शनिवार, 22 फ़रवरी 2020

महिला ट्रेनियो के कपड़े उतरवाकर टेस्ट

भुज। गुजरात के भुज के बाद सूरत में भी महिलाओं के साथ ज्यादती की एक शर्मनाक घटना सामने आयी है। सूरत नगर निगम (एसएमसी) ने कथित तौर पर राज्य द्वारा संचालित अस्पताल में 100 महिला क्लर्कों को अपने कपड़े उतारकर लंबे समय तक 10-10 के समूह में खड़े होने के लिए मजबूर किया गया। केवल यही नहीं, उनका गायनोकॉलॉजिकल फिंगर टेस्ट किया गया और निजी सवाल पूछे गए। मामला सामने आने के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग ने कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा है।


जानें पूरा मामला नगरपालिका आयुक्त के पास एसएमसी कर्मचारी संघ की दर्ज शिकायत के मुताबिक, लगभग 100 कर्मचारियों को उस समय जोरदार झटका लगा जब वे अपने अनिवार्य फिटनेस परीक्षण के लिए सूरत म्यूनिसिपल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च पहुंचीं। वरिष्ठ निगम कर्मचारी ने कहा, महिला कर्मचारियों को एक कमरे में लगभग 10 के समूहों में एक साथ नग्न खड़े होने के लिए मजबूर किया गया, जहां उनकी गोपनीयता का कोई ख्याल नहीं रखा गया था। दरवाजा ठीक तरह से बंद नहीं था और केवल पर्दे लगा हुआ था, जिससे बाहर के लोग अंदर न देख सकें। नौकरी के लिए टेस्ट जरूरी बताया जाता है कि महिलाओं को विवादित टू फिंगर टेस्ट से भी गुजरना पड़ा। अविवाहित महिलाओं से भी कथित तौर पर पूछा गया कि क्या वह कभी गर्भवती हुई थीं। कुछ महिलाओं ने आरोप लगाया है कि महिला डॉक्टर जिन्होंने गायनोकोलॉजी का टेस्ट किया, वह उनके साथ अशिष्ट व्यवहार कर रही थी। वहीं, पुरुष प्रशिक्षुओं को एक सामान्य फिटनेस टेस्ट से गुजरना पड़ता है, जिसमें एक समग्र जांच के अलावा आंख, ईएनटी, हृदय और फेफड़े के परीक्षण शामिल होते हैं। तीन साल का प्रोबेशन पूरा होने के बाद कर्मचारी की सेवा की पुष्टि के लिए उसका फिटनेस टेस्ट जरूरी होता है।


 


बांड को वैश्विक सूचकांक में शामिल करना

नई दिल्ली। बजट में किए गए उल्लेख की मांग विदेशी निवेशक बहुत समय से कर रहे थे। बजट में वित्तमंत्री ने कहा था कि कुछ विशेष वर्ग की सरकारी प्रतिभूतियों को घरेलू निवेशकों के लिए उपलब्ध होने के अलावा अप्रवासियों के लिए भी पूरी तरह खोल दिया गया है। ये प्रतिभूतियां सूचकांक पर सूचीबद्ध हैं और इनके लिए लॉक इन पीरियड की जरूरत नहीं है। रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को बताया कि सरकारी बॉन्ड को वैश्विक सूचकांक में शामिल कराने के लिए कई संस्थानों से बातचीत की जा रही है। इस कदम से भारत में बड़ी मात्रा में विदेशी बॉन्ड लाने में मदद मिलेगी, क्योंकि वैश्विक सूचकांक को ट्रैक करने के लिए कई विदेशी बॉन्ड की जरूरत होती है। आगे कहा कि हमारी यह कोशिश सफल रही तो विदेश से बड़ी मात्रा में निष्क्रिय निवेश मिल सकेगा और उद्योगों के लिए घरेलू पूंजी उपलब्ध होगी। इस दिशा में हमारा काम जारी है और हम कई ऐसे संस्थानों से बातचीत कर रहे है, जो वैश्विक सूचकांक की देखरेख करते हैं। हालांकि, इसकी कोई समय सीमा तय नहीं की जा सकती लेकिन जितनी जल्दी संभव होगा, हम इसे पूरा कर लेंगे। केंद्रीय बैंक एनबीएफसी सेक्टर को मुश्किलों से निकालने के लिए 50 एनबीएफसी पर करीबी नजर बनाए हुए है। करीब एक साल की समीक्षा के बाद हमें लगता है कि केवल कुछ ही एनबीएफसी को नकदी संकट का सामना करना पड़ रहा है। उनकी समस्याओं को दूर करने के लिए हम प्रबंधन और प्रवर्तकों के साथ बातचीत कर रहे हैं और बाजार के जरिये अतिरिक्त पूंज उपलब्ध कराने में मदद कर रहे हैं। इन कोशिशों के असर से पिछले कुछ महीनों में पूरे एनबीएफसी क्षेत्र की स्थिति में सुधार दिखने लगा है। अधिकतर एनबीएफसी अब बाजार से पूंजी जुटाने में सक्षम बन रही हैं।


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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


फरवरी 23, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-196 (साल-01)
2. रविवार, फरवरी 23, 2020
3. शक-1941,फाल्गुन - कृष्ण पक्ष, तिथि-अमावस्या, संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 06:54,सूर्यास्त 06:10
5. न्‍यूनतम तापमान 12+ डी.सै.,अधिकतम-22+ डी.सै., हल्की बरसात की संभावना।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


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शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2020

सभी स्थानों पर लिखा जाएगा प्रयागराज

 बृजेश केसरवानी 


 प्रयागराज जनपद के रेलवे स्टेशनों का हुआ नाम परिवर्तन,
उत्तर प्रदेश सरकार ने जारी की अधिसूचना 


लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार योगी आदित्यनाथ ने माह अक्टूबर 2018 में मार्गदर्शक मंडल की बैठक के दौरान इलाहाबाद का नाम परिवर्तित कर प्रयागराज किए जाने की बात कही थी तदुपरांत इलाहाबाद मंडल और जनपद का नाम परिवर्तित कर प्रयागराज कर दिया गया था। इसी क्रम में मण्डलायुक्त प्रयागराज मण्डल डॉ आशीष कुमार गोयल ने प्रयागराज जनपद के रेलवे स्टेशनों का नाम परिवर्तित किए जाने हेतु एक प्रस्ताव उत्तर प्रदेश सरकार को भेजा था जिसे उत्तर प्रदेश सरकार ने भारत सरकार को प्रेषित किया था। दिनांक 19 फरवरी 2020 को भारत सरकार द्वारा अनापत्ति प्रदान किए जाने के फलस्वरुप उत्तर प्रदेश सरकार ने दिनांक 20 फरवरी 2020 को जनपद प्रयागराज के रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने की अधिसूचना जारी कर दी। इस अधिसूचना के अनुसार अब इलाहाबाद जंक्शन का नाम प्रयागराज जंक्शन, इलाहाबाद सिटी का नाम प्रयागराज रामबाग, इलाहाबाद छिवकी का नाम प्रयागराज छिवकी तथा प्रयागघाट स्टेशन का नाम प्रयागराज संगम हो गया है।


सीएम ने वापस लिया नसबंदी का आदेश

भोपाल। कमलनाथ सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को हर महीने 5 से 10 पुरुषों के नसंबदी ऑपरेशन कराने का आदेश विवाद बढ़ने के बाद शुक्रवार को वापस ले लिया है। स्वास्थ्य मंत्री तुलसीराम सिलावट ने यह जानकारी दी। वहीं, राज्य सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की राज्य निदेशक छवि भारद्वाज को पद से हटा दिया है। दरअसल, भारद्वाज ने अपने आदेश में कहा था कि कर्मचारियों को टारगेट पूरा नहीं करने पर नो-वर्क, नो-पे के आधार पर वेतन नहीं दिया जाएगा। इतना ही नहीं कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी जाएगी। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस सरकार के इस आदेश की तुलना इमरजेंसी के दौरान संजय गांधी के नसबंदी अभियान से की थी।


राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक ने अधिकारियों को पत्र लिखा


परिवार नियोजन के अभियान के तहत हर साल प्रदेश के जिलों को कुल आबादी के 0.6% नसबंदी ऑपरेशन का टारगेट दिया जाता है। इंदौर में यह टारगेट 22 हजार ऑपरेशन का है। कुछ जिले इसे हासिल कर भी लेते हैं, लेकिन इनमें पुरुषों की सहभागिता बहुत कम है। हाल ही में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक छवि भारद्धाज ने इस पर नाराजगी जताते हुए सभी कलेक्टर और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को पत्र लिखा।


इसमें भारद्वाज ने कहा- प्रदेश में मात्र 0.5% पुरुष नसबंदी के ऑपरेशन किए जा रहे हैं। अब ‌विभाग के पुरुषकर्मियों को जागरूकता अभियान के तहत परिवार नियोजन का टारगेट दिया जाए। इस पत्र के बाद इंदौर सीएमएचओ कार्यालय ने पत्र जारी कर कर्मचारियों से कहा कि अगर टारगेट के तहत काम नहीं किया तो अनिवार्य सेवानिवृत्ति के प्रस्ताव भेजेंगे। अफसरों के मुताबिक, प्रदेश की आबादी 7 करोड़ से अधिक है, हर साल 6 से 7 लाख नसबंदी ऑपरेशन के टारगेट होते हैं, पर पिछले साल ये संख्या सिर्फ 2514 रही।


25 जिलों का टोटल फर्टिलिटी रेट 3 से ज्यादा


प्रदेश में 25 जिले ऐसे हैं, जहां का टोटल फर्टिलिटी रेट (टीएफआर) तीन से अधिक है, जबकि मप्र में 2.1 टीएफआर का लक्ष्य है। टीएफआर का मतलब है कि एक महिला जीवनकाल में कितने बच्चों को जन्म देती है। कुछ जिलों में टारगेट भी हासिल नहीं हो पाते हैं, जिससे पूरे प्रदेश के आंकड़े बिगड़ते हैं। लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. ललित मोहन पंत के मुताबिक, पुरुष नसबंदी तुलनात्मक रूप से आसान है। इसमें एनेस्थीसिया देने की जरूरत नहीं होती है। जोखिम भी कम होते हैं। कई बार महिलाएं पति के न करवाने पर मजबूरी में ये ऑपरेशन करवाती हैं।


स्वास्थ्य कर्मचारी बोले- जबरन ऑपरेशन तो नहीं करा सकते


सरकार के आदेश के बाद एमपीडब्ल्यू और पुरुष सुपरवाइजरों ने विरोध शुरू कर दिया था। उनका कहना है कि वे जिले में घर-घर जागरूकता अभियान तो चला सकते हैं, लेकिन किसी का जबरदस्ती नसबंदी ऑपरेशन नहीं करवा सकते। वहीं, भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा- नसबंदी के मामले में ऐसा लग रहा है कि मप्र में आपातकाल लगा हो और संजय गांधी की चौकड़ी अपने नियम बनाकर शासन चलाने का प्रयास कर रही हो। हालांकि, कांग्रेस प्रवक्ता सैय्यद जाफर का कहना था कि आदेश का मकसद सिर्फ नसबंदी के लक्ष्य को पूरा करना है। वेतन वृद्धि रोकना या नौकरी से निकाल देना मकसद नहीं है।


एफएटीएफ ने पाकिस्तान को दी चेतावनी

पेरिस। एफएटीएफ ने पाक को चेतावनी देते हुए चार महीने में सुधरने का मौका दिया है। एफएटीएफ ने कहा है कि अगर पाक जून 2020 तक नहीं सुधरा पाक तो उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। पाकिस्तान को पिछले साल अक्टूबर में आतंक को पनाह देने और फंड मुहैया कराने के कारण ग्रे लिस्ट में डाल दिया गया था। पाकिस्तान पर आरोप था कि वह लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों को फंड देता है। दरअसल फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने में पाकिस्तान विफल रहा है। बता दें कि एफएटीएफ की बैठक में शुक्रवार को यह फैसला लिया गया। यह बैठक फ्रांस की राजधानी पेरिस में 16 फरवरी से चल रही थी। इस बैठक में पाकिस्तानी दल का नेतृत्व पाकिस्तान के वित्त मंत्री हम्माद अजहर कर रहे थे। बता दें कि पाक को जून 2020 तक का समय दिया गया है। इस समय अवधि में उसे 27 प्वाइंट एक्शन प्लान पर काम करना होगा। अगर वह इसमें कामयाब हो जाता है तो ग्रे-लिस्ट से बाहर आ सकता है। लेकिन अगर वह इस पर अमल करने में विफल रहा तो ब्लैक लिस्ट में जा सकता है। हालांकि पाकिस्तान का कहना है कि वह ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के अपने प्रयास से संतुष्ट है। वह जून तक सभी शर्तों पर काम पूरा कर लेगा और ग्रे लिस्ट से बाहर निकल जाएगा। आतंकवाद को समर्थन देने के कारण फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पिछले साल अक्टूबर में उसे ग्रे-लिस्ट में डाल दिया था। पाकिस्तान पर आरोप था कि वह आतंकी संगठनों को फंड मुहैया कराने वाले नेटवर्क का समर्थन करता है. बाद में एफएटीएफ के दबाव के चलते पाकिस्तान ने दिखावे के लिए कुछ कदम उठाए लेकिन वह अपनी कार्रवाई से एफएटीएफ को संतुष्ट नहीं कर पाया है।


सोरेन ने 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली

सोरेन ने 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली  इकबाल अंसारी  रांची। झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन ने गुरुवार को शपथ ली। ...