शनिवार, 22 फ़रवरी 2020

मिलेनिया के लिए ट्रंप प्लेबॉय जैसा था

नई दिल्ली। डोनाल्ड ट्रंप और मेलेनिया ट्रंप दो दिनों बाद 24 फरवरी को भारत के दौरे पर आ रहे है। जिसके बाद पूरे भारत में नमस्ते ट्रंप के पोस्टर और गली-गली में ट्रंप के आने की चर्चा हो रही है।


 मेलेनिया ट्रंप के बारे में आपको कुछ खास बताते बताते है, जो शायद आप उनके बारे में नहीं जानते होंगे। डोनाल्‍ड ट्रंप से शादी करने से पहले मेलेनिया का नाम मेलेनिया नॉस था। 2005 में शादी के बाद वे मेलेनिया ट्रंप बनीं। डोनाल्‍ड की पहली पत्‍नी इवाना के बेटे डोनाल्‍ड ट्रंप जूनियर से मेलेनिया 8 साल छोटी हैं। मेलेनिया और डोनाल्‍ड की शादी में बिल और हिलेरी किलंटन पहुंचे थे। उस समय मेलेनिया ने एक लाख डॉलर की ड्रेस पहनी थी, जिसे बनाने में 550 घंटे का समय लगा था। मेलेनिया यूगोस्‍लोवाकिया में पलीं और वे पांच भाषाएं-स्‍लोवेनियन, इंग्लिश, फ्रेंच, सर्बियन और जर्मन बोल सकती हैं।


मेलेनिया अमेरिका के इतिहास में आज तक की ऐसी पहली फर्स्‍ट लेडी हैं, जिसने न्‍यूड फोटोशूट कराया है। फ्रेंच भाषा  की एक मेंस मैग्‍जीन के लिए मेलेनिया ने यह फोटोशूट कराया था। प्रसिद्ध मैगजीन “जीक्यू” में मेलेनिया की एक फ्रेंड ने बताया कि शुरू में डेटिंग के बाद भी वह ट्रंप पर कतई भरोसा नहीं करती थीं। उनके दिलोदिमाग में ट्रंप की छवि एक प्लबॉय की ही बनी रहती थी। 1999 में उनमें अंतरंग संबंध तो बने लेकिन फिर जल्दी ही ब्रेकअप भी हो गया।


हालांकि कुछ ही महीने बाद दोनों फिर साथ दिखने लगे। अबकी बार दोनों की डेटिंग पांच साल से कुछ ज्यादा चली। तब एक दिन ट्रंप ने 1.5 मिलियन डॉलर की हीरे की बेशकीमती अंगूठी मिलेनिया की अंगुलियों में पहनाते हुए शादी के लिए प्रोपोज किया। ट्रंप से शादी से पहले मेलेनिया को भी वही करना पड़ा, जो ट्रंप की दोनों पूर्व पत्नियों ने किया था। शादी से पहले ही उन्हें ऐसे करार पर साइन करना पड़ा था, जिसमें ये लिखा था कि अगर उनका तलाक होता है तो वो ट्रंप की संपत्ति में कोई हिस्सा नहीं मांगेंगी। मिलेनिया ने भी ऐसा ही किया। 22 जनवरी 2005 को उनकी शादी हो गई। इस शादी से एक बेटा है बैरन ट्रंप।


भाइयों पर रेप का आरोप, परिजन दोषी

 युवती ने लगाए अपने सगे भाइयों पर रेप का आरोप, बताया भाभी और पिता भी बराबर के दोषी हैं


कविता गर्ग


मथुरा। उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में एक युवती ने अपने सगे भाई पर रेप का आरोप लगाया है। पीड़िता का आरोप है कि इस अपराध में उसकी भाभी और पिता भी बराबर के दोषी हैं। पुलिस ने मामले में आरोपी भाई और पिता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। महावन क्षेत्र के पुलिस उपाधीक्षक विनय सिंह चौहान ने बताया, ‘कोतवाली सुरीर के एक गांव में रहने वाले ग्रामीण की पत्नी ने 28 वर्ष पहले दो जुड़वां बच्चों को जन्म दिया था जिसमें एक बेटा और दूसरी बेटी थी। कुछ साल बाद दोनों अलग हो गए और पति ने बेटे को तथा पत्नी ने बेटी को रख लिया।’


उन्होंने बताया, ‘बाद में दोनों ने फिर से शादी की। इस बीच दोनों के ही जीवनसाथी का देहांत हो गया। जिसके बाद पति पत्नी में सुलह हो गई और दोनों अपने बच्चों के साथ रहने लगे। बेटे और बेटी की शादी हो चुकी थी लेकिन पति से विवाद के कारण बेटी मायके में रह रही थी।’


आरोप है कि भाभी की अनुपस्थिति में उसके भाई ने उसे बुआ से मिलाने के बहाने थाना राया के एक अनजान गांव में ले जाकर उससे रेप किया। वापस लौटने पर उसने मां को आपबीती कही और थाने पहुंचकर लिखित शिकायत देकर सख्त कार्रवाई की मांग की। थाना प्रभारी सूरज प्रकाश शर्मा ने बताया, ‘युवती के चिकित्सकीय परीक्षण में दुष्कर्म की पुष्टि होने के बाद उसके भाई के खिलाफ भादवि की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। मामले में भाभी एवं पिता के खिलाफ भी साजिश रचने में सहयोग के आरोप हैं, जिसके चलते पिता को गिरफ्तार कर लिया गया है।


मोहल्लों में महिला सुरक्षा गार्ड होगा तैनात

नई दिल्ली। दिल्ली में प्रचंड बहुमत के बाद अरविंद केजरीवाल एक्शन मोड में आ गए हैं। अब दिल्ली सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए शानदार कदम उठाया है।
केजरीवाल सरकार ने सत्ता संभालने के बाद अपने वादों पर अमल करना शुरू कर दिया है। सरकार महिलाओं की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध रही है। अब इसी दिशा में दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय ने महिला सुरक्षा को लेकर बड़ा फैसला लिया है। महिला सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए सरकार मोहल्ला मार्शल तैनात करने जा रही है। इसके तहत हर मोहल्ले में महिलाओं की सुरक्षा के लिए मार्शल तैनात किए जाएंगे। ऐसा दिल्ली के चप्पे चप्पे पर महिलाओं को सुरक्षित माहौल देने के लिए सरकार कर रही है। केजरीवाल ने महिलाओं की सुरक्षा का वादा अपने घोषणापत्र में किया था। जिसपर सरकार ने सत्ता संभालते ही अमल करना शुरू कर दिया है। सरकार के इस कदम की सोशल मीडिया पर काफी तारीफ हो रही है।


रेप पीड़िता से 5 ने किया गैंगरेप

उन्नाव। शर्मसार करनेवाली घटना सामने आई है। यहां गैंगरेप पीड़िता से पांच लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। पीड़िता ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवायी है। इस मामले में दो लोगों की गिरफ्तारी की गयी है और तीन लोग फरार है। पुलिस के मुताबिक गैंगरेप पीड़िता को न्याय दिलवाने के बहाने पांच लोगों ने महिला के साथ दरिंदगी की। महिला ने सभी आरोपियों पर जान से मारने की कोशिश का आरोप लगाया है। घटना जिले के बांगरमऊ थाने की है।


घटनाक्रम के बारे में महिला ने बताया कि 10 दिसंबर 2012 को उसकी शादी हुई। 13 अक्तूबर 2017 को पति ने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर उसके साथ दुष्कर्म किया। जान से मारने के लिए जहरीला पदार्थ खिला दिया था पर वह किसी तरह बच गई। उसने पति समेत तीनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। इस मामले में पुलिस पति को गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है।


पीड़िता का आरोप है कि इस घटना में न्याय दिलाने के बहाने नवराज सिंह, अनूप सिंह, दिलीप यादव, विश्व नारायण मिश्र व सतीश कुमार ने उससे कहा कि 20 दिन के अंदर न्याय दिला देंगे। पांचों ने उससे 6000 रुपए लिए और सादे कागजात पर अंगूठा लगवा लिया। आरोप है कि पांचों ने उसके साथ दुष्कर्म किया। महिला ने 19 फरवरी को पांचों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज करा दी।


एसपी विक्रांतवीर का कहना है कि आरोपी महिला की पैरवी कर रहे थे। महिला ने उनके खिलाफ गैंगरेप की शिकायत की थी। रिपोर्ट दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम का गठन किया गया है। दो को पकड़ लिया गया है बाकी भी जल्द पकड़े जाएंगे। पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया गया है।


महिला ट्रेनियो के कपड़े उतरवाकर टेस्ट

भुज। गुजरात के भुज के बाद सूरत में भी महिलाओं के साथ ज्यादती की एक शर्मनाक घटना सामने आयी है। सूरत नगर निगम (एसएमसी) ने कथित तौर पर राज्य द्वारा संचालित अस्पताल में 100 महिला क्लर्कों को अपने कपड़े उतारकर लंबे समय तक 10-10 के समूह में खड़े होने के लिए मजबूर किया गया। केवल यही नहीं, उनका गायनोकॉलॉजिकल फिंगर टेस्ट किया गया और निजी सवाल पूछे गए। मामला सामने आने के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग ने कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा है।


जानें पूरा मामला नगरपालिका आयुक्त के पास एसएमसी कर्मचारी संघ की दर्ज शिकायत के मुताबिक, लगभग 100 कर्मचारियों को उस समय जोरदार झटका लगा जब वे अपने अनिवार्य फिटनेस परीक्षण के लिए सूरत म्यूनिसिपल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च पहुंचीं। वरिष्ठ निगम कर्मचारी ने कहा, महिला कर्मचारियों को एक कमरे में लगभग 10 के समूहों में एक साथ नग्न खड़े होने के लिए मजबूर किया गया, जहां उनकी गोपनीयता का कोई ख्याल नहीं रखा गया था। दरवाजा ठीक तरह से बंद नहीं था और केवल पर्दे लगा हुआ था, जिससे बाहर के लोग अंदर न देख सकें। नौकरी के लिए टेस्ट जरूरी बताया जाता है कि महिलाओं को विवादित टू फिंगर टेस्ट से भी गुजरना पड़ा। अविवाहित महिलाओं से भी कथित तौर पर पूछा गया कि क्या वह कभी गर्भवती हुई थीं। कुछ महिलाओं ने आरोप लगाया है कि महिला डॉक्टर जिन्होंने गायनोकोलॉजी का टेस्ट किया, वह उनके साथ अशिष्ट व्यवहार कर रही थी। वहीं, पुरुष प्रशिक्षुओं को एक सामान्य फिटनेस टेस्ट से गुजरना पड़ता है, जिसमें एक समग्र जांच के अलावा आंख, ईएनटी, हृदय और फेफड़े के परीक्षण शामिल होते हैं। तीन साल का प्रोबेशन पूरा होने के बाद कर्मचारी की सेवा की पुष्टि के लिए उसका फिटनेस टेस्ट जरूरी होता है।


 


बांड को वैश्विक सूचकांक में शामिल करना

नई दिल्ली। बजट में किए गए उल्लेख की मांग विदेशी निवेशक बहुत समय से कर रहे थे। बजट में वित्तमंत्री ने कहा था कि कुछ विशेष वर्ग की सरकारी प्रतिभूतियों को घरेलू निवेशकों के लिए उपलब्ध होने के अलावा अप्रवासियों के लिए भी पूरी तरह खोल दिया गया है। ये प्रतिभूतियां सूचकांक पर सूचीबद्ध हैं और इनके लिए लॉक इन पीरियड की जरूरत नहीं है। रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को बताया कि सरकारी बॉन्ड को वैश्विक सूचकांक में शामिल कराने के लिए कई संस्थानों से बातचीत की जा रही है। इस कदम से भारत में बड़ी मात्रा में विदेशी बॉन्ड लाने में मदद मिलेगी, क्योंकि वैश्विक सूचकांक को ट्रैक करने के लिए कई विदेशी बॉन्ड की जरूरत होती है। आगे कहा कि हमारी यह कोशिश सफल रही तो विदेश से बड़ी मात्रा में निष्क्रिय निवेश मिल सकेगा और उद्योगों के लिए घरेलू पूंजी उपलब्ध होगी। इस दिशा में हमारा काम जारी है और हम कई ऐसे संस्थानों से बातचीत कर रहे है, जो वैश्विक सूचकांक की देखरेख करते हैं। हालांकि, इसकी कोई समय सीमा तय नहीं की जा सकती लेकिन जितनी जल्दी संभव होगा, हम इसे पूरा कर लेंगे। केंद्रीय बैंक एनबीएफसी सेक्टर को मुश्किलों से निकालने के लिए 50 एनबीएफसी पर करीबी नजर बनाए हुए है। करीब एक साल की समीक्षा के बाद हमें लगता है कि केवल कुछ ही एनबीएफसी को नकदी संकट का सामना करना पड़ रहा है। उनकी समस्याओं को दूर करने के लिए हम प्रबंधन और प्रवर्तकों के साथ बातचीत कर रहे हैं और बाजार के जरिये अतिरिक्त पूंज उपलब्ध कराने में मदद कर रहे हैं। इन कोशिशों के असर से पिछले कुछ महीनों में पूरे एनबीएफसी क्षेत्र की स्थिति में सुधार दिखने लगा है। अधिकतर एनबीएफसी अब बाजार से पूंजी जुटाने में सक्षम बन रही हैं।


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सभी देशवासियों को होली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।


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