की गिरावट थी। निफ्टी पर यस बैंक, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील और वेदांता शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट है।
कोरोना अब वैश्विक महामारी
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस को आधिकारिक तौर पर वैश्विक महामारी घोषित कर दिया है, देशों ने अपने इंटरनैशनल बॉर्डर बंद करने शुरू कर दिए हैं और अमेरिकी बाजार 6 फीसदी लुढ़क गया है। बुधवार को अमेरिकी शेयर बाजार में जबर्दस्त गिरावट दर्ज की गई है। बेंचमार्क डाउ जोन्स 1400 अंकों से ज्यादा फिसला, जिससे संकेत लेते हुए एशियाई बाजारों में भी गिरावट देखने को मिली। सिंगापुर एक्सचेंज पर निफ्टी फ्यूचर्स करीब 4 पर्सेट से ज्यादा की गिरावट के साथ कारोबार करते दिखाई दे रहे थे। इससे संकेत मिल रहे हैं कि दलाल स्ट्रीट के कारोबार की शुरुआत बड़ी गिरावट के साथ हो सकती है।
कच्चा तेल और गिरा, अन्य बाजारों का हाल
तोक्यो बेंचमार्क निक्केई 2 फीसदी से ज्यादा नीचे, साउथ कोरिया कका कॉस्पी करीब सवा फीसदी और ऑस्ट्रेलिया का एएसएक्स शुरुआती ट्रेड में 2.6 फीसदी नीचे देखे गए। वहीं अमेरिका के यूरोप यात्रा पर बैन के बाद कच्चे तेल के दाम में और गिरावट दर्ज की गई। ब्रेंट क्रूड 34.76 प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गया, हालांकि इसमें उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा था।


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...