शनिवार, 15 फ़रवरी 2020

पीएम करेंगे पंडित जी की मूर्ति का अनावरण

प्रशांत कुमार


चंदौली। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 16 फरवरी को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दोपहर 1 बजे उत्तर प्रदेश के जनपद चंदौली में पडाव होगा। जनपद में स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 63 फीट लंबी मूर्ति का अनावरण करने के पश्चात ,लोकार्पण करेंगे। जिसके बाद लोगों को संबोधित करेंगे। पीएम कुल 1 घंटे जनपद में रहेंगे। इसी के तहत एक दिन पूर्व आज शाम प्रदेश के मुखिया ने लोकार्पण स्थल पहुंचकर तैयारियों का जायजा लेते हुए सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों से बातचीत की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये।


कमजोर-आमदनी (समसामयिक)

 एक नया सर्वेक्षण सामने आया है कि आर्थिक स्थिति, कीमतों और पारिवारिक आमदनी को लेकर लोगों का रुख पिछले साल की तुलना में कमजोर है| अर्थव्यवस्था में कमजोरी के मौजूदा दौर से उबरने के लिए उपभोग में बढ़ोतरी करना बहुत जरूरी है, लेकिन ऐसा कर पाना एक बड़ी चुनौती से कम नहीं  है| रिजर्व बैंक के ताज़ा सर्वे के मुताबिक उपभोक्ताओं की मनोदशा निराशा से ग्रस्त है और हालत यह कि यह निराशा मार्च, २०१५ के बाद से सबसे उच्च स्तर पर है| निराशा का यह सूचकांक जनवरी में ८३.७ तक आ गया है| सरकार को सोचन चाहिए | 
 
इसमें १००  की संख्या निराशा व आशा के बीच के विभाजन को इंगित करती है|  देश के १३  बड़े शहरों के परिवारों के सर्वेक्षण के आधार पर बैंकों का कहना है कि आर्थिक स्थिति, कीमतों और पारिवारिक आमदनी को लेकर लोगों का रुख पिछले साल की तुलना में कमजोर है तथा वे जरूरी चीजों के अलावा अन्य खरीद पर कम खर्च कर रहे हैं| इसका नकारात्मक असर उत्पादन पर भी पड़ा है और कंपनियां इसमें कटौती कर रही हैं|  केंद्रीय बैंक के एक अन्य सर्वेक्षण में बताया गया है कि कंपनियों की क्षमता के उपयोग का स्तर गिर कर ६९.१ प्रतिशत रह गया है, जो पिछले साल अप्रैल-जून की अवधि में ७३.६ प्रतिशत था| इसका मतलब यह है कि वास्तविक उत्पादन और संभावित उत्पादन के बीच दरार बढ़ती जा रही है|  
 
यह सब इस बात को प्रमाणित करती है कि कुल मिला कर हमारी अर्थव्यवस्था के विस्तार की गति २००९  के बाद सबसे कम है| इन आंकड़ों के साथ अगर बचत में कमी को भी रख लें, तो अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और उसे तेज गति देने से जुड़ी आशाएं कुछ कमजोर पड़ती दिखाई दे रही  हैं| इस संदर्भ में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश बजट बेहद अहम हो जाता है और उसमे कोई दिशा नहीं सूझती है |
 
आयकर दरों में कटौती और चुकौती के लिए दो विकल्प देने जैसे उपायों से आगामी वित्त वर्ष में उपभोग बढ़ाने में मदद मिल सकती है, क्योंकि तब लोगों के हाथ में नकदी की मात्रा बढ़ने की उम्मीद है, जिसे वे बाजार में खर्च कर सकेंगे, पर यह भी देखना होगा कि आयकर की निचली श्रेणियों में से कितने लोग नया विकल्प चुनते हैं, जिसमें बचत पर छूट नहीं मिलेगी| खर्च करने लायक नकदी कम होने का सीधा असर उपभोक्ता वस्तुओं के बाजार पर पड़ा है| 
 
कई वर्षों से यह सेक्टर अर्थव्यवस्था के सबसे तेज विस्तार के क्षेत्रों में रहा है, लेकिन जहां इसकी वृद्धि दर २०१८  में १३.५ प्रतिशत थी, वह २०१९  में घट कर ९.७ प्रतिशत रह गयी थी|  कुछ श्रेणियों में तो यह गिरावट बेहद गंभीर रही है | चालू वित्त वर्ष में इसके और कम होने की आशंका है|  इस क्षेत्र में ग्रामीण मांग का हिस्सा बाजार का एक-तिहाई है और बहुत समय से उसकी बढ़ोतरी शहरी इलाकों से अधिक दर से होती रही थी, लेकिन खेती से होनेवाली आमदनी घटने और ग्रामीण संकट का प्रभावी समाधान न हो पाने की वजह से उसमें लगातार कमी आ रही है| सरकार और वित्त विशेषग्य कोई नया विकल्प भी नहीं सुझा प् रहे हैं |बजट में किसानों को प्राथमिकता दी गयी ह,परन्तु  हमें इसके नतीजों का इंतजार करना पड़ेगा और करना भी चाहिए| कृषि तो हमारी आर्थिक व्यवस्था की रीढ़ है , रोजगार, आमदनी और खर्च का हिसाब एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है| ऐसे में सरकार और कारोबारी जगत को तालमेल के साथ आगे बढ़ना चाहिए| मंदी का राग ज्यादा दिन नहीं चलेगा कुछ करना होगा और जल्दी करना होगा।


राकेश दुबे


स्कूल वैन में आग, चार बच्चे जिंदा जले

राजेश शर्मा


संगरूर। पंजाब में बेहद दर्दनाक घटना सामने आई है जहाँ एक स्कूल की वैन में अचानक आग लग गई। जिसमें 4 स्कूली बच्चे ज़िंदा जल गए है। मृतक बच्चों की उम्र 5-6 साल की बताई जा रही है। घटना पंजाब के संगरूर इलाके के लोंगोवाल की है जहाँ छुट्टी के बाद स्कूल के बच्चों को ले जाकर वैन को अचानक रास्ते में आग लग गई। जिसमें बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई। मौके पर राहगीरों ने कई बच्चों को ज़िंदा बाहर निकाल लिया पर कई मासूम ज़िंदा जले।


भाजपाः कई राज्यों के अध्यक्षों को बदला

BJP ने किया कई राज्यों के अध्यक्षों में किए फेरबदल
    


नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने कई राज्यों के अपने अध्यक्षों में फेरबदल किया है। बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने मध्य प्रदेश, सिक्किम और केरल के मौजूदा बीजेपी अध्यक्ष को हटाकर दुसरे लोगों को कमान सौंपीं है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राकेश सिंह के स्थान पर विष्णु दत्त शर्मा को मध्यप्रदेश भाजपा का अध्यक्ष नियुक्त किया है जो राकेश सिंह की जगह लेंगे। शर्मा खजुराहो से भाजपा सांसद हैं। वह वर्तमान में वे भाजपा के प्रदेश महामंत्री हैं। इसके अलावा भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दल बहादुर चौहान को सिक्किम राज्य अध्यक्ष और के सुरेंद्रन को केरल भाजपा अध्यक्ष नियुक्त किया है। वहीं, दल बहादुर चौहान को सिक्किम बीजेपी का अध्यक्ष बनाया गया है। के. सुरेंद्रन को केरल बीजेपी का अध्यक्ष बनाया गया है। बता दें कि विष्णु दत्त शर्मा 2013 में भाजपा में शामिल हुए थे। वह वर्तमान में मध्यप्रदेश भाजपा के महामंत्री हैं। वह 1986 से ही विद्यार्थी परिषद् में सक्रिय हैं। 1993-94 में उन्हें मध्य भारत का प्रदेश संगठन मंत्री बनाया गया था। 2007-2014 के बीच उन्होंने मध्यक्षेत्र (मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़) के क्षेत्रीय संगठन मंत्री का कार्यभार संभाला था। 2007-09 में उन्होंने राष्ट्रीय महामंत्री की जिम्मेदारी संभाली थी।


लालू से मिले शत्रुघ्न, लिया हाल-चाल

रांंची । शनिवार को राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष और चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद से मुलाकात का दिन है। रिम्स अस्पताल में इलाजरत राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से मिलने आज फ़िल्म अभिनेता और पूर्व सांसद शत्रुध्न सिन्हा पहुंचे है। दोनो ही नेताओ के बीच वर्तमान राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर सियासी मंथन भी होने के कयास लगाए जा रहे है। वही इसी साल होनेवाले विधानसभा चुनाव के तैयारियों को लेकर दोनो नेताओ के बीच गुप्तगु होने की संभावना है। हलाकि तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए पूर्व सांसद शत्रुघ्न सिन्हा उर्फ बिहारी बाबू ने कहा है कि लालू प्रसाद हमारे पारिवारिक मित्र है तथा उनका हाल जानने वह आज रिम्स पहुंचे है। रिम्स अस्पताल के पेइंग वार्ड में भर्ती लालू प्रसाद से मुलाकात के बाद पूर्व सांसद ने कोई राजनीतिक चर्चा नही की है।


रेलवे का एक ही जवाब, फंड नहीं है

आकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली। रेलवे के तमाम कांट्रेक्टर्स/सप्लायर्स पिछले कुछ महीनों से अत्यधिक परेशान हैं, क्योंकि पिछले कुछ महीनों से उनके बिलों का भुगतान रेल प्रशासन द्वारा नहीं किया जा रहा है। इससे कांट्रेक्टर और सप्लायर न तो अपनी देनदारी चुका पा रहे हैं और न ही अपने कर्मचारियों के वेतन का भुगतान कर पा रहे हैं।


कई कांट्रेक्टरों और सप्लायरों ने कानाफूसी.कॉम को फोन करके अपनी आपबीती सुनाई। उनका कहना था कि कई महीनों से उनके फाइनल बिलों का भुगतान रेलवे ने नहीं किया है। एक सप्लायर ने यह भी कहा कि उसने पिछले साल जुलाई में कुछ मेडिकल इंस्ट्रूमेंट्स की सप्लाई का अपना करीब 35-36 लाख का बिल पश्चिम रेलवे को सब्मिट किया था, जिसका भुगतान आज तक नहीं किया गया है। उक्त सप्लायर का यह भी कहना था कि इतने लंबे समय तक बिल रोककर रखा जाता है, तब भी उस पर रेलवे द्वारा कोई व्याज नहीं दिया जाता है।


उल्लेखनीय है कि प्रत्येक टेंडर या सप्लाई ऑर्डर जारी करने से पहले ही निर्धारित मात्रा में संबंधित अधिकारियों द्वारा अपना कमीशन कांट्रेक्टर या सप्लायर से एडवांस में ले लिया जाता है। तथापि समय पर बिल भुगतान की जिम्मेदारी कोई अधिकारी नहीं लेता है। यही स्थिति टेंडर जारी करने वाले विभाग से लेकर लेखा विभाग तक समान रूप से लागू है। रेल अधिकारियों का सिर्फ एक ही जवाब है कि फंड नहीं है।


उन्होंने बताया कि अब यह हालत है कि कोई अधिकारी काम करने के लिए भी दबाव नहीं बना रहा है, इसके चलते रेलवे के लगभग सभी काम ठप पड़ गए हैं। कांट्रेक्टर्स का यह भी कहना है कि जो काम पूरे हो जाते हैं, और जिनका फाइनल बिल सब्मिट हो जाता है अथवा फाइनल भुगतान भी हो जाता है, उन कार्यों के लिए जमा कराई गई ईएमडी, सिक्योरिटी डिपॉजिट और बैंक गारंटी भी रेलवे द्वारा समय से नहीं लौटाई जाती है। इन्हें लौटाने में भी सालों लगा दिए जाते हैं। यही नहीं, यह वापस लेने के लिए भी कांट्रेक्टर्स और सप्लायर्स को अलग से दस्तूरी देनी पड़ती है।


मुंबई सेंट्रल डिवीजन, पश्चिम रेलवे के तमाम कांट्रेक्टर्स और सप्लायर्स ने 31 जनवरी को बाकायदा एक पत्र लिखकर मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) को वर्क एक्जीक्यूशन में आने वाली परेशानियों और लंबे समय से बिलों का भुगतान न होने से अवगत कराया है।


एनआईए को भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच

मुंबई। महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार में शामिल दलों के बीच सामंजस्य में कमी फिर सामने आई है। शिवसेना के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक ऐसा कदम उठाया है जिसका शिवसेना के सहयोगी दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने मुखरता से विरोध किया था। पिछले महीने महाराष्ट्र सरकार ने भीमा कोरेगांव हिंसा (Bhima-Koregaon Violence) की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपे जाने का विरोध किया था। लेकिन अब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इसकी मंजूरी दे दी है। हालांकि महाराष्ट्र सरकार के इस कदम को एनसीपी प्रमुख शरद पवारने गलत बताया है।


राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने पिछले माह आरोप लगाया था कि केंद्र ने भंडाफोड़ होने के डर से भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले की जांच एनआईए को सौंपी है। पवार ने कहा था कि अन्याय के खिलाफ बोलना नक्सलवाद नहीं है। उन्होंने ने कहा था कि ” मेरे खयाल से सरकार को डर है कि उसका भांडा फूट जाएगा। इसलिए (मामले को एनआईए को सौंपने का) फैसला किया गया है।” पवार ने एल्गार परिषद मामले में कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुणे पुलिस की कार्रवाई की जांच कराने के लिए सेवानिवृत न्यायाधीश के नेतृत्व में विशेष जांच दल गठित करने की मांग की थी।


'पीएम' मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला

'पीएम' मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला  इकबाल अंसारी  नई दिल्ली। संसद सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर...