राजिम। माघी पुन्नी मेला में शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने और जानकारी देने के उद्देश्य से विभिन्न विभागों द्वारा स्टॉल लगाया है। ग्रामोद्योग रेशम प्रभाग विभाग द्वारा लगाए गए स्टॉल में कोसा के बारे में जानकारी दी जा रही है। रेशम प्रभार के नोडल अधिकारी ए.डी.एस कोहलेकर, जी.पी. शर्मा के साथ किरवई के किसान गोविंद साहू और भेखराम साहू श्रद्धालुओं को कोसा उत्पादन की जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं। कोसा कृषक गोविंद साहू ने बताया कि सी.एस.बी. या बी.एस.एम.टीसी. से तितली का अण्डा प्राप्त होता है। इस अण्डे को ट्रे मे रखकर प्राकृृतिक तरीके से प्रजनन कराके लार्वा यानि एक छोटा सा कृमि प्राप्त करते है। इस कृमि को हम कहवा, साजा, सरई, साल के वृक्ष के पत्तों में कृमि को डाल देते है। ये कृमि पत्ते को खाकर कीड़ा बन जाते है। वह कीड़ा अपने लार के माध्यम अपने चारो ओर आवरण तैयार करते जाते है। ऐसी स्थिति आती है कि उस आवरण के अन्दर बंद हो जाता है। इस तरह से प्राप्त फल कोसा कहलाता है। कोसा के अन्दर बंद कीड़ा प्यूपा बन जाता है। वही प्यूपा जो अनुकूल वातावरण में तितली बनकर बाहर आते है और कृषक इन्ही तितलियों का संग्रहण कर पुन: कोसा प्राप्त करने के लिये तितलियो से अण्डा प्राप्त करते है। उसी के साथ कोसे से रेशम बनाई जाती है। रेशम का बाजार में अच्छा मूल्य मिल जाता है। ये एक प्रकार का आधुनिक कृषि है जिसमें अधिक लाभ होती है। छत्तीसगढ़ का कोसा पूरी दुनियाः छत्तीसगढ़ का कोसा सिल्क पूरी दुनिया में अपने आरामदायक टेक्स्चर के लिए जाना जाता है। प्रदेश में विदेशी पर्यटकों के आगमन के साथ ही यहां की कोसा सिल्क साडिय़ों के निर्यात में दिनों-दिन बढ़ोतरी हो रही है। राजिम माघी पुन्नी मेला के मौके पर लगाई गई प्रदर्शनी में कोसा सिल्क बनाने वाली तितलियों को भी रखा गया है। इन तितलियों को देखते ही कई लोग इनके बारे में और जानने की इच्छा जाहिर करते नजर आए तो कई लोगों ने इनकी तस्वीरें अपने कैमरे में कैद की। क्या है कोसा की खासियतः कोसा सिल्क प्रदेश के कुछ जिले में मुख्य रूप से तैयार किया जाता है। यह बेहद मजबूत होता है और पूरी दुनिया में अपने नर्म टेक्स्चर के लिए जाना जाता है। यह सिल्क के सबसे शुद्ध प्रकारों में गिना जाता है। इसकी खासियत इसके रंग हैं। कोसा सिल्क प्राकृतिक रूप से हल्के गोल्डन रंग में मिलता है जिसे पलाश, लाख और गुलाब की पंखुडियों से बने रंगों से डाई किया जाता है। सिर्फ साड़ी नहीं डिजाइनर आउटफिट्स भी होते हैं तैयारः पारंपरिक रूप से कोसा से सिर्फ साडिय़ां बनाई जाती थीं लेकिन अब इससे लहंगे भी बनाए जाते हैं। विदेशों में कोसा सिल्क के कपड़ों से कई तरह के डिजाइनर वेस्टर्न आउटफिट्स भी तैयार किये जाते हैं।
गुरुवार, 13 फ़रवरी 2020
आईएनएस को सम्मान देना गौरव का क्षण
नई दिल्ली। आईएनएस शिवाजी ने उत्कृष्टता के 75 वर्ष पूरे कर लिये हैं। इस अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कलर प्रदान कर सम्मान प्रदान किया। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि मेरे लिए आईएनएस शिवाजी को राष्ट्रपति का कलर प्रदान करना गौरव का क्षण है। यह प्रतिष्ठान एचएमआईएस शिवाजी के रूप में 1945 में कमीशन किया गया। तब से यह अत्याधुनिक प्रशिक्षण सुविधाओं के साथ भारतीय नौसेना का प्रतिष्ठित तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान के रूप में विकसित हुआ है। संस्थान ने मरीन इंजीनियरिंग के सभी पहलुओं में बदलती हुई प्रौद्योगिकी के साथ अपनी गति बनाए रखी है। उन्होंने कहा कि मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि इस महान संस्थान में अभी तक नौसेना, तटरक्षक तथा मित्र देशों के दो लाख से अधिक अधिकारी और नाविक मरीन इंजीनियरिंग की सभी शाखाओं में प्रशिक्षित किए गए हैं।
बुनियादी सुविधाएं धरातल पर दिखेंं
रायपुर। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग द्वारा अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग की शिकायतों के निराकरण के संबंध में गुरुवार को यहां सिविल लाइन स्थित न्यू सर्किट हाउस में कैम्प सीटिंग एवं जन सुनवाई आयोजित की गई। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एच.एल. दत्तू ने कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा कि मानवा अधिकार संरक्षण और आर्थिक सामाजिक योजनाओं के क्रियान्वयन में गहरा संबंध है।
उन्होंने कहा कि मानव अधिकारों के संरक्षण के लिए बुनियादी सुविधाओं के लिए ठोस कार्य धरातल पर दिखे। महिलाओं और बालिकाओं को सेनिटेशन की सुविधा उपलब्ध हो। महिलाओं और बालिकाओं की ट्रेकिंग की घटनाओं पर तत्काल और ठोस कार्यवाही की जाए। उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्य सरकार के सभी विभागों के सहयोग से सभी की समस्याओं का निराकरण होगा। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एच.एल. दत्तू ने दीप प्रज्जवलित कर कैम्प सीटिंग सत्र का शुभारंभ करते हुए कहा कि मानव अधिकारों का हनन नहीं हो इसके लिए अनुसूचित जाति एवं जनजाति अधिनियम के तहत सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि इस खुली सुनवाई का उद्देश्य पीड़ित और राज्य सरकार के अधिकारियों को एक मंच पर लाकर मानव अधिकार हनन के प्रकरणों का त्वरित निदान करना है। आयोजन से ऐसा वातावरण निर्मित हो, जिससे सभी नागरिकों के मूलभूत अधिकारों का संरक्षण हो और वे संविधान में प्रदत्त मानव अधिकारों का उपभोग कर सके। उन्होंने बताया कि कैम्प सीटिंग के माध्यम से प्रभावितों को क्षतिपूर्ति राशि दिलाई जाती है और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की अनुशंसा भी की जाती है। शिविरों के माध्यम से मानव अधिकार एक्ट 1993 के तहत मानव अधिकार हनन के प्रकरणों को सुनने और निराकृत करने का अवसर मिलता है। न्यायमूर्ति एच.एल. दत्तू ने मानव अधिकारों के संरक्षण के लिए बुनियादी सुविधाओं-शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी, स्वच्छता के विकास पर विशेष जोर दिया। न्यायमूर्ति दत्तू ने कहा कि आयोग का उद्देश्य मानव अधिकार के प्रकरणों की सुनवाई कर न्याय दिलाना है। आम लोगों को उनके मूलभूत अधिकार मिले, स्कूल ठीक से संचालित हो, आंगनबाड़ी प्रभावी ढंग से कार्य करें, लोगों को स्वास्थ्य की सुविधा मुहैया हो। आयोग राज्य में विशेषकर अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के प्रकरणों की सुनवाई करेगा। इस अवसर पर आयोग के सेक्रेटरी जनरल जयदीप गोविंद ने मानव अधिकार से संबंधित प्रकरणों के निराकरण और पीड़ित पक्षों को क्षति पूर्ति राशि वितरित करने की जानकारी दी। उन्होंने बताया राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग मानव अधिकार के उल्लंघन के संबंध में सुनवाई कर प्रभावितों को न्याय दिलाने का कार्य करता है। आयोग द्वारा प्राप्त शिकायतों की शत्प्रतिशत सुनवाई की जाती है और इसका पालन भी किया जाता है। आयोग द्वारा निःशक्तजनों, ओल्ड एज होम, जेन्डर की शिकायतों का भी निराकरण किया जाता है। मानव अधिकार से संबंधित गतिविधियों का प्रचार-प्रसार हिन्दी और अंग्रेजी में किया जाता है। प्रभारी मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पहली बार राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की फुल बेंच एवं सिंगल बेंच द्वारा एक साथ अनुसूचित जाति एवं जनजाति से संबंधित शिकायतों की खुली जनसुनवाई की जा रही है। इसका लाभ पीड़ित पक्षों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि इन वर्गाें से संबंधित प्रत्येक प्रकरणों को आयोग के समक्ष रखने और उनके निराकरण के लिए छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद पहली बार यह अवसर मिला है। जैन ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 32 प्रतिशत जनसंख्या अनुसूचित जनजाति की है। प्रदेश के 150 में से 85 विकासखण्ड अनुसूचित जनजाति के है। राज्य में इन वर्गाें की शिक्षा, पोषण और स्वास्थ्य के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही है। राज्य सरकार द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों और गर्भवती महिलाओं को गर्म भोजन प्रदान किया जा रहा है। प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में साप्ताहिक हाट बाजारों में चिकित्सकों की टीम द्वारा स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराई जा रही है। शहरी क्षेत्रों के स्लम एरिया में भी घर पहुंच चिकित्सा व्यवस्था मुहैया कराई जा रही है। वनांचल क्षेत्रों में मलेरिया नियंत्रण के लिए विशेष अभियान चलाकर हर व्यक्ति की जांच कर उपचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दंतेवाड़ा जिले में गरीबी रेखा का स्तर राष्ट्रीय स्तर के समकक्ष लाने के लिए विभिन्न विभागों के समन्वय से मिशन मोड़ पर काम कर रहे हैं। कैम्प सीटिंग के उद्घाटन अवसर पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की सदस्य ज्योतिका कालरा, सदस्य डाॅ. डी.एम. मूले, राज्य मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष एम.पी. सिंघल, सदस्य गिरधारी लाल नायक, सेक्रेटरी जनरल डाॅ. प्रभात सिंह, रजिस्ट्रार सूरजीत डे, एन.सी. सांखला, पुलिस महानिदेशक डी. एम. अवस्थी सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और जिलों के कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक उपस्थित थे।
मेरठ में योगी-अमित का पुतला फूंका
मेरठ। दिल्ली रोड स्थित शॉप्रिक्स मॉल सीओ ब्रह्मपुरी ऑफिस के सामने समाजवादी कार्यकर्ताओं ने गृह मंत्री अमित शाह व प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पुतला फूंक कर विरोध दर्ज कराया। हालांकि पुतला फूंकने की सूचना मिलते ही परतापुर ब्रह्मपुरी टीपी नगर पुलिस सहित व सीओ ब्रह्मपुरी चक्रपाणि त्रिपाठी फोर्स के पूरी तैयारी के साथ खड़े थे।
आपको बता दें कि पुलिस की तैयारी उस वक्त रखी ही रह गई। जब समाजवादी कार्यकर्ता ने नारेबाजी करते हुए, गृह मंत्री व मुख्यमंत्री के पुतले में आग लगा दी। समाजवादी कार्यकर्ता द्वारा अचानक आग लगाने पर पुलिस ने पुतले को एक साइड में कराते हुए दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। दक्षिण विधानसभा सपा नेता पवन गुर्जर नूरनगर ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर जामिया में हुई छात्राओं के साथ मारपीट के विरोध प्रदर्शन में पुतला दहन किया है। वही, गिरफ्तारी के दौरान पवन गुर्जर नूर नगर ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी के तानाशाही रवैए के चलते हैं। छात्राओं के साथ पुलिस द्वारा बुरी तरह मारपीट जो की गई उनके शरीर पर ऐसी जगहों पर वार किए गए जिनके बारे में बताना भी शर्म की बात है। दिनाक 11/02/2020 को दिल्ली पहुंचकर घायल हुई छात्राओं से मुलाकात की थी। इसी के चलते विरोध कराने के लिए अमित शाह और योगी आदित्यनाथ का पुतला फूंका है।
मेरठ में लेंटर उठाते वक्त बड़ा हादसा
मेरठ। लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र मे एक कैंची कारखाने का लेंटर उठाते वक्त। दर्दनाक हादसा हो गया। मैवगढ़ी मजीदनगर में आज एक मकान का लेंटर को उठाते समय लेंटर के गिर जाने से उसके नीचे नौ मजदूर दब गए। इस हादसे में आठ मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए जबकि एक कर्मचारी। का हाथ कट गया और एक की मौत हो गई। आसपास के लोगों ने आनन-फानन में। दबे हुए मजदूरों को बाहर निकाला और अस्पताल भिजवाया। सूचना पाकर थाना लिसाड़ी गेट पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। आपको बता दें। मजीदनगर में आमीन वाले मदरसे के पास शयामनगर निवासी समीरूदीन व जाऊदीन निवासी विकासपुरी का कैंची बनाने का कारखाना है। तीन सौ गज जमीन पर करीब पचास साल पूराना लैंटर पड़ा हुआ है। समीरूदीन पूराने लेंटर को उठवा रहा था। और जैग लगाकर नौ मजदूर लेंटर उठा रहे थे, इसी दौरान अचानक लेंटर भरभराकर गिर गया। इसी चपेट में सभी मजदूर आ गए। तेज धमाके की आवाज पर क्षेत्र में हड़कंप मच गया। आसपास के लोग भी मौके पर पहुंच गए। वही। लोगों को घायलों को अस्पताल भिजवाने के लिए एंबुलेंस बुलाने के लिए फोन भी किया, लेकिन फोन किसी ने रिसीव नहीं किया। आनन-फानन में। क्षेत्रवासियों ने घायलों को तुरंत मेडिकल में भर्ती कराया। गया है कई की हालत गंभीर बनी हुई है।
बैंक फ्रॉड के सामने दिवस सरकार
मोदी सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद बैंक फ्रॉड के मामले कम होते हुए नहीं दिखाई दे रहे हैं।
नई दिल्ली (एजेंसी)। मोदी सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद बैंक फ्रॉड के मामले कम होते हुए नहीं दिखाई दे रहे हैं। चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों, अप्रैल-दिसंबर,2019 के दौरान 18 सरकारी बैंकों में कुल 1.17 लाख करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 8,926 मामले सामने आये। प्रदेश के नीमच निवासी आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक ने उन्हें सूचना के अधिकार के तहत यह जानकारी दी है।
आरटीआई के तहत मुहैया कराये गये आंकड़ों के मुताबिक मौजूदा वित्तीय वर्ष के शुरूआती नौ महीनों में देश का शीर्ष वाणिज्यिक बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) धोखाधड़ी का सबसे बड़ा शिकार बना। आलोच्य अवधि में एसबीआई की ओर से 30,300.01 करोड़ रुपये की बैंकिंग धोखाधड़ी के 4,769 मामले सूचित किये गये। यह राशि इस अवधि में सरकारी बैंकों में बैंकिंग धोखाधड़ी के सूचित मामलों की कुल रकम 1,17,463.73 करोड़ रुपये की करीब 26 प्रतिशत है।
पंजाब नेशनल बैंक द्वारा अप्रैल से दिसंबर तक बैंकिंग धोखाधड़ी के 294 मामले सूचित किये गये जिसमें 14,928.62 करोड़ रुपये की धनराशि शामिल है। इस अवधि के दौरान बैंक ऑफ बड़ौदा में कुल 11,166.19 करोड़ रुपये के 250 मामले सामने आये। आलोच्य अवधि के दौरान इलाहाबाद बैंक में 6,781.57 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 860 मामले, बैंक ऑफ इंडिया में 6,626.12 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 161 मामले, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में 5,604.55 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 292 मामले, इंडियन ओवरसीज बैंक में 5,556.64 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 151 मामले और ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में 4,899.27 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 282 मामले सूचित किये गये।
केनरा बैंक, यूको बैंक, सिंडिकेट बैंक, कॉर्पोरेशन बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक, युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक और पंजाब एंड सिंध बैंक में 1,867 मामले सामने आये जिसमें कुल 31,600.76 करोड़ रुपये की धनराशि शामिल है। आरबीआई की ओर से आरटीआई के तहत मुहैया करायी गयी जानकारी में बैंकिंग धोखाधड़ी के मामलों की प्रकृति और छल के शिकार बैंकों या उनके ग्राहकों को हुए नुकसान का विशिष्ट ब्योरा नहीं दिया गया है।
नौकरी में आरक्षण देने के लिए इंकार
सरकारी नौकरी में प्रमोशन में आरक्षण देने के लिए सरकार को आदेश देने से इनकार कर दिया है।
नई दिल्ली (एजेंसी)। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में आरक्षण पाना मौलिक अधिकार नहीं है। लिहाजा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को प्रमोशन में आरक्षण देने के लिए राज्य सरकार बाध्य नहीं है। यह पूरी तरह से सरकार की इच्छा पर निर्भर है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ घमासान तेज हो गया है। फैसले के खिलाफ भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने 23 फरवरी को भारत बंद बुलाया है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी नौकरी में प्रमोशन में आरक्षण देने के लिए सरकार को आदेश देने से इनकार कर दिया है।
प्रमोशन में आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं-SC
जस्टिस नागेश्वर राव और हेमंत गुप्ता की बेंच ने कहा था कि प्रमोशन में आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं हैं। लिहाजा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को प्रमोशन में आरक्षण देने के लिए राज्य सरकार बाध्य नहीं है। यह पूरी तरह से सरकार की इच्छा पर निर्भर है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी साफ किया कि सरकारी नौकरियों में नियुक्ति में आरक्षण भी मौलिक अधिकार नहीं हैं। लिहाजा सरकार को मौलिक अधिकारों की तरह आरक्षण देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है।
फैसले के खिलाफ भीम आर्मी ने दाखिल की पुनर्विचार याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को आरक्षण देने के लिए संविधान के अनुच्छेद 16 के प्रावधान राज्य सरकारों को सक्षम बनाते हैं और यह राज्य सरकारों के विवेक पर निर्भर करता है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण पर फैसले के खिलाफ भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद और शाहीन बाग के अब्बास नकवी ने पुनर्विचार याचिका भी दाखिल की है।
BJP-RSS के DNA को आरक्षण चुभता है-राहुल गांधी
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को लेकर कांग्रेस ने भी मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मसले पर मोदी सरकार पर बरसते हुए कहा कि बीजेपी-आरएसएस के डीएनए को आरक्षण चुभता है। राहुल गांधी ने कहा कि आरएसएस और बीजेपी की विचारधारा आरक्षण के खिलाफ है। वे किसी न किसी तरीके से रिजर्वेशन को संविधान से निकालना चाहते हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि पहले उन्होंने रविदास मंदिर तोड़ा, क्योंकि जो एससी-एसटी समुदाय के लोग हैं, उनको ये आगे नहीं बढऩे देना चाहते हैं। राहुल गांधी ने कहा कि यहां मुद्दा यह है कि आरएसएस और बीजेपी दलितों, जनजातियों व ओबीसी के आरक्षण के विचार के साथ नहीं जी सकते हैं। यह उनको परेशान करता है और उन्होंने इसे मिटाने की कोशिश की है।
सुप्रीम काेर्ट के फैसले से कतई सहमत नहीं है बसपा-मायावती
भाजपा सरकार आरक्षण काे कर रही कमजाेर-अखिलेश यादव
..ताे सड़क से लेकर संसद तक करेंगे संग्राम-तेजस्वी
कथा के आयोजन में उमड़ा भक्तों का जन-सैलाब
कथा के आयोजन में उमड़ा भक्तों का जन-सैलाब रामबाबू केसरवानी कौशाम्बी। नगर पंचायत पूरब पश्चिम शरीरा में श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन में भक्तो...
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