गुरुवार, 20 फ़रवरी 2020

'राशन की होम डिलीवरी' होगी लागू

नई दिल्ली। विधानसभा चुनाव में मिली बंपर जीत के बाद अब केजरीवाल सरकार अपने चुनावी वादों को हकीकत में बदलना चाहती है। इसके तहत दिल्ली सरकार ने राशन को सीधे उपभोक्ता के घर तक पहुंचाने की योजना को लागू करने का फैसला लिया है। सरकार ने पहली बार राशन की होम डिलीवरी का नियम वर्ष 2018 में बनाया था हालांकि तब दिल्ली के उपराज्यपाल ने इस नियम को मंजूरी नहीं दी। चुनाव नतीजों के तुरंत बाद हरकत में आई केजरीवाल सरकार ने राशन की होम डिलीवरी का प्रारूप तय करना शुरू कर दिया है। दिल्ली के खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री इमरान हुसैन ने इस विषय पर खाद्य उपभोक्ता विभाग के कमिश्नर एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की है। इस बैठक में अधिकारियों से राशन की डोर स्टेप डिलीवरी के कार्यान्वयन की योजना बनाने को कहा गया है। विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की जनता से राशन की होम डिलीवरी का वादा किया था। यही कारण है कि अब राशन की होम डिलीवरी दिल्ली सरकार के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की सबसे बड़ी प्राथमिकता बन गया है। खाद्य उपभोक्ता विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “बैठक के दौरान खाद्य मंत्री को राशन की डोर स्टेप डिलीवरी की पूरी कार्ययोजना की मौजूदा स्थिति की जानकारी दी गई। मंत्री को बताया गया कि योजना को पूरा करने के किए विभाग द्वारा जमीनी स्तर पर समुचित काम किया जा रहा है, जिसके सकारात्मक परिणाम जल्द ही दिखाई देंगे।” बता दें कि सरकारी राशन की होम डिलीवरी स्कीम को लागू करने की उपराज्यपाल और केंद्र ने वर्ष 2018 में अपनी मंजूरी नहीं दी थी। तभी से यह मामला अधर में लटका हुआ है। वहीं इस विधानसभा चुनाव में राशन की होम डिलीवरी आम आदमी पार्टी का प्रमुख चुनावी वादा रहा है। इसी को देखते हुए खाद्य मंत्री ने विभाग के कमिश्नर को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि योजना के कार्यान्वयन में अब और ज्यादा देरी न हो। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में भी राशन की होम डिलीवरी पर चर्चा की है। कैबिनेट मीटिंग में खासतौर पर 10 गारंटी योजनाओं पर चर्चा की गई। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान केजरीवाल का गारंटी कार्ड जारी किया था। कैबिनेट की बैठक में मंत्रिमंडल सहयोगियों के अलावा दिल्ली के मुख्य सचिव और प्रधान सचिव स्तर के अधिकारी मौजूद रहे। दिल्ली सरकार की यह योजना गरीबों और जरूरतमंदों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के तहत उनके दरवाजे तक राशन की उपलब्धता सुनिश्चित करवाएगी।


शिवरात्रि को लेकर हुई, हाई लेवल बैठक

ADG IG SSP द्वारा प्रयागराज रिजर्व पुलिस लाइन में जिले के समस्त थाना प्रभारियों के साथ की गई हाई लेवल मीटिंग सुरक्षा व्यवस्था के लिए गई जानकारी



महाशिवरात्रि पावन अवसर से पहले जिले के वरिष्ठ अधिकारी ने थाना प्रभारियों की लगाई क्लास


बृजेश केसरवानी


प्रयागराज। प्रयागराज रिजर्व पुलिस लाइन में रात 11:00 बजे जिले के समस्त थाना प्रभारी के साथ एडीजी प्रेमप्रकाश आईजी प्रयागराज, एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध प्रयागराज ने की हाई लेवल मीटिंग, सुरक्षा-व्यवस्था की जानकारी लिए जिले के कप्तान द्वारा सभी थाना प्रभारियों को निर्देश जारी किया गया। अपने क्षेत्र में वांछित अपराधी, अवैध गांजा, शराब, अवैध खनन पर रोक लगाने का हर संभव प्रयास करें। प्रयागराज जनपद को अपराध मुक्त बनाना हमारा संकल्प है ।अपने क्षेत्र में पेट्रोलिंग करके क्षेत्रवासियों की सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी लेते रहे। कोई भी अराजकता एवं अपरिचित व्यक्ति दिखाई दे फौरन उसे गिरफ्तार कर पूछताछ की जाए। ताकि जनपद में कानून व्यवस्था मजबूत बनी रहे।


धरने में 40 वें दिन शरबत की सबील

भारत एक धर्म निर्पेक्ष मुल्क है इसे गोडसेवादियों के हाँथ गिरवीं नहीं होने देंगे। (विनय कुमार सिन्हा)


एनपीआर,एनआरसी,सीएए पे वक्ताओं ने हल्ला बोला, इन्केलाबी नारा लगा कर लोगों में भरा जाता रहा जोश, लोहिया विचार मंच के राष्ट्रीय संयोजक विनय कुमार सिन्हा पहोँचे मंसूर पार्क
धरने के चालिसवें दिन हज़रत इमाम हुसैन की याद में लगाई गई शरबत की सबील


प्रयागराज। मंसूर अली पार्क में एनपीआर, एनआरसी और सीएए के खिलाफ चल रहे धरने के ४० वें दिन भी महिलाओं का हुजूम उमड़ा।लोहिया मंच के राष्ट्रीय संयोजक विनय कुमार सिन्हा ने मोदी सरकार पर जम कर हमला बोला।कहा एनआरसी,सीएए और एनपीआर हमारे देश की संस्कृति के खिलाफ है।यह देश बाबा साहब के संविधान पर चलता आया है और जो भी लोकतंत्र और संविधान मे विश्वास रखते हैं वह इस काले का़नून का विरोध कर रहे हैं जो गाँधी और बाबा साहब के संविधान को नहीं मानते वह मुठ्ठी भर लोग इस काले क़ानून के समर्थन में है।यह देश सेकुलर है और रहेगा।हम लोग अपने जीते जी गोडसेवादीयों के मंसूबे को सफल नहीं होने देंगे।वहीं अल्पसंख्यक सभा के मो०शारिक़ ने महिलाओं के जज़बे को सलाम करते हुए एनपीआर एनआरसी और सीएए से देश भर के मुस्लिमों के साथ दलित,पिछड़े और बेघर हो चूके लोगों के लिए इस काले क़ानून को अभिषाप बताया।इफ्तेखार अहमद ने अपने जोशीले भाषण से केन्द्र सरकार पर जमकर तीखे तीर छोड़े।कहा सरकार में तेरे दम है कितना देखा है और देखेंगे। सायरा अहमद,सबीहा मोहानी,खुशनूमा बानो ने इन्क़ेलाबी नारों से जुलूस में आई महिलाओं का जोश भरे अन्दाज़ मे इन्क़ेलाब ज़िन्दाबाद नारी शक्ति ज़िन्दाबाद हिन्दुस्तान ज़िन्दाबाद का नारा लगा कर इस्तेक़बाल किया।वहीं वक्ताओं व नुक्कड़ नाटक में शामिल गीता विश्वकर्मा, शालिनी,ज्योती यादव,शिवानी,अजय कुमार गुप्ता,शैलेन्द्र पासवान,नबीला उसमानी,नौशाबा खान,नाज़नीन बेगम,अलफिशाँ  ने एनपीआर एनआरसी और सीएए के खिलाफ जमकर हमला बोला और काले क़ानून की वापसी तक आन्दोलन जारी रखने की मंशा भी ज़ाहिर कर दी।आज भी मंसूर अली पार्क मे करैली,गौसनगर,अटाला,बैदन टोला,बख्शी बाज़ार,दायरा शाह अजमल,रानी मण्डी आदि क्षेत्रों से सैकड़ों महिलाओं ने तिरंगा लेकर जुलूस निकाला और विभिन्न मोहल्लों मे गश्त करते हुए मंसूर अली पार्क का रुख किया।मंसूर पार्क में चल रहे आन्दोलन के ४०वें दिन भी ज़ीशान रहमानी,अब्दुल्ला तेहामी,सै०मो०अस्करी,उमर खालिद,इरशाद उल्ला,अफसर महमूद,तारीक़ खान,पार्षद फज़ल खान,पार्षद रमीज़ अहसन,पार्षद अक़िलुर्रहमान,शोऐब अन्सारी,शाहिद अली राजू ,सै०मो०शहाब आदि ने भी जोशीले अन्दाज़ में काले क़ानून पर जमकर भढ़ास निकालते हुए आन्दोलन को जारी रखने के साथ शान्तिपूर्वक आन्दोलन जारी रखने की बात कही।


 हज़रत इमाम हुसैन की हक़ और इन्सानियत की खातिर दी गई क़ुरबानी और करबला के मैदान में तीन दिन की भूख और प्यास की शिद्दत के बाद भी हक़ पर रह कर जामे शहादत नोश फरमाने और दूनिया के लोगों को यह संदेश देने के लिए की अगर हम हक़ पर हैं तो दूनिया की कोई ताक़त हमे परास्त नहीं कर सकती ।इसी जज़बे को लेकर रौशन बाग़ मे शबे जुमा शरबत की सबील लगा कर लोगों को शरबत पिलाया गया।मंसूर पार्क के पीछे बने टेन्ट नूमा स्टाल के आस पास.काले झण्डे और इमाम हुसैन के संदेश वाले तरहा तरहा बैनर लगाए गए थे।सबील का इन्तेज़ाम करने वालों में खुशनूद रिज़वी,अली रिज़वी,शाही,आसिफ आदि थे।


बृजेश केसरवानी


राज्य स्थापना पर पीएम की बधाई

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिज़ोरम और अरुणाचल प्रदेश के स्पापना दिवस पर वहां के लोगों को बधाई दी है। प्रधानमंत्री ने मिजोरम के लोगों को प्रेषित संदेश में कहा मिजोरम के स्थापना दिवस पर राज्य के नायाब लोगों को बधाई। हमें इस राज्य की समृद्ध संस्कृति पर गर्व है। मिजोरम के लोगों ने कई क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है और देश के विकास में योगदान दिया है। मैं आने वाले वर्षों में मिजोरम के विकास की कामना करता हूं। 
अरुणाचल प्रदेश के नाम अपने संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा ‘अरुणाचल प्रदेश के स्थापना दिवस पर राज्य के लोगों को बधाई। यह राज्य देशभक्ति और राष्ट्र के विकास के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का पर्याय है। मैं अरुणाचल प्रदेश की निरंतर प्रगति की कामना करता हूं।


आंगनवाड़ी केंद्रों पर अन्नप्राशन दिवस

 जिलाधिकारी बीएन सिंह के नेतृत्व में आंगनबाड़ी केन्द्रों पर मना अन्नप्राशन दिवस


‘मां के दूध के संग अर्ध ठोस आहार, बने चुस्ती, फुर्ती और मजबूती का आधार’


गौतम बुध नगर। जनपद के सभी 1108 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर गुरूवार को अन्नप्राशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम में छह  माह पूर्ण कर चुके बच्चों के परिवार के सदस्यों  को आंगनबाड़ी केंद्रों पर बुलाकर उन्हें बच्चों को ऊपरी आहार देने के संबंध में पूर्ण जानकारी दी गयी। छह माह के पश्चात मां का दूध बच्चे के शारीरिक एवं मानसिक विकास हेतु पर्याप्त नहीं रह जाता । छह से आठ माह तक की आयु तक बच्चों को 200 ग्राम की कटोरी की माप से आधा कटोरी दिन में दो बार मसला हुआ एवं नरम भोजन अलग कटोरी में खिलाना अत्यंत आवश्यक है, इसके साथ स्तनपान जारी रखा जाना है। बच्चे को गाढ़ी दाल, मसली नरम खिचड़ी,दलिया,मसले फल खिलाए जा सकते हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा छह माह के बच्चों को केंद्र पर आमंत्रित करने के लिए आकर्षक आमंत्रण पत्र तैयार कर उनके परिवारों को दिए गये। गुरूवार को 1100 बच्चों का अन्नप्राशन किया गया।


आकर्षक आमंत्रण पत्र ने किया प्रभावित


जिला कार्यक्रम अधिकारी पूनम तिवारी ने बताया कि जनपद में इस बार अन्नप्राशन दिवस पर माताओं को बुलाने के लिए विशेष रूप से आमंत्रण पत्र तैयार किये गये। यह आमंत्रण पत्र आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपने हाथों से तैयार किये। आमंत्रण पत्रों पर अलग-अलग स्लोगन भी लिखे गये थे, जैसे ‘ कोई बहाना नहीं होगा, अन्नप्राशन दिवस जरूर मनाना होगा’, ‘छह माह के बाद मां के दूध के संग अर्ध ठोस आहार, बने चुस्ती, फुर्ती और मजबूती का आधार’ । स्लोगन के अलावा कुछ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने आकर्षक चित्रकारी भी थी। कुछ ने आमंत्रण पत्र पर लिख दिया कि बच्चे को क्या खिलाएं। आमंत्रण पत्र हर उन माताओं को व्यक्तिगत रूप से दिये गये, जिनके बच्चे छह माह के हो गये हैं। सभी को सपरिवार बुलावा दिया गया। उन्होंने बताया सभी का आह्वान किया गया कि बच्चों को स्वस्थ एवं पुष्ट बनाने के इस जनांदोलन में अपनी महत्वपूर्ण सहभागिता देकर बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास के साथ ही एक स्वस्थ एवं सुदृढ राष्ट्र निर्माण में भागीदार बनें। जेवर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता राजबाला ने बताया व्यक्तिगत आमंत्रण पत्र देने से महिलाओं की उपस्थिति बढ़ी।


जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि बच्चों को स्तनपान के साथ-साथ ऊपरी आहार की भी अत्यंत आवश्यकता होती है, इसलिए उनको उचित मात्रा में ऊपरी आहार देना जरूरी है। इससे शारीरिक, मानसिक व बौद्धिक विकास तेजी से होता है। अलग-अलग केन्द्रों पर मनाये गये कार्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने कटोरी चम्मच बच्चे की माताओं को देकर समझाया कि माप के अनुसार बच्चों को आहार देते रहना चाहिये। सभी को यह भी बताया गया कि यदि बच्चों को ऊपरी आहार नहीं दिया जाएगा तो वह कुपोषण का शिकार हो जाएगा।


गेझा आंगनबाड़ी केन्द्र पर अपने बच्चे को लेकर पहुंची सुमित्रा देवी ने कहा कि इस कार्यक्रम से हमें बच्चे के आहार के संबंध में काफी जानकारी मिली, यहां हमें पता चला कि बच्चे को क्या फायदा करता है क्या नुकसान। उन्होंने कहा कि हम अपने बच्चे को बिस्कुट ज्यादा देते थे, यहां पता चला कि ज्यादा बिस्कुट नुकसान करता है, ताजा बना और पौष्टिक आहार या ताजा फल देना चाहिए। जिला सूचना अधिकारी गौतम बुद्ध नगर


फाइबर के मंदिर में विराजेगे रामलला

नई दिल्ली। राम मंदिर निर्माण का काम शुरू होने से पहले ही रामलला विराजमान को गर्भगृह से हटाकर अस्थायी मंदिर में ले जाया जाएगा। यह मंदिर फाइबर का होगा। इसके लिये अधिगृहीत परिसर में मानस भवन के पास के हिस्से में अयोध्या प्रशासन की तरफ नाप-जोख करवाई गई है।


15 दिन बाद अयोध्या में ट्रस्ट की होने वाली बैठक में राम मंदिर निर्माण की तिथि तय होने के साथ अस्थायी मंदिर के स्वरूप को भी स्वीकृति मिलेगी। इसके बाद बतौर अयोध्या के जिलाधिकारी अस्थायी मंदिर की व्यवस्था को अंतिम रूप देंगे। यहां श्रद्धालुओं के लिए दर्शन-पूजन का विशेष इंतजाम भी किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, रामलला के दर्शन व निकासी का मार्ग अलग-अलग बनाया जाएगा, जिससे भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।


गौरतलब है कि 6 दिसंबर, 1992 की घटना के बाद से ही रामलला अस्थायी टेंट में विराजमान हैं। जब तक मंदिर का निर्माण पूरा नहीं हो जाता, रामलला वर्तमान स्थल से शिफ्ट होकर फाइबर के मंदिर में विराजेंगे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ट्रस्ट की बैठक में इसका पूरा मसौदा रखकर स्वीकृति ली जाएगी। प्रस्ताव में रामलला के लिए भव्य फाइबर का मंदिर बनाने का उल्लेख है। उन्हें मानस भवन के दक्षिण में शिफ्ट किया जाएगा। यहां रामलला चारों भाइयों, हनुमानजी व सालिग्राम भगवान के साथ विराजेंगे।


रामजन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया, “रामलला के भव्य मंदिर निर्माण कार्य प्रारंभ होने में अब देर नहीं है। इसलिए उससे पहले उन्हें टेंट से बाहर निकालने की भी तैयारी पूरी की जा चुकी है। इंजीनियरों की टीम ने इसके लिए अधिगृहीत परिसर में नाप-जोख की है। रामलला को शिफ्ट करने की जगह को चिह्न्ति किया जा चुका है।”


रामलला विराजमान, राजस्व गांव और सरकार के 67 एकड़ जमीन और उससे जुड़ी भूमि को मिलाकर नया राजस्व ग्राम श्रीरामलला विराजमान बनाने की तैयारी कर रही है। आसपास की कुछ और जमीनों के अधिग्रहण के बाद इसका पूरा क्षेत्र करीब 100 एकड़ तक हो सकता है। विहिप के सूत्रों का दावा है कि श्रीरामलला राजस्व ग्राम अयोध्या नगर निगम में दर्ज होकर श्रीरामलला शहर हो जाएगा, इसकी कवायद शुरू हो चुकी है।


पाक ने सरकारी ब्रीफिंग की खारिज

इस्लामाबाद। चीन में कोरोनावायरस का कहर जारी है, ऐसे में वहां फंसे पाकिस्तानी छात्रों के परिजनों ने छात्रों को वापस लाने की मांग के साथ ही सरकार की ब्रीफिंग को खारिज कर दिया। मीडिया ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी। डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर बुधवार को सरकार की ओर से एक ब्रीफिंग की व्यवस्था की गई थी, ताकि परिवार के सदस्यों को इस बाबत विश्वास में लिया जा सके कि क्यों पाकिस्तान सरकार ने नागरिकों को चीन से वापस नहीं लाने का फैसला किया है। प्रवासी पाकिस्तानियों पर प्रधानमंत्री के विशेष सहायक सैयद जुल्फिकार बुखारी ने प्रतिभागियों को ब्रीफिंग में कहा कि चीन में कोरोनावायरस की स्थिति जटिल हो गई है। एनएचएस पर प्रधानमंत्री के विशेष सहायक जफर मिर्जा ने कहा कि सरकार परिजनों की परेशानियों को समझती है और इसी को ध्यान में रखते हुए ब्रीफिंग की जा रही है। लेकिन वहां आए प्रतिभागियों ने तर्क देते हुए कहा कि जब अफगानिस्तान और बांग्लादेश जैसे मुल्क भी अपने नागरिकों को चीन से वापस ले आए हैं, तो ऐसे में सिर्फ पाकिस्तान ही क्यों अपने नागरिकों को वहां पर छोड़े हुए है।एक अभिभावक ने कहा, “आप युवाओं की बात करते हैं लेकिन आपको उनकी चिंता नहीं है। यदि हमारे बच्चों को तीन दिनों के भीतर वापस स्वदेश नहीं लाया जाता तो हम चीनी दूतावास के सामने धरने पर बैठेंगे। हम आपका कार्यालय भी बंद कर देंगे। हमारे बच्चों को पाकिस्तान वापस लाया जाए और उन्हें सुरक्षित स्थान पर रखा जाए।” कुछ अभिभावकों ने कहा कि उनके बच्चे वापस आ सकें, इसके लिए वे पैसे दान करने को भी तैयार हैं। उन्होंने कहा, “हमारे बच्चे बस वापस आ जाए और हम कुछ भी अन्य तर्क सुनने को तैयार हैं।” वुहान के अलग-अलग विश्वविद्यालयों में कम से कम 500 पाकिस्तानी छात्र पढ़ाई करते हैं। 1.1 करोड़ की आबादी वाला चीन के हुबेई प्रांत का वुहान शहर कोरोनावायरस का मुख्य केंद्र बना हुआ है।


'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया

'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया  कविता गर्ग  मुंबई। राजभवन पहुंचे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल सीपी राधा कृष्णन से मु...