लखनऊ। समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाला विधानसभा चुनाव सपा अकेले दम पर लड़ेगी। वह किसी से गठबंधन नहीं करेगी। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को अपरान्ह पयागपुर के राजा सर्वेंद्र विक्रम सिंह के आवास पर आयोजित आशीर्वाद समारोह कार्यक्रम के दौरान आयोजित प्रेस वार्ता में हिंदुस्तान की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में यह बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा किसानों की आय दोगुनी करने की बात कर रही है, जबकि किसानों की आय दुगनी की जगह आधी हो गई है। छुट्टा जानवरों की समस्या बहुत बड़ी है। जिसके कारण किसानों की फसल नष्ट की जा रही है। आए दिन एक्सीडेंट हो रहे हैं, किंतु प्रदेश के मुख्यमंत्री पशुओं को बचाने में लगे हुए हैं। इसमें भी वह पूरी तरह सफल नहीं हो पाए हैं। केंद्र की सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वह स्वच्छता अभियान को चला रहे हैं, इसके बावजूद भी कहीं स्वच्छ भारत, नमामि गंगे जैसा कार्यक्रम नजर नहीं आ रहा है। सीएए, एनपीआर के मुद्दे पर उन्होंने कांग्रेस को भी आड़े हाथों लिया, और कहा कि यह सब समस्याएं कांग्रेस की ही देन है। कांग्रेस ने ही पहले एनपीआर को लाने की शुरुआत की। हालांकि इस दौरान उन्होंने बसपा के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की।
उन्होंने कानून व्यवस्था पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि प्रदेश में कोई मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि तमाम लोग मिलकर सरकार चला रहे हैं। दिल्ली प्रदेश के चुनाव में एक्जिट पोल के नतीजों को लेकर उन्होंने कहा कि जनता ने भाजपा के जातिवादी राजनीति को नकार दिया है और विकास की राजनीति को तरजीह दी है। देश एक नई विचारधारा की ओर चल पड़ा है। उन्होंने भाजपा को बहुत झूठी पार्टी करार दिया। इसके अलावा उन्होंने शाहीन बाग प्रकरण एवं सीएए के मुद्दे पर कहा कि वे सीएए, एनपीआर एवं एनआरसी के पूरी तरह खिलाफ हैं। उनकी पार्टी का स्टैंड कायम है। कहा कि जब भी कभी सपा को मौका मिलेगा, तो वह इन कानूनों को लागू नहीं करेगी। अखिलेश यादव ने कहा कि देश की जनता को मूलभूत समस्या बेरोजगारी एवं विकास से ध्यान भटकाने के लिए भाजपा कोई न कोई षड्यंत्र करती रहती है। जिसके तहत कभी से सीएए लाया जाता है, तो कभी कुछ और बहाना बनाया जाता है, ताकि जनता का ध्यान मूल मुद्दों से हट सके। उन्होंने कहा कि यदि प्रदेश में उनकी सरकार बनी तो 4 लाख लोहिया आवास गरीबों को मुफ्त दिया जाएगा। उसके साथ ही उनको फ्री बिजली की व्यवस्था भी की जाएगी। भाजपा ने समाज को जातिवाद एवं उप जातिवाद के नाम पर बांटने की कोशिश की, किंतु सपा ने अपने कार्यकाल के दौरान लोगों को विकास के रास्ते से जोड़ने के लिए लैपटॉप बांटे थे।