शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2020

मधुरिम की फोटो ने मचाया बवाल

मनोज सिंह ठाकुर


मुंबई। बिगबॉस 13 की पूर्व प्रतिभागी और अभिनेत्री मधुरिमा तुली ने हाल ही में कुछ तस्वीरें साझा की है, जिसमें वह काफी आकर्षक नजर आ रही हैं। मल्टी कलर ड्रेस और टेसेल इयररिंग में मधुरिमा काफी शानदार दिख रही हैं। अपने लुक को उन्होंने खुले बाल और हल्के मेकअप से पूरा किया है।
अभिनेत्री बिगबॉस 13 की उन प्रतिभागियों में शामिल रही हैं, जिन्होंने काफी सुर्खियां बटोरी हैं।
वहीं जनवरी में उन्हें अपने पूर्व बॉयफ्रेंड और शो के प्रतिभागी विशाल आदित्य सिंह को बुरी तरह से पीटने पर शो से जाने के लिए कहा गया था। अभिनेत्री ने विशाल पर फ्राइंग पैन से हमला किया था। अभिनेत्री ने ऐसा तब किया था, जब विशाल ने उनके चेहरे पर पानी फेंक कर उन्हें गुस्सा दिलाया था।


मौजों की बदबू और उसका समाधान

जैसे ही कुछ लोग अपने शूज उतारते हैं तो आस-पास बैठे लोग दूर भाग जाते हैं…या तिरछी नजरों से उनकी तरफ देखने लगते हैं, इसका कारण होता है उनके पैरों से आ रही दुर्गंध। जिन लोगों के साथ यह समस्या होती है वे खुद इस दिक्कत के चलते कई बार पब्लिक प्लेस पर या किसी इवेंट में हंसी का पात्र बन जाते हैं। अक्सर ये लोग समझ नहीं पाते कि आखिर बहुत साफ-सफाई का ध्यान रखने के बाद भी इनके पैरों से बदबू आ क्यों रही है? यहां जाने इस परेशानी की वजह और इसका समाधान…
इसलिए आती है पैरों से दुर्गंध
पैरों से स्मेल आने की वजह होती है पैरों में पसेब का आना। आप पसेब को पैरों में होनेवाली स्वेटिंग की तरह समझ सकते हैं लेकिन वास्तव में पसीने और पसेब में टेक्निकल डिफरेंस होता है। दरअसल, पसीना हमारे उन बॉडी पार्ट्स में आता है जहां स्किन में रोम छिद्र या पोर्स होते हैं, स्किन पर बाल होते हैं। लेकिन पसेब हथेली और तलुओं पर ही आता है और यहां की त्वचा पर रोए या महीन बाल नहीं होते हैं। 
पसीना नैचरल प्रॉसेस लेकिन…
पसीना आना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। प्राकृति तौर पर जो पसीना आता है वो हमें रोम छिद्रों से आता है। जब यह नैचरल प्रॉसेस से आता है तो यह सेहत के लिए अच्छा होता है। यहां नैचरल प्रॉसेस से मतलब उन स्थितियों से है जब आप घबराहट या तनाव में नहीं होते हैं। गर्म मौसम के कारण पसीना आना या एक्सर्साइज के बाद पसीना आना सामान्य होता है।
पसेब है अलार्मिंग साइन
पैर के तलुओं या हथेलियों में पसेब आने की दिक्कत आमतौर पर उन लोगों को होती है जो चिंतालु प्रवृत्ति के होते हैं। वैद्य सुरेंद्र सिंह राजपूत के अनुसार, हथेलियों और पैर के तलुओं में पसेब आना इस कई बार बदलते मौसम के कारण होता है तो कई बार यह इस बात का इशारा होता है कि आप किसी तरह के मानसिक दबाव से गुजर रहे हैं।
मेंटल हेल्थ की सुरक्षा का संदेश
जब लंबे समय तक कोई टेंशन या स्ट्रेस हमारे दिमाग पर हावी रहता है तो हमारे शरीर पर इसके कई नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते हैं। हम वक्त रहते अपने आप को इन परेशानियों से दूर करने के लिए जरूरी प्रयास करें, पैरों और हथेलियों का पसेब मेंटल हेल्थ की दिशा में इस तरह का संदेश देने का काम करता है।
बचाता है ऐंग्जाइटी और डिप्रेशन से
अगर साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखने, सही डायट लेने और प्रॉपर केयर के बाद भी पैरों से और हथेलियों से पसेब आ रहा है तो आपको डॉक्टर से जरूर मिलना चाहिए। क्योंकि यह दिमगा के द्वारा अपनी सेफ्टी के लिए दिया जानेवाला एक तरह का संकेत है कि अगर आपने अभी अपनी मेंटल हेल्थ पर ध्यान नहीं दिया तो आप ऐंग्जाइटी और स्ट्रेस की तरफ बढ़ सकते हैं।
इन लोगों में होती है यह समस्या
आयुर्वेद के अनुसार, पैरों और हथेलियों में पसेब आने की समस्या ज्यादातर उन लोगों के साथ होती है, जो चिंतालु प्रवृत्ति के होते हैं। ये लोग सोचते अधिक हैं लेकिन जितना सोचते हैं उसकी तुलना में परफॉर्म नहीं कर पाते हैं। साथ ही इनके दिमाग में हर समय कोई ना कोई थॉट प्रॉसेस चलता रहता है। 
इस तरह चलता है प्रॉसेस
लगातार सोच-विचार में उलझे रहने के कारण ये लोग अपने काम को उतने अच्छे तरीके से अंजाम नहीं दे पाते, जैसा देने की चाहत रखते हैं। इस कारण इन्हें अपनी इच्छा के अनुरूप रिजल्ट भी नहीं मिल पाता। इससे ये और अधिक तनाव में आ जाते हैं। इस दौरान पैर के तलुओं और हथेलियों में पसेब की समस्या बढ़ जाती है। क्योंकि पैर अक्सर शूज में बंद रहते हैं इस कारण पैरों में तेज स्मेल आने लगती है। 
एक के बाद एक ऐसे बढ़ती हैं समस्याएं
हर समय चिंता में रहने के कारण हमारे पाचनतंत्र पर बुरा असर पड़ता है। इस कारण हमारा मेटाबॉलिज़म स्लो हो जाता है। खाना ठीक से डायजेस्ट नहीं होता, कब्ज रहने लगता है, शारीरिक और मानसिक थकान बनी रहती है। इसका सीधा असर हमारी परफॉर्मेंस पर पड़ता है और फिर वही सर्कल घूमने लगता है कि हम परफॉर्म नहीं कर पाते तो स्ट्रेस बढऩे लगता है।
पैरों की दुर्गंध दूर करने के आसान टिप्स
-पैरों की बदबू से निजात पाने के लिए आप सबसे पहले टाइम मैनेजमेंट पर ध्यान दें। अपने काम तय समय पर करना शुरू करें ताकि आपके दिमाग का बोझ कम हो और खुद को खुश और लाइट फील कर सकें।


एक्सर्साइज या वॉक जरूर करें। इन्हें करने से हमारे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और ब्रेन तक जरूरी मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचती है। इससे तनाव कम करने में मदद मिलती है।


सही डायट यानी डीप फ्राइड चीजों का कम से कम सेवन, मौसमी फलों का उपयोग, सात्विक भोजन खाने और योग या एक्सर्साइज से हमारे ब्रेन को हैपी हॉर्मोन्स प्रड्यूस करने में मदद मिलती है। जब हम खुश रहते हैं तो तनाव कम होता है और ब्रेन ठीक से काम करता है पैरों से बदबू की समस्या दूर हो जाती है।
अगर ना मिले आराम
अगर हेल्दी डायट और फिजिकली ऐक्टिव रहने के बाद भी आपको पैरों की दुर्गंध और हथेलियों में पसेब आनी की समस्या बनी हुई तो ऐसी स्थिति में आप चिकित्सक से परामर्श करें। बहुत कम समय के ट्रीटमेंट से ही आप इस परेशानी से मुक्ति पा सकते हैं और लोगों की घृणा या मजाक का विषय बनने से बच सकते हैं।


जाने, लेमन टी के फायदे

आपमें से कई लोग ऐसे होंगे जो अपने दिन की शुरुआत चाय के साथ करते होंगे। चाय पीने से दरअसल हम एक्टिव फील करते हैं और चुस्त तंदुरुस्त भी बने रहते हैं। इसलिए हमारे आसपास आज कई तरह की चाय मौजूद है जिनमें से एक लेमन टी भी है। 
लेमन टी में साइट्रिक एसिड की मात्रा होने के कारण यह वजन घटाने में सहायक होने के साथ – साथ आपके स्वास्थ्य के लिए कई भी कई प्रकार से लाभदायक है। बदलते मौसम में लेमन टी पीना बेहद फायदेमंद हो सकता है। यहां जानें नींबू से बनी यह चाय आपके शरीर पर और कौन कौन से कमाल दिखा सकती हैज् 
वजन घटाने में है सहायक 
वैसे तो ज्यादातर लोग यही सोचते हैं कि नींबू पानी पीने से वजन घटता है लेकिन लेमन टी पीने से भी वजन को नियंत्रित करने में और उसे घटाने में मदद मिल सकती है। दरअसल नींबू में कैलोरी की बहुत कम मात्रा पाई जाती है। यही वजह है कि लेमन टी का उपयोग वजन घटाने में मदद करता है। 
ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में करता है मदद 
हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से पीडि़त लोगों के लिए भी लेमन टी फायदेमंद है। लेमन टी पीने से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या खत्म हो जाती है। इसमें पोटेशियम की मात्रा पाई जाती है। यह ब्लड प्रेशर को सामान्य रूप से बनाए रखने में मदद करता है। इसलिए ब्लड प्रेशर की समस्या से पीडि़त लोगों के लिए लेमन टी एक बढिय़ा विकल्प है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में है मददगार 
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी लेमन टी पीने के फायदे शामिल हैं। लेमन टी में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का गुण पाया जाता है। इस कारण अगर आप लेमन टी पीते हैं तो आप की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहेगी और आप कई प्रकार की बीमारियों से भी बचे रहेंगे। 
बढ़ती उम्र के प्रभाव के लिए है कारगर चाय 
लेमन टी पीने से आप स्लो एजिंग की समस्या से बचे रहते हैं। दरअसल इसमें एंटी ऑक्सीडेंट का गुण पाया जाता है जो स्लो एजिंग यानी कि बढ़ती उम्र की प्रक्रिया से होने वाले प्रभाव को कम कर देता है और आपकी त्वचा निखरी हुई लगती है। अपनी दिनचर्या में लेमन टी को शामिल करने के बाद आप खुद ब खुद इस फायदे को देख सकेंगे।
कैंसर के जोखिम को कम करने में करता है मदद 
लेमन टी पीने के फायदे में कैंसर के जोखिम को कम करना भी शामिल है। जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि लेमन टी में एंटीऑक्सीडेंट एक्टिविटी पाई जाती है। यह एक्टिविटी कैंसर के लिए जोखिम बनने वाली कोशिकाओं को पनपने से रोकता है। इसलिए आप लेमन टी को अपनी दिनचर्या में शामिल करके कैंसर के जोखिम से बचे रहेंगे।


एजीआर पर एससी ने अपनाया कड़ा रुख

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) बकाये का भुगतान करने के आदेश का अनुपालन न करने पर शुक्रवार को दूरसंचार कंपनियों को फटकार लगाई। कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों को 17 मार्च तक बकाया जमा करने का आदेश भी दिया है। उच्चतम न्यायालय ने दूरसंचार विभाग के डेस्क अधिकारी के आदेश पर अफसोस जताया। आदेश में एजीआर मामले में दिए गए फैसले के अनुपालन पर रोक लगाई गई थी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दूरसंचार एवं अन्य कंपनियों के निदेशकों, प्रबंध निदेशकों से पूछा कि एजीआर बकाए के भुगतान के आदेश का अनुपालन नहीं किए जाने को लेकर उनके खिलाफ अवमानना कार्रवाई क्यों नहीं की जाए। इस संदर्भ में न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने कहा कि अगर एक डेस्क अधिकारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की धृष्टता करता है, तो उच्चतम न्यायालय को बंद कर दीजिए। कोर्ट ने कहा कि, 'हमने एजीआर मामले में समीक्षा याचिका खारिज कर दी, इसके बावजूद पैसा जमा नहीं किया गया। न्यायालय ने कहा कि देश में जिस तरह से चीजें हो रही हैं, इससे हमारी अंतरआत्मा हिल गई है। उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने एजीआर बकाये को लेकर सुनवाई करते हुए दूरसंचार कंपनियों और कुछ अन्य कंपनियों को दूरसंचार विभाग को 1.47 लाख करोड़ रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया था। इसके भुगतान की समयसीमा 23 जनवरी थी।


जानें क्या है एजीआर?


दूरसंचार कंपनियों को एजीआर का तीन फीसदी स्पेक्ट्रम फीस और आठ फीसदी लाइसेंस फीस के तौर पर सरकार को देना होता है। कंपनियां एजीआर की गणना दूरसंचार ट्रिब्यूनल के 2015 के फैसले के आधार पर करती थीं। ट्रिब्यूनल ने उस वक्त कहा था कि किराये, स्थायी संपत्ति की बिक्री से लाभ, डिविडेंड और ब्याज जैसे गैर प्रमुख स्रोतों से हासिल राजस्व को छोड़कर बाकी प्राप्तियां एजीआर में शामिल होंगी। जबकि दूरसंचार विभाग किराये, स्थायी संपत्ति की बिक्री से लाभ और कबाड़ की बिक्री से प्राप्त रकम को भी एजीआर में मानता है। इसी आधार पर वह कंपनियों से बकाया शुल्क की मांग कर रहा है।


पुलवामा हमले के शहीदों को किया नमन

नई दिल्ली। पुलवामा हमले की पहली बरसी पर पीएम मोदी ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी ने कहा कि भारत अपने बहादुर जवानों की शहादत को कभी नहीं भूलेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले में जान गंवाने वाले वे असाधारण व्यक्ति थे, जिन्होंने हमारे राष्ट्र की सेवा और रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। बता दें कि पिछले साल 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सीआरपीएफ का काफिला गुजर रहा था। सामान्य दिन की तरह ही उस दिन भी सीआरपीएफ के वाहनों का काफिला अपनी धुन में जा रहा था। तभी एक कार ने सड़क की दूसरी तरफ से आकर इस काफिले के साथ चल रहे वाहन में टक्‍कर मार दी। इसके साथ ही एक जबरदस्‍त धमाका हुआ। यह आत्मघाती हमला इतना बड़ा था कि मौके पर ही सीआरपीएफ के करीब 42 जवान शहीद हो गए।


पुलवामा हमले से किसको हुआ फायदा

नई दिल्ली। पुलवामा में शहीद हुए सीआरपीएफ के 40 जवानों को देश भावभीनी श्रद्धांजलि दे रहा है। इस आतंकी घटना की पहली बरसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई नेताओं ने शहीदों को नमन किया है। वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस हमले को लेकर मोदी सरकार से तीन सवाल पूछा है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर पुलवामा हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के 40 जवानों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उन्होंने तीन सवाल किए, राहुल के इस ट्वीट पर भाजपा के कई नेताओं ने आपत्ति जताते हुए कांग्रेस पर जोरदार हमला भी किया है। भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने राहुल गांधी के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कहा कि शर्म करो राहुल गांधी। पूछते हो पुलवामा हमले से किसका फायदा हुआ? अगर देश ने पूछ लिया कि इंदिरा राजीव की हत्या से किसका फायदा हुआ, फिर क्या बोलोगे? इतनी घटिया राजनीति मत करो शर्म करो। इस आतंकी घटना की पहली बरसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि पिछले साल पुलवामा में हुए भीषण हमले में जान गंवाने वाले बहादुर शहीदों को श्रद्धांजलि। वे असाधारण व्यक्ति थे जिन्होंने हमारे राष्ट्र की सेवा और रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।


बैंक धोखाधड़ी में एसबीआई, पीएनबी आगे

नई दिल्ली। वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाही नौ महीने में 18 सरकारी बैंकों से 1.17 लाख करोड़ रुपये की धोखाधड़ी सामने आई है। यह धोखाधड़ी 8,926 मामलों में की गई है। धोखाधड़ी का सबसे ज्यादा शिकार देश का सबसे बड़ा कर्जदाता बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया हुआ है। आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौर को सूचना के अधिकार के तहत रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से यह जानकारी मिली है। बताया कि दिसंबर 19 तक नौ महीने के दौरान 30,300 करोड़ के धोखाधड़ी के 4,769 मामले एसबीआई ने दर्ज कराए। सरकारी बैंकों में 1.17 लाख करोड़ की धोखाधड़ी के मामलों का यह 26 फीसदी है। पंजाब नेशनल बैंक को 294 मामलों में 14,928.62 करोड़ का चूना लगा। नुकसान में वह एसबीआई के बाद दूसरे नंबर पर रहा है।


वहीं दूसरी ओर बैंक ऑफ बड़ौदा में 250 मामलों में 11,166.19 करोड़ की धोखाधड़ी सामने आई। इलाहाबाद बैंक ने 860 मामले दर्ज कराए, जिसमें 6,781.57 करोड़ की धोखाधड़ी सामने आई। बैंक ऑफ इंडिया के 161 मामलों में 6,626.12 करोड़, यूनियन बैंक के 292 मामलों में 5,604.55 करोड़ का चूना लगा। ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स ने 282 मामले दर्ज कराए, जिससे 4,899.27 करोड़ की धोखाधड़ी हुई। केनरा बैंक, सिंडिकेट बैंक, कॉरपोरेशन बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, यूको बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, आंध्र बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक और पंजाब व सिंध बैंक में 1,867 मामले सामने आए, जिसमें कुल 31,600.76 करोड़ की धोखाधड़ी सामने आई।


कथा के आयोजन में उमड़ा भक्तों का जन-सैलाब

कथा के आयोजन में उमड़ा भक्तों का जन-सैलाब  रामबाबू केसरवानी  कौशाम्बी। नगर पंचायत पूरब पश्चिम शरीरा में श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन में भक्तो...