गुरुवार, 20 फ़रवरी 2020

आवारा कुत्तों के आतंक से ग्रामीण हलकान

आवारा कुत्तों के आतंक से ग्रामीण हुए हलकान
सैकडों की संख्या में रैबीज का टीका लगवाने पहुंच रहे पीडित
मोरना-मुजफ्फरनगर। गली मौहल्ले सहित मुख्य मार्गों व सार्वजनिक स्थानों पर आवारा कुत्तों का जमावडा बढ रहा है। आवारा खूंखार हो चुके आवारा कुत्तों के आतंक से नागरिक हलकान है। सैकडों की संख्या में कुत्ते काटे हुए मरीज टीकाकरण के लिए सरकारी अस्पताल में पहुंच रहे हैं। जहां टीके की कमी के कारण कुछ मरीज मायूस होकर वापस लौट रहे हैं। नागरिकों ने प्रशासन से आवारा कुत्तों को पकडवाने व सरकारी अस्पतालों में एन्टी रैबीज उपलब्ध कराने की मांग की है।जनपद मुज़फ्फरनगर के मोरना ब्लॉक क्षेत्र में आवारा कुत्तों ने आतंक मचाया हुआ है। गली मौहल्ले के चौराहों, बाजार व सार्वजनिक स्थानों पर घूम रहे आवारा कुत्ते बच्चों व महिलाओं पर हमला बोल रहे हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मोरना पर तैनात स्टाफ ने बताया कि बुधवार को 72 मरीजों को एन्टी रैबीज का टीका लगाया गया। वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भोपा पर मंगलवार को दो दर्जन से अधिक व्यक्तियों को एन्टी रैबीज का टीका लगाया गया। टीके समाप्त हो जाने के कारण कुछ मरीज वापस लौट गये।
मोरना प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. अर्जुन सिंह ने बताया कि जल्द ही अस्पताल में एन्टी रैबीज के टीके उपलब्ध हो जाएंगे। नागरिकों ने आवारा कुत्तों को पकडवाने की गुहार प्रशासन से लगाई है।


काज़ी अमजद अली


सपा से प्रदेश में बड़ा तबका नाराज

आज़मगढ़। अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र आज़मगढ़ में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पहुंची, उन्होंने वहां पहुंचकर पुलिस के उत्पीड़न का शिकार हुए लोगो से मुलाकात की। उनके दुख दर्द को बांटते हुए उनके लिए लड़ाई लड़ने का भरोसा दिया। ये पल अखिलेश यादव के डूब मरने से कम नहीं, आज़मगढ़ की जनता ने चुनाव में उनकी इज्जत सलामत रखी थी, मगर उनकी परवाह अखिलेश यादव ने नही की। इसी को देखते हुए आज़मगढ़ में ही नही पूरे प्रदेश में सपा से जनता का बड़ा तबका नाराज़ दिख रहा है।


लॉ की छात्रा से रेप, गैर जमानती वारंट

शाहजहांपुर। विधि की छात्रा से बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किए गए पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद बुधवार को विशेष अदालत में पेश हुए। मामले में आरोप तय करने के लिए अगली सुनवाई चार मार्च को की जाएगी। अदालत ने चिन्मयानंद पर आरोप लगाने वाली विधि छात्रा को पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री से ही रंगदारी मांगने के मामले में अदालत में पेश नहीं होने पर गैरजमानती वारंट भी जारी किया है।
अदालत ने कहा कि मामले की बाकी अभियुक्तों के प्रतिनिधि मौजूद हैं लेकिन छात्रा न तो खुद मौजूद हुई और ना ही अपने वकील के जरिए उसने पेशी दी। छात्रा की गैर मौजूदगी की वजह से इस मामले में आरोप तय नहीं हो सके। अब मामले की सुनवाई 4 मार्च को की जाएगी। मालूम हो कि स्वामी चिन्मयानंद को अपने ट्रस्ट द्वारा संचालित एक विधि छात्रा से बलात्कार के आरोप में पिछले साल गिरफ्तार किया गया था। उन्हें हाल ही में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी थी। साथ ही मामले को शाहजहांपुर से लखनऊ स्थानांतरित कर दिया था।


छात्रा के आचरण पर सवाल उठाए थे।
बता दें कि बीते 4 फरवरी को  बीजेपी नेता स्वामी चिन्मयानंद को दुष्कर्म के मामले में जमानत देते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कई टिप्पणी की थी। और आरोप लगाने वाली छात्रा के आचरण पर सवाल उठाए थे। कोर्ट ने कहा था कि दोनों लोगों ने अपनी सीमाएं लांघी, ऐसे में यह निर्णय करना मुश्किल है कि किसने किसका इस्तेमाल किया? कोर्ट ने कहा कि दोनों ने ही एक-दूसरे का इस्तेमाल किया। स्वामी चिन्मयानंद पर लॉ कॉलेज की छात्रा ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। जिसके बाद चिन्मयानंद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।
चिन्मयानंद को जमानत दे दी थी
चिन्मयानंद 20 सितंबर 2019 से जेल में थे। बीते 3 जनवरी को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने चिन्मयानंद को जमानत दे दी थी। चिन्मयानंद को जमानत देते हुए कोर्ट ने पीड़िता को लेकर कई सवाल खड़े किए थी। जस्टिस राहुल चतुर्वेदी ने कहा। एक लड़की जिसकी वर्जिनिटी दांव पर थी। उसने अपने माता-पिता या कोर्ट के सामने एक शब्द नहीं बोला। ये आश्चर्यजनक है।


पेट्रोलियम, गैस-इस्पात मंत्री का भिलाई प्रवास

भिलाई-रायपुर। केन्द्रीय पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस एवं इस्पात मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान आज भिलाई के प्रवास पर रहेंगे। श्री प्रधान के साथ सेल चेयरमैन अनिल कुमार चौधरी एवं सेल के शीर्ष अधिकारीगण भी भिलाई आ रहे हैं। केन्द्रीय मंत्री श्री प्रधान का सेल के निदेशक प्रोजेक्ट्स व बिजनेस प्लानिंग एवं भिलाई इस्पात संयंत्र के सीईओ अनिर्बान दासगुप्ता केन्द्रीय मंत्री का स्वागत करेंगे।


भिलाई निवास पहुँचने पर पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस एवं इस्पात मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान को सीआईएसएफ द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया जायेगा। इस दौरान इस्पात मंत्री भिलाई निवास परिसर में वृक्षारोपण करेंगे। पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस एवं इस्पात मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान भिलाई निवास से संयंत्र भ्रमण के लिए प्रस्थान करेंगे। संयंत्र भ्रमण की कड़ी में सर्वप्रथम मंत्री श्री प्रधान संयंत्र परिसर के अंदर स्थित सेफ्टी एक्सीलेंस सेन्टर से संयंत्र भ्रमण प्रारंभ करेंगे। तत्पश्चात् संयंत्र के ब्लास्ट फर्नेस-8, स्टील मेल्टिंग शॉप-3, यूनिवर्सल रेल मिल तथा रेल एवं स्ट्रक्चरल मिल में इस्पात निर्माण प्रौद्योगिकी एवं प्रक्रिया का अवलोकन करेंगे। इसके साथ ही एसएमएस-3 के तीसरे कन्वर्टर का उद्घाटन भी मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान द्वारा किया जायेगा।


संयंत्र भ्रमण के पश्चात् मंत्री इस्पात भवन के सीईओ सभागार में संयंत्र के शीर्ष प्रबंधन की बैठक लेंगे। इस दौरान उनके सम्मुख बीएसपी के ओवरव्यू पर प्रस्तुतिकरण दिया जायेगा। इसके अलावा धर्मेन्द्र प्रधान सीईओ के लघु सभागार में यूनियन प्रतिनिधियों एवं ऑफि सर एसोसिएशन के सदस्यों के साथ बैठक को सम्बोधित करेंगे। इसके बाद सीईओ सभागार में एमएसएमई के प्रतिनिधियों के साथ मीटिंग करेंगे।


2 योनि, दो गर्भाशय, दो गर्भाशय ग्रीवा

मिशीगन। अमेरिका के मिशिगन में रहने वाली 27 वर्षीय बिथैनी मैक्मिलन के शरीर में इस दुर्लभ विकास को देखकर खुद डॉक्टर भी हैरान थे। मेडिकल की भाषा में इसे यूट्रेस डिडेलफिस कहते हैं। यानी किसी भी महिला के शरीर में दो योनियां, दो गर्भाशय और दो गर्भाशय ग्रीवा हो।


बिथैनी ने बताया कि 2018 में उसकी पहला बच्चा मिसकैरेज हो गया था. वह तब और दुखी हो गई जब उसे पता चला कि उसकी इस हालत की वजह से उसके गर्भ में कोई भी बच्चा 6 महीने से ज्यादा विकसित नहीं हो पाएगा। दूसरे बच्चे के गर्भपात का भी डर रहेगा। मिशिगन के प्राइमरी स्कूल में पढ़ाने वाली बिथैनी ने बताया कि एक दिन में रूटीन चेकअप के लिए अपने गाइनेकोलॉजिस्ट के पास गई तो वो चौंक गईं। उन्होंने मेरे शरीर के कुछ हिस्सों को दो-दो देखा। मैं खुद भी बेहद परेशान थी। क्या मैं बचपन से ही दो योनियों, दो भ्रूण, दो गर्भाशय और 2 गर्भाशय ग्रीवा के साथ पैदा हुई हूं। एक साल बाद पता चला कि मैं फिर से गर्भवती हूं। सभी विपरीत परिस्थितियों के बावजूद मैंने एक प्यारी सी बच्ची को जन्म दिया। इस बच्ची का नाम है माईव. अब यह बच्ची 5 महीने की है।


बिथैनी ने बताया कि मैं पूरे गर्भवस्था के दौरान डरी हुई थी कि पता नहीं मेरे इलाके में कोई ऐसा डॉक्टर है जो मेरे दो-दो अंगों के साथ मुझे डिलीवरी करा सके। मुझे यहां के डॉक्टरों पर तब भरोसा हुआ जब मैंने 9 हफ्ते के बाद अपनी बच्ची का हार्टबीट सुना। अब बीथैनी लोगों को अपनी कहानियां सुनाकर अपने दो-दो अंगों को लेकर जागरूक कर रही हैं। साथ ही लोगों को ये भी बता रही हैं कि इससे परेशान होने की जरूरत नहीं है। सामान्य तरीके से जीवन जिया जा सकता है। 
Uterus Didelphys की स्थिति कई बार सामने आ जाती है। लेकिन इससे महिलाओं को घबराने की जरूरत नहीं है। इसका इलाज बेहद सामान्य है। इस विशेष परिस्थिति के साथ भी महिलाएं मां बन सकती हैं और अपना सामान्य जीवन जी सकती हैं।


की निर्माता इंजीनियर टेस्लर का निधन

वाशिंगटन। इस दुनिया में जिसने भी कंप्यूटर या स्मार्टफोन यूज किया है उन्होंने कंट्रोल सी (Ctrl+C) और कंट्रोल वी (Ctrl+V) का प्रयोग किया होगा। कंप्यूटर यूज करने के दौरान इन दोनों Key का काफी बार इस्तेमाल होता है। इन दोनों Key का आविष्कार करने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर लॉरी टेस्लर (Larry Tesler) का 74 साल की उम्र में निधन हो गया है।
लॉरी टेस्लर ने 1960 में अमेरिका के सिलिकॉन वैली में कंप्यूटर इंजीनियर के तौर पर काम करना शुरू किया था। उन्होंने अपने काम को सरल बनाने के लिए कंप्यूटर में Ctrl+C और Ctrl+V कमांड का ईजाद किया था।


लॉरी टेस्लर ने करियर के शुरुआती दिनों में काफी वक्त जेरॉक्स (Xerox) कंपनी में बिताया था। जेरॉक्स में रहते हुए लॉरी ने Ctrl+C और Ctrl+V कमांड की खोज की थी। लॉरी के निधन पर जेरॉक्स ने ट्वीट कर उनके खोज की सराहना करते हुए दुख जताया है।


लॉरी टेस्लर का जन्म 1945 में न्यूयॉर्क शहर में हुआ था। उन्होंने कैलिफोर्निया के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी की थी। ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद लॉरी ने कंप्यूटर यूज को सरल बनाने वाले सिस्टम इंटरफेस डिजाइन में विशेषज्ञता हासिल की थी।


अपने लंबे करियर में लॉरी ने कई टेक फर्म के लिए काम किया। उन्होंने जेरॉक्स पालो अल्टो रिसर्च सेंटर (Parc) में अच्छा खास वक्त बिताने के बाद स्टीव जॉब्स के बुलावा पर Apple ज्वाइन कर लिया था, जहां उन्होंने मुख्य रिसर्चर के तौर पर 17 साल बिताए। Apple छोड़ने के बाद लॉरी ने शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े और कुछ दिन ऐमजॉन और याहू के लिए काम किया।


Ctrl+C और Ctrl+V क्या है?
जब हमें कंप्यूटर या स्मार्टफोन में कोई जानकारी कॉपी करना होता है तो हम उसे सलेक्ट करने के बाद Ctrl के साथ C का कमांड क्लिक करते हैं। इसके बाद इसी जानकारी को कहीं और प्लेस करने के लिए Ctrl के साथ V का कमांड क्लिक किया जाता है। कंप्यूटर या स्मार्टफोन पर कार्य के दौरान इन दोनों कमांड का अक्सर इस्तेमाल होता है।


मार्च में फंदे पर लटकेगें निर्भया के दोषी

नई दिल्ली। निर्भया के चारों गुनहगारों का डेथ वॉरंट जारी हो चुका है। चारों दोषियों को तीन मार्च को फंदे पर लटका दिया जाएगा। चारों दोषियों में से तीन ने फांसी टालने के लिए सारे कानूनी दांव-पेच आजमा लिए हैं। केवल पवन के पास क्यूरेटिव पिटीशन दायर करने का विकल्प है। ऐसे में तय माना जा रहा है कि तीन मार्च को सुबह छह बजे चारों दरिंदों को फांसी पर लटका दिया जाएगा। अगर ये चारों फांसी को कुछ दिन टालना चाहते हैं तो इनके पास कानूनी दांव-पेच के अलावा भी विकल्प है।


खुद को चोटिल करके फांसी टाल सकते हैं दोषी
फांसी के फंदे पर लटकाए जाने से पहले किसी भी दोषी का अच्छे से मेडिकल चेकअप किया जाता है। इस बात का ख्याल रखा जाता है कि फंदे पर लटकने से पहले दोषी पूरी तरह से स्वस्थ्य हो। यहां तक की फांसी के तख्त पर ले जाने से तुरंत पहले दोषी का ब्लड प्रेशर, शरीर का तापमान आदि की जांच की जाती है।


अगर दोषी खुद को चोटिल कर लेते हैं तो उसके स्वस्थ्य होने तक फांसी टल सकती है। साथ वजन कम होने की स्थिति में भी फांसी टल सकती है। निर्भया के दोषी अच्छे से जानते हैं कि अगर वे खुद को चोटिल कर लेते हैं तो उनकी फांसी कुछ दिनों के लिए टल जाएगी। इसी बात को ध्यान में रखकर दोषी विनय जेल के ग्रिल्स में अपना हाथ फंसाकर फ्रैक्चर करने की भी कोशिश कर चुका है।


उसके वकील एपी सिंह ने कहा कि यह घटना 16 फरवरी को हुई थी और विनय की मां ने उन्हें अगले दिन इसकी जानकारी दी थी। 17 फरवरी को विनय ने अपनी मां को पहचानने से भी इनकार कर दिया था। सिंह ने कहा कि विनय की मानसिक अवस्था ठीक नहीं है और नया डेथ वॉरंट जारी होने के बाद से उसकी दिमागी हालत बिगड़ गई है।


दीवार पर सिर पटक चुका है विनय
इसके अलावा विनय जेल की दीवार से अपना सिर भी पटक चुका है। हालांकि समय रहते सुरक्षाकर्मियों ने उसे गंभीर रूप से घायल होने से बचा लिया। घटना के बाद चारों दोषियों की सुरक्षा पहले से ज्यादा बढ़ा दी गई है। विनय पहले भी जेल में खुदकुशी की कोशिश कर चुका है।


जेल के जानकार बताते हैं कि फांसी की सजा मुकर्रर होने के बाद दोषियों को कड़ी निगरानी में रखा जाता है। कई बार दोषियों पर नजर रखने के लिए चौबिसों घंटेसुरक्षाकर्मी को तैनात कर दिया जाता है। बैरक में की जाने वाली उसकी सारी हरकतों पर नजर रखी जाती है। हालांकि खुद को चोटिल करके कोई भी दोषी अपनी फांसी को टाल तो सकता है, लेकिन उसे खत्म नहीं कर सकता है।


फांसी से बचने के लिए किसके पास क्या विकल्प
चारों दोषियों में से तीन से फांसी से बचने या उसे टालने के सारे विकल्प आजमा लिए हैं। तीनों दोषियों अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा और मुकेश सिंह की पुनर्विचार याचिका, क्यूरेटिव पिटिशन और दया याचिका खारिज हो चुकी है। केवल पवन ही एक ऐसा दोषी है जिसके पास फांसी टालने के लिए क्यूरेटिव पिटिशन और दया याचिका दाखिल करने का विकल्प है।


'सैनिक बंधू' की बैठक आयोजित की: सीडीओ

'सैनिक बंधू' की बैठक आयोजित की: सीडीओ  गणेश साहू  कौशाम्बी। मुख्य विकास अधिकारी अजीत कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में बुधवार को जिल...