शनिवार, 22 फ़रवरी 2020

पहले पनपा, तेजी से बढ़ रहा भ्रष्टाचार

राणा ओबराय
भाजपा सरकार में पिछ्ले 5 वर्षों में पनपा था जो भ्रष्टाचार, अब तेजी से बढ़ रहा है लगातार ;- कुमारी शैलजा

चण्डीगढ़/हिसार। हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा सरकार में पिछ्ले 5 वर्षों में जो भ्रष्टाचार पनपा था, वह निरंतर बढ़ता जा रहा है। अब भाजपा-जजपा की गठबंधन सरकार के विधायक ही लगातार इस सरकार की पोल पट्टी खोल रहे हैं और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगा रहे हैं। इससे प्रदेश में फैले व्यापक भ्रष्टाचार का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। यह बातें कुमारी सैलजा ने हिसार के अर्बन स्टेट स्थित अपने निवास स्थान पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं से बातचीत के उपरांत कही। इस दौरान उन्होंने सरकार में शामिल एक विधायक द्वारा यह कहने पर कि कम से कम पेंशन में इतनी बढ़ोतरी तो की जाए कि वह मुंह दिखाने लायक तो रहें पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार में शामिल दलों के द्वारा प्रदेश की जनता से किए गए झूठे वायदों ने सरकार में शामिल विधायकों को ही मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ा है। विधायकों को जनता के बीच जाने में डर लग रहा है और विधायक सरकार को झूठे वायदों पर आईना दिखा रहे हैं। वहीं सरकार में शामिल विधायक की सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगा रहे हैं। कुमारी सैलजा ने इस दौरान पंचकूला में धान घोटाले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज करने और किसानों को हिरासत में लेने की कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार धान घोटाले की निष्पक्ष जांच करवाने में कतरा रही है, उससे साफ है कि भाजपा सरकार किसी भी कीमत पर इस घोटाले पर पर्दा डालना चाहती है।
उन्होंने कहा कि जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, उससे साफ पता चल रहा है कि प्रदेश में बड़ा धान घोटाला हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 2 लाख 25 हजार 145 किसानों ने लगभग 9 लाख 10 हजार 700 एकड़ धान का पंजीकरण करवाया था। प्रदेश की मंडियों में धान की 4 लाख 34 हजार 783 मीट्रिक टन सरकारी और 64 लाख 68 हजार 576 मीट्रिक टन प्राइवेट खरीद हुई। जिसकी औसतन पैदावार 75 क्विंटल होती है, जितनी पैदावार प्रति एकड़ होना संभव ही नहीं है। प्रदेश में 30 क्विंटल प्रति एकड़ धान से ज्यादा औसतन पैदावार संभव नहीं है। जिससे पता चलता है कि कितने बड़े स्तर पर प्रदेश में धान घोटाला हुआ है। लेकिन सरकार शर्मनाक तरीके से कह रही है कि प्रदेश में कोई घोटाला नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से प्री-बजट चर्चा दिखावा है। कांग्रेस पार्टी द्वारा विधानसभा में बेरोजगारी, एसवाईएल, धान घोटाला, किसानों को फसलों के उचित दाम, कम पेंशन, अपराध में बढ़ोतरी, कर्मचारियों की अनदेखी, युवाओं में बढती नशाखोरी, सरकार के दलित विरोधी रुख समेत अनेक जनहित के मुद्दे उठाए जाएंगे।
इस अवसर पर कई संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता बजरंग गर्ग के नेतृत्व में कुमारी सैलजा से मुलाकात की और प्रदेश की समस्याओं से उनको अवगत कराया।
इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता बजरंग गर्ग, एचपीएससी के पूर्व सदस्य जगरनाथ, सीनियर एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल, हिसार विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी रामनिवास राड़ा, बरवाला विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी भूपेंद्र गंगवा, कांग्रेस के वशिष्ठ नेता हरि कृष्ण, बलवंत सैनी, सुधीर बिश्नोई भुना, कृष्ण कुमार सहारण, चंद्र हर्ष आदि प्रतिनिधि भारी संख्या में मौजूद थे।


'राष्ट्रीय कृषि मेले' का आकर्षण कड़कनाथ

रायपुर। तुलसी बाराडेरा में रविवार 23 फरवरी से आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय कृषि मेला में पशुधन विकास से संबंधित विभिन्न उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। मेले में प्रदर्शनी के साथ ही उत्पादों का विक्रय भी किया जाएगा। पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय कृषि मेले में स्वादिष्ट और औषधीय गुणों से भरपूर कड़कनाथ मुर्गे की विशेष मंाग होगी। कड़कनाथ मुर्गे के बारे में बताया गया है कि – इसका खून, मांस और शरीर काले रंग का होता है। अन्य मुर्गों की तुलना में इसके मीट में प्रोटीन अधिक मात्रा में होता है और कोलेस्ट्रोल का स्तर कम होता है। इसमें 18 तरह के आवश्यक अमीनो एसिड भी पाए जाते हैं। इसके मीट में विटामिन बी-1, बी-2, बी-6, बी-12, सी और ई की मात्रा भी अधिक पाई जाती है।


यह औषधि के रुप में नर्वस डिसऑर्डर को ठीक करने के काम में भी आता है। इसके रक्त से कई बीमारियां ठीक हो जाती हैं।कड़कनाथ मुर्गा के पालक छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के अलावा महाराष्ट्र, तमिलनाडू, आंध्रप्रदेश में भी अच्छी-खासी कमाई कर रहे हैं।  कड़कनाथ या काली मासी भारतीय नस्ल का मुर्गा है। यह मुख्यतः पश्चिमी मध्य प्रदेश के झाबुआ और धार जिलों में पाया जाता है। कड़कनाथ मुर्गे में उच्च प्रोटीन और न्यून वसा पाया जाता है, जिसके कारण इसका मांग काफी ज्यादा है। कड़कनाथ मुर्गी का मांस कम चरबी युक्त होता है। देसी मुर्गी होने के कारण ये पाचन के लिए बॉयलर मुर्गी के चिकन से हल्का होने के कारण कड़कनाथ मुर्गा का चिकन महंगा मिलता है।


कड़कनाथ मुर्गे से अमर पटेल हर महीने कमा रहे हैं 80 हजार रूपये


कड़कनाथ अपने स्वाद और औषधीय गुणों के लिए मशहूर है। कड़कनाथ प्रजाति से प्रभावित होकर रायगढ़ जिले के पुसौर विकासखण्ड के ग्राम कोसमंदा निवासी अमर पटेल ने वर्ष 2017-18 से कड़कनाथ मुर्गा पालन का ईकाई स्थापित किया है। उन्नत व्यवसाय के पूर्व कृषि कार्य करते थे। उन्होंने पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के मार्गदर्शन में 200 कड़कनाथ चुजों से मुर्गा पालन चालू किया। धीरे-धीरे उन्हीं मुर्गियों द्वारा दिये अंडों को ’स्वयं के द्वारा’ निर्मित हेचरिंग मशीन जिसमें आटोथरमोकर लगाकर 100 वाट के बल्बों से गर्मी पैदा कर तथा हेचींग मशीन मे ह्यूमिडिटी मेंटेन करने हेतु व्यवसाय बनाकर दिन में तीन बार अंडो को मैन्यूवली 45 डिग्री में टर्न कर हेचींग कार्य किया जा रहा है।


पटेल इस समय 600 मुर्गियाँ एवं चूजों का पालन कर एवं चूजा उत्पादन कर चूजों को रानीखेत का टीकाकरण कर प्रति चूजे 100 रूपये की दर से विक्रय कर अतिरिक्त आय का साधन बना लिया है एवं मुर्गों को 600 रूपये किलोग्राम के दर से बेच रहे हैं और हर महीने लगभग अस्सी हजार रूपये की कमाई कर रहे हैं।


हिमाचल की गाय को राष्ट्रीय पहचान

पालमपुर। हिमाचल की पहली गाय को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल गई है। अलग-अलग राज्यों की तर्ज पर अब हिमाचली पहाड़ी गाय प्रदेश की पहली मवेशी नस्ल होगी। नेशनल ब्यूरो ऑफ एनिमल जेनेटिक रिसोर्सेज (एनबीएजीआर) करनाल की नस्ल पंजीकरण समिति ने हिमाचली पहाड़ी को प्रदेश की पहली मवेशी नस्ल के रूप में पंजीकृत किया है। पंजीकरण होने की जानकारी चौधरी सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के कुलपति प्रोफेसर अशोक कुमार सरयाल ने दी है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के पशु चिकित्सका वैज्ञानिकों ने विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. वाईपी ठाकुर, जोकि पशु जेनेटिक्स और ब्रीडिंग के प्रोफेसर भी हैं, की अगुवाई में इस नस्ल को अनूठी विशेषताओं के साथ प्राप्त करने के लिए अनुसंधान कार्य किए। कुलपति ने बताया कि हाल ही में पंजीकृत सात मवेशी नस्लों में से 8,00,000 की अनुमानित आबादी वाली “हिमाचली पहाड़ी” को मुख्य रूप से राज्य के उच्च पर्वतीय क्षेत्रों जैसे कुल्लू, चंबा, मंडी, कांगड़ा, सिरमौर में वितरित किया गया था। यह दूध, सूखे और खाद के स्रोत के रूप में पहाड़ी पशुधन उत्पादन प्रणाली के अनुकूल है। दैनिक दूध की उपज एक से तीन किलोग्राम और दुग्ध उत्पादन की उपज 350 से 650 किलोग्राम तक होती है। कुलपति को उम्मीद है कि इस नस्ल के पंजीकरण के साथ, अनुसंधान और संरक्षण कार्य में तेजी आएगी। उन्होंने कहा कि कांगड़ा, चंबा और पंजाब के कुछ हिस्सों में पाली जा रही गोजरी नस्ल की भैंस भी NBAGR karnal से पंजीकृत है, जोकि प्रवासी गुर्जरों द्वारा पाली जाती है।


एमएनएस ने चलाया विवादास्पद अभियान

पुणे। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ताओं ने बांग्लादेशियों के खिलाफ विवादास्पद अभियान चलाया हुआ। जिसके तहत मनसे कार्यकर्ता मुंबई के बाद पुणे में शहर के उन इलाकों में जा रहे हैं, जहां कथित रूप से बांग्लादेशी रहते हैं। ये मनसे कार्यकर्ता उन जगहों पर जाकर लोगों से उनकी नागरिकता का सबूत मांग रहे हैं। बताया गया कि शनिवार को मनसे के एक दर्जन से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने शहर के धनकवड़ी इलाके में जाकर घर-घर जांच की और लोगों के आईकार्ड चेक किए। इस दौरान हैरान करने वाली बात यह थी कि इन मनसे नेताओं के साथ पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहे।इस जांच के बारे में पूछे जाने पर मनसे कार्यकर्ताओं ने बताया जांच के दौरान एक युवा के पास दो वोटर आईडी कार्ड मिले हैं। मनसे कार्यकर्ता उसे पुलिस स्टेशन लेकर गए हैं। ऐसे ही कई लोग शहर में रह रहे हैं, इसलिए इनकी जांच जरुरी है। बता दें कि कुछ दिन पहले पुणे में पार्टी की ओर से पोस्टर लगाए गए थे। इनमें लिखा था- ‘बांग्लादेशी निकलो वरना मनसे स्टाइल से निकाले जाओगे।’ इन पोस्टरों में मनसे ने लिखा है कि भारत मेरा देश है, मेरा मेरे देश पर प्रेम है। घूसखोरी करने वाले मेरे बंधु नहीं और ना ही वो भारतीय हैं। उन्हें इस देश से निकाल देना चाहिए। वहीं 9 फरवरी को महाराष्ट्र नव निर्माण सेना ने CAA-NRC के समर्थन में एक विशाल रैली की थी। इस रैली में मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने अवैध बांग्लादेशियों को शहर से बाहर करने की मांग की थी। राज ठाकरे ने कहा कि घुसपैठियों को देश से बाहर निकालकर देश को साफ-सुथरा किया जाना चाहिए। राज ने चेतावनी दी थी कि अगर कुछ लोग सिर्फ शक्ति प्रदर्शन करने के लिए सीएए-एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें जवाब दिया जाएगा।


नेताजी रिसर्च ब्यूरो की चेयरपर्सन का निधन

कोलकाता। प्रतिष्ठित शिक्षाविद, पूर्व टीएमसी सांसद और नेताजी सुभाषचंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) के भतीजे शिशिर बोस की पत्नी कृष्णा बोस का शनिवार को कोलकाता के अस्पताल में का कार्डियक अरेस्ट के कारण निधन हो गया। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि कृष्णा सम्मानित समाज सुधारक और प्रसिद्ध कवयित्री थीं।


शिक्षक से राजनीतिज्ञ बनीं कृष्णा बोस 89 वर्ष की थीं और उम्र संबंधी बीमारियों से पीड़ित थीं। कृष्णा बोस के निधन के समय उनके बेटे सुगत और सुमंत बसु वहां मौजूद थे। उनके दो बेटे और एक बेटी हैं। कृष्णा बोस नेताजी रिसर्च ब्यूरो की चेयरपर्सन भी थीं। बोस साल 1996 में कांग्रेस के टिकट पर जादवपुर से जीतने के बाद लोकसभा की सदस्य बनी थीं। बाद में उन्होंने 1998 और 1999 में तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में उसी निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की थी। कृष्णा के बेटे सुमंत्रा बोस ने बताया कि कुछ दिनों पहले उन्हें दूसरा स्ट्रोक आया था और वह आईसीयू में भर्ती थीं।


जय रामः मंत्रिमंडल का होगा विस्तार

मंडी। जयराम मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर काफी समय से उहापोह की स्थिति बनी हुई है। मंडी शिवरात्रि का शुभारंभ करने पहुचे सीएम जयराम ठाकुर से नेरचौक में जब मंत्रिमंडल विस्तार के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि इस संबंध में जल्द ही तारीख तय करके मंत्रिमंडल का विस्तार कर दिया जाएगा।  इससे पहले सीएम ने नेरचौक मेडिकल कॉलेज में 45 करोड़ की लागत से बनने वाले कैंसर सेंटर भवन की आधारशिला और 2 करोड़ 16 लाख की लागत से बने पीएचसी लेदा के भवन का उद्घाटन किया।जयराम ठाकुर ने बताया कि कैंसर सेंटर केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत किया गया है और इस भवन को एक वर्ष के भीतर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों को कैंसर के उपचार की यहीं पर बेहतरीन सुविधा उपलब्ध होगी और उन्हें प्रदेश से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। बता दें कि यह कैंसर सेंटर आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। अभी प्रदेश में सिर्फ आईजीएमसी शिमला में कैंसर के उपचार की सुविधा उपलब्ध है जबकि एक वर्ष के बाद मंडी में भी यह सुविधा उपलब्ध हो जाएगा। जयराम ठाकुर ने कहा कि मेडिकल कॉलेज नेरचौक प्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र का तीसरा बड़ा संस्थान बनकर उभरा है। आईजीएमसी और टांडा मेडिकल कालेज पहले से बेहतरीन सेवाएं दे रहे हैं लेकिन मेडिकल कालेज नेरचौक भी अब बेहतरीन सेवाएं देने वाला संस्थान बन गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 6 मेडिकल कालेज संचालित हो रहे हैं जिनके माध्यम से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का प्रयास किया जा रहा है। इसके बाद सीएम ने चक्कर में 13 करोड़ की लागत से बनने वाले आधुनिक मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट की आधारशिला रखी। उपरांत इसके 3 करोड़ 89 लाख की लागत से बने फायर स्टेशन के नए भवन और वल्लभ कालेज मंडी में वर्चुअल क्लास रूम का शुभारंभ किया। वहीं मेधावी छात्र-छात्राओं को सरकार की तरफ से लैपटॉप भी प्रदान किए गए। इस मौके पर सीएम के साथ जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर, ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर, सांसद राम स्वरूप शर्मा, विधायक कर्नल इंद्र सिंह, विनोद कुमार, हीरा लाल, इंद्र सिंह गांधी, राकेश जम्वाल, जवाहर ठाकुर और प्रकाश राणा भी मौजूद रहे।


सैनिकों को मैडल, किया शौर्य का सम्मान

बीकानेर। सप्त शक्ति कमांड का अलंकरण समारोह आज यहां छावनी क्षेत्र स्थित रणबांकुरा डिवीजन के अनन्त विजय ऑडिटोरियम में आयोजित हुआ। दक्षिण पश्चिम कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ आलोक क्लेर ने सैनिकों को मैडल और सेना की विभिन्न यूनिट्स को प्रशंसा पत्र भेंट कर उनके शौर्य को सम्मानित किया। इस अलंकरण समारोह में एक युद्ध सवा मैडल, 20 सेना मैडल (परम), 2 सेना मैडल (विशिष्ट सेवा) आर 6 विशिष्ट सवा मैडल भेंट किए गए। 
पैराट्रूपर मुकुट बिहारी मीणा और सिपाही मंदीप सिंह का ऑपरेशनल गतिविधि के दौरान सर्वोच्च बलिदान के लिए मरणोपरान्त वीरता पुरस्कार दिए गए। समारोह में सेना की 21 यूनिट्स को राष्ट्र और भारतीय सेना के लिए उनके अमूल्य योगदान देने पर यूनिट प्रशंसा पत्र दिए गए। यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर और सूबेदार मेजर ने इन प्रतिष्ठित पुरस्कार ग्रहण किए। समारोह के सम्पन्न होने पर दक्षिण पश्चिम कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ आलोक क्लेर ने सभी पुरस्कार विजेताओं और उनके परिवारजनों के साथ बातचीत की और भारतीय सेना के लिए उनके योगदान की सराहना की। इस अवसर पर मीडियाकर्मियों से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा कि इन पुरस्कारों की महता न सिर्फ सेना के लिए बहुत है बल्कि पूरे राष्ट्र के लिए गौरव की बात है। क्योंकि सैनिक ही हर विपत्ति के दौरान राष्ट्र के लिए अपना सबकुछ त्याग देता है। आपदा के दौरान सहायता करनी हो, देश की बाहरी और अन्दरूनी सुरक्षा हो, सैनिक हर कत्र्तव्य को बहादुरी और साहस के साथ निभाता है। बहादुरी के साथ बेहतर सेवा को ही ये गैलेन्ट्री एवार्ड दिया जाता है।


'राष्ट्रपति' ने विमान हादसे के लिए माफी मांगी

'राष्ट्रपति' ने विमान हादसे के लिए माफी मांगी  अखिलेश पांडेय  मॉस्को। कजाकिस्तान विमान हादसे के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुति...