शनिवार, 15 फ़रवरी 2020

आज कुंभ मेले का पहला शाही स्नान

ऋषिकेश। वर्ष 2021 में होने वाले कुंभ मेले के दौरान एक शाही स्नान ऋषिकेश में भी करने की मांग नगर निगम और संतों ने रखी थी। जिस पर शासन ने अपनी स्वीकृति दे दी है।
       इस संबंध में नगर निगम की मेयर अनीता ममगाई ने प्रेस वार्ता कर जानकारी दी। बताया कि 16 फरवरी 2021 को ऋषिकेश में शाही स्नान कराने की स्वीकृति शासन की ओर से दी गई है। इस संबंध में अब जल्दी ही साधु संतों से वार्ता कर शाही स्नान की तैयारियों को परवान चढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे। इस संबंध में अपार मेला अधिकारी ललित नारायण मिश्रा ने नगर निगम को पत्र जारी कर व्यवस्थाएं बनाने के लिए भी निर्देशित किया है। बताया नगर निगम शाही स्नान को सुव्यवस्थित तरीके से संपन्न कराने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगा। शहर को दुल्हन की तरह सजाया जाएगा। हर संभव व्यवस्थाओं को पूरा करने की कोशिश की जाएगी। इसी के साथ एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि शाही स्नान में अतिक्रमण को भी रोड़ा बनने नहीं दिया जाएगा। निगम समय-समय पर अभियान चलाकर अतिक्रमण हटा रहा है। इसी कड़ी में शाही स्नान को लेकर विशेष अभियान भी चलाया जाएगा। जिसमें अतिक्रमण को साफ कर साधु-संतों के लिए पैदल चलने के लिए व्यवस्था बनाई जाएगी। बताया इतिहास में पहली बार ऋषिकेश में शाही स्नान किया जाएगा। जिससे ऋषिकेश का नाम अब पूरी दुनिया में और बेहतर तरीके से पहचाना जाएगा। पत्रकार वार्ता में संत समिति के अध्यक्ष महंत विनय सारस्वत, महंत अखिलेश भारती,मंहत धर्मदास, मंहत हरि दास,मंहत धर्मानंद गिरी,मंहत नित्यानंद गिरी,मंहत रामेश्वर गिरी,मंहत कृषणानंद,मंहत नित्यानंद पुरी, पार्षद राजेश दिवाकर, पार्षद विजेंद्र मोघा, पार्षद मनीष मनवाल, जिला मंत्री पंकज शर्मा, राजपाल ठाकुर, आदि मौजूद रहे।


कैसे और कब उठी विवादों की दीवार

तारिक आज़मी की मोरबतियाँ – जैतपुरा थाना क्षेत्र के सरैया में आखिर कैसे और कब उठी ये विवादों की दीवार



तारिक आज़मी


वाराणसी। कुछ संवेदनशील थाना क्षेत्रो में जोड़ा जाए तो जैतपुरा भी एक क्षेत्र है। अतिसंवेदनशील तो नही कम से कम संवेदनशील तो कहा ही जा सकता है। इस क्षेत्र के संवेदनशील होने के मुख्य कारको में एक कारण यहाँ की शिक्षा भी है। जी हां, सही समझा अल्प शिक्षित इस क्षेत्र में कई बार विवाद केवल और केवल शिक्षा की कमी के वजह से ही हो जाता है। दो लभनी के बाद एक दुसरे के साथ दो थप्पड़ लेन देन की घटना को भी बड़े स्तर से दिखाने की कोशिश हो जाती है। मगर जब आप गहराई में जाए तो निकलेगा कि खोदा पहाड़ और निकला चूहा।


बहरहाल, ऐसे ही संवेदनशील क्षेत्र के सरैया पुलिस चौकी अंतर्गत अमरपुर बटलोहीया में आज कल विवादों की उठी एक दिवार चर्चा का कारण बनी हुई है। समतल संपत्ति पर रातो रात दिवार खडी करके विवादों को न्योता देने वाले वैसे अक्सर पुलिस चौकी के आसपास मंडराते ही दिखाई देते है। मगर शायद स्थानीय पुलिस मामले की गंभीरता को नही आकलन कर पा रही है। प्रकरण कुछ इस प्रकार है कि अमरपुर बटलोहीया में एक छोटी सी संपत्ति है। संपत्ति को जलेबिया मोड़ के नाम से भी लोग जानते है। संपत्ति विवादों का केंद्र है और इसका प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। संपत्ति खुली हुई थी और आम जन मानस आने जाने का रास्ता भी समझते थे। अचानक इस संपत्ति पर रातो रात दिवार खडी हो गई। अब अचानक एक पक्ष रातो रात दिवार खडी कर डाले और उसको शासन प्रशासन का खौफ न हो तो बात समझ से थोडा परे आपको भी नज़र आएगी।


सुबह होने पर जब लोगो ने खुली संपत्ति पर खडी दिवार देखा तो चर्चा का केंद्र बन बैठा। कुछ तो तफरी लेने के लिए जिन्नाती दिवार का नाम भी इसको देने लगे। मगर मामले में लोग सिर्फ चर्चा करके कुछ वक्त के लिए मूकदर्शक बनना चाहते थे, और बने हुवे भी है। इस दिवार के खड़े हो जाने की जानकारी दुसरे पक्ष को फोन पर किसी ने दिया जो शहर के बाहर कारोबारी सिलसिले में रहता है। कल दोपहर वह पक्ष भी शहर में वापस आया और दिवार देख कर उसके पेशानी पर शिद्दत की दरार तक खडी हो गई। सुना जा रहा है कि स्थानीय चौकी इंचार्ज से संपर्क करने पर जब दुसरे पक्ष को राहत मिलती नही दिखाई दी, तो उसने तत्काल जिलाधिकारी को प्रकरण के सम्बन्ध में प्रार्थना पत्र दे डाला। अब इस विवादो की दिवार पर बीती रात को देर रात पुलिस पहुची और डायल 112 की शिकायत का हवाला देकर दोनों पक्षों को पुलिस चौकी लेकर चली गई। पुलिस चौकी पर साहब ने रौबदार तरीके से मामले को हैंडल किया और दोनों पक्ष को हड़का डाला। एक पक्ष जिसने इस विवादित संपत्ति पर विवादों की दिवार खडी किया था उसका कहना था कि दूसरा पक्ष मन में प्लान बना कर बैठा है कि आज देर रात दीवार को तोड़ देगा। चौकी इंचार्ज महोदय ने प्रकरण सुना तो दुसरे पक्ष को जमकर हड़का डाला और कहा बिना आदेश के दीवार पर हाथ न लगे। अब बात जो समझ में नहीं आई कि दरोगा जी का कहना बिलकुल सही है कि विवादित संपत्ति पर बिना आदेश के कुछ नही होगा। दीवार तोडना तो दूर उसको हाथ लगाना भी गलत होगा। मगर चौकी इंचार्ज साहब एक बात नही बता पा रहे है कि जब संपत्ति विवादित थी तो फिर ये विवादों की दीवार किसके आदेश पर खडी कर दी गई। कही साहब ने खुद तो मौखिक आदेश नही दे दिया था।


दूसरी बात समझ से परे थी कि जब दुसरे पक्ष ने मन में सोचा था दीवार को गिराने के लिए तो आखिर कितनी जोर से सोचा कि मन की बात बाहर निकल का दुसरे पक्ष को पहुच गई और दुसरे पक्ष से साहब तक पहुच गई। लगता है कि मन शायद ऊँचा सुनता होगा और मन को सुनाने के लिए जोर से सोच लिया होगा और दीवारो के कान तो होते ही है ये जग जाहिर है। बस मन की बात ऊँचे स्वर में होने के कारण दीवारों के कानो ने सुन लिया होगा और साहब ने न्याय व्यवस्था को संभाल लिया और कहा कि बिना आदेश के कोई काम नही होगा। मगर साहब बिना आदेश के विवादों की दीवार जब खडी हुई तो उस समय क्या हुआ था आदेशो का


बहरहाल, इस विवादित संपत्ति पर विवादों की दीवार उठा क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। शायद जो चर्चाये इस दीवार को लेकर है वही किसी न किसी रोज़ किसी विवाद का कारण बन जाए। हमको क्या करना है। विवाद पर भी तो समाचार बनेगा।


तुफां भी हार जाते हैं, कश्ती जिद पर हो

वरिष्ठ पत्रकार शंकर पांडेय



दिल्ली में विधानसभा चुनाव के परिणाम ‘आप’ और अरविंद केजरीवाल के पक्ष में गये हैं। केजरीवाल उसी दिल्ली में तीसरी बार अपनी सरकार बनाएंगे जहां से नरेन्द्र मोदी बतौर प्रधानमंत्री देश चलाते हैं। बहरहाल दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की बुरी हार फिर चर्चा में है। दिल्ली विधानसभा को चुनाव में तो भाजपा ने चुनाव में किये गये वायदों को दरकिनार करके हिन्दू गौरव जैसे मुद्दों में चुनाव लडऩे में कोई संकोच नहीं किया, गोलीमार देना चाहिये, हिन्दुस्तान-पाकिस्तान का मैच, शाहीनबाग मुद्दों को जमकर उठाया गया, केजरीवाल ने पूरा चुनाव अपने कार्यकाल सहित शिक्षा, स्वास्थ्य, पीने का साफ पानी, प्रदूषण और बिजली के सुधार पर केन्द्रित किया था, एक टीवी कार्यक्रम में एंकर द्वारा हनुमान चालीसा से जुड़ा एक सवाल पूछा और उन्होंने सस्वर हनुमान चालीसा का पाठ कर उन लोगों के सोच पर भी हमला किया जो उन्हें हिन्दु विरोधी ठहरा रहे थे। इधर भाजपा के गली-कूचे के नेताओं सहित कुछ शीर्ष नेताओं ने तो दिल्ली की 70 सीटों वाली विधानसभा चुनाव जीतने हिन्दुस्तान-पाकिस्तान, शाहीनबाग, कश्मीर और राममंदिर के नाम पर फोकस करने की बात करते रहे।



ऐन विधानसभा चुनाव के पहले राममंदिर ट्रस्ट की घोषणा करके भाजपा ने चुनावी विमर्श में एक और महत्वपूर्ण मुद्दा भी जोडऩे का प्रयास किया। अगर इस घोषणा के बाद आम आदमी पार्टी के लोग चुनाव आयोग जाते और आचार संहिता की अनदेखी का मामला उठाते तो उनको राममंदिर विरोधी भी ठहराने में भाजपा पीछे नहीं रहती। बहरहाल केजरीवाल दिल्ली में अपने 5 साल के कार्यकाल में किये गये विकास कार्यों पर ही वोट मांगते रहे। उन्होंने तो यहां तक कहा कि यदि मेरी सरकार ने 5 साल में कार्य नहीं किया है तो मुझे वोट मत देना, इतनी साफगोई से बात करने का किसी मुख्यमंत्री या पार्टी नेता का पहला अवसर था।


बहरहाल दिल्ली में विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बना था। पार्टी का सबसे बड़़ा मुद्दा राममंदिर के निर्माण की घोषणा चुनाव पूर्व करना तथा मंदिर निर्माण ट्रस्ट की घोषणा करना भी था कोई भी राजनीति शास्त्र का विद्यार्थी समझ सकता है कि इसका भी लाभ लेने की रणनीति भाजपा की थी। पुलवामा सहित पाक में घुसकर मारने के नाम पर पिछला लोकसभा चुनाव का परिणाम जरूर भावनात्मक मुद्दे पर भाजपा के पक्ष में गया पर पिछले 2 सालों में 7 राज्यों में भाजपा की असफलता की चर्चा भी रही। छत्तीसगढ़ में 15 सालों की डॉ. रमन सिंह सरकार को 15 सीटों में सिमटा दिया गया, राजस्थान, म.प्र., झारखंड, महाराष्ट्र में गैर भाजपा सरकार बनी, हरियाणा में जोड़-तोड़ कर जरूर भाजपा की फिर सरकार बनी और दिल्ली में तो 70 सीटों में महज 8 सीटों पर ही भाजपा के विधायक जीत सके, 62 सीटों पर जीतकर आप में भाजपा के तमाम भावनात्मक मुद्दों पर पानी फेर दिया दिल्ली के विधानसभा चुनावमें भाजपा सरकार के लगभग सभी मंत्री, 200 के आसपास सांसद, स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के रणनीतिकार अमित शाह सहित भाजपा के नवनियुक्त अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने भी कमान संभाली पर सरकार बनाने में असफल रहे वहीं कुछ सालों पहले ही राजनीति में जन्मी ‘आप’ पार्टी तीसरी बार सरकार बनाने में सफल रही। जहां तक कांग्रेस की बात है तो उसे इस बार भी एक भी सीट नहीं मिली वैसे यह कहा जा सकता है कि कांग्रेस के बड़े नेताओं ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में वह रूचि नहीं ली जिसकी उम्मीद की जा रही थी। राहुल और प्रियंका ने एक-दो स्थानों पर जरूर प्रचार किया।


यूपी सीएम योगी को पत्रकारों से खतरा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जान को खतरा है। इसके लिए आईबी व अन्य खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया है। एजेंसियों के मुताबिक आतंकी पत्रकार बनकर गोरखनाथ मंदिर में मुख्यमंत्री पर हमला कर सकते हैं। इस सूचना के बाद पुलिस प्रशासन ने शहर के पत्रकारों की सूची ली और एलआईयू जांच कराने के बाद सबका फोटोयुक्त पहचान पत्र बना दिया है। अब मुख्यमंत्री के कार्यक्रम की कवरेज के लिए गोरखनाथ मंदिर में वही पत्रकार प्रवेश कर सकेंगे, जिनके पास पुलिस से जारी पहचान पत्र रहेगा।
जानकारी के मुताबिक, दो महीने पहले खुफिया एजेंसियों ने गोरखनाथ मंदिर में ही मुख्यमंत्री पर हमला होने की अलर्ट जारी किया था। इसके बाद पुलिस ने मंदिर का सुरक्षा घेरा बढ़ा दिया। मंदिर के आसपास हथियारबंद अतिरिक्त फोर्स भी बढ़ा दी गई। दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर में पत्रकारों से सहजता से मिलते हैं। खुफिया सूचना के मुताबिक इसका फायदा आतंकी उठा सकते हैं। वे पत्रकारों के बीच में शामिल होकर जानलेवा हमला कर सकते हैं। खुफिया एजेंसियों के अलर्ट को पुलिस, प्रशासन ने गंभीरता से लिया। फोटोयुक्त पहचान पत्र अब बनकर तैयार हैं। इसे जल्द ही अधिकृत पत्रकारों को उपलब्ध करा दिया जाएगा।
एसएसपी डॉ. सुनील कुमार गुप्ता ने कहा कि पत्रकारों को असुविधा ना हो और उनकी पहचान हो सके इसके लिए पहचान पत्र बनवाया गया है। जल्द ही मीडिया हाउस से अधिकृत पत्रकारों को फोटोयुक्त पहचान पत्र मुहैया कराया जाएगा। इसके बाद मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में उन्हीं पत्रकारों की इंट्री होगी, जिनके पास पहचान पत्र होगा। हालांकि मंदिर की सुरक्षा कई स्तरीय हैं। वहां सुरक्षा में कवच वाहन भी रहता है।


7 बच्चों का बाप 3, बच्चों की मां 'फरार'

दरभंगा। जिले के बहादुरपुर क्षेत्र में शिवदास की पत्नी मालती देवी ने शुक्रवार को संबंधित थाने में एक मामला दर्ज कराया हैं। उनके पति एक पड़ोसन के साथ फरार हो गया है। मालती देवी ने बताया कि उनकी शादी 18 वर्ष पूर्व हुई थी। उन्हें पांच बेटी एवं दो बेटे हैं। पिछले दो वर्षों से उनके पति का गांव की ही एक पड़ोसन महिला से के साथ गुप्त प्रेम संबंध चल रहा था। गुरुवार की रात अचानक उस  महिला और महिला के तीनों बच्चों के साथ लेकर पति फरार हो गया। जबकि अपने सातों बच्चों को छोड़ गए। पीड़िता ने अपने पति के विरुद्ध पत्नी ने कानूनी कार्यवाही की गुहार लगायी है।


सालासर में दुग्धाभिषेक महाआरती छप्पन-भोग

रायपुर। प्रदेश के सालासर बालाजी धाम के दूसरे वार्षिकोत्सव का आयोजन 15 और 16 फरवरी किया जा रहा है। राजधानी में अग्रसेन धाम के पास मध्यभारत का एकमात्र सिद्ध सालासर बालाजी मंदिर है। वार्षिकोत्सव के पहले दिन सेवा समिति ने अखंड रामायण का आयोजन किया। दोपहर 12 बजे महाप्रसादी का आयोजन किया गया है। जिसमें 5 हजार श्रद्धालु महाभंडारा में प्रसाद का लाभ ले सकेगें। दोपहर 3 बजे राम मंदिर से सालासर बालाजी मंदिर तक निशान यात्रा निकाली गई। यहां मनोकामना पूर्ति के लिए सैकड़ों श्रद्धालु प्रतिदिन पहुंच रहे हैं। बालाजी धाम में मुंडन संस्कार की व्यवस्था भी है। यहां मन्नत का धागा बांधने दूर-दूर से लोग आते हैं।


मंदिर समिति अध्यक्ष सुरेश गोयल ने बताया कि सालासर बालाजी मंदिर में आज बड़ी संख्या में भक्तजन शामिल हुए। विशाल निशान यात्रा राम मंदिर से प्रारंभ होकर लगभग 5 किलोमीटर पैदल यात्रा कर सालासर मंदिर पहुंची। जिसमें भक्तों का हुजुम उमड़ पड़ा। सालासर बालाजी धाम में वार्षिकोत्सव के दूसरे दिन 16 फरवरी को सुबह 10 बजे दुग्धाभिषेक होगा। उसके बाद 11 बजे सवामणी का भोग लगाया जाएगा। दोपहर 2.30 बजे महाभंडारा का आयोजन किया गया है। जबकि शाम 7 बजे भजन संध्या में सुप्रसिद्ध भजन गायक लखबीर सिंह लक्खा की प्रस्तुति होगी। रात साढ़े 9 बजे भोज रखा गया है।


पूर्व आईएएस फैसल पर लगाया पीएसए

नई दिल्ली। पूर्व आईएएस शाह फैसल पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पब्लिक सिक्योरिटी एक्ट (पीएसए) लगाया गया है। इससे पहले जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के खिलाफ भी पीएसए के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। शाह फैसल पर प्रशासन ने पीएसए के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। आईएएस की नौकरी छोड़कर राजनीति में आने वाले शाह फैसल जम्मू और कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के अध्यक्ष हैं। जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के केंद्र के फैसले के बाद से नजरबंद रखे गए पूर्व नौकरशाह शाह फैसल पर अब कठोर प्रावधानों वाले जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत मामला दर्ज है। यह कानून प्रशासन को किसी व्यक्ति को बिना मुकदमे के छह महीने तक हिरासत में रखने की अनुमति देता है। बता दें कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद शाह फैसल को पिछले साल 14 अगस्त को सीआरपीसी की धारा 107 के तहत हिरासत में लिया गया था। बाद में उन्हें कस्टडी में लेकर एमएलए हॉस्टल में रखा गया था। अभी ये तय नहीं है कि शाह फैसल को उनके घर में शिफ्ट किया जाएगा या एमएलए हॉस्टल में ही रखा जाएगा।


अभिनेत्री नम्रता ने अपनी कुछ तस्वीरें शेयर की

अभिनेत्री नम्रता ने अपनी कुछ तस्वीरें शेयर की  कविता गर्ग  मुंबई। भोजपुरी सिनेमा की बोल्ड अदाकारा नम्रता मल्ला ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर ...