शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2020

एशियाई बाजारों के साथ सेंसेक्स-निफ्टी गिरा

कोरोना ने मचाया कोहराम, एशियाई बाजारों के साथ सेंसेक्स और निफ्टी भी गिरा

मुम्बई। कोरोना का कहर दुनिया भर के शेयर बाजारों पर भारी पड़ रहा है। हफ्ते के अंतिम दिन बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 1000 से ज्यादा अंक टूट गया है। सेंसेक्स में कारोबार की शुरुआत 658 अंक की गिरावट के साथ हुई थी। सुबह 9.39 बजे तक सेंसेक्स 1130 अंक टूटकर 38615 तक पहुंच गया।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 251 अंक टूटकर 11,382.00 पर खुला है। दुनिया भर के बाजारों में कोरोना वायरस के प्रकोप का डर कायम है। शुक्रवार को चीन, जापान, दक्षणि कोरिया सहित कई एशियाई देशों के शेयर बाजारों को भारी नुकसान हुआ है।
गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कोरोना की वजह से दुनिया में आर्थिक मंदी आने की चेतावनी दी है। इस हफ्ते दुनिया भर के शेयर बाजारों में 2008 की मंदी के साथ सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिल सकती है। सेंसेक्स के सभी शेयर लाल निशान में दिख रहे हैं। गिरने वाले प्रमुख शेयरों में टाटा मोटर्स, हिंडाल्को, टाटा स्टील, बजाज फाइनेंस, यस बैंक, गेल और एमऐंडएम शामिल रहे।


 


कहर बरपा रही है विदेशी मॉडल

नई दिल्ली। ब्रिटिश मॉडल व एक्ट्रेस डेमी रोज इन दिनों अपनी कुछ तस्वीरों के कारण छाई हुई हैं। सोशल मीडिया पर इन दिनोंउनकी बोहद बोल्ड तस्वीरें जमकर वायरल हो रही हैं। वैस तो रोज हमेशा ही अपनी बोल्ड एंड हॉट तस्वीरों के कारण सुर्खियों में रहती हैं। सोशल मीडिया पर उनके चाहने वालों की कमी नहीं है या यह कह लें कि सोशल मीडिया पर उनके फैंस की संख्या लगातार ही बढ़ती जा रही हैं। सोशल नेटवर्किंग साइट इंस्टाग्राम पर उन्होंने एक करोड़ से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। रोज इंस्टा पर हमेशा एक्टिव रहती हैं और आए दिन अपनी तस्वीरें यहां शेयर करती रहती हैं। इसी क्रम में उन्होंने हाल ही में इंस्टा पर अपनी कुछ लेटेस्ट तस्वीरें शेयर की, जो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं। बता दें, रोज के इंस्टाग्राम पर कई तस्वीरों के साथ, फैंस उनकी मॉडलिंग के बारे में जानना पसंद करते हैं और उनके लुक की सराहना भी करते हैं। रोज के 12.6 मिलियन से अधिक इंस्टाग्राम फॉलोअर्स हैं, जो उनकी हर पोस्ट पर लाइक्स, शेयर और कमेंट तो करते ही हैं, साथ ही साथ रोज से बात भी करना भी चाहते हैं। तो आइए, अब आपको दिखाते हैं रोज की वे 30 हॉट तस्वीरें, जिसमें उनका अंदाज देखते ही बन रहा है।



दुनिया के प्रदूषित शहरों में गाजियाबाद

एकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली। वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट-2019 के मुताबिक दुनिया के सर्वाधिक 30 प्रदूषित शहरों में से 21 भारत के हैं। वहीं टॉप 10 शहरों में भी भारत के 6 शहर शामिल हैं। गाजियाबाद दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है। यह रिपोर्ट वायु प्रदूषण के संबंध में है। साल 2019 में गाजियाबाद की औसत वायु गुणवत्ता 110.2 रही। अमेरिका की पर्यावरण सुरक्षा एजेंसी के स्वास्थ्य मानकों के अनुरूप यह बेहद चिंताजनक है।
वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट-2019 का यह डेटा आईक्यूएआईआर के शोधकर्ताओं ने तैयार किया है। यह रिपोर्ट हर साल तैयार होती है। वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट-2018 की रिपोर्ट में दुनिया के टॉप-30 प्रदूषित शहरों में भारत के 22 शहर शामिल थे। वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट-2019 के मुताबिक दिल्ली दुनिया की सबसे प्रदूषित राष्ट्रीय राजधानी है। साल 2019 में दिल्ली की औसत वायु गुणवत्ता 98.6 दर्ज की गई। भारत की राजधानी दिल्ली के कुछ इलाकों में नवंबर 2019 में वायु गुणवत्ता सूचकांक 800 के पार चला गया था। यानी वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक से भी तीन गुना ज्यादा था।


प्रशासन की सजग-सतर्कता आई काम

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। जनपद में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। जनपद की शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन स्तर पर किसी प्रकार की कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही है। किसी भी कीमत पर किसी भी हाल में संप्रदायिकता नहीं फैलने दी जाएगी। इसके लिए प्रशासन संकल्प बंद है। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए संवेदनशील लोनी तहसील क्षेत्र में शांति सभा का आयोजन किया गया। जिसका नेतृत्व उप जिला अधिकारी खालिद अंजुम के द्वारा किया गया। उन्होंने सभी जिम्मेदार नागरिकों से अपील करते हुए कहा किसी भी कीमत पर अपने सामाजिक सौहार्द को न बिगड़ने दे। जो लोग संप्रदायिकता के लिए कार्य कर रहे हैं। उनके विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई होगी।


गौरतलब हो जनपद को 16 जॉन मे बांटते हुए 59 सेक्टर मजिस्ट्रेट को नियुक्त किया गया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी के द्वारा दिल्ली के सीमावर्ती लोनी का निरीक्षण किया एवं अधीनस्थ अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए। वही क्षेत्राधिकारी एवं तीनों थानों के प्रभारी क्षेत्रों में मुस्तैदी से पुलिस बल के साथ गश्त कर रहे हैं।


मंदिर में प्रयोग शीलाओं की आयु हजार साल

राम मंदिर को स्वरुप देने वाली शिलाओं की आयु होगी एक हजार साल


सौरभ दुबे
अयोध्या। राममंदिर को लेकर लोगों में बहुत ही जादा उत्सुकता है। वहीं विहिप से जुड़े जानकारों की ओर से दावा किया जा रहा है कि राम मंदिर को स्वरूप देने वाली शिलाओं की आयु एक हजार वर्ष से अधिक रहेगी।
श्रीरामजन्मभूमि न्यास की ओर से मंदिर निर्माण के लिए राजस्थान के भरतपुर जिले के बंशी पहाड़पुर से विशेष किस्म के पिंक सैंड स्टोर को मंगा कर कार्यशाला में उनकी तराशी कराई गई है। गुलाबी रंग का यह पत्थर दिखने में ही काफी मोहक है। मंदिर निर्माण के लिए पत्थर तराशी का कार्य 65 फीसद हो चुका है, लेकिन अभी भी मंदिर की ऊपरी छत और शिखर आदि हिस्सों के लिए पत्थरों की तराशी होना बाकी है। इसके लिए एक लाख घन फीट पत्थरों की और जरूरत है। विहिप से जुड़े जानकारों के मुताबिक चार साल पहले संगठन की ओर से पत्थरों के बारे में अधिक से अधिक तथ्य प्राप्त करने के लिए इनकी लैब टेस्टिंग कराई गई थी, जिसके बाद यह बात सामने आई थी। न्यास कार्यशाला में अब तक एक लाख घन फीट पत्थरों की तराशी हो चुकी है, जबकि इससे अधिक पत्थरों को अभी तराशा जाना है।
विहिप के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा के मुताबिक, राम मंदिर का निर्माण न्यास के मॉडल के अनुरुप ही रहेगा। राममंदिर निर्माण में प्रयुक्त होने वाले पत्थरों की आयु को लेकर कुछ साल पहले टेस्टिंग कराई गई थी। जिसमें पत्थरों की आयु एक हजार साल है ऐसी बात सामने आई थी।


बांग्लादेशी विद्यार्थी को 'भारत छोड़ो' नोटिस

कोलकाता। विदेशियों के क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय, कोलकाता ने “भारत सरकार विरोधी गतिविधियों में संलग्न” होने के आरोपों में, विश्व भारती विश्वविद्यालय के एक छात्र, बांग्लादेश राष्ट्रीयता अफसरा ए मीम को भारत छोड़ने का “लीव इंडिया” नोटिस दिया है। उन्हें फरवरी 29 तक भारत छोड़ने के लिए कहा गया है; अफसरा ए मीम पर आरोप है कि 8 फरवरी को CAA के विरोध प्रदर्शन में भाग लिया था।


एमपी बनेगा देश का हॉर्टिकल्चर कैपिटल

भोपाल। मुख्यमंत्री  कमल नाथ ने कहा है कि राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश को देश का हार्टिकल्चर कैपिटल बनाने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि उद्यानिकी किसानों की समृद्धि के द्वार खोलने वाला क्षेत्र है। यही कृषि का भविष्य भी है। श्री कमल नाथ ने कहा कि नाबार्ड को हार्टिकल्चर के क्षेत्र में ऋण देने का अनुमान 6 प्रतिशत से बढ़ाकर कम से कम 15 प्रतिशत रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में बड़ी मात्रा में अनुपयोगी पड़ी राजस्व भूमि का उपयोग उद्यानिकी क्षेत्र के विस्तार में किया जा सकता है। मुख्यमंत्री मंत्रालय में नाबार्ड द्वारा आयोजित राज्य ऋण संगोष्ठी 2020-21 में स्टेट फोकस पेपर का विमोचन कर रहे थे। नाबार्ड ने प्रदेश के लिये 1,98, 786 करोड रूपये के ऋण का आकलन किया है। यह पिछले साल से 13 प्रतिशत ज्यादा है।


 
कृषि में भी नई सोच से काम करने की आवश्यकता


मुख्यमंत्री ने कहा कि अब कृषि क्षेत्र में भी नई दृष्टि और नई सोच के साथ काम करने की आवश्यकता है। पूरा दृश्य बदल रहा है। पहले छोटे दानों जैसे कोदो-कुटकी, ज्वार-बाजरा पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता था। आज इन फसलों की प्राथमिकता है। पहले यह गरीबों की खाद्य सामग्री मानी जाती थी। अब ये फसलें पोषक तत्वों के कारण सर्वाधिक उपयोगी साबित हो रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नाबार्ड के पास वर्षों का संचित अनुभव और बौद्धिक क्षमता है । इसका उपयोग भविष्य में निर्मित होने वाले परिदृश्य में ज्यादा कारगर होगा। उन्होने कहा कि नाबार्ड को न सिर्फ वर्तमान बल्कि 2024-25 की योजना भी अभी से तैयार करना पड़ेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जो स्थितियाँ हैं, वो पाँच साल बाद बदल जाएंगी। आज तय किए गए लक्ष्य आसानी से पूरे हो जाएंगे लेकिन भविष्य की दृष्टि से नए लक्ष्यों की चुनौती को भी स्वीकार करना होगा। उन्होने कहा कि नाबार्ड ने मध्यप्रदेश और देश के कृषि अधोसंरचना निर्माण में अभूतपूर्व योगदान दिया है। नाबार्ड ने जो ज्ञान अर्जित किया है, उसका उपयोग हमें भविष्य में अपनी सोच को विस्तार देने में करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश के लिए जो प्लान बनाये हैं, वे देश के लिए भी उपयोगी होंगे।
कृषि को बनाना होगा आधुनिक
मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती युवाओं की बेरोजगारी है क्योंकि वे शहरों और गांवों के बीच भटक रहे हैं। उनहोने कहा कि युवाओं को नई तकनीक और तकनीकी कौशल से जोड़ना होगा। प्रदेश की कृषि को आधुनिक बनाना होगा।
कृषि क्षेत्र के उभरते बाजार पर पैनी नजर
मुख्यमंत्री ने कहा कि नाबार्ड को अब फसलों के निर्यात पर भी ध्यान देना होगा। कृषि क्षेत्र के भीतर उभरते बाजार पर भी पैनी नजर रखना होगी। उन्होंने कहा कि नाबार्ड अपनी विशेषता को सामान्य रूप से किए जाने वाले कार्यों में उपयोग न करें बल्कि खेती की नई तकनीकों पर ध्यान दे। वेयर हाऊस निर्माण और उपार्जन की अधोसंचानाओं के निर्माण पर भी ध्यान दे। इसके अलावा, यह भी विचार करे कि कौन सी उपयोगी अधोसंरचनाएं बन सकती हैं और बनना चाहिए । उन्होंने कहा कि एक-दो दशक पहले नाबार्ड की भूमिका सिर्फ रि-फाईनेंसिंग तक सीमित थी। आज इसे अपनी भूमिका को भी विस्तार देने की आवश्यकता है।
नाबार्ड ने मध्यप्रदेश में वर्ष 2020-21 के लिए 1,98,786 करोड़ रूपए की ऋण की संभावना का आकलन किया है। यह पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 13 प्रतिशत ज्यादा है। पिछले साल यह राशि 1,74, 970 करोड़ थी। इस ऋण अनुमान में फसलीय ऋण पर 1,03,005 करोड़ रूपए और टर्म लोन पर 44,982 करोड़ रूपए ऋण अनुमान है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमियों के लिए लगभग 32,001 करोड़ और प्राथमिकता क्षेत्र जैसे निर्यात ऋण, शिक्षा, आवास, नवकरणीय ऊर्जा और अन्य सामाजिक बुनियादी ढ़ाँचे पर 18,797 करोड़ रूपए ऋण देने का अनुमान है।
नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक  एस के बंसल ने विभिन्न क्षेत्रों में विकास की संभावना पर प्रकाश डालते हुए बैंकों से महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आह्वान किया। उन्होंने प्रदेश के 100% किसानों तक केसीसी कवरेज बढ़ाने, ग्रामीण बुनियादी ढांचे में निवेश और कृषि उत्पादक समूहों के वित्त पोषण के प्रयास करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने ग्रामीण आधारभूत संरचना विकास निधि (आरआईडीएफ) और दीर्घकालिक संचय निधि ( एलटीआईफ) के तहत राज्य सरकार को दिए गए रु 26000 करोड़ के ऋण और इससे होने वाले लाभ की भी चर्चा की। प्रदेश के 21 जिलों में स्व- सहायता समूहों के लिये ई-शक्ति परियोजना की जानकारी देते हुए बताया कि इससे प्रदेश के 25000 समूहों के लगभग ढाई लाख परिवारों को लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर उत्कृष्ठ प्रदर्शन करने वाले किसान उत्पादक संगठनों को सम्मानित किया। इस अवसर पर राज्य शासन और नाबार्ड के वरिष्ठ अधिकारी एवं लीड बैंकों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।


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