सोमवार, 10 फ़रवरी 2020

सत्यगोपाल चंडीगढ़ प्रशासक के सलाहकार

राणा ओबराय


आईएएस अधिकारी सत्यगोपाल होंगे चंडीगढ़ प्रशासक के सलाहकार?

चंडीगढ़। चंडीगढ़ आवास बोर्ड के पूर्व चेयरमैन एवं वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सत्यगोपाल को चंडीगढ़ प्रशासक वीपी सिंह बदनौर का सलाहकार नियुक्त किया जा रहा है|सूत्रों से पता चला है कि केंद्र सरकार ने इस संबंध मेँ अपनी सहमति दे दी है और आधकारिक घोषणा किसी भी समय हो सकती है|बताया जाता है कि मौजूदा सलाहकार 1986 बैच के आई ए एस मनोज कुमार परिदा को दिल्ली का मुख्य सचिव लगाने की तैयारी हो गई है|जिसके चलते दिल्ली सरकार में तैनात अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह 1988 बैच के अधिकारी सत्यगोपाल को चंडीगढ़ प्रशासक का सलाहकार नियुक्त किया जा रहा है|दिल्ली विधान सभा के चुनावों के कल नतीज़ों की घोषणा के बाद इन नियुक्ति की घोषणा होगी|बतादें कि, सत्य गोपाल धार्मिक प्रवत्ति रखते हैं…वह एक ईमानदार आईएएस अधिकारी हैं।


सीएए के खिलाफ 30वें दिन धरना जारी

मंसूर अली पार्क में एनआरसी एनपीआर सीएए के विरोध में तीसवें दिन भी धरना जारी


प्रयागराज। मंसूर अली पार्क में मात्र १०युवतियों द्वारा एनपीआर एनआरसी और सीएए के खिलाफ शुरु हुआ धरना शुरु हुए एक माह का लम्बा अन्तराल गुज़र गया। लेकिन महिलाओं के जोश और जज़बे मे तनिक भी कमी नहीं आई। आज भी उसी जोश के साथ शहर के विभिन्न इलाक़ों के साथ शहर.से सटे ग्रामीण इलाक़ो से महिलाओं का जत्था जुलूस की शक्ल में मंसूर अली पार्क पहोँचा।इन्क़ेलाबी तक़रीर और जोशीले नारों से मंसूर अली पार्क का इलाक़ा गूंजता रहा।कभी कोई छोटी बच्ची देश मक्ति के तराने गा कर लोगों का उत्साह बढ़ाती रही तो कभी मंझे हुए वक्ता एनपीआर एनआरसी और सीएए के खिलाफ गरजते रहे।सभी का मक़सद एक था की नहीं चाहिये हमे यह काला क़ानून हमे इससे आज़ादी चाहिये।माईक सम्भाले कभी सायरा अहमद तो कभी सबीहा मोहानी व खुशनूमा बानो व चाँद बाजी तो कभी  कोई पुरुष लगातार उपस्थित महिलाओं को व्यवस्थित और शान्तिपुर्वक चलने वाले धरने के बाबत बताता रहा।मंसूर अली पार्क के बाहरी क्षेत्र में एक माह से गुलज़ार चाय, पान,छोला भटुरा व पुड़ी सब्ज़ी की दूकानो पर पुरुष मजमा लगा कर खड़े रहे वहीं महिलाओं के आते जाते जुलूस को मंसूर पार्क में प्रवेश कराने से लेकर तमाम व्यवस्या मे भागीदारी निभाते रहे।धरना संचालकों में ज़ीशान रहमानी,अब्दुल्ला तेहामी,उमर खालिद आदि महिलाओं के खाने और पीने के पानी के इन्तेज़ाम सहित अन्य कामों को संचालित करने को लगे रहे।सपा महानगर प्रवक्ता सै०मो०अस्करी,कांग्रेसी नेता इरशाद उल्ला,एआईएमआईएम नेता अफसर महमूद,पार्षद फज़ल खान,पार्षद रमीज़ अहसन,पार्षद अब्दुल समद,सै०मो०शहाब,शुऐब अन्सारी,अक़िलुर्रहमान,शाहिद अली राजू सहित अन्य नेताओं ने कानपुर व दिल्ली के जामियामे महिलाओं पर पुलिसया ज़ुल्म व लाठी चार्ज की निन्दा की कहा मोदी और योगी सरकार शान्तिपूर्वक चल रहे धरने को दमनात्मक तरीक़े से कुचलना चाहती है।रौशनबाग़ में एक माह से शान्तिपूर्वक धरना चल रहा है लेकिन यहाँ भी पुलिस ने कई बार धरना स्थल पहोँच कर लोगों को उकसाने का कार्य किया।लेकिन आला अधिकारीयों की सूझ बुझ और सहयोगात्मक रवईये व बड़े बूढ़ों की समझदारी से मामला ठण्डा हो गया।लेकिन प्रदेश के कानपुर और जामिया में जिस प्रकार पुलिस ने नंगा नाच करते हुए शान्तिपूर्वक धरना दे रही महिलाओं को लाठी के दम पर खदेड़ा उसकी जितनी निन्दा की जाए कम है।


बृजेश केसरवानी


आरक्षित वर्ग के पक्ष में सपा का धरना

लोकसेवा आयोग कार्यालय पर आरक्षित वर्ग के अभ्यार्थियों के लिए सपा ने दिया धरना ,सौंपा ज्ञापन


प्रयागराज। लोकसेवा आयोग द्वारा प्रस्ताव पारित कर अन्य पिछड़ा वर्ग ,अनुसूचित जाति/जनजाति,आरक्षित अल्पसंख्यक वर्ग व कमज़ोर तबक़े के आरक्षित अभ्यार्थियों को सीधी भर्ती के पदों पर उच्च मेरिट होने के बावजूद सामान्य वर्ग में चयन न करके उन्ही की कटेगरी में चयनित करने को विवश करने के विरोध में समाजवादी पार्टी के विधानपरिषद सदस्य बासूदेव यादव व निर्वतमान महानगर अध्यक्ष सै०इफ्तेखार हुसैन के नेत्रित्व में सपा कार्यकर्ताओं ने लोकसेवा आयोग के गेट पर धरना दिया। घन्टों चले धरने के दौरान भारी पुलिस बल भी मौजूद रहा।धरना समाप्त करने को लेकर पुलिस प्रशासन ने दबाव बनाना चाहा लेकिन सपा कार्यकर्ता लोक सेवा आयोग सचिव को बाहर बुलाने और ज्ञापन लेने की मांग करते हुए डटे रहे।लोक सेवा आयोग के उप सचिव पुशकर श्रीवास्तव ज्ञापन लेने बाहर आए तो सपाईयों ने लोक सेवा आयोग और सचिव  प्रभाकर के खिलाफ जम कर नारेबाज़ी करते हुए मुर्दाबाद के नारे लगाए।बासूदेव यादव ने उप सचिव को ज्ञापन पढ़ कर सुनाने के साथ तत्काल विधान सभा व विधान परिषद से पास क़ानून के दायरे में काम करने की बात कहते हुए यह चेतावनी भी दी के अभी सिर्फ गेट के बाहर शान्तिपूर्वक धरना दिया गया है अगर तुग़लकी फरमान वापिस नहीं हुआ तो और उग्र आन्दोलन करने के साथ विधान परिषद में भी धरना देने का काम करुंगा।ज्ञापन के माध्यम से कहा गया की उत्तर प्रदेश अधिनियम संख्या -४ दिनांक २२मार्च १९९४ का अवलोकन करें जिसमे उप्र लोक सेवा आयोग का अधिनियम है जिसमें अनुसूचित जाति / जनजाति अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण है।उपधारा पैरा -१ मे निम्नवत उल्लिखित है की किसी श्रेणी से सम्बन्धित कोई व्यक्ति योग्यता के आधार पर खुली प्रतियोगिता में सामान्य  अभ्यार्थियों के साथ चयनित होता है तो उसे उपधारा-१ के अधीन ऐसी श्रेणी के लिए आरक्षित रिक्तियों के प्रति समायोजित नहीं किया जाएगा।उन्होने यह भी कहा की लोक सेवा आयोग को कहीं से भी यह शक्ति प्राप्त नहीं होती है की वह विधानमण्डल द्वारा पारित अधिनियम को समाप्त करे।आयोग द्वारा पारित प्रस्ताव ग़ैरक़ानूनी तो है ही वहीं प्रदेश के आरक्षित वर्ग के साथ सौतेला व्यवहार है इसे कदापि बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।कहा इस आदेश से ५% आबादी को ४०.५% आरक्षण तथा ९५% आबादी को मात्र ५९.५% आरक्षण मिल पाएगा।योगी सरकार के इशारे पर आयोग द्वारा असंवैधानिक प्रस्ताव को हम नहीं मानेंगे और १३ फरवरी को आहूत विधानमण्डल के सत्र में उक्त पारित प्रस्ताव का मुद्दा सदन में उठाते हुए इसे किसी क़ीमत पर लागू नहीं करने देंगे।धरना प्रदर्शन और ज्ञापन सौंपने के दौरान विधानपरिषद सदस्य बासूदेव यादव,निर्वतमान महानगर अध्यक्ष सै०इफ्तेखार हुसैन,पूर्व मंत्री रामानन्द भारती,प्रदेश प्रवक्ता निधि यादव,सुशमा भारतीया,पूर्व नगर अध्यक्ष पप्पूलाल यादव,निर्वतमान नगर महासचिव योगेश चन्द्र यादव,महबूब उसमानी,दानबहादूर सिंह मधुर,सै०मो०अस्करी,रविन्द्र यादव,सन्दीप यादव,अखिलेश गुप्ता,डॉ अच्छेलाल यादव,संदीप पटेल,सन्दीप यादव प्रधान,रविन्द्र यादव रवि,रामकृपाल यादव,शिवशंकर वर्मा,आर के भारतीया,आशीष पाल,मो०हामिद,दिलीप यादव,आर एन यादव,सन्दीप चौधरी,पीएन अकेला,सुभाष कुमार,घनश्याम गौड़,पवन कुमार बिन्द,जयशंकर रावत,विनोद विश्वकर्मा,अजीत विधायक,औन ज़ैदी आदि मौजूद थे।


बृजेश केसरवानी


दमनकारी नीतियों पर बढ़ रही सरकार

अंबिकापुर। इन्दिरा गांधी की दमनकारी नीतियों की तरह; बल्कि उससे भी आगे बढक़र सत्ता में बैठे जनप्रतिनिधि आज काम कर रहे हैं। इससे पहले संविधान के साथ इस तरह का छेड़छाड नहीं किया गया है, जैसा अब हो रहा है। पहली बार देश में ऐसा कानून आया है जो धर्म आधारित है। हमारा देश निर्णायक भूमिका में है।


भारत के स्वधर्म को चुनौती मिल रही है। स्वधर्म का मतलब लोकतंत्र, विविधता और अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाना है। संविधान के इस प्रस्तावना पर आज अभूतपूर्व हमला हैं, यह देश के शीर्ष से है। उक्त बातें गांधी सुमिरन कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे सामाजिक कार्यकर्ता योगेन्द्र यादव ने सर्किट हाउस में आयोजित पत्रवार्ता में कही। सामाजिक कार्यकर्ता और गांधीवादी राजनेता योगेन्द्र यादव ने सर्किट हाउस में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि सीएए कानून संविधान विरोधी कानून है। यह एक ऐसे विचार से प्रायोजित है जो देश को तोडऩे वाला है। टू नेशन थ्योरी के आधार पर पूर्व में देश का बंटवारा हुआ था। इसी थ्योरी पर आज काम किया जा रहा है और इसे पीछे के दरवाजे से लागू करने की तैयारी की जा रही है।


इस कानून के माध्यम से धर्मों के बीच बंटवारा किया जा रहा है, दो धर्म की थ्योरी हमारे संविधान के खिलाफ है। यह स्वामी विवेकानंद के मूल मंत्र के खिलाफ भी है। हम स्वामी विवेकानंद के सिद्धांतो को पढ़ते तो हैं लेकिन उसे लागू नहीं करते हैं। सरकार सिर्फ यह कह दे कि स्वामी विवेकानंद के मूल मंत्र को मानते हुए उसे लागू करेंगे। स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में कहा था कि मुझे गर्व है कि मैंने भारत में जन्म लिया, जहां सभी जाति, धर्म के लोगों को अपने यहां जगह दी। आज हम उनके मूल मंत्र को ही भूल गए हैं। इस दौरान रेहाना फाउंडेशन के दिनेश कुमार शर्मा, विशाल श्रीवास्तव, जावेद अंसारी, शाहिद अंसारी सहित अन्य उपस्थित थे।


भारत जोड़ो आंदोलन का होगा आगाजः एनआरसी कानून लागू करने के लिए सरकार 60-70 हजार करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है। इसमें से 50 हजार करोड़ रुपए देश के बेरोजगारों की सूची तैयार करने में खर्च किया जाता तो इसका फायदा देश के विकास के लिए होता। योगेन्द्र यादव ने कहा कि भारत के 100 बड़े लोगों व संगठनों को सीएए कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए जोड़ा गया है। यह सिर्फ सीएए के विरोध के लिए नहीं है बल्कि भारत जोड़ो आंदोलन के लिए किया जा रहा है। इसका आगाज २२ फरवरी को किया जाएगा। जो 23 मार्च को शहीद भगत सिंह की पूण्यतिथि पर समाप्त होगा।


पुरानी सरकार की तरह कर रही है कामः योगेंद्र यादव ने कहा कि दुर्भाग्यवश पुराने सत्ताधारी जो अब तक काम करते आए हैं, वहीं यह सरकार कर रही है। इंदिरा गांधी की दमनकारी नीतियों के खिलाफ जेपी आंदोलन खड़ा हुआ था। उसे कुचलने के लिए माओवादी प्रायोजित आंदोलन कहा गया। यह सरकार उनकी नीतियों को अपनाते हुए एक कदम आगे बढक़र विरोध प्रदर्शन को कुचलने का काम कर रही है। इसके तहत पूरे देश में एक माह तक कार्यक्रम चलाया जाएगा। हम सभी जनता के बीच जाकर उन्हें इस कानून के बारे में बताएंगे।



एनपीआर कानून का होगा बायकॉटः योगेन्द्र यादव ने कहा कि एनपीआर कानून का पूरे देश में बायकॉट किया जाएगा। जनगणना कानून का विरोध नहीं है लेकिन इस एनपीआर के बाद एनआरसी लाया जाएगा। एनपीआर कानून के माध्यम से परिवार के सदस्यों की सूची ली जाएगी, इसके साथ ही किसी सदस्य के सामने ‘डी’ लिख दिया जाएगा, इसका ही विरोध है।


शाहीन बाग कोई संगठन नहीं, बल्कि एक जगह
शाहीन बाग कोई संगठन नहीं है और न ही कोई उनका नेतृत्वकर्ता है। बल्कि एक जगह का नाम है, जहां की महिलाएं उसका विरोध कर रही हैं। अगर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि विरोध करने का अधिकार है, लेकिन इससे किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए तो सही है। विरोध करने का अधिकार संविधान में प्राप्त है, लेकिन इससे किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए।


ओवैसी की राजनीति से सहमत नहींः योगेन्द्र यादव ने कहा कि शाहिन बाग में कुछ मीडिया के लोगों को जाने से रोका जा रहा है। इसे लेकर मैंने शाहिन बाग के मंच से विरोध किया है। यह मेरा रेकॉडेड भाषण है। शाहिन बाग को लेकर ओवैसी की राजनीति से मैं सहमत नहीं हूं। मैं ऐसे किसी प्रकार के राजनीति से सहमत नहीं हूं।


6 राज्यों का मिला है समर्थनः सीएए कानून व एनपीआर के खिलाफ अब तक ६ राज्यों का समर्थन मिल चुका है। केरल, पंजाब, राजस्थान, झारखंड की विधानसभा ने इसके खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है। झारखंड ने सीएए कानून का विरोध नहीं किया है, बल्कि एनपीआर कानून पर विरोध जताया है। छत्तीसगढ़ की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से चर्चा हुई है, उन्होंने इस पर सहमति जताई है, लेकिन अब तक कैबिनेट ने इसे पास नहीं किया है। विधानसभा में भी प्रस्ताव पारित नहीं किया गया है।


सुहाना के फोटो ने खूब सुर्खियां बटोरी

मुंबई। बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान की बेटी सुहाना इन दिनों सुर्खियों में है। सुहाना अभी फिल्मी दुनिया से दूर है। सुहाना खान अपने फोटो और वीडियो से सोशल मीडिया पर जमकर सुर्खियां बटोरती है। इस फोटो में शाहरुख खान की बेटी अपनी दोस्त के साथ मिरर सेल्फी लेती नजर आ रही हैं। सुहाना खान की इस फोटो को उनके फैन ने इंस्टाग्राम पर शेयर किया है।


बता दें कि फोटो के साथ एक वीडियो में सुहाना मशहूर रैपर ऐमिनेम के सुपरहिट गाने ब्यूटीफुल को गाती और डांस करती नजर आ रही हैं। शाहरुख खान की बेटी सुहाना खान का स्टाइल हो या अंदाज, वो सोशल मीडिया पर छा जाती है। सुहाना अपनी आगे की पढ़ाई के लिए इन दिनों न्यूयॉर्क में है। दूसरे स्टार किड्स की तरह वह भी बॉलीवुड में कदम रखना चाहती हैं, लेकिन उनके पिता शाहरुख खान का कहना है कि वह अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद ही एक्टिंग की दुनिया में एंट्री करेंगी। 


मामा ससुर का गर्भवती भांजे की बहू से रेप

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के सरकंडा इलाके में एक कलयुगी मामा ने अपने भांजे की पत्नी की आबरू लूट ली। भांजे को जब मामा की ये करतूत पता चली तो उसने हंसिये से हमला कर दिया जिसमें मामा बुरी तरह से घायल हो गया। सिम्स में उसका इलाज चल रहा है। जबकि पुलिस ने भांजे को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सीपत थाना क्षेत्र निवासी गर्भवती महिला अपने पति के साथ रिस्तेदार बैगा मामा ससुर शांतिलाल के पास झाडफुक कराने पहुंची। झाडफुक के बाद आरोपी तांत्रिक अपनी भांचा बहू को दिया ठंडा कराने के बहाने पास ही बहने वाली नदी के किनारे ले गया। दिया ठंडा करने के बाद तांत्रिक गर्भवती महिला से जबरदस्ती करने लगा। इस पर महिला ने विरोध करते हुए रिस्ते का हवाला दिया तो तांत्रित मामा ससुर ने गर्भवती महिला को गर्भ में पल रहे शिशु के खराब होने का झांसा देकर बलत्कार किया। फिर महिला को लेकर घर पहुंचा और महिला अपने पति के साथ घर लौट गई। रास्ते व घर में मायुस बैठी पत्नी को जब पति ने कारण पूछा तो वह टाल मटोल करने लगी लेकिन जब पति ने कारण जानने का प्रयास किया तो महिला ने तांत्रिक ससुर के द्वारा उसके साथ जबरिया किए बलत्कार की घटना के विषय में बताया। मामा द्वारा पत्नी के साथ बलत्कार करने की घटना की जानकारी लगते ही भांजा पत्नी को साथ लेकर आटो में तांत्रिक मामा के घर पहुंचा और मामा भाचा के बीच बहस हुई और भांजे ने तांत्रित मामा पर हंसिये से जानलेवा हमला कर दिया। भांजे ने मामा पर तीन वार किए मामला सीपत थाने पहुंचा तो पुलिस ने गर्भवती महिला की शिकायत पर आरोपी तांत्रित मामा पर धारा 376 के तहत अपराध दर्ज किया है। तांत्रिक मामा के बेटे की शिकायत पर महिला के पति पर धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।


'बिग बॉस 13' फाइनल स्टेज पर पहुंचा

मुंबई। बिग बॉस 13 अब फाइनल स्टेज पर पहुंच चुका है। बिग बॉस करीब साढ़े चार महीने चला। बिग बॉस शो जैसे-जैसे फिनाले की तरफ जा रहा है, फैंस की दिलचस्पी बढ़ती जा रही है। 16 फरवरी को सलमान के शो बिग बॉस का ग्रैंड फिनाले हैं। बिग बॉस का विनर कौन होगा इस पर खूब चर्चा हो रही है। बिग बॉस में अब बस 7 प्रतियोगी सिद्धार्थ शुक्ला, रश्मि देसाई, आसिम रियाज, आरती सिंह, पारस छाबड़ा, शहनाज गिल और माहिरा शर्मा रह गए हैं। इन्हीं सातों में से कोई एक बिग बॉस 13 का विनर होगा। शो के होस्ट सलमान खान के बॉडीगार्ड शेरा ने बिग बॉस विनर का नाम ही बता डाला है। शेरा सिद्धार्थ शुक्ला को बहुत पसंद करते हैं। शेरा को लगता है कि सिद्धार्थ शुक्ला ही बिग बॉस 13 के विजेता होंगे।


न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जनपद के टाउन हॉल में मंगलवार को सामाजिक न्याय क्रांति मोर्चा ...