नई दिल्ली। तालिबान अपनी कट्टर सोच और आतंकी गतिविधियों के लिए पूरी दुनिया में कुख्यात रहा है। अमेरिका हमेशा से तालिबान के टारगेट में रहा है लेकिन आश्चर्यजनक रूप से अमेरिका अपने कट्टर दुश्मन के साथ दोस्ती करने जा रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने ट्वीट कर कहा है कि लंबे समय के बाद तालिबान के साथ बात सफल हुई है। इससे अफगानिस्तान में हिंसा रुक सकेगी। उन्होंने यह भी कहा कि अफगानिस्तान में हिंसा रोकने के लिए एक समझौते पर अमेरिका 29 फरवरी को हस्ताक्षर करेगा। ये समझौता दोहा में अमेरिका और तालिबान के प्रतिनिधियों के बीच होगा। ऐसा माना जा रहा है कि अमेरिका और तालिबान के बीच शांति वार्ता के सफल होने से भारत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। देखना होगा कि दो कट्टर दुश्मनों के बीच दोस्ती किस मुकाम तक पहुंचती है और अफगानिस्तान में इस समझौते के बाद कब तक शांति कायम रह सकती है।
शनिवार, 22 फ़रवरी 2020
मॉडल ने तैयार किया फीमेल वियाग्रा
सिडनी। सुपरमॉडल के रूप में चर्चित एले मैकफर्सन ने ऐसा पाउडर लॉन्च किया है। जिसे उन्होंने महिलाओं के लिए वियाग्रा के बराबर असरकारक पदार्थ बताया है। ऑस्ट्रेलिया की रहने वाली एले ने इस पाउडर की बिक्री भी शुरू कर दी है और 14 दिन के कोर्स के लिए इसकी कीमत उन्होंने 7900 रुपये रखी। सुपरमॉडल ने तैयार किया फीमेल वियाग्रा, कपल ने शेयर किया अनुभव सुपरमॉडल ने तैयार किया फीमेल वियाग्रा, कपल ने शेयर किया अनुभव एले ने नए पाउडर का नाम द सुपर बूस्टर वुमेन लिबिडो एंड हार्मोन सपोर्ट रखा है। एले लाइफस्टाइल ब्रांड चलाती हैं, जो दुनियाभर में पॉपुलर है। सुपरमॉडल ने तैयार किया फीमेल वियाग्रा, कपल ने शेयर किया अनुभव द सन की रिपोर्ट के मुताबिक, 55 साल की एले का कहना है कि इस पाउडर की वजह से उनकी अपनी सेक्स लाइफ भी काफी बेहतर हो गई है। उन्होंने बताया कि जब वह लो फील करती हैं या फिर उन्हें तनाव महसूस होता है तो ये पाउडर मदद करता है। सुपरमॉडल ने तैयार किया फीमेल वियाग्रा, कपल ने शेयर किया अनुभव एले का कहना है कि ये पाउडर पूरी तरह हर्बल है और प्राकृतिक तौर से महिलाओं के हार्मोन और एनर्जी को बैलेंस करने का काम करता है। सुपरमॉडल ने तैयार किया फीमेल वियाग्रा, कपल ने शेयर किया अनुभव केले और एडम नाम के कपल ने द सुपर बूस्टर को ट्राई करने के बाद बताया कि उनके अनुभव काफी अच्छे रहे। केली ने कहा कि उन्हें इससे काफी एनर्जी मिली और उनका लव मेकिंग करीब दो घंटे तक चला।
सोने की रखवाली कर रहे हैं कठोर विषधर
लखनऊ। यूपी के सोनभद्र में गुरुवार को मिले सोने के भंडार ने पूरी दुनिया को चौंका दिया है। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की एक रिपोर्ट के मुताबिक यहां सोना करीब 3,000 टन है, जो भारत के पास मौजूदा स्वर्ण भंडार का करीब पांच गुना है। सोने के ये भंडार सोन पहाड़ी और हरदी इलाकों से मिले हैं, जिसकी अनुमानित कीमत करीब 12 लाख करोड़ बताई गई है। अब आपको यह जानकर हैरानी होगी कि सोने के भंडार के अलावा यहां दुनिया के सबसे जहरीले सांप भी मौजूद हैं। जो पल भर में इंसान को मौत की नींद सुला सकते हैं। रसेल वाइपर के अलावा कोबरा और करैत भी बेहद ही खतरनाक सांप माने जाते हैं। इनका जहर न्यूरोटॉक्सिन होता है, जो इंसान के स्नायु तंत्र को शून्य कर देते हैं, जिससे उसकी मौत हो जाती है। इसमें कोबरा की खासियत ये होती है कि वो जिस जगह पर काटता है, वहां सूजन हो जाती है जबकि करैत जिस जगह पर काटता है, वो तो देखने से पता भी नहीं चलता है। लेकिन जल्द ही सोनभद्र की पहाड़ियों से सोना निकालने की प्रक्रिया शुरू होगी, लेकिन इसका प्रभाव इन सांपों के अस्तित्व पर पड़ सकता है। उनका बसेरा खत्म हो सकता है। कुछ इसी तरह की स्थिति ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में भी बनी थी, जब कोयले की खदानों का खनन हो रहा था, लेकिन सांपों के अस्तित्व को देखते हुए खनन प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई थी।
कृतिम-रासायनिक दूध रोग का घर
दूध के नाम पर जहर पी रहे हैं।
नई दिल्ली। वर्तमान समय में भारत दूध के रूप में जहर पी रहा है और ये जहर कैंसर में तबदील हो रहा है। यदि हाल यही रहा तो भविष्य में 2025-30 तक भारत में रहने वाले अनुमान से अधिक लोग कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के शिकार हो जाएंगे। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन का मानना है। उनका मानना है कि देश में बिकने वाला 67.7 फीसदी दूध मिलावटी है। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि देश में दूध का उत्पादन 14 करोड़ और खपत 64 करोड़ लीटर है तो क्या हम और आप दूध के नाम पर जहर पी रहे हैं। त्योहारों के सीजन में दूध की बनी मिठाइयां बिकती हैं, लेकिन कहीं इनमें जहर तो नहीं?एनिमल वेलफेयर बोर्ड इंडिया के सदस्य मोहन सिंह अहलूवालिया ने भी जताया कि देश में दूध से इतने बड़े पैमाने पर ऐसी चीजें कैसे बन रही हैं जबकि इतनी मात्रा में दूध होता ही नहीं है। दूध माफिया दूध की मात्रा बढ़ाने के लिए पानी मिलाते हैं। इसके अलावा यूरिया, स्किम्ड मिल्क पाउडर का भी इस्तेमाल होता है। नकली दूध बनाने में डिटर्जेंट पाउडर, साबुन, सिंथेटिक का भी इस्तेमाल होता है। दूध में फैट दिखाने के लिए वेजिटेबल ऑयल और फैट का इस्तेमाल होता है। दूध को फटने से बचाने के लिए हाइपोक्लोराइड्स, क्लोरामाइंस, हाइड्रोजन पैराऑक्साइड, बोरिक एसिड का इस्तेमाल होता है। दही, पनीर, मक्खन और क्रीम बनाने में भी हानिकारक रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है। तमाम केमिकल से बना ये नकली दूध सेहत के लिए कितना हानिकारक होता है, इसे लेकर वरिष्ठ न्यूट्रीशियन डॉ. मंजरी चंद्रा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि दूध में केमिकल की मात्रा ज्यादा होने पर नुकसानदायक होता है। अगर रोज इस तरह से केमिकल वाले दूध पीते हैं तो बच्चों में न्यूरो, मेंटल इलनेस, विकास की कमी और कैंसर जैसी बीमारी भी हो सकती है।
साल की आखरी अमावस्या है खास
फाल्गुन अमावस्या पर करें ये काम
फाल्गुन माह की अमावस्या तिथि है। हिंदू पंचांग के अनुसार ये साल की आखिरी अमावस्या है। ये महाशिवरात्रि पर्व के बाद आती है। इस अमावस्या का खास महत्व है। धार्मिक तीर्थों पर स्नान करने से शुभ लाभ मिलता है और अक्षय पुण्यों की प्राप्ति होती है। ये है फाल्गुन अमावस्या का शुभ मुहूर्त 22 फरवरी को अमावस्या तिथि का शुभ आरंभ 19 बजकर 4 मिनट पर होगा। 23 फरवरी को अमावस्या तिथि 21 बजकर 3 मिनट पर समाप्त होगी। फाल्गुन अमावस्या पर करें ये काम। अमावस्या के दिन पीली त्रिकोण आकृति की पताका विष्णु मंदिर में ऊंचाई वाले स्थान पर इस तरह लगाएं कि वह लहराता रहे। कर्ज का मर्ज नहीं करेगा परेशान। इसके अतिरिक्त प्रति रविवार को भैरव स्त्रोत का पाठ मंदिर में बैठकर करें तो अत्यंत लाभप्रद रहेगा। कभी-कभी व्यक्ति रोजगार-व्यापार चलाने के लिए व्यक्ति विशेष बैंक से ऋण लेता है। किसी भी वजह से रोजगार-व्यापार न चले तो यह प्रयोग अमावस्या से आरंभ करके नियमित रूप से चालीस दिन तक करें। एक सेर भुने चावल, एक पाव शक्कर और आधा पाव घी इन सबको मिलाकर प्रात:काल के समय निम्न मंत्र पढ़ते हुए चींटी के बिल पर डालें। मंत्र- ॐ नमो नमन चींटि महावीर, हूंपूरो तोरी आशा तू पूरो मेरी आशा। रोगों से मुक्ति के लिए सूर्य देव को अर्घ्य दें, सूर्य चालीसा का पाठ करें और विधि-विधान से उनकी पूजा करें। नमक न खाएं। पितरों की तृप्ति और उनकी आत्मा की शांति के लिये इस दिन दान, तर्पण और श्राद्ध करने का विधान हैं। कहते हैं की शरीर छोड़ने के बाद आत्मा पितृ लोक जाती है। जब तक यमराज उनके प्रति कोई निर्णय नहीं लेते तब तक उन्हें यहां कुछ समय के लिए रहना पड़ता है। इस दौरान वे गहरे दर्द से गुजरते हैं क्योंकि उनमें कुछ भी ग्रहण करने की क्षमता नहीं होती। अमावस्या तिथि पर इन आत्माओं के सगे-संबंधी, नाते-रिश्तेदार, वंशज या कोई भी उनका अपना उनके लिये श्राद्ध, दान अथवा तर्पण करता है। जिससे उनकी आत्मा को शांति मिलती है। पितरों को प्रसन्न और तृप्त करने के लिए ये दिन बहुत सौभाग्यशाली माना गया है। पितृ दोष दूर करने के लिए लाल मीठी चीजों का दान करें।
चीन विमान भेजने में कर रहा है देरी
नई दिल्ली। चीन में कोरोना वायरस अपना कहर बरपा रहा है। एक ओर जहां चीन के वुहान प्रांत में कोरोना से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वहीं चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत की ओर से मुहैया कराए जा रहे। सहायता लेने के इच्छुक नहीं हैं। दरअसल कोरोना वायरस से प्रभावित चीन के वुहान प्रांत जाने के लिए भारतीय वायुसेना का सी-17 ग्लोबमास्टर तैयार है। लेकिन अभी तक चीन की तरफ से इस विमान को मंजूरी नहीं दी गई है। जानकारी के अनुसार चीन जानबूझकर भारतीय विमान को मंजूरी नहीं दे रहा है। बता दें कि भारत ने 17 फरवरी को एलान किया था कि वायुसेना का सबसे बड़ा सी-17 ग्लोबमास्टर विमान मेडिसिन लेकर चीन जाएगा। यह विमान वापसी में न केवल भारतीय बल्कि वहां फंसे पड़ोसी देशों के नागरिकों को भी लेकर आएगा। लेकिन इस विमान को उड़ान भरने को लेकर चीन ने अभी तक हरी झंडी नहीं दिखाई है। इस महीने की शुरुआत में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को लिखे पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत कोरोना वायरस की चुनौती से निपटने में चीन के लोगों और सरकार के प्रति एकजुट है और देश को सहायता मुहैया कराने की पेशकश दी। मामले से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि मुसीबत की घड़ी में दूसरों की मदद करने के हमारे लोकाचार को देखते हुए। राहतसामग्री की पेशकश की गई, जबकि भारत में खुद इनकी भारी कमी है। जिन सामान की आपूर्ति की जानी है उनमें दस्ताने, सर्जिकल मास्क, फीडिंग पम्प और डिफिब्रिलेटर्स हैं जिनकी आवश्यकता चीन ने जताई थी। एक अनुमान के मुताबिक, वुहान में अभी 100 से अधिक भारतीय रह रहे हैं। कई देशों ने चीन से अपने नागरिकों को निकाल लिया है और वहां कोरोना वायरस के मद्देनजर लोगों और सामान की आवाजाही पर रोक लगा दी है।
खातों में आए 3 हजार से ₹35 हजार तक
वर्धमान। साइबर ठगी के जरिए बैंक खातों से रुपए निकाले जाने की खबरें तो आपने बहुत सुनी होंगी, लेकिन जरा सोचिए कि अचानक आपके मोबाइल पर एक मैसेज आए कि आपके बैंक खाते में किसी ने 35 हजार रुपए जमा कर दिए हैं, तो आपको कैसा लगेगा। पश्चिम बंगाल के बर्दवान इलाके में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां कुछ लोगों के खातों में 3 हजार रुपए से लेकर 35 हजार रुपए तक जमा होने का मैसेज उनके मोबाइल पर आया। मैसेज देखकर जब लोग बैंक पहुंचे और उन्होंने अधिकारियों से इन रुपयों के बारे में पूछा तो उन्हें भी इसके बारे में कुछ नहीं पता था। इसके बाद लोगों ने अपने खातों से इन रुपयों को निकालना शुरू कर दिया।
3 हजार से लेकर 35 हजार रुपए तक हुए जमा
मामला पश्चिम बंगाल के बर्दवान इलाके में बैंक ऑफ इंडिया और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (ग्रामीण) की शाखाओं का है। खाता धारकों में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब कुछ लोगों के मोबाइल में उनके बैंक खातों में रुपए जमा किए जाने का मैसेज आया। मैसेज देखकर जब लोग अपनी पासबुक में एंट्री कराने के लिए बैंक पहुंचे तो पता चला कि अलग-अलग खातों में 3 हजार से लेकर 35 हजार रुपए तक जमा हुए हुए हैं। लोगों ने जब बैंक अधिकारियों से पूछा कि उनके खाते में ये रुपए कहां से जमा हुए तो बैंक अधिकारी भी कुछ नहीं बता पाए।
बैंक अधिकारी भी हैरान, कहां से आए रुपए
बैंक खातों में रुपए जमा होने की बात से बैंक अधिकारी भी हैरान हैं। अभी तक इन बैंक खातों में रुपए जमा करने वाले सोर्स का कुछ पता नहीं चल पाया है। हालांकि जिन लोगों के खाते में रुपए जमा हुए हैं, उनमें से कुछ का मानना है कि ये रकम इंश्योरेंस कंपनियों ने उनके खाते में जमा की है। वहीं, बैंक के अधिकारी इस बारे में पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कह पा रहे हैं। दूसरी तरफ बैंक खातों में पैसे आने के बाद लोग काफी खुश हैं और कुछ लोगों ने अपने बैंक खातों से इन रुपयों को निकालना भी शुरू कर दिया है।
साल भर पहले भी जमा हुए लोगों के खाते में रुपए
आपको बता दें कि बैंक खातों में अंजान सोर्स से पैसे जमा होने की यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी एक बार इसी इलाके में ऐसी घटना हो चुकी है। दरअसल जनवरी 2019 में यहां अचानक लोगों के पास उनके बैंक खातों में 5 हजार रुपए से लेकर 50 हजार रुपए तक जमा किए जाने का मैसेज आया। जानकारी के मुताबिक करीब 150 लोगों के बैंक खातों में इस तरह रहस्यमय तरीके से रुपए जमा किए गए। बैंक अधिकारियों से जब इस बारे में पूछा गया तो वो ये बताने में नाकाम रहे कि आखिर ये रुपए किसने इन लोगों के खाते में जमा किए हैं।
यूपी के मुरादाबाद में खातों में जमा हुए 10-10 हजार रुपए
वहीं, पिछले साल मार्च में यूपी के मुरादाबाद में भी ऐसा ही मामला सामने आया था। यहां करीब ढ़ाई हजार लोगों के खातों में 10-10 हजार रुपए अचानक पहुंच गए। खातों में रुपए जमा होने की सूचना जैसे ही लोगों के बीच फैली, लोग अपनी-अपनी पासबुक उठाकर बैंक की तरफ दौड़े। बैंक पहुंचकर पता चला कि करीब ढाई हजार लोगों के जनधन खातों में 10700 रुपए की एंट्री हुई है। इसके बाद लोगों ने अपने-अपने खातों से रुपए निकालने शुरू कर दिए। बैंक में लोगों की बढ़ती भीड़ देखकर कर्मचारियों के भी पसीने छूट गए और भीड़ बढ़ती देख कर्मचारी शाखा बंद कर निकल लिए।
बैंक अधिकारियों को बंद करनी पड़ी थी शाखा
अपने खातों से रुपए निकालने के लिए बैंक के बाहर बड़ी संख्या में लोग पहुंच चुके थे और जब भीड़ काबू से बाहर होने लगी तो बैंक के कर्मचारी सेंटर बंद कर वहां से निकल गए। सेंटर बंद होता देख लोगों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। लोग चाहते थे कि उनकी पास बुक में एंट्री की जाए, ताकि वो अपने खाते में आए रुपए निकाल सकें। बैंक अधिकारियों ने आनन-फानन में इस सेंटर के खातों से रुपए निकालने पर तत्काल रोक लगाते हुए मामले की जांच करनी शुरू कर दी। हालांकि तब तक कुछ लोग अपने खातों से रुपए निकाल चुके थे।
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