अमरावती। आंध्र प्रदेश के सतर्कता और प्रवर्तन विभाग ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) में 2014-19 के बीच 404.86 करोड़ रुपये के घोटाले का पता लगाया है। उस समय राज्य में तेलुगु देसम पार्टी की सरकार थी। सतर्कता विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि बीमा चिकित्सा सेवा (आइएमएस) के तीन निदेशकों-बी रवि कुमार, सीके रमेश कुमार और जी विजय कुमार को ईएसआइसी योजना लागू करने में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का दोषी पाया गया है। इन तीन निदेशकों के अलावा पांच संयुक्त निदेशकों और कई अन्य कर्मचारियों को भी घोटाले का दोषी पाया गया है।
राज्य के श्रम मंत्री जी जयराम ने कहा कि सतर्कता विभाग की रिपोर्ट के आधार पर घोटाले में शामिल सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती चंद्रबाबू नायडू सरकार के श्रम मंत्री के अचननायडू और अन्य शीर्ष अधिकारियों को भी कानून के दायरे में लाया जाएगा और घोटाले की राशि बरामद की जाएगी। जयराम ने बयान जारी कर कहा कि उन्हें जेल भेजने में भी हमें कोई हिचक नहीं होगी।
चिटफंड घोटाले में असम से एक और गिरफ्तार
सिलीगुड़ी। चिटफंड घोटाला मामले में एक और आरोपित की गिरफ्तारी हुई है। असम के साथ-साथ सिलीगुड़ी सहित पूरे बंगाल में रियल एस्टेट के नाम पर चिटफंड के जरिए करोड़ो रुपये हड़पने के आरोप में सीबीआइ उत्तर बंगाल की टीम ने उसे असम से गिरफ्तार किया है। वह सेवा रियल एस्टेट लिमिटेड नामक कंपनी का प्रबंध निदेशक है। यह कंपनी असम की ही है। सीबीआइ ने आरोपित सिद्धार्थ नाग को शुक्रवार को ट्रांजिट रिमांड पर लिया। पहले उसकी पेशी असम के एक अदालत में हुई और सीबीआइ उसे ट्रांजिट रिमांड पर लेकर सिलीगुड़ी आई है। से शनिवार को सीबीआई सिलीगुड़ी स्पेशल कोर्ट में पेश किया जाएगा। सीबीआइ उसे रिमांड पर ले सकती है।
सिद्धार्थ ने 2013 से 2017 तक आमलोगों को इस कंपनी ने घर बनाकर देने के नाम पर चूना लगाया। उसने आमलोगों से से 9.14 करोड़ रुपये की उगाही की। मुख्य रूप से असम की यह कंपनी सिलीगुड़ी में भी अपना कारोबार कर रही थी। यहां बता दें कि इन दिनों सीबीआइ चिटफंड घोटाले की जांच कर रही है। इस संबंध में कई मामले दर्ज होने पर इसकी जांच सीबीआइ को सौंप दी गई। इसी क्रम में सिलीगुड़ी के थाने में भी इस कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी।