गुरुवार, 13 फ़रवरी 2020

किए गए कार्य की समीक्षा और भावी कार्यनीति

देहरादून। मंत्रियों ने अपने विभागों की तीन वर्ष की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए साथ ही भावी कार्ययोजना भी विधायकों के समक्ष रखीं। विधायकों ने अपने क्षेत्र की आवश्यकताओं से अवगत कराने के साथ ही सुझाव भी दिए। सीएम आवास स्थित सभागार में आयोजित मंथन कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश सरकार की तीन वर्ष की अवधि में किये गये कार्यों का उल्लेख करते हुए विकास की भावी रणनीति पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि मंथन कार्यक्रम की पूर्व संध्या पर मंत्रिगणों एवं विधायक गणों से हुए विचार विमर्ष में राज्य के समग्र विकास की दिशा तय करने को सम्बन्धित महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त हुए हैं। इस मंथन से प्राप्त होने वाला अमृत, प्रदेश को नई दिशा देने में मददगार होगा। 
मुख्यमंत्री ने कहा इन तीन वर्षों में हम क्या कर पाये इसका आकलन करने को मिला है। तीन वर्ष की अवधि में राज्य हित में की गई 57 प्रतिशत घोषणाएं पूर्ण की जा चुकी हैं। अन्य घोषणाओं पर कार्यवाही गतिमान है।  सीएम घोषणाओं का शत प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। हम घोषणा पत्र के अनुपालन की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। घोषणा पत्र के इतर भी कई कार्य जनहित में किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार के तीन वर्ष पूर्ण होने के अवसर हमने तीन कार्यक्रमों के आयोजन का लक्ष्य रखा है। इसमें रिवर्स पलायन की दिशा में पहल करने वाले युवाओं के लिए ‘आवा अपणा घर आवा’ के सन्देश का आधार तैयार करने वालो का सम्मेलन आयोजित किया जायेगा। इसके अतिरिक्त रामनगर मे एडवेंचर समिट का आयोजन किया जायेगा। टिहरी झील को देश व दुनिया में पहचान दिलाने तथा एडवेंचर टूरिज्म का प्रमुख केन्द्र बनाने के लिये टिहरी लेक महोत्सव को बड़ी भव्यता के साथ आयोजित किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उधमसिंह नगर के बोर जलाशय, पिथौरागढ़ के मोस्टमानु में टयूलिप गार्डन के साथ ही विभिन्न स्थलों पर पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये धनराषि उपलब्ध करायी गयी है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेश की आर्थिक दशा में सुधार के लिये भी प्रभावी कदम उठाये गये हैं। 15वें वित्त आयोग ने राज्य को 14वें वित्त आयोग के स्तर पर हुए नुकसान की भरपाई करते हुए पांच हजार करोड़ रूपए सालाना धनराशि की संस्तुति की है। इसमें राज्य को आगामी वर्षों में 30 हजार करोड़ का लाभ होगा। आपदा मद में राज्य को अब 200 करोड़ रूपए के स्थान पर 1041 करोड रूपए़ की धनराशि उपलब्ध होगी। राज्य को केन्द्रीय करों की मद से दी जाने वाली धनराशि में भी बढ़ोतरी की गई है। यही नहीं उत्तर प्रदेश सरकार से वर्षों से लम्बित पेंशन की धनराशि राज्य को दिये जाने का रास्ता साफ हो गया। 
मंथन कार्यक्रम में मंत्रिगणों ने तीन वर्ष के कार्यकाल व भविष्य की कार्ययोजना के आधार पर प्रस्तुतिकरण दिया। बताया गया कि सभी सेक्टर्स में उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु नीति आयोग द्वारा जारी ‘‘भारतीय नवाचार सूचकांक 2019’’ में पूर्वोत्तर एवं पहाड़ी राज्यों की श्रेणी में उत्तराखण्ड राज्य को सर्वश्रेष्ठ तीन राज्यों में शामिल किया गया। प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2018-19 में 1,98,738 रूपए रही जोकि देश की औसत प्रति व्यक्ति आय से अधिक है। 
अटल आयुष्मान योजना के अन्तर्गत प्रत्येक परिवार को पाँच लाख का मुफ्त इलाज सरकारी एवं गैर सरकारी चिकित्सालयों में अनुमन्य करने वाले देश का प्रथम राज्य है। वर्तमान तक इस योजना के अन्तर्गत 37 लाख 98 हजार लाभार्थियों को गोल्डन कार्ड उपलब्ध कराए जा चुके हैं।
गत तीन वर्षों में लोक निर्माण विभाग द्वारा माह जनवरी तक 2027.34 किमी. मार्गों का नव निर्माण, 2374.20 किमी. लम्बाई में पुनः निर्माण व 205 न. सेतुओं का निर्माण करते हुए 353 ग्रामां को संयोजकता प्रदान की गयी। जल जीवन मिशन के अन्तर्गत प्रदेश में 15 लाख से अधिक परिवारों को हर घर को नल से जल/कनेक्शन की योजना प्रारम्भ की गई है। 22 अर्द्धनगरीय क्षेत्रों में पेयजल सुलभ कराने हेतु रू0 975 करोड़ स्वीकृत। प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना ‘‘सौभाग्य’’ के अन्तर्गत प्रदेश के सभी इच्छुक अविद्युतीकृत घरों/परिवारों के शत-प्रतिशत विद्युतीकरण किया गया है। राज्य सरकार द्वारा पाईन निडिल एवं अन्य बायोमास आधारित ऊर्जा उत्पादन नीति-2018 जारी की गई है। जिसके अर्न्तगत 1060 किलोवाट सम्मिलित क्षमता की 36 योजनाऐं तथा 2000 मी0टन क्षमता की दो ब्रिकेटिंग प्लाण्ट योजना निजी विकासकर्ताओं को स्थापना हेतु आवंटित की जा चुकी हैं। इस योजना से वनाग्नि को रोकने के साथ ही स्वरोजगार विकसित होंगे। सौर ऊर्जा नीति के अन्तर्गत पर्वतीय श्रेणी में स्थानीय निवासियों के माध्यम से 203 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजना की स्थापना हेतु कुल 283 फर्मो को परियोजनाऐं आवंटित की गयी है। हरिपुर एवं तुमरिया जलाशय पर 40 मेगावाट क्षमता के सोलर पावर प्रोजेक्ट की स्थापना जिससे 6.8 करोड़ यूनिट बिजली प्रतिवर्ष उत्पादित होगी। 
प्रदेश में आयोजित निवेशक सम्मेलन में एक लाख करोड़ के एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित हुए जिसमें से प्रथम चरण में 19000 करोड़ के निवेश की ग्राउंडिंग हो चुकी है। वर्तमान में 450 प्रोजेक्टस गतिमान हैं, इससे लगभग 56 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। सिंगल विन्डो क्लीयरेंस सिस्टम के अन्तर्गत वर्तमान में लगभग 18 हजार निवेशकों द्वारा पंजीकरण कराया गया है। देहरादून शहर में स्मार्ट सुविधाओं के विकास हेतु रू0 1400 करोड़ की धनराशि वाह्य सहायतित परियोजना के अन्तर्गत स्वीकृत किए गए हैं। मार्च 2019 में केन्द्र सरकार द्वारा उत्तराखण्ड को खाद्यान्न उत्पादन श्रेणी-2 में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए कृषि कर्मण प्रशंसा पुरस्कार दिया गया। जैविक कृषि में उत्कृष्ट कार्य हेतु प्रदेश को जैविक इंडिया अवार्ड 2018 में राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुआ। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत 3,40,479 कृषकों को आर्थिक सहायता। किसानों के लिए ब्याज रहित रू0 1 लाख तक का ऋण दिया जा रहा है। टिहरी झील को महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जा चुका है जिसमें पर्यटकों की संख्या में उत्तरोत्तर अभिवृद्धि हो रही है। टिहरी झील में पर्यटक सुविधाओं के विकास हेतु रू0 1200 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की जा चुकी है। चिकित्सा विभाग में चिकित्सकों के कुल 2735 सृजित पदों के सापेक्ष 2045 चिकित्सकों की तैनाती की जा चुकी है। राज्य के 35 प्रमुख चिकित्सालयों पर मरीजों की जांच एवं डाइग्नोस्टिक सुविधा हेतु टेली रेडियोलॉजी सेवा प्रारम्भ की गई है। प्रदेश के तीन सरकारी मेडिकल कॉलेजों यथा दून, हल्द्वानी एवं श्रीनगर समेत पिथौरागढ़, पौड़ी, उत्तरकाशी एवं टिहरी जिला अस्पतालों में भी आई.सी.यू. की सुविधा की गई है। प्रशासनिक सुचिता एवं कार्य संस्कृति विकास हेतु सी.एम. मानीटरिंग डैशबोर्ड, ‘उत्कर्ष’, जन समस्याओं के त्वरित समाधान हेतु सी.एम. हेल्पलाईन 1905 एवं सेवा का अधिकार आदि कार्य मिशन मोड में संचालित किए जा रहे हैं। विद्यालयी शिक्षा विभाग के अन्तर्गत समस्त राजकीय विद्यालयों में एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यक्रम लागू। विद्यालयी शिक्षा विभाग के अन्तर्गत 500 राजकीय विद्यालयों में वर्चुअल क्लासेस का संचालन किया जा रहा है एवं 700 विद्यालयों में वर्चुअल क्लासेस संचालन हेतु कार्य गतिमान है। उच्च शिक्षा विभाग के अन्तर्गत बी.एच.ई.एल. रानीपुर, जनपद हरिद्वार एवं किच्छा जनपद उद्यमसिंहनगर में मॉडल कॉलेज स्वीकृत किए गए हैं। नवीनतम तकनीक आधारित ग्रीन स्टेट डेटा सेन्टर एवं ड्रोन एप्लीकेशन  रिसर्च केन्द्र की स्थापना की गई है। ई-डिस्ट्रिक्ट परियोजना के अन्तर्गत 82 सेवायें प्रदान की जा रही हैं। सभी 670 न्याय पंचायतों को ग्रोथ सेन्टर बनाने की योजना लागू। विभिन्न विभागों के अन्तर्गत वर्तमान में 83 ग्रोथ इनमें से 75 ग्रोथ सेन्टर हेतु धनराशि स्वकृत की जा चुकी है। राज्य में 27 हेलीपोर्ट विकसित किए जा चुके हैं। क्षेत्रीय संपर्क योजना के अन्तर्गत देहरादून (सहस्रधारा) को पंतनगर, पिथौरागढ़, चिन्यालीसौड़ एवं गौचर से जोड़ा जा चुका है। जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट को अंतरार्ष्ट्रीय स्तर का बनाया जा रहा है। लम्बे समय से लम्बित जमरानी बहुउद्देशीय परियोजना की पर्यावरण स्वीकृति उपरान्त धनराशि भी स्वीकृत की गई है। देहरादून शहर एवं उसके उपनगरीय क्षेत्रों की वर्ष 2053 तक अनुमानित आबादी हेतु पेयजल सुनिश्चितता हेतु रू0 1290 करोड़ की सौंग बांध पेयजल परियोजना की कार्यवाही गतिमान है। महिला स्वयं सहायता समूहों को बिना ब्याज के 05 लाख रूपए तक का ऋण का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना के अन्तर्गत बीस हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से ढाई लाख बच्चों को निःशुल्क दूध की व्यवस्था की गई है। 13 डिस्ट्रिक्ट-13 न्यू पर्यटक डेस्टिनेशन चिन्हित कर पर्यटक स्थल विकसित किए जा रहे हैं। आई.डी.पी.एल. ऋषिकेश में वेलनेस सिटी एवं कन्वेंशन सेंटर बनाया जा रहा है। प्रदेश के मूल/स्थायी निवासियों हेतु होम स्टे योजना प्रारम्भ की गई है। कद््दूखाल-सुरकण्डा देवी रोपवे निर्माण कार्य गतिमान है। ठुलीगाड़ से पूर्णागिरी देवी, रोपवे निर्माण कार्य प्रारम्भ।
जनसहभागिता से कोसी एवं रिस्पना नदियों का पुनर्जीवन कार्य किया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में 16 हजार से अधिक आवास अनुमन्य। 12535 को आवास स्वीकृत किए गए हैं। समेकित सहकारिता विकास निधि हेतु रू0 3340 करोड़ की स्वीकृति मिली है। द्वितीय विश्वयुद्ध के पूर्व सैनिकों/सैनिक विधवाओं की पेंशन चार हजार से बढ़ाकर आठ हजार प्रतिमाह की गयी है। आंगनबाड़ी कार्यकत्री का मानदेय रू. 6000 से बढ़ाकर रू. 7500, आंगनबाड़ी सहायिका का मानदेय रू. 3000 से बढ़ाकर रू. 3750, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री का मानदेय रू. 3500 से बढ़ाकर रू. 4750 किया गया एवं होमगार्डस का मानदेय रू. 13950 से बढ़ाकर रू. 18600 प्रतिमाह किया गया। चारधाम यात्रा की महत्ता के दृष्टिगत 889 किमी लम्बी ऑल वेदर रोड़ का रू0 11700 करोड़ का कार्य युद्धस्तर पर गतिमान। हरिद्वार में भूमिगत केबलिंग हेतु केन्द्र सरकार से रू0 400 करोड़ का कार्य गतिमान। प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना के अन्तर्गत 63908 महिलाओं को रू0 5000 की धनराशि डी.बी.टी. के माध्यम से उपलब्ध कराई गई है। अल्पसंख्यक कल्याण हेतु प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत रू0 1324 लाख की धनराशि अवमुक्त की गई है। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचंद अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज, डॉ0 हरक सिंह रावत, श्री मदन कौशिक, श्री यशपाल आर्य, श्री सुबोध उनियाल, श्री अरविन्द पाण्डेय, राज्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत, श्रीमती रेखा आर्या सहित विधायकगण, मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह सहित अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव एवं शासन के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।


पालतू बंदर ने बुजुर्ग के साथ प्राण छोड़ा

फतेहपुर। यह इत्तेफाक है या मालिक से पूर्व जन्म का कोई रिश्ता कि एक पालतू बंदर ने अपने पालक बुजुर्ग शिक्षक की मौत के बाद अपने भी प्राण त्याग दिए। यह घटना फतेहपुर जिले के किशनपुर कस्बे के पाखरतर मुहल्ले की है। गुरुवार को परिजनों ने दोनों के शव को एक ही चिता में रखकर अंतिम संस्कार कर दिया। बुजुर्ग शिक्षक शिवराज सिंह (75) की मौत बीमारी के चलते बुधवार शाम में हो गई। घर में परिजनों के रोने की आवाज सुन पालतू बंदर भी शव के पास पहुंच गया और शव के पास बैठे-बैठे ही उसकी भी मौत हो गई। गुरुवार को शिक्षक और बंदर के शव को एक ही चिता में रखकर परिजनों ने अग्निदाह कर दिया। मृत शिक्षक के भतीजे देवपाल ने बताया कि उनके चाचा ने इस बंदर को पाला था। उनके कोई औलाद नहीं थी, इसलिए बंदर को बेटे की तरह प्यार करते थे। लेकिन कुछ साल पहले बीमार होने की वजह से बंदर की देखभाल न कर पाने के कारण उसे तीन साल पहले खागा कस्बे छोड़ आये थे। बंदर दस दिन पूर्व ही वापस उनके पास लौटा था। बुधवार की शाम चाचा की मौत पर पूरा परिवार गमगीन था, इसी बीच बंदर भी छत से उतर उनके शव के पास आकर बैठ गया और कुछ ही देर बाद उसकी भी मौत हो गई है। उसने बताया कि चाचा के शव के लिए बनाई गई चिता में बंदर के भी शव का अग्निदाह किया गया है, अब उसका तेरहवीं संस्कार भी चाचा की तेरहवीं के साथ किया जाएगा।


हरियाणाः कॉलेजों के प्राचार्योंं की बैठक

राणा ओबराय

हरियाणा कालेजों के प्राचार्यों की बैठक 13 व 14 फरवरी को डीजी अजीत बालाजी जोशी की अध्यक्षता में पंचकूला में होंनी हुई तय

चण्डीगढ़। हरियाणा के गवर्नमैंट व गवर्नमैंट एडिड कालेजों के प्राचार्यों की क्रमश: 13 व 14 फरवरी, 2020 को पंचकूला में बैठक होगी जिसकी अध्यक्षता उच्चतर शिक्षा विभाग के महानिदेशक श्री अजीत बालाजी जोशी करेंगे। विभाग के एक प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उच्चतर शिक्षा विभाग के महानिदेशक श्री अजीत बालाजी जोशी कल 13 फरवरी को राज्य के गवर्नमैंट कालेजों के प्राचार्यों की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। यह बैठक पंचकूला स्थित रैड बिशप पर्यटन केंद्र में होगी। बैठक में गवर्नमैंट कालेजों में आगामी शैक्षणिक सत्र से नए विषय या कोर्स शुरू करने, सीटें कम या ज्यादा करने की जरूरत बारे संबंधित प्राचार्यों से चर्चा होगी तथा उनसे सुझाव लिए जाएंगे। वर्कलोड के अनुसार नई फैकल्टी लगाने या सरप्लस की जानकारी भी ली जाएगी। नए शैक्षणिक सत्र में ऑनलाइन एडमिशन को और अधिक सिस्टेमैटिक करने व स्टूडैंट-फ्रैंडली बनाने के लिए भी सुझाव सांझा किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि बैठक में आने वाले प्राचार्यों से उनके कालेज में वर्तमान डिजीटल इन्फ्रास्ट्रक्चर तथा डिमांड लाने के भी निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा नैक व एन.आई.आर.एफ से एक्रिडेशन लेने के लिए कालेज ने क्या तैयारियां की हैं, इसकी विस्तृत रिपोर्ट ली जाएगी। प्रवक्ता ने आगे बताया कि अगले दिन 14 फरवरी 2020 को उच्चतर शिक्षा विभाग के महानिदेशक श्री अजीत बालाजी जोशी गवर्नमैंट एडिड कालेजों के प्राचार्यों की बैठक की भी अध्यक्षता करेंगे। उन्होंने बताया कि गवर्नमैंट एडिड कालेजों में कार्यरत टीचिंग व नॉन-टीचिंग स्टॉफ की एम.आई.एस पोर्टल पर जानकारी अपडेट करने, बायोमिट्रिक अटेंडेंस लगाने के अलावा अधिकतर उक्त मुद्दों पर प्राचार्यों से चर्चा की जाएगी तथा शिक्षा में गुणवत्ता बढ़ाने के निर्देश दिए जाएंगे।


सघन होगा टीबी रोग खोजी अभियान

17 से 29 फरवरी तक चलेगा सघन टी0बी0 रोग खोजी अभियान

प्रयागराज। पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत 17 से 29 फरवरी तक चलेगा सघन टी0बी0 रोग खोजी अभियान चलाया जायेगा।
केंद्र सरकार 2025 तक भारत को टी.बी  मुक्त करने के लक्ष्य को लेकर कार्य कर रही हैं इसी कड़ी में प्रति तीन माह में सघन टी.बी रोगी खोज आभियान (ए.सी.एफ) चलाया जाता हैं जिसके तहत स्वास्थ्य वभाग की टीम घर घर जाकर संदिग्ध टी.बी रोगियों को खोजती हैं मौके पर ऐसे मरीजों के बलगम की जाँच के नमूने लिए जाते हैं। जाँच में रोग की पुष्टि के बाद इलाज शुरू किया जाता हैं। मरीजो को सम्बंधित सामुदायिक और प्राथमिक केंद्र के माध्यम से घर पर ही टी.बी की दवा उपलब्ध करायी जाती हैं।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. ए. के तिवारी ने बताया कि 2018-19 में 15890 टी.बी के मरीजो को चिन्हित किया जा चुका हैं । जिसमे से 9268 मरीज सरकारी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं और 6622 ऐसे मरीज हैं जो कि प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं जिनकी जानकारी निश्चय पोर्टल पर भी अपडेट हैं। उन्होंने बताया जिसमे से 6,910 मरीजों को 500 दर से पोषण राशि का भुगतान किया गया हैं । डॉ तिवारी ने बताया की कुल आबादी का 10% प्रतिशत यानि 6,64,450 की आबादी को लक्ष्य रखा गया हैं जिसे पूरा करने के लिए कुल 183 टीमों का गठन किया गया जो जिले में कार्यक्रम के अंतर्गत कार्य करेंगी जिसमे समस्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के एम.ओ.आई.सी जोनल सुपरवाइजर  होगें जो प्रत्येक दिन की रिपोर्ट उपलब्ध करायेगें। उन्होंने बताया कि प्रत्येक विकास खण्ड केन्द्रों पर एक.एक टी0बी0 जांच यूनिट हैं ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों की जाँच  वहीं पर किया जा सकेगा। 
टीबी रोग क्या है और कैसे फैलता है।
क्षय रोग माइक्रोबैक्टेरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक जीवाणु के संक्रमण के कारण होता हैं। यह रोग मुख्यतः फेफड़ों में होता है लेकिन यह रोग शरीर के अन्य अंगों जैसे दिमाग, हड्डियों, ग्रंथियों, आत आदि में भी हो सकता हैं। टीबी के रोगी द्वारा खासने या छींकने पर रोग फैलता हैं रोगी द्वारा इधर-उधर खुली जगह पर बलगम थूकने तथा रोगी के इस्तेमाल की हुई रूमाल आदि के प्रयोग करने से यह रोग फैलता हैं।


बृजेश केसरवानी


भारी बर्फबारी के बाद, यातायात बहाल

नीना गौतम


जालोडी दर्रा। सूबे में हुई भारी बर्फबारी के बादएनएच-305 अब यातायात के लिए पूरी तरह बहाल कर दिया है। पिछले 38 दिनों से औट-आनी-लूहरी सड़क पर वाहनो की आवाजाही प्रभावित रही। हालांकि बीच-बीच में एनएच प्राधिकरण द्वारा छोटे वाहनों के लिए बहाल भी किया था। लेकिन जलोडी दर्रे में अत्यधिक ठंड होने के चलते सड़क पर पानी जम जाने सेगाडिय़ों के स्किड होने का खतरा और बढ़ गया था। जिसके द्वारा प्राधिकरण द्वारा रोड पर मिट्टी और रेता डाला। आखिर 38 दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद जलोडीजोत के दोनो तरफ बसों की आवाजाही हुई, जिससे आऊटर सिराज की जनता को राहत मिली है। पिछले 38 दिनों से अवरुद्ध सड़क से अधिकतर लोगों ने जलोडी दर्रा पैदल पार किया, जिससे क्षेत्र के लोगों को भारी परेशानियां भी झेलनी पड़ी जबकि कई लोग वाया मंडी सफर कर जिला मुख्यालय पहुंचे। वही, इसबारे एनएच-305 आनी सब डिवीजन के एसडीओ सुनील गुप्ता ने कहा कि सड़क से दो दिन पूर्व बर्फ हटा दी थी जिसके बाद छोटे वाहनो की आवाजाही हुई थी।वीरवार से एनएच-305 से बड़े वाहनो की आवाजाही भी शुरू हो गई है।


पेड़ काटते समय खाई में गिरा, मौत

शिलाई। सिरमौर के शिलाई उपमंडल की ग्राम पंचायत नैनीधार के गांंव बाउटा के एक व्यक्ति की पेड़ से लकड़ी काटते समय खाई में गिरने से मौत हो गई।


शिलाई पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार बाउटा निवासी 55 वर्षीय बारूराम पुत्र कालू राम वीरवार प्रात: घर के नजदीक एक पेड़ से लकड़ी काट रहा था। उसी दौरान पेड़ पर उसका संतुलन बिगडऩे से वह खाई में जा गिरा। जिसकी मौके पर ही मौत हो गई। शिलाई पुलिस ने सूचना मिलते ही घटनास्थल से शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल शिलाई पंहुचाया। पोस्टमार्टम के बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सौंप दिया गया है। पंचायत प्रधान अर्चना राणा ने मामले की पुष्टि की है। उधर नायब तहसीलदार जयराम शर्मा ने मृतक के परिजनों को 10 हजार की फौरी राहत प्रदान की।


गृह-मंत्री ने कमियों को स्वीकार किया

नई दिल्ली। देश के गृहमंत्री अमित शाह ने टाइम्स नाउ 2020 समारोह में बातचीत करते हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली हार का जिक्र करते हुए कहा कि यह बात सही है कि इस बार हम चूक गए। लेकिन हमने कभी अपनी पार्टी की विचारधारा से समझौता नहीं किया। शाह ने आगे शाहीन बाग के बारे में बात करते हुए कहा कि लोगों को विरोध करने का हक है। लेकिन सवाल यह है कि विरोध कैसे होना चाहिए ? जिस तरह से शाहीन बाग में विरोध किया गया, वैसे ही हमें भी अपनी बात कहने का अधिकार है।
वहीं दिल्ली में मिली हार के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने मान लिया है कि बीजेपी को भड़काऊ भाषण से नुकसान हुआ है। उन्होंने यह भी मान लिया है कि गोली मारो और भारत-पाक मैच जैसे बयानों से बीजेपी को लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ी है। अमित शाह ने कहा कि ‘गोली मारो’ और ‘भारत-पाक मैच’ जैसे बयानों से बीजेपी को बचना चाहिए था। पार्टी नेताओं द्वारा दिए गए नफरत भरे बयानों के कारण बीजेपी को चुनाव में नुकसान उठाना पड़ा है।


सीएम योगी ने 'दा साबरमती रिपोर्ट' मूवी देखी

सीएम योगी ने 'दा साबरमती रिपोर्ट' मूवी देखी  संदीप मिश्र  लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भी 'दा साबरमती रिपोर्ट' मूवी के टैक्स फ्री ...