लखनऊ। यूपी विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान विधानसभा में सोमवार को कानपुर देहात के मंगटा गांव का प्रकरण गूंजा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोषियों पर कार्रवाई और पीड़ितों को नियमानुसार आर्थिक मदद का आश्वासन दिया। विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए सीएम योगी ने शांति बनाए रखने के लिए आग में घी डालने का काम बंद करने की बात भी कही। बसपा के लालजी वर्मा और कांग्रेस की आराधना मिश्रा 'मोना' द्वारा उठाए गए मंगटा प्रकरण पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गांव के स्थानीय विवाद को तूल देकर विपक्ष ने वोटों की राजनीति शुरू कर दी है। पुलिस ने 13 आरोपितों को गिरफ्तार भी कर लिया है। सरकार ने एससी-एसटी एक्ट के तहत पीड़ितों को सहायता देने की प्रक्रिया भी आरंभ कर दी है।सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर मामले में राजनीतिक रोटी सेंकना जरूरी नहीं होता है। आपसी विवाद को बढ़ाने की जरूरत नहीं। मुख्यमंत्री ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सरकार वर्ष 2022 तक सभी गरीबों को पक्की छत देने की दिशा में कार्य कर रही है। 30 लाख लोगों को आवास के साथ शौचालय उपलब्ध भी कराए जा चुके हैं। सरकार भेदभाव के बिना सबकी मदद कर रही है।सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आजादी के बाद से अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति को विपक्ष ने वोटबैंक मान उनके हितों पर डकैती डालने का ही काम किया। विपक्ष आग में घी डालने का काम बंद कर दे तो समाज में शांति बनी रहेगी।इससे पूूर्व बसपा के लालजी वर्मा ने बुद्ध कथा आयोजन को लेकर बवाल करने और डॉ. भीमराव अंबेडकर का चित्र फाड़ने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दबंगों ने महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया और पुलिस ने लापरवाही बरती। कांग्रेस की आराधना मिश्रा मोना ने भी दलितों पर अत्याचार बढ़ने और कानून व्यवस्था समाप्त होने का भी आरोप लगाया। उन्होंने घटना की न्यायिक जांंच कराने की मांग की। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने पुलिस की कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहा कि दहशत फैलाने जैसे आरोप गलत है। सरकार के जवाब से नाराज विपक्ष ने एक-एक करके सदन से बहिर्गमन किया।बता दें कि पिछले दिनों कानपुर देहात के गजनेर थाना क्षेत्र के मंगटा गांव में भीम शोभा यात्रा निकाले जाने पर दो जाति विशेष के लोग आमने सामने आ गए थे। दोनों पक्षों में पथराव और मारपीट के बाद तनाव का माहौल व्याप्त हो गया और करीब छह से अधिक लोग जख्मी हुए थे।
मंगलवार, 18 फ़रवरी 2020
तीन लाख लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग
नई दिल्ली। कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर दिल्ली में दो बार केंद्रीय मंत्रियों के समूह की बैठक हो चुकी है। भारत में इस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए अभी तक तीन लाख से अधिक लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग की जा चुकी है। इसके साथ ही अब भारत सरकार समुद्र के रास्ते आने वाले यात्रियों की स्वास्थ्य जांच पर विशेष ध्यान दे रही है। कोरोना वायरस का संक्रमण चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ था और फिर चीन के 30 अलग अलग राज्यों में फैल गया। चीन में अभी तक वायरस से करीब 1800 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है व 70,000 से अधिक लोग इस संक्रमण से ग्रसित हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, “भारत में 2,296 अलग-अलग विमानों से विदेशों से आने वाले यात्रियों की जांच की जा चुकी है। इस दौरान 3,21,375 विमान यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई है। इसके साथ ही 125 समुद्री जहाजों के 6,387 यात्रियों की भी स्क्रीनिंग की गई है।” स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “देश में अब तक कोरोना वायरस के तीन मामले सामने आए हैं। उनमें भी दो मरीज पूरी तरह से ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। देश में कोरोना वायरस को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर कोरोना वायरस से निपटने के लिए एक मंत्री समूह का गठन किया गया है। प्रधानमंत्री द्वारा गठित यह मंत्री समूह देश में कोरोना वायरस की रोकथाम संबंधी तैयारियों, प्रबंधन, समीक्षा और मूल्यांकन कर रहा है। इस मंत्री समूह में डॉ. हर्षवर्धन, नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी, स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे और शिपिंग राज्यमंत्री मनसुख लाल मंडाविया शामिल हैं। मंत्री समूह को दिल्ली स्थित भारत तिब्बत सीमा बल (आईटीबीपी) व गुरुग्राम के मानेसर में इंडियन आम्र्ड सर्विसेस द्वारा चलाए जा रहे दो शिविरों की जानकारी भी दी गई है। इन दोनों शिविरों में 645 भारतीयों को रखा गया था। इन सभी भारतीयों को चीन के वुहान प्रांत से सुरक्षित नई दिल्ली लाकर ठहराया गया। यहां विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा प्रतिदिन इन सभी ठहराए गए लोगों की जांच की गई। प्रतिदिन की गई इस गहन जांच के बाद इन्हें कोरोना वायरस से पूरी तरह सुरक्षित पाया गया है। स्वास्थ्य जांच में सुरक्षित पाए जाने के बाद इन लोगों को अपने-अपने घर जाने की अनुमति दे दी गई है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, “थर्मल स्क्रीनिंग द्वारा जांच की यह प्रक्रिया अब देश के 21 विभिन्न एयरपोर्ट्स पर की जा रही है। इस समय विभिन्न देशों से आए 15,991 यात्रियों को सर्विलांस पर रखा गया है। अभी तक कुल 1,671 लोगों की जांच के नमूने परीक्षण के लिए भेजे गए हैं, जिनमें से तीन व्यक्तियों के अलावा सभी कोरोना वायरस से पूरी तरह सुरक्षित पाए गए हैं।” उन्होंने कहा, “केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पुणे स्थित लैब को कोरोना वायरस की जांच के लिए नोडल सेंटर नियुक्त किया है। फिलहाल देश में 12 विभिन्न स्थानों पर कोरोना वायरस के नमूनों की जांच की जा रही है, जिनमें दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू व हैदराबाद शामिल हैं।” भारतीय छात्रों ने कहा, ‘चीन में हालात बेहद गंभीर’
मानेसर। भारतीय छात्रों ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस का केंद्र बन चुके चीन के वुहान प्रांत में स्थिति बेहद गंभीर है। इन 248 छात्रों को चीन से सुरक्षित भारत लाकर सेना के मानेसर शिविर में रखा गया था। सभी छात्रों को पिछले 14 दिनों से अलग से निगरानी में रखा गया था। मंगलवार को सभी को उनके घर वापस भेज दिया जाएगा।इस दौरान मानेसर में लेफ्टिनेंट कर्नल मंजूनाथ ने छात्रों से बात करते हुए पूछा, “हाउ इज द जोश?” इसके उत्तर में छात्रों ने कहा, “हाई सर।” काफी देर तक 10 बैरकों में यह संवाद गूंजता रहा। वहां की स्थिति को याद करते हुए उत्तराखंड के निवासी छात्र संयज ने कहा, “चीन में स्थिति बेहद गंभीर है। पूरी तरह से वहां लॉक डाउन हो रखा है और हमें घरों से बाहर निकलने की इजाजत नहीं है। हम कई दिनों तक घरों में बंद रहे।” हाउजोंग एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में जैविक विज्ञान से पीएडी कर रहे रोहित त्यागी ने कहा, “शाम 5 बजे से रात 9 बजे तक हमें परिसर से बाहर जाने की इजाजत नहीं थी। चीनी अधिकारी सड़कों और इलाकों को पूरी तरह से साफ कर रहे हैं।
एसटीएफ के दरोगा की किन्नर से शादी
प्रतापगढ़। यह कोई फिल्मी कहानी नहीं, बल्कि हकीकत है। जी हां, अपराधियों को पकड़ने वाले स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) के दारोगा जी की शादी एक किन्नर से हो गई। जब हकीकत पता चली तो बेचारे दारोगा जी के पैरों तले जमीन खिसक गई। मामले में दारोगा ने कैंट थाने में किन्नर और उसके माता-पिता के खिलाफ धोखाधड़ी व धमकी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। मामला बीते साल का है। बेली अस्पताल के पास रहने वाले दारोगा की पहली पत्नी की मौत हो चुकी है। उसके दो बच्चे हैं। बच्चे छोटे होने के कारण उन्होंने दूसरी शादी का फैसला किया। आरोप है कि रानीगंज के एक शख्स से मुलाकात होने पर उसने करनपुर की लड़की के बारे में बताया और सगाई करवाई। फिर प्रतापगढ़ के बेल्हा मंदिर में पांच अक्टूबर 2019 को दोनों की शादी हुई। लड़की विदा होकर जब अपने ससुराल आई तो दारोगा को किन्नर होने का पता चला। इस बात का पता चलने पर दारोगा के पैरों तले जमीन खिसक गई है। उसने पूरी बात अपने घरवालों को बताई। इसके बाद किन्नर के माता-पिता ने धोखा देकर शादी करने की शिकायत की तो वे भडक गए। विरोध करने पर किन्नर और उसके माता-पिता ने जान से मारने व दहेज उत्पीडऩ के आरोप में फंसाने की धमकी दी। इससे परेशान होकर पीडि़त ने एसएसपी से शिकायत की और फिर कैंट थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई। इंस्पेक्टर कैंट संजय द्विवेदी का कहना है कि तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है। जांच की जा रही है। जांच में सच्चाई सामने आएगी।
समय, गुणवत्ता से करें निस्तारणः डीएम
चित्रकूट। जिलाधिकारी ने अधिकारियों से कहा कि प्रार्थना-पत्रों का निस्तारण समयबद्ध तरीके से उनका गुणवत्ता के आधार पर तत्काल समाधान करें। तहसील में प्राप्त शिकायत पत्रों का निस्तारण आगामी तहसील दिवस के पूर्व समाधान कर दिया जाय। इसके अलावा मा0मुख्यमंत्री जी, जन सुनवाई,भारत सरकार से संबंधित प्रार्थना-पत्रों का समयबद्धता के साथ निस्तारण करें। उन्होंने कहा कि अपना व्यवहार जनता के प्रति शालीनता,नम्रता,संयम से पेश आयें। उन्होंने कहा कि जो भी बात कही जाय उसका शत प्रतिशत पालन सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों से कहा कि लाभार्थी परख योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों को दिलाया जाय। 20 फरवरी 2020 से 28 फरवरी 2020 तक अभियान चलाकर प्रत्येक गांव में सफाई अभियान चलाया जाय तथा नोडल अधिकारियों से कहा कि गौशालाओं में निरीक्षण करके अच्छी व्यवस्थाएं करायें तथा अन्ना पशु जो अभी भी इधर-उधर घूम रहे हैं उन्हें भी संबंधित गौशलाओं में रखवाया जाय। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिये कि गौशलाओं में लगातार गोवंशों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाय उन्होंने कहा कि बोर्ड परीक्षा में जिनकी ड्युटी लगी है वह भ्रमण करके व्यवस्थाओं को देखें कहीं पर कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। शासन की मंशा के अनुरूपर बोर्ड परीक्षाओं को नकल विहीन सकुशल सम्पन्न कराना हम आपका दायित्व है। उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी से कहा कि मा0 प्रधानमंत्री जी के आगामी 29 फरवरी 2020 के कार्यक्रम को देखते हुए कार्यक्रम स्थल पर सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करा ली जायं और लाभार्थियों को लाने-ले जाने की व्यवस्था के लक्ष्य निर्धारित करते हुए अधिकारियों को नामित किया जाय। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम को पूरी जिम्मेदारी के साथ सम्पन्न कराना है।
तहसील सम्पूर्ण समाधान दिवस में मुख्य विकास अधिकारी डा0 महेन्द्र कुमार, उप जिलाधिकारी मऊ श्री राजबहादुर, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 विनोद कुमार, प्रभागीय वनाधिकारी श्री कैलाश प्रकाश, जिला विकास अधिकारी श्री आर0क0े त्रिपाठी, परियोजना निदेशक श्री अनय कुमार मिश्रा, जिला पंचायत राज अधिकारी श्री राज बहादुर, अधिशाषी अभियंता विद्युत,जल निगम,लोक निर्माण,सिंचाई, तहसीलदार मऊ, सहित सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।
नवविवाहिता ने दिया बेटी को जन्म
अंबाला। हरियाणा के अंबाला से एक अनोखा मामला सामने आया है। दरअसल वेलेंटाइन डे पर एक युवक-युवती शादी के बंधन में बंधे थे। लेकिन शादी के दो ही दिन बाद नवविवाहिता ने एक बेटी को जन्म दिया है। मामले की जानकारी जब युवती के ससुराल वालों को पता चली तो उनके होश उड़ गए। वहीं, अब ससुराल में बवाल मचा हुआ है। युवती का पति और उसके ससुराल वाले बच्चे और नवविवाहिता को अपनाने से इनकार कर रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार मामला अंबाला शहर के मनमोहन नगर का है। यहां 14 फरवरी को एक युवक और एक युवती की शादी हुई थी। शादी के दो दिन बाद अचानक नवविवाहिता का रक्त स्त्राव होने लगा था। इसके बाद युवती को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसने एक बच्ची को जन्म दिया है। हालांकि अभी अवैध संबंध या किसी और से प्रेम प्रसंग जैसे कुछ मामले का अभी खुलासा नहीं हुआ है। फिलहाल युवती का उपचार अस्पताल में जारी है। इस घटना को लेकर अंबाला सिटी में महिला थाने की प्रभारी सुनीता ने बताया कि डॉक्टरों से हमारी बातचीत हुई। उनका कहना है कि लड़की को ब्लीडिंग होती थी, जिसकी वजह से उसे इस बात का पता भी नहीं चला। लड़की के साथ सिर्फ उसकी बहन ही थी। ससुराल का कोई व्यक्ति वहां पर मौजूद नहीं था।
ट्रिपल मर्डर ने इलाके में फैलाई सनसनी
चंपारण। बिहार में इन दिनों बढ़ती आपराधिक घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. आये दिन हत्या और बलात्कार जैसी घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. इस वकत एक बड़ी खबर सामने आ रही है बेतिया से जहां ट्रिपल मर्डर से इलाके में सनसनी फ़ैल गई है. पुलिस हत्या की छानबीन में जुटी हुई है.
वारदात पश्चिम चंपारण जिले के बेतिया की है. जहां शिकारपुर थाना के कौलाची गांव में एक साथ तीन-तीन लोगों की हत्या से इलाके में सनसनी फ़ैल गई है. मिली जानकारी के मुताबिक एक महिला और दो बच्चों को उसके घरवालों ने ही मौत के घाट उतार दिया. बताया जा रहा है कि महिला और उसके दो बच्चे, ढ़ाई साल की एक बच्ची और एक साल के बेटे की निर्मम तरीके से हत्या की गई है. इस सनसनीखेज वारदात से पुलिस भी सकते में है. मिली जानकारी के मुताबिक तीनों की हत्या कर उनकी डेड बॉडी को जलाने की कोशिश की जा रही थी. इस दौरान वारदात की सूचना मिलते ही फौरन मौके पर पहुंची पुलिस ने तीनों की अधजली डेड बॉडी को अपने कब्जे में ले लिया. थानाध्यक्ष के मुताबिक ससुराल वालों के ऊपर मर्डर का आरोप लगाया गया है. पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है. ससुराल वालों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है.
Ajay Deep Chouhan
अदरक के उत्तम उत्पादन में सेंधमारी
देहरादून। उद्यान विभाग विगत 20-30 वर्षो से 10 से 15 करोड़ रुपए का अदरक बीज उत्तर पूर्वी राज्यों से दलालों के माध्यम से मंगाता आ रहा है। यह बीज कृषकों को न तो समय पर मिलता है और न ही इस बीज से अच्छी उपज प्राप्त होती है। हिमांचल प्रदेश की तरह राज्य में कभी भी अदरक बीज उत्पादन के प्रयास नहीं किए गए। राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में, नगदी फसल के रूप में अदरक का उत्पादन कई दशकों से किया जा रहा है। विभागीय आकडों के अनुसार 4,876 हैक्टियर में अदरक की कास्त की जाती है, जिससे 47,120 मैट्रिक टन का उत्पादन होता है। उद्यान विभाग विगत 20-30 वर्षों से पूर्वोत्तर राज्यों असम, मणिपुर, मेघालय व अन्य राज्यों से सामान्य किस्म के अदरक को प्रमाणित/ ईमानदार बीज के नाम पर रियोडी जिनेरियो किस्म बता कर 10 से 15 करौड रुपये का अदरक प्रतिवर्ष क्रय कर राज्य के कृषकों को बीज के नाम पर बांटता आ रहा है।अदरक बीज के आपूर्ति करने वाले (दलाल) इन राज्यों की मंडियों से 10-15 रुपये प्रति किलो की दर से क्रय करते हैं, तथा अदरक बीज के नाम पर उद्यान विभाग 80 से 100 रुपये प्रति किलो की दर से इन दलालों के माध्यम से क्रय कर, राज्य में कृषकों को योजनाओं के अंतर्गत वितरित करता आ रहा है। जिस पर 50 प्रतिशत का अनुदान विभाग द्वारा दिया जाता है। बता दें कि, अदरक बीज की खरीद पर कई बार सवाल उठे हैं, तथा विवाद भी हुए हैं। पूर्ववर्ती सरकार में भी अदरक बीज खरीद प्रकरण खूब चर्चाओं में रहा। समय-समय पर जब अदरक बीज खरीद पर सवाल उठते है, तो विभाग के एक-दो अधिकारियों को निलंबित कर, या बीज आपूर्ति कर्ता को ब्लेक लिस्ट कर प्रकरण वहीं समाप्त कर दिया जाता है।
डाँ. राजेंद्र कुकसाल
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