शनिवार, 22 फ़रवरी 2020

चीन विमान भेजने में कर रहा है देरी

नई दिल्ली। चीन में कोरोना वायरस अपना कहर बरपा रहा है। एक ओर जहां चीन के वुहान प्रांत में कोरोना से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वहीं चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत की ओर से मुहैया कराए जा रहे। सहायता लेने के इच्छुक नहीं हैं। दरअसल कोरोना वायरस से प्रभावित चीन के वुहान प्रांत जाने के लिए भारतीय वायुसेना का सी-17 ग्लोबमास्टर तैयार है। लेकिन अभी तक चीन की तरफ से इस विमान को मंजूरी नहीं दी गई है। जानकारी के अनुसार चीन जानबूझकर भारतीय विमान को मंजूरी नहीं दे रहा है। बता दें कि भारत ने 17 फरवरी को एलान किया था कि वायुसेना का सबसे बड़ा सी-17 ग्लोबमास्टर विमान मेडिसिन लेकर चीन जाएगा। यह विमान वापसी में न केवल भारतीय बल्कि वहां फंसे पड़ोसी देशों के नागरिकों को भी लेकर आएगा। लेकिन इस विमान को उड़ान भरने को लेकर चीन ने अभी तक हरी झंडी नहीं दिखाई है। इस महीने की शुरुआत में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को लिखे पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत कोरोना वायरस की चुनौती से निपटने में चीन के लोगों और सरकार के प्रति एकजुट है और देश को सहायता मुहैया कराने की पेशकश दी। मामले से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि मुसीबत की घड़ी में दूसरों की मदद करने के हमारे लोकाचार को देखते हुए। राहतसामग्री की पेशकश की गई, जबकि भारत में खुद इनकी भारी कमी है। जिन सामान की आपूर्ति की जानी है उनमें दस्ताने, सर्जिकल मास्क, फीडिंग पम्प और डिफिब्रिलेटर्स हैं जिनकी आवश्यकता चीन ने जताई थी। एक अनुमान के मुताबिक, वुहान में अभी 100 से अधिक भारतीय रह रहे हैं। कई देशों ने चीन से अपने नागरिकों को निकाल लिया है और वहां कोरोना वायरस के मद्देनजर लोगों और सामान की आवाजाही पर रोक लगा दी है।


खातों में आए 3 हजार से ₹35 हजार तक

वर्धमान। साइबर ठगी के जरिए बैंक खातों से रुपए निकाले जाने की खबरें तो आपने बहुत सुनी होंगी, लेकिन जरा सोचिए कि अचानक आपके मोबाइल पर एक मैसेज आए कि आपके बैंक खाते में किसी ने 35 हजार रुपए जमा कर दिए हैं, तो आपको कैसा लगेगा। पश्चिम बंगाल के बर्दवान इलाके में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां कुछ लोगों के खातों में 3 हजार रुपए से लेकर 35 हजार रुपए तक जमा होने का मैसेज उनके मोबाइल पर आया। मैसेज देखकर जब लोग बैंक पहुंचे और उन्होंने अधिकारियों से इन रुपयों के बारे में पूछा तो उन्हें भी इसके बारे में कुछ नहीं पता था। इसके बाद लोगों ने अपने खातों से इन रुपयों को निकालना शुरू कर दिया।


3 हजार से लेकर 35 हजार रुपए तक हुए जमा


मामला पश्चिम बंगाल के बर्दवान इलाके में बैंक ऑफ इंडिया और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (ग्रामीण) की शाखाओं का है। खाता धारकों में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब कुछ लोगों के मोबाइल में उनके बैंक खातों में रुपए जमा किए जाने का मैसेज आया। मैसेज देखकर जब लोग अपनी पासबुक में एंट्री कराने के लिए बैंक पहुंचे तो पता चला कि अलग-अलग खातों में 3 हजार से लेकर 35 हजार रुपए तक जमा हुए हुए हैं। लोगों ने जब बैंक अधिकारियों से पूछा कि उनके खाते में ये रुपए कहां से जमा हुए तो बैंक अधिकारी भी कुछ नहीं बता पाए।


बैंक अधिकारी भी हैरान, कहां से आए रुपए


बैंक खातों में रुपए जमा होने की बात से बैंक अधिकारी भी हैरान हैं। अभी तक इन बैंक खातों में रुपए जमा करने वाले सोर्स का कुछ पता नहीं चल पाया है। हालांकि जिन लोगों के खाते में रुपए जमा हुए हैं, उनमें से कुछ का मानना है कि ये रकम इंश्योरेंस कंपनियों ने उनके खाते में जमा की है। वहीं, बैंक के अधिकारी इस बारे में पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कह पा रहे हैं। दूसरी तरफ बैंक खातों में पैसे आने के बाद लोग काफी खुश हैं और कुछ लोगों ने अपने बैंक खातों से इन रुपयों को निकालना भी शुरू कर दिया है।


साल भर पहले भी जमा हुए लोगों के खाते में रुपए


आपको बता दें कि बैंक खातों में अंजान सोर्स से पैसे जमा होने की यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी एक बार इसी इलाके में ऐसी घटना हो चुकी है। दरअसल जनवरी 2019 में यहां अचानक लोगों के पास उनके बैंक खातों में 5 हजार रुपए से लेकर 50 हजार रुपए तक जमा किए जाने का मैसेज आया। जानकारी के मुताबिक करीब 150 लोगों के बैंक खातों में इस तरह रहस्यमय तरीके से रुपए जमा किए गए। बैंक अधिकारियों से जब इस बारे में पूछा गया तो वो ये बताने में नाकाम रहे कि आखिर ये रुपए किसने इन लोगों के खाते में जमा किए हैं।


यूपी के मुरादाबाद में खातों में जमा हुए 10-10 हजार रुपए


वहीं, पिछले साल मार्च में यूपी के मुरादाबाद में भी ऐसा ही मामला सामने आया था। यहां करीब ढ़ाई हजार लोगों के खातों में 10-10 हजार रुपए अचानक पहुंच गए। खातों में रुपए जमा होने की सूचना जैसे ही लोगों के बीच फैली, लोग अपनी-अपनी पासबुक उठाकर बैंक की तरफ दौड़े। बैंक पहुंचकर पता चला कि करीब ढाई हजार लोगों के जनधन खातों में 10700 रुपए की एंट्री हुई है। इसके बाद लोगों ने अपने-अपने खातों से रुपए निकालने शुरू कर दिए। बैंक में लोगों की बढ़ती भीड़ देखकर कर्मचारियों के भी पसीने छूट गए और भीड़ बढ़ती देख कर्मचारी शाखा बंद कर निकल लिए।


बैंक अधिकारियों को बंद करनी पड़ी थी शाखा


अपने खातों से रुपए निकालने के लिए बैंक के बाहर बड़ी संख्या में लोग पहुंच चुके थे और जब भीड़ काबू से बाहर होने लगी तो बैंक के कर्मचारी सेंटर बंद कर वहां से निकल गए। सेंटर बंद होता देख लोगों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। लोग चाहते थे कि उनकी पास बुक में एंट्री की जाए, ताकि वो अपने खाते में आए रुपए निकाल सकें। बैंक अधिकारियों ने आनन-फानन में इस सेंटर के खातों से रुपए निकालने पर तत्काल रोक लगाते हुए मामले की जांच करनी शुरू कर दी। हालांकि तब तक कुछ लोग अपने खातों से रुपए निकाल चुके थे।


आंध्र-प्रदेश में ₹450 करोड का घोटाला

अमरावती। आंध्र प्रदेश के सतर्कता और प्रवर्तन विभाग ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) में 2014-19 के बीच 404.86 करोड़ रुपये के घोटाले का पता लगाया है। उस समय राज्य में तेलुगु देसम पार्टी की सरकार थी। सतर्कता विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि बीमा चिकित्सा सेवा (आइएमएस) के तीन निदेशकों-बी रवि कुमार, सीके रमेश कुमार और जी विजय कुमार को ईएसआइसी योजना लागू करने में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का दोषी पाया गया है। इन तीन निदेशकों के अलावा पांच संयुक्त निदेशकों और कई अन्य कर्मचारियों को भी घोटाले का दोषी पाया गया है।


राज्य के श्रम मंत्री जी जयराम ने कहा कि सतर्कता विभाग की रिपोर्ट के आधार पर घोटाले में शामिल सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती चंद्रबाबू नायडू सरकार के श्रम मंत्री के अचननायडू और अन्य शीर्ष अधिकारियों को भी कानून के दायरे में लाया जाएगा और घोटाले की राशि बरामद की जाएगी। जयराम ने बयान जारी कर कहा कि उन्हें जेल भेजने में भी हमें कोई हिचक नहीं होगी। 
चिटफंड घोटाले में असम से एक और गिरफ्तार


सिलीगुड़ी। चिटफंड घोटाला मामले में एक और आरोपित की गिरफ्तारी हुई है। असम के साथ-साथ सिलीगुड़ी सहित पूरे बंगाल में रियल एस्टेट के नाम पर चिटफंड के जरिए करोड़ो रुपये हड़पने के आरोप में सीबीआइ उत्तर बंगाल की टीम ने उसे असम से गिरफ्तार किया है। वह सेवा रियल एस्टेट लिमिटेड नामक कंपनी का प्रबंध निदेशक है। यह कंपनी असम की ही है। सीबीआइ ने आरोपित सिद्धार्थ नाग को शुक्रवार को ट्रांजिट रिमांड पर लिया। पहले उसकी पेशी असम के एक अदालत में हुई और सीबीआइ उसे ट्रांजिट रिमांड पर लेकर सिलीगुड़ी आई है। से शनिवार को सीबीआई सिलीगुड़ी स्पेशल कोर्ट में पेश किया जाएगा। सीबीआइ उसे रिमांड पर ले सकती है।


सिद्धार्थ ने 2013 से 2017 तक आमलोगों को इस कंपनी ने घर बनाकर देने के नाम पर चूना लगाया। उसने आमलोगों से से 9.14 करोड़ रुपये की उगाही की। मुख्य रूप से असम की यह कंपनी सिलीगुड़ी में भी अपना कारोबार कर रही थी। यहां बता दें कि इन दिनों सीबीआइ चिटफंड घोटाले की जांच कर रही है। इस संबंध में कई मामले दर्ज होने पर इसकी जांच सीबीआइ को सौंप दी गई। इसी क्रम में सिलीगुड़ी के थाने में भी इस कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी।


दिल्ली-नोएडा आवागमन को 'एक सड़क'

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त वातार्कारों ने लगातार तीसरे दिन शुक्रवार को शाहीनबाग के प्रदर्शनकारियों से मिलकर उनसे बातचीत की। हालांकि तीसरे दिन भी बातचीत का कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला। वार्ताकारों ने पुलिस से प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा की बात पूछी। पुलिस की तरफ से कहा गया कि हम प्रदर्शनकारियों को सुरक्षा देंगे। इस बात पर प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हमें पुलिस पर भरोसा नहीं है। पुलिस लिखित में लिखकर आश्वासन दे।


वहीं शाहीन बाग में महिला प्रदर्शनकारियों ने उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त वार्ताकारों को शुक्रवार को बताया कि जब इलाके की कई दूसरी सड़कें खुली हुई हैं तो उन्हें किसी दूसरी जगह जाने को क्यों कहा जा रहा है। वार्ताकरा हेगड़े ने कहा, आज शिवरात्रि है। बोलने का हमारा अधिकार है, बोलिए। आप जो कुछ भी कहना चाहते हैं कहिए। यहां प्रभावित सभी पक्षों के लिये एक संयुक्त फैसला लेते हैं। वार्ताकारों ने मामले पर प्रदर्शनकारियों से चर्चा के लिये दिल्ली पुलिस को भी मौके पर बुलाया। 
दिल्ली पुलिस ने स्वीकार किया कि प्रदर्शनकारियों ने समानांतर सड़क अवरुद्ध नहीं की है लेकिन उन्होंने प्रदर्शन स्थल पर सुरक्षा देने के लिये बैरिकेट लगाए हैं। पुलिस ने बताया कि एम्बुलेंस और स्कूल बसों जैसे जरूरी वाहनों को ही इस सड़क से जाने की अनुमति दी जा रही है। पुलिस के एक अधिकारी ने वार्ताकारों को बताया कि समानांतर सड़क के साथ ही कुछ अन्य सड़कों को भी प्रदर्शन स्थल को सुरक्षा मुहैया कराने के लिये बंद किया गया है।


पुलिस अधिकारी ने कहा, हमनें प्रदर्शन स्थल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये समानांतर सड़क पर बैरीकेड लगाए हैं। अगर सड़क यात्रियों के लिये खोल दी जाती है तो हम प्रदर्शनकारियों के लिये दोगुनी सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। वहीं सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त वार्ताकारों ने कहा ‘यहां हमने देखा कि नोएडा से फरीदाबाद वाला रास्ता पुलिस ने बंद कर रखा है जबकि उसका शाहीन बाग से कोई लेना-देना नहीं है। हमारे कहने पर वह रास्ता खोला भी गया लेकिन थोड़ी देर बाद पता चला कि पुलिस ने उसे दोबारा बंद कर दिया। हम कभी नहीं मानेंगे आपने सारे रास्ते बंद किए। वार्ताकारों ने कहा कि, हम खुश थे कि सुबह पुलिस नोएडा-फरीदाबाद मार्ग को खोल देगी लेकिन बाद में फिर निराशा हुई क्योंकि पुलिस ने फिर से बैरिकेड लगा दिए।


80 डिग्री पर सिग्नेचर ब्रिज की लिफ्ट

सिग्नेचर ब्रिज के 154 मीटर ऊपर व्यू गैलरी से दिल्ली दर्शन अभी दूर
श्रम विभाग की इलेक्ट्रिकल ब्रांच जारी करती है अनुमति



नई दिल्ली। यमुना पर बने सिग्नेचर ब्रिज के 154 मीटर ऊपर व्यू गैलरी से दिल्ली दर्शन करने की सुविधा कानूनी अड़चन में फंस गई है। ब्रिज पर व्यू गैलरी तक ले जाने वाली चारों लिफ्ट के टेढ़े चलने से उसको श्रम विभाग के इलेक्ट्रिकल ब्रांच ने अनुमति जारी करने से इंकार कर दिया है। दरअसल एलिवेटर एंड लिफ्ट एक्ट के नियमों के अनुसार लिफ्ट वर्टिकल अप एंड डाउन चलने का प्रावधान है। सिग्नेचर ब्रिज की लिफ्ट कानूनी प्रावधान में कवर नहीं होना है। बता दें दिल्ली में लिफ्ट चलाने के लिए श्रम विभाग का इलेक्ट्रिकल ब्रांच अनुमति जारी करता है। अब इस मामले में दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विकास निगम (डीटीटीडीसी) के अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे है।


वहीं, श्रम विभाग के इलेक्ट्रिकल ब्रांच के अधिकारियों का कहना है उन्होंने कानून के प्रावधानों के साथ संबंधित विभाग को जानकारी उपलब्ध करा दी है।  सिग्नेचर ब्रिज में व्यू गैलरी तक ले जाने में चार लिफ्ट लगाई गई है। इन लिफ्ट के संचालन की अनुमति जारी करने के लिए डीटीटीडीसी ने श्रम विभाग के इलेक्ट्रिकल ब्रांच में आवेदन किया था। इसके साथ ही लिफ्ट की डिजाइन की ड्राइंग भी सबमिट की थी। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया की एलिवेटर एंड लिफ्ट कानून के प्रावधानों के अनुसार सिग्नेचर ब्रिज में लगी लिफ्ट न एलिवेटर के प्रावधानों में कवर हो रही है ना ही लिफ्ट में। इसमें दो लिफ्ट 60 डिग्री और दो 80 डिग्री पर चलने की तकनीकी पर स्थापित हुई है। जबकि कानून के प्रावधानों के अनुसार लिफ्ट वर्टिकल अप एंड डाउन ही चल सकती है। देश में पहली बार सिग्नेचर ब्रिज में नई डिजाइन की लिफ्ट की है।


ट्रंप के सामने प्रस्तुति देंगे कैलाश खेर

नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप पत्नी मेलानिया ट्रंप के साथ 24 फरवरी को दो दिवसीय भारत यात्रा पर आ रहे हैं। इस दौरान उनकी बेटी इवांका भी डोनाल्ड ट्रंप के साथ होंगी। डोनाल्ड ट्रंप अहमदाबाद में 'नमस्ते ट्रंप' में शिरकत करेंगे। वहीं इस दौरान भारतीय सिंगर कैलाश खेर, डोनाल्ड ट्रंप के सामने अपनी प्रस्तूती देंगे। बता दें कि गुजरात के अहमदाबाद में डॉनल्ड ट्रंप के स्वागत की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। एएनआई के साथ खास बातचीत के दौरान सिंगर कैलाश खेर ने बताया कि अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में वो अपनी परफॉर्मेंस देने जा रहे हैं।


कैलाश का कहना है कि 24 फरवरी को डोनाल्ड ट्रंप के सामने वह 'जय-जय कारा, जय-जय कारा स्वामी देना साथ हमारा' गाने से अपनी कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे। वहीं, प्रोग्राम का समापन 'अगड़ बम-बम लहरी' गाने से किया जाएगा। कैलाश खेर इस खास मौके के लिए काफी ज्यादा उत्साहित हैं। उनका कहना है कि कार्यक्रम के दौरान वो अपने गानों पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नचाना भी चाहते हैं। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद वह साबरमती आश्रम भी जाएंगे। डॉनल्ड ट्रंप आगरा में ताजमहल का दीदार भी करेंगे। इसके बाद वह 25 फरवरी को ट्रंप राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के साथ ही हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।


भारत गड रहा है विकास की नई परिभाषा

नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय न्यायिक सम्मेलन (आईजेसी) का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज उद्घाटन किया। इस दौरान उनके साथ केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद भी मौजूद रहें। पीएम मोदी ने आईजेसी सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि परिवर्तन के इस दौर में भारत नई ऊंचाई भी हासिल कर रहा है, नई परिभाषाएं गढ़ रहा है और पुरानी अवधारणाओं में बदलाव ला रहा है। पहले कहा जाता था तेजी से विकास और पर्यावरण की रक्षा एक साथ होना संभव नहीं है। भारत ने इस अवधारणा को भी बदला है। पीएम मोदी ने कहा कि कॉन्फ्रेंस 21वीं सदी के तीसरे दशक के शुरुआत में हो रही है। ये दशक भारत सहित पूरी दुनिया में होने वाले बड़े बदलावों का है। ये बदलाव सामाजिक, आर्थिक, और तकनीकी हर क्षेत्र में होंगे। ये बदलाव तर्क संगत और न्याय संगत होने चाहिए। ये बदलाव सभी के हित में होने चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा कि हर भारतीय की न्यायपालिका पर बहुत आस्था है। हाल में कुछ ऐसे बड़े फैसले आए हैं, जिनको लेकर पूरी दुनिया में चर्चा थी। फैसले से पहले अनेक तरह की आशंकाएं व्यक्त की जा रही थीं। लेकिन हुआ क्या? सभी ने न्यायपालिका द्वारा दिए गए इन फैसलों को पूरी सहमति के साथ स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि तमाम चुनौतियों के बीच कई बार देश के लिए संविधान के तीनों पिलर ने उचित रास्ता ढूंढा है। हमें गर्व है कि भारत में इस तरह की एक समृद्ध परंपरा विकसित हुई है। बीते पांच वर्षों में भारत की अलग-अलग संस्थाओं ने, इस परंपरा को और सशक्त किया है।


'साक्षरता एवं जागरूकता' शिविर का आयोजन

'साक्षरता एवं जागरूकता' शिविर का आयोजन  गणेश साहू  कौशाम्बी। दिनांक 27 नवंबर 2024 को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्त्वावधान में वि...