रोम। चीन के बाद इटली में कोरोना वायरस का कहर मौत के भयानक मंजर दिखा रहा है। कोरोना का कहर इतना जबरदस्त है कि पूरे इटली में तालाबंदी जैसे हालात हो गये है। सोमवार तक इटली में कुल 9172 मामले सामने आ चुके है और अभी तक कुल 463 मौते हो चुकी है। इटली के लोम्बार्डी क्षेत्र में 16 मिलियन लोगों को तालाबंदी के तहत रखा गया है। उसी लॉकडाउन का विस्तार 14 और इतालवी प्रांतों में किया गया है। इटली की चिकित्सा प्रणाली को यूरोप का सबसे बेहतर माना जाता है लेकिन कोरोना ने इस चिकित्सा प्रणाली की कमर तोड़ कर रख दी है। एक अनुमान के मुताबिक आने वाले कुछ दिनों में इटली में कुल मरीजों की संख्या 18000 के पार हो सकती है। इटली सरकार ने पूरे देश में द्वतीय विश्व युद्ध के बाद से अब पहली बार इतने कड़े प्रतिबंध लगाए है। हालांकि अभी तक सरकार ने सार्वजनिक परिवहन पर प्रतिबंध नहीं लगाये है। लेकिन सरकारी आदेश दिया गया है कि अतिआवयश्क होने पर ही लोग घर से बाहर निकलें। वेनिस में कू्रज से आने वाले सभी यात्रियों को जाँच के बाद शहर में इंट्री दी जा रही है।
बुधवार, 11 मार्च 2020
वायरसः 43 में से 40 सक्रिय संक्रमित
नई दिल्ली।अब तक देश में कोरोना वायरस से संक्रमण के कुल 43 पुष्ट मामलों की जानकारी मिली है। (केरल में संक्रमित तीन लोगों को उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है) बाकी 40 मामले सक्रिय संक्रमण के हैं। कल से अब तक जिन चार नए मामलों की जानकारी मिली है उनमें से एक केरल के एर्नाकुलम से, एक दिल्ली से, एक उत्तर प्रदेश से और एक जम्मू से है।
केरल में कल जिन पांच नए मामलों का पता चला था उनमें से तीन लोग ऐसे हैं जिन्होंने हाल ही में इटली की यात्रा की थी और दो अन्य उनके परिजन हैं जो उनके संपर्क में आए थे। इन लोगों ने हाल ही में कुछ पारिवारिक समारोह में हिस्सा लिया था और अपने कुछ रिश्तेदारों से मिलने गए थे। उनके संपर्क में आए व्यक्तियों का पता लगाया जा रहा है।कोविड के 3003 नमूनों की जांच में से 43 के कोरोना से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है जबकि 2694 नमूने नेगटिव पाए गए हैं।
अबतक विदेशों से आने वाली 8255 उड़ानों के कुल 874708 यात्रियों की हवाई अड्डों पर स्क्रीनिंग की जा चुकी है जिसमें से 1921 के कोरोना से संक्रमित होने का संदेह है। इनमें से 177 को अस्पताल में भर्ती किया गया है। कुल 33,599 यात्रियों को निगरानी में रखा गया है और 21,867 यात्रियों की निगरानी की अवधि पूरी हो चुकी है। आने वाले यात्रियों से अपील की गई है कि वे हवाई अड्डों पर स्वघोषित प्रपत्र भरते समय अपनी यात्रा की पूरी जानकारी स्पष्ट रूप से दें और यह बताएं कि वह किन-किन स्थानों की यात्रा कर चुके हैं।
विद्या ने 'शेरनी' की शूटिंग शुरू की
मुंबई। बॉलीवुड अभिनेत्री विद्या बालन ने अपनी आने वाली फिल्म शेरनी की शूटिंग शुरू कर दी है। विद्या ने अपने अगले प्रोजेक्ट शेरनी की घोषणा सोशल मीडिया पर कर दी है। उन्होंने शेरनी के लिए शूट भी शुरू कर दिया है। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर कर विद्या बालन ने फैन्स के साथ ये जानकारी शेयर की है।
विद्या ने फैन्स को बताया कि उन्होंने अपनी फिल्म की शूटिंग वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ डे पर शुरू की है। उन्होंने मुहूर्त की तस्वीरें भी शेयर की हैं। तस्वीर में शेरनी का क्लैपबोर्ड और पूजा सामग्री नजर आ रही है। विद्या ने तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा, सभी का आशीर्वाद मिला। वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ डे पर शेरनी का शूट शुरू किया। जंगल के बीच में एक प्राचीन मंदिर में मूहुर्त पूजा की गई।
बताया जा रहा है कि विद्या बालन की यह फिल्म इंसान और वाइल्ड लाइफ के बीच होने वाले टकराव पर बनेगी।
कहा जा रहा है कि यह कहानी अवनी नाम की शेरनी की विवादास्पद हत्या के इर्द-गिर्द घूमती है। नवंबर 2018 को शूटर ने फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के अधिकारियों के निर्देश पर अवनी को मार डाला था। उनका कहना था कि अवनी ने महाराष्ट्र में 13 लोगों को मार दिया था इसलिए अधिकारियों ने इस खूंखार शेरनी को मारने का फैसला किया था।
बच्चों के लिए 'लोरी' होती है फायदेमंद
चंदा है तू मेरा सूरज है तू, चंदा मामा दूर के, लल्ला लल्ला लोरी दूध की कटोरी, निंदिया आ जा री, गुडिय़ा रानी बिटिया रानी… इस तरह की कितनी ही अनगिनत लोरियां हैं जो आपने भी अपने बचपन में अपनी मां, दादी या नानी से जरूर सुनी होगी। यही लोरियां जब बेटी, मां बनती है तो अपने बच्चे को सुनाती है। जब बच्चा छोटा होता है तो उसे प्यार भरी नींद देने के लिए मांएं सदियों से उसे बड़े प्यार से लोरी सुनाती आ रही हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कोई भी मां बच्चे को यूं ही लोरियां नहीं सुनाती बल्कि इसके पीछे कुछ कारण भी हैं और मां की यह लोरी बच्चे के फायदेमंद भी है। यहां जानें, बच्चे को लोरी सुनाने के ढेरों फायदों के बारे में….
मां और बच्चे के बीच कनेक्शन होता है मजबूर
मां की लोरी की आवाज कानों में पड़ते ही बच्चा कब नींद की आगोश में चला जाता है पता ही नहीं चलता। मां की लोरी सुनते हुए सपनों के संसार में खो जाने का सुखद अहसास बड़े होने के बाद भी आपकी यादों में बसा रहता है। लोरी, मां और बच्चे के लिए बीच एक कनेक्शन की तरह काम करती है और दोनों को करीब लाती है। मां की लोरी की आवाज में एक तरह की कशिश होती है जो बच्चे पर जादू की तरह काम करती है। एक्सपर्ट्स भी यही कहते हैं कि लोरी के रूप में जो आवाज बच्चा लगातार सुनता है, धीरे-धीरे वह उससे खुद को जुड़ा हुआ महसूस करने लगता है।
बच्चे के दिमागी विकास के लिए जरूरी है लोरी
मां की लोरी बच्चे को एक सुखद अहसास कराती है और लोरी सुनने से बच्चे के मस्तिष्क का भी विकास होता है। दरअसल, मां की लोरी बच्चे के ब्रेन के कई हिस्सों को एक साथ उत्तेजित करती है जिससे बच्चे का दिमागी विकास होता है। इसे मेडिकल की भाषा में म्यूजिकल लर्निंग भी कहते हैं। लोरी सुनकर बच्चा अलग-अलग आवाजों के बीच फर्क करना भी सीख जाता है।
लोरी सुनकर खत्म हो जाता है बच्चे का डर
एक्सपर्ट्स की मानें तो मां से लोरी सुनकर बच्चे के अंदर डर और किसी भी तरह के खतरे के प्रति डिफेंस और रेजिस्टेंस यानी प्रतिरोध की भावना विकसित होती है। इससे बच्चे का बौद्धिक और भावनात्मक विकास भी होता है। लोरी सुनने पर बच्चे को मां के साथ होने का एहसास होता है और यही एहसास उसे निडर बनाता है और वह धीरे-धीरे खतरों का सामना करना सीखने लगता है। इस तरह लोरी बच्चे को खुद पर भरोसा करना भी सिखाती है।
लोरी से बच्चे को अच्छी नींद आती है
मांएं लोरी गाती है इसलिए हैं ताकि बच्चे को अच्छी और गहरी नींद आ सके। अगर बच्चा ठीक से सो नहीं पाएगा तो उसे चिड़चिड़ापन और थकान महसूस होने लगेगी। ऐसे में लोरी बच्चों के ऊपर किसी जादू की तरह असर करती है और उन्हें गहरी नींद के आगोश में भेज देती है।
बच्चे की भाषा को मजबूत बनाती है लोरी
लोरी सुनने से बच्चे की भाषा सीखने की क्षमता बढ़ जाती है। दरअसल, जब मां हर दिन एक ही लोरी बच्चे को सोते वक्त सुनाती है तो लोरी में इस्तेमाल किए गए शब्द बच्चे को धीरे-धीरे याद होने लगते हैं और वो बाद में उन शब्दों का सही इस्तेमाल भी करना सीख जाता है। दरअसल, लोरी किसी छोटी कविता जैसी ही होती है, जिसके इस्तेमाल से बच्चे को भाषा सीखने में मदद मिलती है।
मां के लिए भी फायदेमंद है लोरी
अमेरिका स्थित मियामी के फ्रॉस्ट स्कूल ऑफ म्यूजिक के अनुसंधानकर्ताओं की ओर से की गई एक स्टडी की मानें तो बच्चों को लोरी सुनाने से सिर्फ उनकी सेहत ही नहीं बल्कि मां की सेहत भी अच्छी रहती है। डिलिवरी के बाद न्यू मॉम्स जिस तरह के तनाव, पोस्टपार्टम डिप्रेशन और नेगेटिव बातों से जूझ रही होती हैं, लोरी की मदद से इन चीजों से ध्यान हटाने में मदद मिलती है। मां की लोरी सुनकर जब बच्चे मुस्कुराते हैं जो मां के अंदर पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता है।
बच्चे ही नहीं बुजुर्गों के लिए लोरी है फायदेमंद
म्यूजिक या लोरी किस तरह से छोटे बच्चों के लिए फायदेमंद है इस बारे में तो काफी रिसर्च हुई है। लेकिन अब वैज्ञानिक इस बात पर फोकस कर रहे हैं कि किस तरह लोरी और म्यूजिक बुजुर्गों के लिए फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, बड़ी संख्या में बुजुर्ग नींद की कमी की समस्या से परेशान रहते हैं। ऐसे में चेन्नई में हुई एक स्टडी में यह बात सामने आयी है कि लोरी या फिर इसी तरह का कोई रिलैक्सिंग म्यूजिक सुनने से स्ट्रेस हॉर्मोन्स कम होते हैं जिससे नींद अच्छी आती है।
समय के साथ बदले कुछ चीजें
क्या आप अपने टूथब्रश को बदलने से पहले उसके ब्रिसल्स के खराब होने का इंतजार करते हैं? क्या आपने भी अपनी कंघी सालों से नहीं बदली? अपने किचन के बर्तन साफ करने के लिए यूज होने वाले स्पंज को आपने आखिरी बार कितने दिन पहले बदला था? क्या आप सालों से एक ही तकिया इस्तेमाल करते आ रहे हैं? ये सारे सवाल हम आपसे इसलिए पूछ रहे हैं क्योंकि डेली यूज होने वाली इन चीजों को अगर आप नियमित रूप से चेंज नहीं करते हैं तो इससे इंफेक्शन फैलने और आपसे बीमार होने का खतरा हो सकता है।
आपकी बीमार न कर दें डेली यूज की ये चीजें
दरअसल, खाने-पीने की चीजों के साथ-साथ डेली यूज में आने वाली इन चीजों का भी हमारी सेहत पर सीधा असर पड़ता है। आपको शायद यकीन ना हो लेकिन आपके घर में मौजूद ऐसी कई चीजें हैं जिनका आप जाने-अनजाने सालों तक इस्तेमाल करते रहते हैं ये सोचकर कि वो तो अभी ठीक है और यूजेबल है लेकिन यही चीजें आपको बीमार करती हैं। लिहाजा हम आपको बता रहे हैं उन 7 डेली यूज होने वाले आइटम्स के बारे में जिनके खराब होने का इंतजार करने की बजाए आपको उन्हें रेग्युलर बेसिस पर बदलते रहना चाहिए।
हर 3-4 महीने पर बदल दें अपना टूथब्रश
क्या आप जानते हैं आपके टूथब्रश पर 1 करोड़ से भी ज्यादा बैक्टीरिया होता है। लिहाजा आपके ब्रश का साफ रहना बेहद जरूरी है। क्या आप भी उन लोगों में से हैं जो नया टूथब्रश खरीदने से पहले पुराने ब्रश के ब्रिसल्स खराब होने का इंतजार करते हैं? अगर हां तो अपनी ये आदत आज ही बदल दें। टूथब्रश हमारी डेली की जरूरत का सबसे अहम सामान है। लिहाजा अमेरिकन डेंटल असोसिएशन की मानें तो हमें हर 3 से 4 महीने में अपना टूथब्रश बदल देना चाहिए। साथ ही हर दिन ब्रश करने के बाद टूथब्रश को अच्छी तरह से साफ भी करना चाहिए।
हर 6 महीने पर बदल दें अपना हेयर ब्रश या कंघी
टूथब्रश को तो फिर भी बहुत से लोग रेग्युलरली बदल देते हैं लेकिन हेयर ब्रश शायद सालों तक नहीं। हर किसी की अपनी एक फेवरिट कंघी होती है और हम उसी का लंबे समय तक इस्तेमाल करते रहते हैं। अगर आप भी नियमित रूप से हेयर ब्रश का इस्तेमाल करती हैं तो आपने देखा होगा कि किस तरह से ब्रश के बेस में बालों का गुच्छा जमा हो जाता है। लेकिन इसे सिर्फ साफ कर देना काफी नहीं है। एक्सपर्ट्स की मानें तो हेयर ब्रश और कंघी को रेग्युलरी साफ करते रहने के साथ-साथ इसे हर 6 महीने में बदलना भी जरूरी है। ऐसा करने से आप अपने बालों को टूटने और गिरने से बचा सकती हैं।
बर्तन धोने वाले स्पंज को 2 से 4 हफ्ते में बदल दें
इसमें कोई शक नहीं कि घर की हर चीज को सिर्फ बदल देने के नाम पर हमेशा बदलते रहना, पैसों की बर्बादी हो सकती है। लेकिन कुछ चीजें ऐसी भी हैं जिनके साथ आपको बिलकुल रिस्क नहीं लेना चाहिए और ऐसी ही एक चीज है डिश स्पंज या बर्तन साफ करने वाला किचन स्पंज। जिस तरह टूथब्रश को बदलने के लिए उसके ब्रिसल्स के खराब होने का इंतजार नहीं करना चाहिए, ठीक उसी तरह किचन स्पंज को बदलने के लिए उसके खराब होने का इंतजार न करें बल्कि हर 2 से 4 हफ्ते के बीच स्पंज को नियमित रूप से चेंज करें। ऐसा इसलिए क्योंकि कई बार बचा हुआ खाना जो स्पंज में लगा रह जाता है उससे जुड़ा बैक्टीरिया बर्तन को साफ करने के दौरान फिर से साफ बर्तन में चिपक सकता है।
किचन के चॉपिंग बोर्ड को हर 3 महीने में चेंज करें
किचन स्पंज के बाद एक और चीज जो नियमित रूप से किचन में यूज होती है और जिसे आपको रेग्युलरी कुछ महीनों में निश्चित रूप से बदल देना चाहिए वह है चॉपिंग बोर्ड। चॉपिंग बोर्ड को यूज करने के बाद भले ही आप अच्छी तरह से साफ कर दें लेकिन फिर भी उनमें बैक्टीरिया और बीमारी फैलाने वाले कीटाणुओं के पनपने का खतरा रहता है। लिहाजा बेहद जरूरी है कि आप अपने किचन चॉपिंग बोर्ड को हर 3 महीने में बदल दें। साथ ही साथ लकड़ी वाले चॉपिंग बोर्ड की जगह किसी और मटीरियल के बोर्ड का इस्तेमाल करना ज्यादा बेहतर होगा।
1 से 2 साल में बदल दें अपना तकिया
अपना बिस्तर और अपना तकिया हर किसी को प्यारा होता है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप अपने फेवरिट पिलो के साथ सदियों तक न छोड़े। तकिया यानी पिलो की भी एक निश्चित शेल्फ लाइफ होती है। हर रात जब आप सोते हैं तो आपके शरीर से बाल, बॉडी ऑइल आदि चीजें निकलती हैं जो तकिए पर गिरती हैं। हो सकता है कि आप पिलो कवर यूज करती हों और उसे नियमित रूप से धो देती हूं जिससे आपको लगे कि तकिया तो अभी पूरी तरह से ठीक है। लेकिन थम्ब रूल यही है कि आपको हर 1 से 2 साल के अंदर अपना तकिया बदल देना चाहिए।
3 महीने में बदल दें मेकअप ब्रश और ब्यूटी ब्लेंडर
ज्यादातर लड़कियों को मुंहासे और पिंपल्स होने की सबसे बड़ी वजह होती है उनका मेकअप प्रॉडक्ट और मेकअप से जुड़े टूल्स। अगर आपका मेकअप ब्रश या ब्यूटी ब्लेंडर गंदा है जिसे आपने हफ्तों से साफ नहीं किया है तो उनमें बैक्टीरिया आ जाता है जिस वजह से आपकी स्किन में खुजली और जलन हो सकती है। लिहाजा बेहद जरूरी है कि आप अपने मेकअप ब्रश और ब्यूटी ब्लेंडर को नियमित रूप से साफ करती रहें। साथ ही हर 3 महीने में इन्हें बदलकर नया ब्रश खरीदना ही सही रहेगा।
हर 2 साल में बदल दें अपनी ब्रा
हो सकता है कि आपका ब्रेस्ट साइज काफी सालों तक एक ही रहे और अच्छे से ध्यान रखने की वजह से आपकी ब्रा भी खराब न हुई हो लेकिन यह बेहद जरूरी है कि आप एक निश्चित समय के बाद अपनी ब्रा को बदल दें। हर दिन यूज होने और धुलने की वजह से ब्रा की इलैस्टिसिटी खत्म होने लगती है, ब्रा स्ट्रेच होने लगती है और उनका कप का शेप भी खराब हो जाता है। इस वजह से वे आपके ब्रेस्ट को सही तरीके से सपॉर्ट नहीं दे पातीं। लिहाजा अच्छी केयर करने के बावजूद आपको हर 2 साल में अपनी ब्रा बदल देनी चाहिए।
बच्चा पैदा करने के लिए शादी जरूरी नहीं
मनोज सिंह ठाकुर
मुंबई। गैब्रिएला डेमेट्रिएड्स साउथ अफ्रीका से मुंबई आई थीं फैशन की दुनिया में अपने सपनों को पूरा करने के लिए। उन्हें पता नहीं होगा कि यह शहर उनका घर बन जाएगा और वह अपने पार्टनर और बच्चे के साथ यहीं की होकर रह जाएंगी। मॉडलिंग करते-करते उन्होंने फिल्मों में छोटे रोल भी किए इसी बीच उनकी मुलाकात अर्जुन रामपाल से हो गई। समय के साथ उनका रिश्ता गहरा हुआ। अब दोनों एक बच्चे के पैरंट्स हैं। उन्होंने बताया कैसे अर्जुन से मुलाकात हुई और मुंबई उनका घर बन गया। गैब्रिएला बताती हैं, मैं हमेशा अपनी मां की तरह सफल फैशन डिजाइनर बनना चाहती थी।
मैंने साउथ अफ्रीका में असिस्टेंट स्टाइलिस्ट के तौर पर शुरुआत की। बाद में एक फटॉग्रफर ने मुझसे कहा कि मुझे मॉडलिंग करनी चाहिए। मैंने अपने बिजनस को फंड करने के लिए इसे सही मौका समझा। मैं इंडियन मॉडलिंग एजेंसी से मिली। उसने मुझे भारत आने के लिए सजेस्ट किया क्योंकि यहां अच्छे मौके थे। हमारे म्यूचुअल फ्रेंड्स भी हैं, इसलिए मैं उनसे सोशल गेदरिंग में मिलती रहती थी। पहली बार मैं उनसे 2018 में मिली थी। वहीं से हमारे बीच कनेक्शन बना। समय के साथ रिश्ता मजबूत होता गया। अर्जुन जेंटलमैन हैं। काम के लिए हमारा प्यार क्रिएटिविटी, ऐम्बिशन और फिटनेस ये सब कॉमन हैं। हम दोनों ही फैमिली ओरिएंटेड हैं। अर्जुन ने मुझे बताया कि मैं अच्छी ऐक्टर नहीं हूं।
मुझे नहीं लगता कि उन्होंने मेरी कोई फिल्म देखी है। वैसे मेरे फैशन करियर के लिए वह काफी सपॉर्टिव हैं। वह खुद भी सुपरमॉडल रहे हैं। क्योंकि मैं दूसरे देश से हूं, फेस्टवल सीजन में मैं अलग-थलग महसूस करती हूं। क्योंकि मुझे समझ नहीं आता कि हो क्या रहा है। अर्जुन को भारतीय होने पर गर्व है और वह सारे त्योहार मनाते हैं। उनके साथ वक्त गुजारने के बाद ही मैं होली, दिवाली और दूसरे त्योहार मनाने लगी। हम ये सब प्राइवेट रखना चाहते थे। और इस चीज को लेकर मैं काफी अलग हूं। मुझे नहीं लगता कि आपको बिना मतलब में शादी करने की जरूरत है। मुझे लगता है कि किसी भी चीज को करने का हमेशा एक ही रास्ता नहीं होता। हां सोशल प्रेशर था, लेकिन पर्सनल चॉइस इम्पॉर्टेंट है।
जब आप यह चुनते हैं कि आप किससे डेट या शादी करना चाहते हैं तो यह फैसला आप तक ही रहना चाहिए। दूसरे देशों की तरह यहां के लोग भी दूसरों की चॉइस को एक्सेप्ट करने लगे हैं। मैंने हमेशा दूसरों की मर्जी को स्वीकार किया है। उम्मीद करती हूं कि दुनिया भी मेरी चॉइस एक्सेप्ट करेगी। इस बारे में कोई स्ट्रॉन्ग ओपेनियन नहीं। यह बस मेरी चॉइस है। मुझे नहीं लगता है कि हर चीज के लिए हमें इतना सीरियस होना चाहिए। मुझे नहीं लगता है कि प्यार को किसी रूलबुक से डिफाइन करना चाहिए। वक्त बदल रहा है। अर्जुन और मेरे बीच शादी का टॉपिक कभी नहीं आता। अरिक हिंदू नाम है, जिसका संस्कृत में मतलब होता है शासकों पर शासन करने वाला। हम ऐसा नाम ढूंढ़ रहे थे जिसका प्रननसिएशन आसान हो।
राज्यसभा चुनाव को लेकर जेडीयू की बैठक
पटना। राज्यसभा चुनाव को लेकर जेडीयू की अहम बैठक शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री आवास पर जेडीयू के बड़े नेताओं की बैठक हो रही है। इस बैठक में राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा की जा रही है। जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह बैठक में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री आवास पहुंचे हैं।
आपको बता दें कि राज्यसभा चुनाव के लिए जेडीयू में अब तक अपने उम्मीदवारों का ऐलान नहीं किया है। जेडीयू के तीन राज्यसभा सांसद हरिवंश, रामनाथ ठाकुर और कहकशां परवीन का कार्यकाल खत्म हो रहा है। नामांकन की तारीख 13 मार्च है और उसके पहले जेडीयू को एक उम्मीदवार का चयन करना है। बिहार विधानसभा में संख्या बल के हिसाब से जेडीयू को राज्यसभा में नुकसान उठाना पड़ा है। जेडीयू के तीन सांसदों की जगह अब एक सांसद को ही राज्यसभा में जगह मिलेगी। बताया जा रहा है कि हरिवंश को जेडीयू एक बार फिर से राज्यसभा भेज सकती है। हरिवंश राज्यसभा के उपसभापति हैं और ऐसे में अगर वह दोबारा चुनकर राज्यसभा नहीं गए तो जेडीयू को उप सभापति की कुर्सी से भी हाथ धोना पड़ेगा। संभव है कि नीतीश कुमार इसे देखते हुए हरिवंश को एक बार फिर राज्यसभा भेज दें। पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ नीतीश कुमार आज अहम बैठक कर रहे हैं। इसके बाद खुद नीतीश ही राज्यसभा में उम्मीदवारी को लेकर अंतिम फैसला लेंगे।
मनीष कुमार
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