मधुकर कहिन
दिल्ली का चुनाव हारने पर दिल्ली की जनता को बिकाऊ कहने वाले जान लें ..
भारतीय नेताओं से ज्यादा भ्रष्ट और बिकाऊ वैसे भी कोई नहीं पूरे विश्व में
जब से भाजपा दिल्ली में चुनाव हारी है , तब से भाजपा आईटी सेल के कुछ उद्दंड लोग झेंप मिटाने हेतु ,सोशल मीडिया पर बार बार यही चिपकाने में बिज़ी हैं की - दिल्ली की जनता बिक गई ! मुफ्त बिजली और पानी की कीमतों पर दिल्ली की जनता ने केजरीवाल जैसे निकृष्ट आदमी को पूर्व मुख्यमंत्री बना दिया।
महज़ अपनी हार की झेंप मिटाने के लिए , नेतागिरी करने वाली इस घटिया जमात का चरित्र देखिए आप !! इस जमात को वैसे भी वोटर की कभी चिंता तो रही नहीं .... बस एक आंखों की शर्म बाकी थी । वो भी चंद संभ्रांत नेताओं में हुआ करती थी । जो कम से कम वोटर को इस तरह से मूँह पर गाली नहीं देते थे । आज धर्म और जातिवाद की दलाली करने वाले नेताओं की हार क्या हुई ? यह लोग उसी वोटर को खुल कर बिकाऊ बोल कर गाली देने लगे हैं । वाह भाई ! वैसे तो नेता को गाली देते हुए सबने सबको सुना है। लेकिन नेता वोटर को गाली देता है इसका मतलब यह हुआ कि वह लोकतांत्रिक व्यवस्था को खेल समझ रहा है। आप चुनाव पद्दति से चुन कर आते हैं, और वोट करने वाले को गाली दे रहे हैं। इसका मतलब यह है कि आप तानाशाह है, और आपको लोगों की अंतरात्मा की आवाज़ से कोई लेना देना नहीं है।
वोटर को गाली देने वाले नेता यह कान खोल कर समझ लें कि यदि वोटर को बिकाऊ कहते हो तो , भारतीय नेताओं जैसी विश्व विख्यात बिकाऊ जमात शायद ही कोई पूरी दुनिया में और कोई होगी । ऐसा सैकड़ों भ्रष्टाचार से जुड़े सर्वे
पहले कई बार कह चुके हैं। पहले अपने गिरेबान में झांके उसके बाद आम आदमी को इस तरह से गाली दे। यह चुनाव आपको यह सिखा कर गया है कि यह वक्त दरअसल आत्म विवेचना का है। और अपने आप में सुधार लाने का है। यह चुनाव आपको यह भी सिखा कर गया है कि इस देश में नफरत और जातिवाद के दम पर लंबे समय तक राज नहीं किया जा सकता। जाती वाद से ज्यादा प्राथमिकता आज भी रोटी, रोज़गार और मकान की है। जहां तक नेतागिरी करने के लाइसेंस की बात है, तो वहां पर सिर्फ अब इंसान, इंसान, इंसान और इंसान ही चलेगा । जातिवाद की आग में घटिया जज़्बातों के कबाब सेक कर अब नेतागिरी का पेट इस देश में नहीं भर पायेगा। उल्टा अपच हो जाएगी।
किसी भी तरह का 'चालाक जीव' अब इस देश की जनता की आंखों में जातिवाद की धूल नहीं झोंक सकता। भाजपा को चाहिए कि अपने आईटी सेल को यह समझाएं की - इस तरह से लिखकर और आम जनता को गाली देकर वह लाखों वोटरों की भावनाओं को ठेस पहुंचा रहे हैं। साथ ही साथ यह भी दिखा रहे हैं कि वह खुद आखिर किस हद तक गिर सकते हैं। तुरंत यह सब बंद कर दें , नहीं तो इसका असर बाकी राज्यों में व्याप्त छोटे-मोटे चुनाव में भी सटीक तरीके से दिखाई देने लगेगा । और वह दिन और पास आ जायेगा जब इन्हें अपनी झेंप मिटाने के लिए पूरे देश को एन्टी नेशनल या फिर देश द्रोही करार देना पड़ेगा।
नरेश राघानी