शाहजहांपुर। विधि की छात्रा से बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किए गए पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद बुधवार को विशेष अदालत में पेश हुए। मामले में आरोप तय करने के लिए अगली सुनवाई चार मार्च को की जाएगी। अदालत ने चिन्मयानंद पर आरोप लगाने वाली विधि छात्रा को पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री से ही रंगदारी मांगने के मामले में अदालत में पेश नहीं होने पर गैरजमानती वारंट भी जारी किया है।
अदालत ने कहा कि मामले की बाकी अभियुक्तों के प्रतिनिधि मौजूद हैं लेकिन छात्रा न तो खुद मौजूद हुई और ना ही अपने वकील के जरिए उसने पेशी दी। छात्रा की गैर मौजूदगी की वजह से इस मामले में आरोप तय नहीं हो सके। अब मामले की सुनवाई 4 मार्च को की जाएगी। मालूम हो कि स्वामी चिन्मयानंद को अपने ट्रस्ट द्वारा संचालित एक विधि छात्रा से बलात्कार के आरोप में पिछले साल गिरफ्तार किया गया था। उन्हें हाल ही में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी थी। साथ ही मामले को शाहजहांपुर से लखनऊ स्थानांतरित कर दिया था।
छात्रा के आचरण पर सवाल उठाए थे।
बता दें कि बीते 4 फरवरी को बीजेपी नेता स्वामी चिन्मयानंद को दुष्कर्म के मामले में जमानत देते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कई टिप्पणी की थी। और आरोप लगाने वाली छात्रा के आचरण पर सवाल उठाए थे। कोर्ट ने कहा था कि दोनों लोगों ने अपनी सीमाएं लांघी, ऐसे में यह निर्णय करना मुश्किल है कि किसने किसका इस्तेमाल किया? कोर्ट ने कहा कि दोनों ने ही एक-दूसरे का इस्तेमाल किया। स्वामी चिन्मयानंद पर लॉ कॉलेज की छात्रा ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। जिसके बाद चिन्मयानंद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।
चिन्मयानंद को जमानत दे दी थी
चिन्मयानंद 20 सितंबर 2019 से जेल में थे। बीते 3 जनवरी को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने चिन्मयानंद को जमानत दे दी थी। चिन्मयानंद को जमानत देते हुए कोर्ट ने पीड़िता को लेकर कई सवाल खड़े किए थी। जस्टिस राहुल चतुर्वेदी ने कहा। एक लड़की जिसकी वर्जिनिटी दांव पर थी। उसने अपने माता-पिता या कोर्ट के सामने एक शब्द नहीं बोला। ये आश्चर्यजनक है।