अब पूरे शहर के अवैध पीजी की होगी चेकिंग, गड़बड़ी पाए जाने पर हेवी पेनल्टी और सील करने का आदेश सेक्टर-32 के पीजी में आग लगने से तीन लड़कियों की हो गई थी दर्दनाक मौत
घटना को लेकर डीसी मनदीप बराड़ ने एसडीएम एसके जैन को जांच का आदेश दिया है
अमित शर्मा
चंडीगढ। पंजाब के पीजी में आग लगने की घटना को लेकरडीसी मनदीप बराड़ ने एसडीएम एसके जैन को जांच का आदेश दिया है। उन्होंने एसडीएम से एक हफ्ते में जवाब मांगा है।इसके अलावा तीन औरएसडीएम को अपने-अपने एरिया में चल रहे अवैध पीजी की जांच करने और उसकी रिपोर्टतीन दिन में सब्मिट करने के लिए कहा गया है।जहां बच्चों की सेफ्टी के लिए इंतजाम नहीं हैं, उन पर हेवी पेनल्टी और सील करने के लिए कहा गया है।
आग लगने से दो की हो गई थी मौत
शनिवार को सेक्टर-32 की कोठी नंबर-3325 में बने पीजी में आग लगी थी। लैपटॉप के चार्जर से हुई स्पार्किंग से लगी आग में कपूरथला की रिया अरोड़ा, कोटकपूरा की पाक्षी और हिसार की मुस्कान की मौत हो गई थी। जबकि दो लड़कियों ने कूदकर अपनी जान बचाई थी।
स्पार्किंग होती रहती थी, लेकिन पीजी संचालकों ने कुछ नहीं किया।
सेक्टर-32 के जिस पीजी में आग लगी, वहां पूरे घर में अर्थिंग की प्राॅबल्म थी। दो बार शिकायत भी की गई, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। नतीजन जब लैपटॉप का चार्जर लगाया तो स्पार्किंग हुई और प्लाई व फाइबर से बना पीजी पूरी तरह जल गया। पुलिस की शुरुआती जांच में इस बात का खुलासा भी हुआ है।पुलिस ने पीजी चलाने वाले नितेश बंसल के अलावा पार्टनर नितेश पोपली और कोठी के मालिक गौरव अनेजा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। नितेश और गौरव फरार हैं। आरोपी नितिन बंसल को पुलिस ने रविवार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया। उसे दो दिनों के रिमांड पर भेज दिया गया है। एसडीएम साउथ एसके जैन पर उठ रहे सवाल
घटना को लेकर एसडीएम साउथ ऑफिस और लोकल पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं। इस अवैध पीजी के बारे में 5 फरवरी को जानकारीदी गई थी। इसके बाद केसदर्ज किया गया और मामले कोएसडीएम कोर्ट में भेजा गया। इसके बाद भीन तो एसडीएम ने पीजी को सील किया और न ही कोठी संचालक पर जुर्माना लगाया। पीएम से भी की शिकायत...
यूटी कैडर एजुकेशन इम्पलॉइज यूनियन चंडीगढ़ ने इस मामले की शिकायत पीएम नरेंद्र मोदी से की है। शिकायत में अवैध रूप से पीजी चला रहे संचालक के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। पैसे ऐंठने के लिए पीजी संचालक ने 7 कमरों में कुल 34 कैबिन पीवीसी की पार्टिशन कर बना रखे थे। इसमें कुल 28 छात्राएं रह रही थी। अधिकांश छात्राएं एसडी कॉलेज की थी। पुलिस को शक है कि पीजी चलाने वालों का लिंक एसडी कॉलेज के किसी कर्मी से था।