बुधवार, 11 मार्च 2020

महाराष्ट्र सरकार में बढ़ता दिखा तनाव

नई दिल्ली। राजनीति में कुछ भी संभव है। फायदे के लिए बरसों का दोस्त विरोधी बन जाता है और बरसों की दुश्मनी दोस्ती में तब्दील हो जाती है। वैसे भी सत्ता के लिए बेमेल जोड़ी तो राजनीति में कभी नहीं टिकती। ये उदाहरण आपने जम्मू-कश्मीर में बीजेपी-पीडीपी की सरकार के वक्त भी देखा और अब यही आसार महाराष्ट्र में भी अघाड़ी सरकार में बढ़ते तनाव के बीच दिखने लगे हैं। सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद कयास इस बात के लगाये जाने लगे हैं कि महाराष्ट्र में भी यही तस्वीर कुछ दिन में दिखाई देगी। शिवसेना कांग्रेस-एनसीपी के साथ अघाड़ी गठबंधन तोड़कर वापस एनडीए का हिस्सा बन जाएगी।


क्या महाराष्ट्र में भी बड़ा उलटफेर होने वाला है? क्या शिवसेना के उद्धव देंगे कांग्रेस-एनसीपी को बड़ा झटका? या फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया महाराष्ट्र में भी कर देंगे कोई बड़ा खेल? एमपी के बाद महाराष्ट्र को लेकर भी कई बड़े सवाल उठ रहे हैं। जवाब में सिर्फ अभी सस्पेंस के बादल। 


राजनीतिक विश्लेषक समीर चोगांवकर ने कहा कि असल में महाराष्ट्र में हाल के दिनो में नागरिकता संशोधन कानून, एलगार परिषद की जांच, नए मुंबई पुलिस कमिश्नर की नियुक्ति और राज्य सभा की सीट जैसे कई बड़े मुद्दों पर एनसीपी और शिवसेना में टकराव की खबरें सामने आईं हैं। ऐसे में महाराष्ट्र में सरकार लद सकती है। उद्धव ठाकरे एनडीए में वापस आ सकते हैं।


उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार को शरद पवार रिमोट से चलाने की कोशिश कर रहे हैं। जिससे उद्धव ठाकरे अंदरखाने काफी नाराज हैं। हाल ही में उद्धव ठाकरे सरकार के सौ दिन पूरे होने के मौके पर जब अयोध्या पहुंचे, तब उन्होंने हिंदुत्व वाली लाइन फिर से बोलकर इस नाराजगी को जगजाहिर भी किया था।


हिंदुत्व की लाइन का मतलब क्या?
7 मार्च को अयोध्या पहुंचे महाराष्ट्र सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं रामलला का आशीर्वाद लेने के लिए यहां आया हूं। आज मेरे साथ मेरे ‘भगवा’ परिवार के कई सदस्य मौजूद हैं। मैं बीजेपी से अलग हूं, हिंदुत्व से नहीं. बीजेपी का मतलब हिंदुत्व नहीं है. हिंदुत्व अलग और बीजेपी अलग है।


ऐसे में जानकार मान रहे हैं कि सिंधिया ने एमपी में बड़ा खेल करके उद्धव के सामने भी नया रास्ता खोल दिया है। ऐसे में बहुत मुमकिन है कि उद्धव वापस एनडीए के साथ हो लें। हालांकि ये भी उतना ही सच है कि उद्धव की मुख्यमंत्री पद की चाहत इस फैसले में आड़े आ सकती है। शायद इसीलिए कांग्रेस पार्टी इस कयास को खारिज कर रही है। 


कांग्रेस ने अटकलों को किया खारिज
हालांकि कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। महाराष्ट्र की आघाड़ी सरकार में सब कुछ ठीक चल रहा है। ऐसे में फिर महाराष्ट्र के लिए बीजेपी का प्लान बी क्या हो सकता है। हमें सूत्रों से जो खबर मिली है उसके मुताबिक ज्योतिरादित्य सिंधिया के माध्यम से बीजेपी महाराष्ट्र में भी कांग्रेस के नाराज विधायकों को अपने पाले में कर सकती है, और महाराष्ट्र में बड़ा उलटफेर कर सकती है। अगर ऐसा हुआ, तो आप ये तय जानिए कि महाराष्ट्र में महागठबंधन सरकार के दिन लद जाएंगे और महाराष्ट्र की सत्ता में फिर से बीजेपी का झंडा लहराएगा।


कोई यूं ही बेवफा नहीं होताः भूपेश

शिवम मिश्रा


रायपुर। मध्यप्रदेश में मचे सियासी तूफान और ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने पर सीएम भूपेश बघेल ने सधी हुई प्रक्रिया दी है। बघेल ने कहा बिल्ली के भाग से छींका नहीं फूटता, कांग्रेस से लोग शोर करते हुए जाते हैं और दुम दबा कर वापस आते हैं। इसके साथ ही बघेल ने एक शेर भी कहा, ‘कुछ तो मजबूरी रही होगी वरना कोई यूं ही बेवफा नहीं होता।


कमलनाथ सरकार के जाने या बचने के सवाल पर भूपेश बघेल ने कहा कि ‘अभी कमलनाथ का पत्ता खुलना बाकी है। मध्यप्रदेश से कांग्रेस कि विधायकों को छत्तीसगढ़ लाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जैसा आलाकमान का निर्देश होगा उसका पालन किया जाएगा। सीएम भूपेश बघेल दिल्ली रवाना होने से पहले रायपुर एयरपोर्ट पर पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने बताया कि उनका दिल्ली दौरा राज्यसभा के प्रत्याशियों के चयन को लकर है।


सोनिया ने वरिष्ठ अधिकारियों से की बैठक

मंगलवार को सोनिया गांधी ने कांग्रेस पार्टी के महासचिव के सी वेणुगोपाल, हरीश रावत और कई सीनियर नेताओं के साथ मीटिंग की।
नई दिल्ली। कांग्रेस (Congress) के कद्दावर नेताओं में से एक ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) और उनके साथ मध्य प्रदेश कांग्रेस के 22 विधायकों के मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा देने के बाद से मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर संकट गहरा गया है। ऐसे में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के सीनियर नेताओं को सरकार बचाने के लिए कमान दे दी है।


सूत्रों के मुताबिक पूर्व केंद्रीय मंत्री मुकुल वासनिक, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, मध्य प्रदेश कांग्रेस यूनिट के इंचार्ज दीपक बाबरिया को पार्टी विधायकों से बात करने के लिए भोपाल भेजा गया है। इसके अलावा इन नेताओं पर जिम्मेदारी भी वो मध्यस्तता करके कमलनाथ सरकार को बचाएं।
बता दें कि मंगलवार को सोनिया गांधी ने कांग्रेस पार्टी के महासचिव के सी वेणुगोपाल, हरीश रावत और कई सीनियर नेताओं के साथ मीटिंग की। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के विधायक आज सुबह भोपाल से जयपुर रवाना होंगे।
इसके अलावा कांग्रेस ने सज्जन सिंह वर्मा और गोविंद सिंह को बेंगलुरु में रुके हुए इस्तीफा दे चुके विधायकों से बात करने के लिए भेजा है।
गौरतलब है कि कांग्रेस के बड़े नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बीजेपी पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाया है। दूसरी ओर, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को कहा कि चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। विधानसभा में हम बहुमत साबित करेंगे।


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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


मार्च 12, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-213 (साल-01)
2. बृहस्पतिवार, मार्च 12, 2020
3. शक-1942,चैैत्र - कृष्ण पक्ष, तिथि- तीज, संवत 2077


4. सूर्योदय प्रातः 06:35,सूर्यास्त 06:42
5. न्‍यूनतम तापमान 13+ डी.सै.,अधिकतम-26+ डी.सै., बारिश की संभावना रहेगी।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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सोमवार, 9 मार्च 2020

होली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।

भौर हुई 'सूरज' उग आया, 
लालू ने खूब रंग जमाया।
'हरे-पीले' रंगों में नहाया,
'गली-कूचो' में मच गया शोर....
उसने उसकी चुटिया खींची,
चटनी के रंगों ने रेखा खिचीं।
पानी के गुब्बारे ले आया 'लडडू',
इन्हीं संस्कारों से रचा 'जग-संसार'।


आपको, आपके परिवार को 'यूनिवर्सल एक्सप्रेस' के परिवार की तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं।


शिवांशु 'निर्भयपुत्र'


वाराणसी में निर्भया के दोषियों को फांसी

वाराणसी। कार्यक्रम में कलाकारों ने निर्भया केस में हो रही देरी के कारण पीड़िता की माँ के दर्द को बयान किया और लोगों के सामने नाट्य के जरिए निर्भया के चारों गुनहगारों को फांसी की सजा सुनाई। इसके साथ ही महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार और दुर्व्यहवहार का कड़ा विरोध किया। यह रंगमंच अष्टभुजा मिश्रा द्वारा रची गई थी।
यही नहीं इस नाट्य में बूंदीपरकोटा घाट पर निर्भया के गुनहगारों को फांसी की सजा सुनाई और हैंग टिल डेथ के आदेश पर निर्भया कि माँ द्वारा सभी गुनहगारों को फांसी दिलाई। साथ ही लोगों ने कहा कि हर किसी को मां, बेटियों और देश की हर नारी का सम्मान करना चाहिए क्योंकि उन सब के आशीर्वाद से ही हम है।


'समाधान दिवस' में फरियादियों की समस्याएं सुनीं

'समाधान दिवस' में फरियादियों की समस्याएं सुनीं  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश पर थाना खालापार पर आय...