रविवार, 26 जनवरी 2020

जर्जर भवन में पढ़ते आंगनवाड़ी के बच्चे

जर्जर भवन में पढ़ रहे आंगनवाड़ी के बच्चों के सिर पर मंडरा रही है मौत


खुर्द असरावल जलालपुर घोसी का पंचायत भवन जर्जर


प्रयागराज। खुर्द असरावल जलालपुर घोसी गांव मे बनाया गया पंचायत भवन अव्यवस्था के कारण जर्जर हो चुका है यह भवन कभी भी गिर सकता है जब पंचायत भवन का निर्माण किया गया था तो अधिकारियों की लापरवाही से कार्यदायी संस्था ने घटिया निर्माण कर भवन खड़ा कर दिया शिकायत के बाद भी पंचायत भवन के निर्माण में गुणवत्ता के खेल को अधिकारी नजर अंदाज करते रहे जिसका खामियाजा बच्चे भुगत सकते है।


बताना चाहेगे की खुर्द असरावल का पंचायत भवन एकदम जर्जर हो चुका है। जिससे कभी भी आंगनवाड़ी के बच्चो के साथ कोई भी बड़ी दुर्घटना घट सकती है आज कई सालो से इस पंचायत भवन मे आगनवाडी केंद्र चलाया जाता है जो व्यवस्था पर सवाल है। इस पंचायत भवन के आंगनवाड़ी केंद्र में कई दर्जन छोटे बच्चे पढ़ने आते है पंचायत भवन जर्जर होने की वजह से कभी भी बच्चो के साथ बड़ी दुर्घटना घट सकती है इसमे गाव वालो ने कई बार अधिकारियो और ग्राम प्रधान से शिकायत भी किया पर आज तक किसी जिम्मेदार अधिकारी ने जाच कर जर्जर पंचायत भवन से आंगनवाड़ी केंद्र अन्य स्थान पर हटाने की पहल नही की है जो ब्यवस्था पर बड़ा सवाल है अब देखना यह है की इस जर्जर पंचायत भवन तक अधिकारियो की नजर पहुचती है।या फिर वह देख कर जानबूझ कर अंजान बने रहे गे।कोई बड़ी दुर्घटना का इन्तजार उन्हें रहेगा


अमन केशरवानी


दिव्या-भव्य संपन्न कुंभ समारोह पर सम्मान

राजू सिंह


कौशांबी। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिव्य व भव्य कुंभ के समारोह में अपनी जिम्मेदारी को शानदार ढंग से निभाने के लिए चायल सीओ डॉ. कृष्ण गोपाल सिंह को सम्मानित किया है। बता दें कि पिछले वर्ष 15 जनवरी से 4 मार्च तक कुम्भ का आयोजन किया गया था। केंद्र की मोदी व प्रदेश की योगी सरकार ने कुंभ के आयोजन को अभूतपूर्व बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किए थे। जिसमें सुरक्षा के बेहतरीन इंतजाम किए गए थे। कुंभ की सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा उत्कृष्ट कार्य करते हुए असामाजिक तत्त्वों पर भी निगरानी रखी गई थी। जिसके कारण बिना किसी अप्रिय घटना के कुम्भ का सफलता पूर्वक समापन हो सका था। इस कुंभ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर मंत्रीगण और कई हस्तियों ने स्नान किया था। वहीं विदेशी पर्यटक और आस्थावान लोग भी कुंभ आकर इसकी भव्यता का लुत्फ उठाया था और कुंभ के आयोजन की सराहना भी की थी। कुम्भ के सफल आयोजन के लिए मुख्यमंत्री ने अधिकारी और कर्मचारियों को सम्मानित किया है। यही सम्मान सीईओ चायल डॉ. कृष्ण गोपाल सिंह को भी सम्मानित किया गया है। उनको सम्मानित किए जाने पर जिले के पुलिस प्रशासन और लोगो ने उनकी तारीफ की है।


'केवल हिंदुस्तानी' 'विश्लेषण'

71वा गणतंत्र दिवस भोपाल समेत देशभर में धूमधाम से मनाया गया।
शेख़ नसीम 


 हमारे देश का संविधान दिवस आज पूरे उत्साह और हर्षोउल्लास के साथ पूरे देश मे मनाया गया आज कोई न हिन्दू था न मुसलमान न सिख था और न ईसाई आज हर एक देशवासी सिर्फ और सिर्फ हिन्दोस्तानी था। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल आज चारो तरफ से भारतीयता में डूबी हुई थी सुबह से ही स्कूलों के बच्चे हाथों में तिरंगा थामे स्कूलों की तरफ जा रहे हैं भोपाल के सभी स्कूल और कॉलेज के अलावा चौराहों सरकारी दफ्तरों अस्पतालों और सार्वजनिक स्थानों पर राष्टगान के साथ ही झंडावंदन किया गया और भारत की आन,बान और शान का प्रतीक तिरंगा लहराया गया।


राजधानी भोपाल का हर नागरिक चाहे वो किसी भी मज़हब और धर्म का क्यों न हो आज भारतीय होने के नाते देश का गुणगान और  हिन्दोस्तान ज़िंदाबाद जैसे देशभक्ति से ओतप्रोत नारे लगाकर अपने भारतीय होने का सबूत पेश कर रहा था। कहीं हाथों में तिरंगा लिए रैली निकाली गई तो कही ब्लड डोनेशन केम्प लगाए गए कही गरीबो को भोजन और मिठाई वितरित की गई तो कही कम्बल बांटे गए। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने लाल परेड ग्राउंड पर तिरंगा फहराया था और कमलनाथ सरकार में मंत्री और विधायकों ने अपने अपने निवास तथा क्षेत्र में तिरंगा फहराया।


केसरिया रंग के बंधेज में लहराया तिरंगा

नई दिल्ली। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 71 वें गणतंत्र दिवस में केसरिया रंग का ‘बंधेज’ का साफा बांधा है। प्रधानमंत्री मोदी स्वतंत्रता दिवस में भी साफा बांधे हुए थे। उसी परंपरा को प्रधानमंत्री ने निभाया है। अपने कुर्ता पजामा और जैकेट के साथ इंडियागेट पर स्थित नेशनल वॉर मेमोरियल स्मारक पर पहली बार शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी है। आपको बता दें प्रधानमंत्री के परिधान में खास तौर पर गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर उनके साफे की काफी चर्चा होती है। बता दें पिछले साल प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से छठी बार स्वतंत्रता दिवस का भाषण दिया था और उस दौरान उन्होंने कई रंगों वाला साफा बांधा था। वहीं 2014 में मोदी ने प्रधानमंत्री के तौर पर पहली बार अपने भाषण के दौरान लाल रंग का बंधेज वाला साफा पहना था, जिसकी पीछे की पट्टी का रंग हरा था। प्रधानमंत्री ने 2015 में धारीदार पट्टियों वाला साफा बांधा था।


जिनमें से कुछ का रंग लाल और गहरा हरा था। इसके बाद 2016 में लाल किले से भाषण के दौरान वह गुलाबी और पीले रंग वाले साफे में नजर आए थे। वहीं 2017 में उन्होंने चमकदार लाल और पीले रंग का साफा पहना था।


कोचिंग सेंटर की छत गिरी, 5 की मौत

नई दिल्ली। दिल्ली के भजनपुरा में शनिवार को एक निर्माणाधीन इमारत की 2 मंजिल ढह जाने के कारण 4 स्कूली छात्रों सहित 5 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। अफसरों ने बताया कि इमारत में कोचिंग सेंटर चल रहा था और करीब 30 छात्र ट्यूशन ले रहे थे। इमारत की ऊपरी 2 मंजिल ढह गई और मलबे में कई लोग फंस गए। अधिकारियों ने बताया कि 14 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायलों में छात्र भी शामिल हैं।


घायलों को गुरू तेग बहादुर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मृतकों में इमारत का मालिक उमेश कश्यप शामिल है। उन्होंने बताया कि दमकल विभाग को शाम करीब साढ़े 4 बजे इसकी सूचना मिली। इसके बाद दमकल की 7 गाड़ियों को मौके पर भेजा गया।  दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने इस घटना पर शोक जताया और घायलों को जरूरी मदद पहुंचाने का निर्देश दिया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल घटनास्थल पर पहुंचे और छात्रों की मौत पर दुख जताया।


वन-विभाग टीम ने पकड़ा दुर्लभ कोबरा

लखना रेंजर विवेकानन्द दुबे ने अपनी टीम के साथ बिना किसी संसाधन के पकड़ा खतरनाक कोबरा सांप


सनत तिवारी


सूचना पर ग्राम महिपालपुर पहुंची वन विभाग की टीम उस वक्त हैरत में पड़ गयी जब उन्होंने वहाँ  खतरनाक कोबरा सांप देखा।


इटावा। लखना रेंजर विवेकानन्द दुबे ने ग्राम महिपालपुर पहुँचकर कड़ी मशक्कत के बाद एक खतरनाक कोबरा सांप को पकड़ लिया। रेंजर व उनकी टीम ने बिना किसी संशाधन के खतरनाक कोबरा को सफलतापूर्वक पकड़ लिया।
वन विभाग की टीम को लगभग 1 घण्टे की कड़ी मशक्कत करनी पड़ी तब कहीं जाकर खतरनाक कोबरा सांप को पकड़ने में वन विभाग की टीम को सफलता हाथ लगी।ग्रामीणों ने वन विभाग की टीम को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि बिना किसी संशाधन की खतरनाक कोबरा सांप को पकड़ना किसी बड़ी चुनोती से कम नही।


10 साल के बेटे ने किया मां का अंंगदान

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में अंगदान का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसके बारे में जिसने भी सुना उसकी आंखें भर आईं। यहां एक ब्रेन डेड घोषित महिला के अंगों को उसके बेटे ने डोनेट करने का फैसला किया है। बेटे की उम्र महज 10 साल है। हैरान करने वाली बात यह है कि 7 साल पहले बच्चे के सिर से पिता का भी साया उठ चुका है। इन मुसीबतों के बाद भी बेटे ने अपनी मां के अंगदान का फैसला किया है।


5वीं कक्षा में पढ़ने वाले मयंक का उसकी मां दिशा साथ छोड़ गई है। दो दिन पहले एक्सीडेंट में घायल हुई दिशा को डॉक्टरों ने शनिवार को ब्रेन डेड घोषित कर दिया। मयंक पर जैसे पहाड़ टूट गया हो क्योंकि जब वो सिर्फ 3 साल का था तब आज से 7 साल पहले पिता का साया उसके सिर से उठ गया और अब उसकी मां ने भी उसका साथ छोड़ दिया। लेकिन इस 10 साल के बेटे ने ऐसे मुश्किल समय में भी ऐसा फैसला किया जिसके बारे में सुनकर हर किसी की आंख भर आई।


परिवार के लोग फैसले का कर रहे स्वागत


मयंक ने अपनी प्यारी मां के अंगदान का फैसला किया है। अब परिवार के लोग मयंक के इस फैसले का भीगी आंखों से स्वागत कर रहे हैं।‘आजतक’ से बात करते हुए मयंक के ताऊजी जगदीश छावानी ने बताया कि ‘बच्चा छोटा है लेकिन जब हम सबने उससे पूछा तो वो यही बोला कि अगर इनको जला दोगे तो सबकुछ खत्म हो जाएगा, इससे अच्छा इनके ऑर्गन डोनेट कर दिए जाएं जिससे वो अलग-अलग लोगों के जरिए अपनी मां को महसूस कर सकेगा’


हादसे में ब्रेन डेड हुई थी महिला


दरअसल, इसी 23 जनवरी को भोपाल में बस से उतरते समय दिशा घायल हो गई थी। डॉक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर के ज़रिए बचाने की कोशिश तो की लेकिन शनिवार सुबह डॉक्टरों ने दिशा को ब्रेन डेड घोषित कर दिया। इसके बाद ही परिवार के बड़े-बुजुर्गों ने मयंक से मां के अंगदान के बारे में बात की तो उस मासूम ने बिना देर किए अंगदान के लिए हामी भर दी।


अंगदान की कागजी कार्रवाई पूरी


अब मयंक की मां के ऑर्गन्स को निकालकर अलग-अलग लोगों में ट्रांसप्लांट किया जाएगा। ऑर्गन डोनेशन की जानकारी मिलने पर किरण फाउंडेशन के डॉक्टर राकेश भार्गव भी हमीदिया अस्पताल पहुंचे थे और अंगदान से जुड़े ज़रूरी कागज़ी कार्यवाही को पूरा किया।


इसके बाद मयंक की मां को हमीदिया में वेंटिलेटर से हटाकर अब दूसरे हॉस्पिटल ले जाया गया है, जहां उनके शरीर से ऑर्गन्स निकाल लिए जाएंगे। जिस तरह से महज 10 साल के बेटे ने ये कदम उठाया है, उसके बाद अब परिवार के अन्य लोग भी अपनी मौत के बाद अंगदान के बारे में मन बना चुके हैं। जाहिर है मां की मौत के बाद भी इस बेटे ने समाज को एक बड़ा संदेश जरूर दे दिया है।


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कौशाम्बी: 'पीएम' नेहरू की जयंती मनाई गई  गणेश साहू  कौशाम्बी। जिला कांग्रेस कार्यालय में कौशाम्बी कांग्रेस के जिलाध्यक्ष गौरव पाण्डे...