पंकज राघव
सम्भल । सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता समिति उत्तर-प्रदेश द्वारा भक्ति काल के ज्ञानाश्रयी शाखा के महान संत भक्त रविदास की जयंती बडे उत्साह पूर्वक मनाई गई। जिसमें उनके सत्य और अहिंसा सिद्धांतों को जीवन में अपनाने का आह्वान किया।
नगर के हल्लूसराय मौहल्ला में स्थित ग्लोरियस इंस्टीट्यूट ऑफ एजूकेशन स्कूल के परिसर में सम्पन्न हुई संत रविदास जी की जयंती की शुरुआत समिति के प्रदेशाध्यक्ष हरद्वारी लाल गौतम व महासचिव कु.कुसुम ने रविदास के चित्र पर माल्यार्पण कर की कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व एम जी एम कालेज के समाज शास्त्र विभाग के अध्यक्ष डाँ. निरंकार सिंह ने संत रविदास जी के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि संत रविदास भक्तिकाल के निर्गुण शाखा की ज्ञानाश्रयी मार्ग के प्रमुख कवि थे। सत्य और अहिंसा के पुजारी थे। वह हमेशा कर्म को महत्व देते थे।
कार्यक्रम के अध्यक्ष व शंकर भूषण शरण जनता इण्टर कालेज के हिन्दी प्रवक्ता डाँ. टेकचन्द निर्मल ने कहा कि संत रविदास एक समाज सुधारक थे। जिन्होंने समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने के लिए जीवन भर प्रयास किया।
समिति के प्रदेशाध्यक्ष हरद्वारी लाल गौतम व महासचिव कुसुम ने कहा कि संत रविदास ने यह सिद्ध कर दिया कि कोई भी व्यक्ति उच्च जाति या कुल में जन्म लेने जन्म लेने से बडा नही होता।बल्कि वह बडा अपने कर्म से होता है। इसलिए व्यक्ति को सदा श्रेष्ठ कर्म करते रहना चाहिए।
जयंती में मनोज कुमार भास्कर,अमित कुमार गुप्ता,डाँ. मौ.शावेज, नवीन कुमार सक्सेना,रूबी, शिवानी, चिंकी दिवाकर, कुसुम तथा तरगं सक्सेना आदि ने भी संत रविदास जी के बताए मार्ग पर चलने का आह्वान किया।