शनिवार, 1 फ़रवरी 2020

एससी का भ्रष्टाचार मामले में नोटिस जारी

शिवराज राणा की रिपोर्ट


देहरादून। सुप्रीम कोर्ट ने IFS संजीव चतुर्वेदी की याचिका पर प्रधानमंत्री कार्यालय को नोटिस जारी किया है, जिसमें सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत विदेश से काले धन को वापस लाने और केंद्रीय मंत्रियों के भ्रष्टाचार के मामलों की जानकारी दी गई है।जस्टिस नागेश्वर राव और जस्टिस हेमंत गुप्ता की पीठ ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई की। संजीव ने सूचना के अधिकार के तहत अगस्त 2017 में पीएमओ से यह जानकारी मांगी थी।


इस एप्लिकेशन में, संजीव ने प्रधान मंत्री कार्यालय से विदेशों में जमा काले धन को वापस लाने के लिए किए जा रहे प्रयासों से संबंधित जानकारी मांगी कि लोगों के बैंक खातों में कितना पैसा जमा किया गया।इसके साथ ही आरटीआई में यह भी पूछा गया था कि कितने केंद्रीय मंत्रियों को प्रधानमंत्री कार्यालय के भ्रष्टाचार में शामिल होने की शिकायत मिली थी। इन शिकायतों के आधार पर कितने मंत्रियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई।


हाईकोर्ट ने भी इस याचिका को खारिज किया था। हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए संजीव ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। संजीव ने कहा कि प्रत्येक नागरिक को यह जानने का अधिकार है कि जन-प्रतिनिधियों के भ्रष्टाचार के मामले क्या हैं।संजीव की इस याचिका को स्वीकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय सूचना आयोग को चार सप्ताह में जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया है। वकील प्रशांत भूषण ने तब ट्वीट किया था कि सुप्रीम कोर्ट ने काले धन और मंत्रियों के भ्रष्टाचार के मामले में पीएमओ को नोटिस जारी किया है।


 


प्रॉपर्टी डीलर ने ले ली दंपत्ति की जान

पहले मकान दिखाया फिर पैसा लिया और मजबूर कर दिया एक दंपत्ति को आत्महत्या के लिए


सन्दीप मिश्रा


रायबरेली। ना जाने जिले के प्रॉपर्टी डीलरो ने किसकी शह पर जिले में आतंक मचा रखा हैं? एक दंपत्ति को 3 महीने के अंदर जान गवानी पड़ी। यह भी सवालिया निशान है कि 3 महीने पहले पत्नी की मौत पर पुलिस मामले की तह तक पहुंचती तो आज शायद पति जीवित होता। मामला रतापुर का है जहां पर धर्मेंद्र सिंह नाम के व्यक्ति ने प्लाट खरीदने के लिए तीन प्रॉपर्टी डीलरों से सौदा तय किया । प्रॉपर्टी डीलरों ने मिलकर पहले एक अकाउंट बनाया जिस पर पैसों का लेनदेन हुआ । सूत्र बताते है कि उसके तीनों प्रॉपर्टी डीलर लिखा पढ़ी के वक़्त पर मौके से भाग निकले । पीड़ित धर्मेंद्र सिंह ने अपने स्तर पर पैसा वापस हो जाए इसका प्रयास किया लेकिन जब पैसे वापस नहीं हुआ तो वह मानसिक अवसाद की स्थिति में चला गया। बताते है इसी के चलते उसने जहर खा लिया । अस्पताल में उनकी दुखद मृत्यु हो गई । 3 महीने पहले पत्नी की भी मौत हो चुकी है अपने पीछे यह परिवार दो बच्चों को छोड़ गया है अबोध बालक किस तरह से अपना जीवन जिएंगे यह भी सोचने का विषय है । जनपद के प्रॉपर्टी डीलर किसी न किसी राजनीतिक गलियारे से दखल रखते हैं जिसके एवज में वह जमकर सितम मध्यमवर्गीय परिवारों के साथ करते हैं । जमीन जायदाद खरीदारी के नाम पर उनके साथ धोखाधड़ी बेईमानी , , अत्याचार की पराकाष्ठा पार कर लेते हैं । सबसे बड़ा सवालिया निशान पुलिस और प्रशासन व्यवस्था पर भी है । कितने जमीनी मामले आते हैं लेकिन उनको कानूनी प्रक्रिया में लंबित रखा जाता है जिसकी वजह से पीड़ित पक्ष कहीं का नहीं होता । जबकि उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ का सख्त आदेश है । उन्होंने एंटी भू माफिया भी बना रखा है लेकिन वह भी इन माफियाओं के आगे बेबस है आखिर क्यों ऐसे डीलरों पर कार्यवाही नहीं होती जो जिले में जमीन खरीदारी के नाम पर गोरखधंधा कर रहे हैं इन पर पुलिसिया कार्यवाही ना होना ही उनके हौसले को बढ़ाती है ।
सवाल जायज भी है आखिर ठगी हो जाने के बाद पीड़ित व्यक्ति किससे शिकायत करें न्याय की गुहार किन से लगाए ? किन परिस्थितियों में टालमटोल और सालों चलने वाली प्रक्रिया के बाद उसे न्याय मिलेगा । इस बात पर खुद वह अपने आप को ठगा महसूस करता है । जनपद में घटित दुखद घटनाक्रम के बाद अब देखना होगा जिला प्रशासन ठगों के गिरोह प्रॉपर्टी डीलर के इस धंधे पर क्या कार्यवाही करता है कैसे आम जनमानस को धोखेबाजी से बचाया जा सकता है यह आने वाला वक्त बताएगा । रायबरेली जनपद में खुलेआम बिना किसी रजिस्ट्रेशन के प्रॉपर्टी डीलर अपना धंधा चलाते हैं जमीन बिकवाने – बेचने के नाम पर कमीशन का खेल होता है सर्किल रेट से अलग होकर पैसों का लेनदेन किया जा रहा है । ऐसे में काले धन पर कार्यवाही की बात छोड़ दीजिए । आम जनमानस को प्रॉपर्टी के नाम पर जो ठगी का सामना करना पड़ रहा है उसके सामने कैसी चुनौती है यह भी समझने का काम प्रशासन कैसे करेगा अभी आने वाला वक्त है करेगा ।
क्या लिखा था सोसाइड नोट में: मृतक धर्मेंद्र सिंह ने मार्मिकता और विवशता से भरा सुसाइड नोट लिखा है आदरणीय पुलिस अधीक्षक महोदय प्रार्थी धर्मेंद्र सिंह पुत्र रामबहादुर सिंह निवासी पूरे दिख्तन मजरे पाकर गांव तहसील तिलोई जिला अमेठी रतापुर स्थित चमेला भवन में छोटा सा व्यापार करता है । एक मकान त्रिपुला महाराजगंज रोड जर्सी फार्म के सामने खरीदने का तय किया था । जिसमें प्रॉपर्टी डीलर विवेक विश्वकर्मा , रामकुमार विश्वकर्मा , शिवकांत विश्वकर्मा द्वारा उनके साथ ठगी की गई । उन्होंने अपनी जमीन बेच कर घर लेना चाहा तीनों प्रॉपर्टी डीलरों को ₹3960000 दे दिया । पैसा लेने के बाद ना तो वह मकान दे रहे हैं और ना ही पैसा वापस कर रहे हैं ऊपर से धमकी दे रहे थे । उन्होंने सुसाइड लेटर में आगे लिखा है इसलिए ऐसी परिस्थितियों में वह सुसाइड कर रहे हैं । लेटर में आकर उन्होंने लिखा है विधायक जी से अनुरोध है इस पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करवाएं और बच्चों को न्याय दिलवाए ।
जिस तरह से पुलिस अधीक्षक रायबरेली से अपील करते हुए मृतक धर्मेंद्र सिंह ने पूरे घटनाक्रम का जिक्र किया है उससे यह साफ है कि अब तो जनपद के तेजतर्रार पुलिस अधीक्षक ही स्थानीय पुलिस पर भी कार्यवाही करते हुए आखिर क्यों ऐसे दुर्दांत प्रॉपर्टी डीलर पनप रहे हैं और पुलिस उनको संज्ञान में नहीं ले रही थी इस पर भी कार्यवाही करना उनके लिए बेहद जरूरी हो गया है । जैसा कि पुलिस अधीक्षक ने पहले भी कहा था रायबरेली में शांति व्यवस्था को बनाए रखना उनका पहला उद्देश्य होगा अब उसी उद्देश्य के लिए पीड़ित परिवार को उनको न्याय दिलाना होगा उसी के साथ प्रॉपर्टी डीलरों के ऐसे गिरोहों पर सख्त कार्रवाई करनी होगी जिनसे किसी का परिवार ना उजड़े मासूम दर – दर भटकने पर विवश ना हो ।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


फरवरी 02, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-176 (साल-01)
2. रविवार, फरवरी 02, 2020
3. शक-1941, माघ - शुक्ल पक्ष, तिथि- अष्टमी, संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 07:07,सूर्यास्त 05:58
5. न्‍यूनतम तापमान 8+ डी.सै.,अधिकतम-21+ डी.सै., हल्की बरसात की संभावना।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


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शुक्रवार, 31 जनवरी 2020

212 लोगों की मौत, 1711 लोग पीडित

बीजिंग। चीन में कोरोना वायरस से अब तक 212 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 7711 लोग पीड़ित हैं। विदेशी नागरिकों को स्वदेश भेजने के लिए उड़ानें जारी रहेंगी। नेशनल हेल्थ कमिशन की प्रतिदिन की रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय समयानुसार रात 12 बजे तक अपडेट के अनुसार गंभीर अवस्था वाले मरीजों की संख्या 1370 रही, जबकि 124 लोगों की अवस्था में सुधार के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया।


एफे न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते बुधवार को 38 मौत दर्ज किए गए और 1737 नए मामलों की पुष्टि की गई, जिनमें से 131 मरीजों की अवस्था गंभीर थी और अन्य 21 लोगों का उपचार किया गया। समाचार एजेंसी आईएएनएस (News agency IANS) के मुताबिक, अब तक 12,167 संदिग्ध मामलों की जानकारी मिली, जिनके लक्षण कोरोना वायरस से मिलते जुलते थे। हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं हुई कि वे कोरोना वायरस से संक्रमित हैं या नहीं और करीब 82000 लोग जो मरीजों के संपर्क में हैं उन्हें भी चिकित्सीय निगरानी में रखा गया है।


प्रांत के हेल्थ कमिशन के मुताबिक है कि इनमें से ज्यादातर मौत के मामले हुबेई प्रांत के हैं, जहां से इसकी शुरुआत हुई। हुबेई में बुधवार को 1032 मामलों की और 37 मौत की पुष्टि की गई। वुहान शहर में बुधवार को 356 नए मामलों के साथ ही वायरस से होने वाली 25 मौतों की पुष्टि की गई। वायरस के प्रसार को रोकने के लिए बीते गुरुवार से लोगों को शहर के बाहर जाने और शहर में प्रवेश करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि शहर में 90 लाख लोग रहते हैं। हालांकि, चीन के बाहर इस वायरस से किसी के मरने की जानकारी सामने नहीं आई है। इसी बीच जापानी सरकारी चार्टड उड़ान के जरिए गुरुवार को वुहान से 210 जापानी नागरिकों को टोक्यो लाया गया। यह ऑपरेशन उनके सैकड़ों नागरिकों को वहां से निकालने की योजना का हिस्सा है।


एक हजार रुपये में बनाए आयुष्मान कार्ड

भानु प्रताप उपाध्याय


शामली। जहां देश के प्रधानमंत्री ने पूरे देश में गरीबों को इलाज मुहैया कराने के लिए आयुष्मान भारत योजना चलाई हुई है। वहीं इस योजना के तहत आयुष्मान कार्ड पर 5 लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त में किया जाता है। वही जनपद शामली में आयुष्मान भारत कार्ड बनाने का फर्जीवाड़ा सामने आया है। जहां पर एक हज़ार रुपये में एक आयुष्मान भारत कार्ड बनाया जा रहा था। वही फर्जी आयुष्मान भारत कार्ड की सूचना पर पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे सीएमओ संजय भटनागर ने ग्रामीणों से कार्ड की जानकारी ली। वही जानकारी में आया कि ग्रामीणों को जो आयुष्मान कार्ड बनाकर दिए जा रहे थे वह सब कार्ड फर्जी है। वही ग्रामीणों की शिकायत पर पुलिस ने दो व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। वही अभी यह सामने नही आया है कि दोनों युवक किस आईडी ओर पासवर्ड से यह फर्जी काम कर रहे थे। वही फर्जी कार्ड बनाने वाले दोनो आरोपी मौके से फरार हो गए है। वहीं पुलिस फरार आरोपियों की तलाश में जुट गई है। दरअसल आपको बता दे कि जनपद शामली में फर्जी आयुष्मान भारत कार्ड बनाने का मामला प्रकाश में आया है। जहां पर थाना बाबरी क्षेत्र के गांव आदमपुर में दो युवकों द्वारा ग्रामीणों के फर्जी आयुष्मान भारत कार्ड बनाए जा रहे थे। वही दोनों युवक 1 हज़ार रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से ग्रामीणों को आयुष्मान भारत योजना कार्ड बना कर दे रहे थे। बताया जा रहा है कि दोनों युवक पिछले 1 सप्ताह से गांव आदमपुर में ग्रामीणों के फर्जी आयुष्मान भारत कार्ड बना रहे थे। वही ग्राम आदमपुर के एक व्यक्ति ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देते हुए अवगत कराया था कि गांव आदमपुर में फर्जी आयुष्मान भारत योजना के फर्जी कार्ड बनाए जा रहे हैं। जिसके लिए प्रति व्यक्ति 1000 लिए जा रहे हैं। वहीं इस पूरे मामले को संज्ञान में लेते हुए जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी संजय भटनागर को मौके पर भेजा था। वही पुलिस के साथ गांव आदमपुर में पहुंचे सीएमओ द्वारा मामले की जांच पड़ताल की गई। जांच पड़ताल में सामने आया कि गांव में दो युवको द्वारा पिछले 1 सप्ताह से आयुष्मान भारत योजना के कार्ड बनाए जा रहे थे। जिसके एवज में प्रति व्यक्ति 1000 लिए जा रहे थे। वहीं ग्रामीणो ने दोनो युवको के फोटो भी पुलिस को उपलब्ध कराए है। जिसके आधार पर सीएमओ ने दोनों युवकों के खिलाफ थाना बाबरी में मामला दर्ज कराया है। वही दोनो युवक किस आईडी ओर पासवर्ड से यह फर्जी कार्ड बना रहे थे उसकी जाँच की जा रही है। फिलहाल ग्रामीणों से प्राप्त हुए फर्जी आयुष्मान भारत कार्ड के डाटा को सीएमओ द्वारा निरस्तीकरण के लिए लखनऊ मुख्यालय को भेज दिया गया है। वहीं दोनो युवको के खिलाफ आयुष्मान कार्ड बनाने वाले दोनो युवकों के खिलाफ थाना बाबरी में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। वही पुलिस भी फरार दोनों युवकों की तलाश में जुट गई है। फर्जी आयुष्मान भारत कार्ड बनाए जाने के मामले में आयुष्मान जिला कॉर्डिनेटर का कहना है कि जनपद शामली के थाना बाबरी क्षेत्र के गांव आदमपुर में फर्जी आयुष्मान भारत कार्ड बनाने की सूचना मिली थी। जिसमे दो युवकों द्वारा एक हज़ार रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से आयुष्मान भारत योजना के कार्ड बनाकर दिए जा रहे थे। जिसमें मुख्य चिकित्साधिकारी खुद मौके पर पहुंचे थे। वहीं ग्रामीणों के पास से जो आयुष्मान भारत योजना कार्ड प्राप्त हुए हैं उन सभी की जांच की गई है। जांच उपरांत पता चला कि आयुष्मान भारत योजना के जो कार्ड गांव में दो युवकों द्वारा बनाये गए है वह सब फर्जी कार्ड है। जिनमे लिखा हुआ पता भी फर्जी है। फिलहाल इस मामले में दोनों आरोपी युवकों के खिलाफ थाना बाबरी पर मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है। जो फर्जी आयुष्मान भारत योजना कार्ड ग्रामीणों से प्राप्त हुए हैं उन सभी का डाटा लखनऊ मुख्यालय को भेज दिया गया है। जिनको निरस्तीकरण करने का कार्य किया जा रहा है। वही फर्जी आयुष्मान भारत योजना का कार्ड बनाने वाले युवको की पुलिस तलाश कर रही है।


जंजीरों में बंधा-जकड़ा मिला, बुजुर्ग

कब से है बंधक पता नहीं, प्रशासन पहुंचा तो खुला राज, जंजीरों में बंधा बुजुर्ग, देखें तस्वीरें


अमित शर्मा


रूपनगर। एक घर में बैंक को कब्जा दिलाने पूरा प्रशासनिक अमला गया। लेकिन वहां जो देखा वो मानवता को शर्मसार करने वाला था और हैरान करने वाला भी। यहां प्रशासन को जंजीरों में जकड़ा एक बुजुर्ग मिला। उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां इलाज चल रहा है। आइए जानें पूरा मामला आखिर है क्या...
 हमला पंजाब के रोपड़ जिले के गांव बड़ी हवेली का है। जंजीरों में जकड़े बुजुर्ग को अधिकारियों ने सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां उनका इलाज जारी है। घर के मालिक मनिंदर सिंह पुत्र तरनजीत सिंह निवासी मकान नंबर 4475 गांव बड़ी हवेली ने एयू स्माल फाइनेंस बैंक लिमिटेड से लोन लिया हुआ था। 
इस लोन की राशि आठ लाख रुपये अदा न करने पर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने घर का कब्जा बैंक को दिलवाने के लिए रोपड़ प्रशासन को आदेश दिया। इस आदेश पर ही तहसीलदार कुलदीप सिंह और पुलिस संबंधित बैंक को कब्जा दिलवाने के लिए गांव बड़ी हवेली पहुंची थी। अधिकारियों को घर में कोई भी नहीं दिखा जिस पर घर को सील करने की कार्रवाई शुरू की गई। 
इस दौरान घर के एक कोने में एक बुजुर्ग व्यक्ति जंजीर से बंधा दिखा। अधिकारियों ने उससे उसकी पहचान व उसकी हालत के बारे में पूछा तो वह ठीक से जवाब नहीं दे पाया। इसके बाद तहसीलदार ने सिविल सर्जन को सूचित कर बुजुर्ग को अस्पताल ले जाने के लिए कहा। अधिकारियों के अनुसार यह व्यक्ति पिछले कई दिनों से इसी हालत में बांधा हुआ लग रहा है। बुजुर्ग को सिविल अस्पताल पहुंचाया गया जहां मानसिक रोगियों वाले वार्ड में उनका इलाज जारी है। 


सिविल सर्जन एचएन शर्मा ने बताया कि जिला प्रशासन ने बुजुर्ग का इलाज करने की हिदायत दी है। संबंधित डॉक्टर को इलाज करने और काउंसिलिंग करने के लिए कहा गया है। तहसीलदार कुलदीप सिंह ने कहा कि घर को सील कर बैंक को इस घर का कब्जा दिलवा दिया गया है और घर में मिले बुजुर्ग व्यक्ति की हालत संबंधी रिपोर्ट एसडीएम को दे दी गई है।


सावधानः तीन प्रमुख मार्गोँ पर कटेंगे चालान

सावधान कल से मध्य मार्ग समेत तीन प्रमुख मार्गों पर कटेंगे चालान, कृपया अपनी लेन में ही चलें


अमित शर्मा


चंडीगढ़। शनिवार से चालान शुरू करने जा रही है। लेकिन हैरानी की बात यह है। कि दक्षिण मार्ग, उद्योग पथ और मध्य मार्ग पर कई जगह लेन की मार्किंग तक नहीं है। ऐसे में यह बड़ा सवाल है। कि ट्रैफिक पुलिस चालान कैसे काटेगी। वहीं, ट्रैफिक पुलिस के आला अधिकारियों का कहना है कि एक फरवरी से चालान काटने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। नियमों की अवहेलना करने पर ट्रैफिक पुलिस पहली बार 500 रुपये का चालान काटेगी जबकि दूसरी बार पकड़े जाने पर चालान की राशि दोगुनी हो जाएगी।
ट्रैफिक पुलिस इन तीनों उल्लंघन को लेकर शहर के अलग-अलग हिस्सों में जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को जागरूक कर चुकी है। चंडीगढ़ में यह पहला मौका है जब ट्रैफिक पुलिस इस आफेंस के तहत नियमों की अवहेलना करने वाले चालकों के चालान काटेगी। ट्रैफिक पुलिस के नए नियमों के मुताबिक, अब आप अपने वाहनों को दक्षिण मार्ग, उद्योग पथ और मध्य मार्ग पर लाइट प्वाइंट व चौक के पास स्लिप रोड पर रास्ता रोकना, लेन बदलना और सड़क किनारे वाहन खड़ा कर किसी को पिक एंड ड्रॉप करते हैं तो आपका चालान कर दिया जाएगा। जानकारी के मुताबिक, ट्रैफिक वॉयलेशन इन्फार्मेशन स्लिप (टीवीआईएस) और मैनुअल चालान होंगे।
सड़क हादसों के साथ जाम का झाम होगा कम
ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों के अनुसार, इन नियमों को लागू करने का मकसद यह है कि शहर में जाम की स्थिति को कम करना और सड़क हादसों पर रोक लगाना है। पहले लोग अपने वाहनों को कहीं भी रोककर सवारियां उतारते और बैठाते थे। साथ ही राह चलते भी लोग सड़क के किनारेे वाहनों को रोककर मोबाइल पर बात करना शुरू कर देते हैं। ऐसे में कई बाद देखा गया कि वहां पर जाम की स्थिति होती है साथ ही सड़क हादसे की संभावना बढ़ जाती है। अगर इन तीनों जगहों पर चालान की वजह से कुछ फर्क पड़ता है तो इसे पूरे शहर में लागू कर दिया जाएगा।
इस तरह बच सकते हैं चालान से
1. मध्य मार्ग, दक्षिण मार्ग और उद्योग पथ पर बार-बार लेन न बदलें
2. सड़क किनारे वाहन रोककर मोबाइल पर बात करने से बचें
3. दाएं मुड़ने के लिए दाएं और बाएं मुड़ने के लिए बाएं की लेन में चलें
4. लाइट प्वाइंट या चौक पर बाएं तरफ की स्लिप रोड वाहन खड़ा करने से बचें
5. तीनों मुख्य सड़कों सड़कों पर पिक एंड ड्रॉप करने से बचें
इनका करे इस्तेमाल
1. पिक एंड ड्रॉप के लिए सर्विस लेन का इस्तेमाल करें
2. अगर आपको मोबाइल पर बात करना है तो सर्विस रोड पर जाएं
3. चौक और लाइट प्वाइंट पर वाहन रोकते समय अपने लेन मार्किंग के अंदर ही रहें
कोट
एक फरवरी से मध्य मार्ग, दक्षिण मार्ग और उद्योग पथ पर लेन बदलने, पिक एंड ड्रॉप और स्लिप रोड को जाम करने वाले वाहन चालकों के चालान काटे जाएंगे।
-चरणजीत सिंह, डीएसपी ट्रैफिक।


'पीएम' ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात दी

'पीएम' ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात दी  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात...