बुधवार, 4 मार्च 2020

भाजपा के सीएए विरोधी दो नेता निलंबित

महाराष्ट्र : भाजपा ने सीएए का विरोध करने वाले दो नेता निलंबित किए।



मुंबई। महाराष्ट्र भाजपा ने नए नागरिकता कानून (सीएए) का विरोध करने वाले अपने दो नेताओं को निलंबित कर दिया है। पार्टी प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने बुधवार को अपने एक ट्वीट के जरिये यह जानकारी दी। उन्होंने इन नेताओं के निलंबन पत्र भी साझा किए हैं। इनके मुताबिक परभनी जिले में स्थित सेलू नगर परिषद के चेयरपर्सन विनोद बरोड़े और पालम नगर परिषद के उपप्रमुख बालासाहेब रोकड़े को भाजपा से निलंबित कर दिया गया है।
निलंबन के इन पत्रों पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के दस्तखत हैं. इसमें कहा गया है कि दोनों पार्टी नेताओं ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ मतदान करके अनुशासनहीनता का परिचय दिया है। हालांकि वे कितने समय तक निलंबित रहेंगे, इसका कोई जिक्र नहीं है।


सीएए का देशव्यापी विरोध हो रहा है। इस कानून के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले गैरमुस्लिमों को आसानी से भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। विपक्ष का कहना है कि यह संविधान की आत्मा पर हमला है। बीते दिसंबर में इस मुद्दे को लेकर असम और उत्तर प्रदेश में व्यापक हिंसा हुई जिसमें 20 से ज्यादा लोग मारे गए. बीते हफ्ते ही इसे लेकर दिल्ली में भी दंगे भड़क उठे जिनमें 45 लोगों की मौत हो गई। उधर, सरकार ने साफ कर दिया है कि वह इस कानून से कदम पीछे नहीं खींचेगी।


रिपोर्ट त्रिलोकी नाथ


यूपी पुलिस का सराहनीय काम

प्रदीप कुमार तिवारी


उन्नाव। पुलिस की अक्सर अमानवीय व्यवहार तथा अन्य तमाम प्रकार के आरोप लगाया जाता है लेकिन पुलिस ने अपनी जान की न परवाह करते हुए एक बडा़ ही सराहनीय कार्य किया। अजगैन थाना क्षेत्र ग्राम मैता अजगैन थाने मे तैनात निरीक्षक अभिमन्यु मल आरक्षी दिनेश कटियार आरक्षी प्रदीप वर्मा व आरक्षी देवेंद्र कुमार मौजूद थे। एक सूचना मीली कि एक कुएं में 6 वर्षीय बच्चा अंश पुत्र हरिश्चंद्र गिर गया है एवं डूब रहा है। पुलिस बल द्वारा तुरंत गाड़ी से रस्सा निकालकर कुए में रस्सी के सहारे एक व्यक्ति को उतारा गया एवं बच्चे को सकुशल जीवित दशा में बाहर निकालकर अस्पताल भेजा गया । जहां से उपचार के बाद स्वस्थ होने के उपरांत बच्चा अपने परिजनों के साथ घर भेज दिया गया ।मौके पर मौजूद ग्रामवासियों एवं क्षेत्रीय जनता द्वारा पुलिस के इस कार्य तथा बडी सूझबूझ भरे एवं सफल बचाव कार्य की भूरि भूरि प्रशंसा की गई।


दिल्ली हिंसा में बच्चे और पत्नी लापता

दिल्ली हिंसा:लापता बच्चे और पत्नी की तलाश, सीवर के पास जिंदगी गुजारने को मजबूर मोइनुद्दीन…


रवि चौहान


नई दिल्ली। दिल्ली में भड़की हिंसा के बाद कई लोग बेघर हो गए। कईयों की दुकानों, गाड़ियों, घरों में आग लगा दी गई। कई लोगों बेघर हो गए। कई के परिवार उन से अलग हो गए। इस हिंसा ने लोगों से उनके अपने छीन लिए। ऐसा ही कुछ न्यू मुस्तफाबाद इलाके के रिक्शा चालक मोइनुद्दीन के साथ भी हुआ। अपनी पत्नी और चार बच्चों की तलाश में मोइनुद्दीन सड़क किनारे बैठ हर आने-जाने वाले से उनके बारे में पूछता है। इलाके में भड़की हिंसा में दंगाइयों ने उसके घर और रिक्शा को आग लगा दी।


इस हिंसा में उनकी पत्नी और चार बच्चे लापता हो गए। घर को आग के हवाले कर दिया गया। जिस रिक्शे की मदद से वो अपना पेट पालता था उसे भी दंगाईयों ने आग में झोंक दिया।


डबडबाई आंखों से रास्ते से गुजरने वाले लोगों की ओर निहारता मोइनुद्दीन इस आस से गली की ओर देखता है कि शायद उसका परिवार लौट आए। मोइनुद्दीन ने कहा कि वो वो अपनी कहानी पुलिस को भी बता चुका है, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। हर कोई बस कहता है कि स्थिति सामान्य होने के बाद वो देखेंगे कि क्या किया जा सकता है। उसने कहा कि जिस दिन इलाके में हिंसा भड़की थी उसी दिन में घर में 2,000 रुपए का राशन लाया था, अब सब कुछ खत्म हो गया। आज खाने तक के लिए मोहताज है। घर से बेघर सड़क किनारे रात गुजारने को मजबूर मोइनुद्दीन कहता है कि उसे उम्मीद है कि उसे उसका परिवार मिल जाएगा। वहीं उसकी मदद के लिए आगे आए एक दुकानदार ने कहा कि वो 2013 से उसे जानते हैं और उसकी मदद करेंगे। वो उसकी दुकान के बाहर सोता है। हम उसकी देखभाल करेंगे। आपको बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हिंसा में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की है।वहीं जिनके घर और दुकाने जाल दी गई उसे 5 लाख रुपए देने का वादा किया है।


दो डीएम पर सीएम योगी हुए नाराज

दो घण्टे चली सीएम योगी की वीडियो कांफ्रेंसिंग


कानपुर और बिजनौर के जिलाधिकारी पर हुए नाराज 


लखनऊ। कोरोना के लेकर यूपी के डीएम और स्वास्थ विभाग के अधिकारियों को सतर्कता बरतने व अलर्ट रहने का दिया आदेश। 2 घंटे की वीसी में मेरठ में स्वाइन फ्लू की सीएमओ की रिपोर्ट पर सख्त हुए सीएम सभी जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षकों को जिलों में कानून व्यवस्था को ठीक करने का दिया निर्देश। होली में कोई बवाल हुआ तो जिले के एसपी-डीएम होंगे जिम्मेदार, प्रधानी के चुनाव से पहले होली में विशेष सतर्कता बरतने के दिये निर्देश। सभी एडीजी जोन-आईजी रेंज को जिलों में कैम्प करके स्थानीय विवाद में लिखित में बवाल न करने के लिए किया जाए पांबन्द। प्रधान के चुनाव से पहले दुश्मनी को लेकर अक्सर होती हैं घटनाएं इसलिए प्रधान के कैंडिडेट पर रखा जाए नज़र..।


बाल विकास घोटाले की कार्रवाई अधूरी

लखनऊ। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में जितने घोटाले हुए। उतनी जांच समितियों का हुआ गठन पर  एक भी जांच न तो पूरी हुई और न ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई। मसलन बाबुओं के प्रमोशन, पदोन्नति में अनियमितता, फर्जी लेटर पैड पर कर्मचारियों के तबादले और गुणवत्ता की जांच के बिना ही पोषाहार आपूर्ति जैसे  घोटाले और नियमो की हुई अनदेखी। सभी मामलों में जांच समिति तो गठित हुई, पर एक भी मामले की जांच पूरी नहीं हो पाई है। कई मामले शासन स्तर पर तो कई मामले निदेशालय स्तर पर दबे पड़े हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देश पर  जांच कमेटी हुई थी गठित ।


वायरसः सामूहिक कार्यक्रमों से बचें

नई दिल्ली। दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस की दहशत के बाद धीरे-धीरे अब यह भारत में भी पैर पसारता जा रहा है। कोरोना की दहशत के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसको लेकर संदेश जारी किया। उन्होंने कहा कि वो इस साल किसी भी होली मिलन समारोह में शामिल नहीं होंगे।


प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को कहा कि दुनिया भर में विशेषज्ञों की सलाह है कि नोवेल कोरोना वायरस कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए सामूहिक कार्यक्रमों को कम करना चाहिए। इसलिए इस वर्ष मैंने किसी होली मिलन कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेने का निर्णय किया है। मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड-19 नोवेल कोरोनावायरस से निपटने की तैयारी का जायजा लिया था। प्रधानमंत्री ने कहा था कि कोविड-19 नोवेल कोरोनावायरस के मद्देनजर तैयारी की गहन समीक्षा की। भारत आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग से लेकर तुरंत चिकित्सा प्रदान करने तक की समस्त गतिविधियों के लिए विभिन्न मंत्रालय मिलकर काम कर रहे हैं और घबराने की कोई जरूरत नहीं है।


दोषियों की याचिका पर सुनवाई से इनकार

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले में चारों दोषियों की मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य जांच कराने के लिए एनएचआरसी को निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी. हरि शंकर की पीठ ने कहा कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है।


क्योंकि इसे सबसे पहले राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के समक्ष पेश किया जाना चाहिए। दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को एक दोषी की दया याचिका का निस्तारण लंबित होने की वजह से दोषियों की फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी। मामले में सभी दोषियों को एक साथ मंगलवार को फांसी दी जानी थी। इससे पहले सोमवार को चारों दोषियों की फांसी पर पटियाला हाउस कोर्ट ने अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी थी। पुराने डेथ वारंट के अनुसार सभी दोषियों को तीन मार्च।


नशे को नियंत्रित करने हेतु रणनीति तैयार की जाएं

नशे को नियंत्रित करने हेतु रणनीति तैयार की जाएं  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिला अधिकारी उमेश मिश्रा एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक ...